Follow palashbiswaskl on Twitter

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity Number2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti Basu is dead

Dr.BR Ambedkar

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti Devi were living

Monday, February 25, 2013

रिहाई मंच ने शिंदे से पूछे सात सवाल

रिहाई मंच ने शिंदे से पूछे सात सवाल


कहा  इंडियन मुजाहिद्दीन गृहमंत्रालय का कागजी संगठन 

संघ परिवार को क्लीन चिट देने की यूपीए सरकार की रणनीति की तस्दीक इससे भी हो जाती है कि घटना के ठीक बाद हिंदुत्वादी संगठनों ने हैदराबाद बंद का आह्वान किया तो दूसरी तरफ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी को पाकिस्तान से आतंकी संगठनों के धमकी भरे कथित फोन भी आने लगे...


लखनऊ.रिहाई मंच ने हैदराबाद धमाकों में पूछताछ के नाम पर मुस्लिम युवकों की अवैध गिरफतारियों और उपीड़न को यूपीए सरकार की मुस्लिम विरोधी और साम्प्रदायिक हिंदु वोटों के लिये की जा रही राजनीतिक कवायद करार दिया है. मंच ने शिंदे को नया हिंदु हृदय सम्राट कहा है. संगठन के मुताबिक शिंदे का यह कहना कि हैदराबाद में हुये विस्फोट अफजल गुरू और कसाब की फांसी की प्रतिक्रिया थी, संदेह पैदा होता है.

susheel-kumar-shinde

हैदराबाद धमाकों के बाद मुस्लिम युवकों के उत्पीड़न पर लखनऊ स्थित कार्यालय पर आयोजित बैठक के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के महासचिव पूर्व पुलिस महानीरिक्षक एस आर दारापुरी ने कहा कि हैदराबाद धमाकों के ठीक पहले जिस तरह शिंदे हिन्दुत्वादी संगठनों की आतंकवाद में संलिप्तता के अपने बयान से पीछे हटे और भाजपा नेताओं के साथ बैठक की, उससे संदेह होता है कि ये धमाके भाजपा और संघ परिवार को खुश करने के लिये गृह मंत्री और उनके मंत्रालय के अधीन खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा करवाया गया.

पूर्व पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि आतंकवाद के आरोपों में घिरे संघ परिवार को क्लीन चिट देने की यूपीए सरकार की इस रणनीति की तस्दीक इससे भी हो जाती है कि घटना के ठीक बाद हिंदुत्वादी संगठनों ने हैदराबाद बंद का आह्वान किया तो दूसरी तरफ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी को पाकिस्तान से आतंकी संगठनों के धमकी भरे कथित फोन भी आने लगे ताकि भाजपा और संघ की भूमिका पर शक न किया जाए.

रिहाई मंच के अध्यक्ष एडवोकेट मो शुऐब ने कहा कि इससे साफ हो जाता है कि इंडियन मुजाहिदीन गृह मंत्रालय का ही कागजी संगठन है, जिसका नाम उछाल कर सरकार बार-बार अपने राजनीतिक संकट हल करती है. उन्होंने शक जाहिर किया कि जिस तरह भटकल और आजमगढ़ के कुछ युवकों का नाम उछाला जा रहा है, जिन्हें संगठन मानता है कि खुफिया एजेंसियों के पास ही हैं, को बाटला हाऊस की तरह किसी फर्जी मुठभेड़ में मार कर हैदराबाद विस्फोट की गुथ्थी सुलझा लेने का दावा किया जाए.

रिहाई मंच ने हैदराबाद विस्फोटों की जांच को गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों द्वारा भटकाने का आरोप लगाते हुये शिंदे से 7 सवाल पूछे हैं.

1- धमाकों के ठीक बाद दिल्ली स्पेशल सेल द्वारा चार कथित आईएम सदस्यों की कथित इंट्रोगेशन रिपोर्ट मीडिया को क्यों और कैसे लीक कर दी गयी. क्या ऐसा कर के जांच को एक खास दिशा में मोड़ने की कोशिश की गयी?

2- हिंदुत्ववादी संगठनों को जांच के दायरे से क्यों बाहर रखा गया. जबकि हैदराबाद समेत देश के कई हिस्सों में हुये आतंकी विस्फोटों में उसकी भूमिका उजागर हुयी है?

3- क्या ऐसा गृह मंत्री द्वारा भाजपा और संघ परिवार के दबाव में किया जा रहा है? या गृह मंत्री स्वेक्षा से संघ परिवार के कथन- सभी मुसलमान आतंकी नहीं होते लेकिन सभी आतंकी मुसलमान होते हैं- को मानते हुए सिर्फ मुसलमानों को आरोपी बना रहे हैं?

4- कथित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन को इस घटना में संलिप्त बताने का आधार विस्फोट का मोडस आॅपरेंडी- आईईडी, डेटोनेटर, जिलेटिन की छड़ो का इस्तेमाल बताया जा रहा है. जबकि जिन आतंकी विस्फोटों में हिंदुत्ववादी संगठनों की संलिप्तता उजागर हुयी है उनमें भी इन्हीं विस्फोटक तत्वों का इस्तेमाल हुआ है. ऐसे में जांच एजेंसियों द्वारा केवल मॉडस ऑपरेंडी के तर्क के से सिर्फ कथित मुस्लिम संगठनों को ही इसके लिये जिम्मेदार ठहराने को जांच एजेंसियों के साम्प्रदायिक जेहनियत का नजीर क्यों न माना जाए?

5- मक्का मस्जिद धमाकों में कोर्ट से बरी और राज्य सरकार द्वारा मुआवजा और आतंकवाद में संलिप्त न होने का प्रमाणपत्र पाए मुस्लिम युवकों को जांच एजेंसियों द्वारा क्यों पूछताछ के नाम पर उठाया जा रहा है? क्या केंद्र सरकार इन मुस्लिम युवकों को निर्दोष बताने वाली अदालत के फैसले से सहमती नहीं रखती?

6- अगर सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे तब जांच एजेंसियों द्वारा एक दाढ़ी वाले व्यक्ति को साइकिल बम रखने का फुटेज प्राप्त होने का दावा किस आधार पर किया जा रहा है?

7- नवम्बर 21, 2002 को हैदराबाद में हुये कथित आतंकी विस्फोट के नाम पर 22 नवम्बर को उप्पल, हैदराबाद के मो आजम को और 23 नवम्बर को करीमनगर के अब्दुल अजीज नाम के युवक को उनके घरों से उठा कर फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया. वहीं 12 अक्टूबर 2005 को हैदराबाद के एसटीएफ आफिस में हुये कथित हमले के आरोप में यजदानी नामक हैदराबादी युवक को 2006 में दिल्ली में फर्जी मुठभेड़ में पुलिस ने हत्या कर दी. सरकार इन फर्जी मुठभेड़ों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे?

No comments: