Thursday, April 18, 2013

निवेशकों को लुभाने के लिए सेज में जमीन के नियम ढीले किए सरकार ने

निवेशकों को लुभाने के लिए सेज में जमीन के नियम ढीले किए सरकार ने

Thursday, 18 April 2013 17:50

नयी दिल्ली। विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) परियोजनाओं के विकास में निवशकों की घटी रूचि के मद्देनजर सरकार ने आज इस योजना के लिए एक सुधार पैकेज की घोषणा की जिसमें भूमि अधिग्रहण के मानदंड को उदार बनाने और परियोजनाएं छोड़ने से संबंधी एक नीति शामिल है। 
सरकार को उम्मीद है कि इससे विशेष आर्थिक क्षेत्र :सेज: में निवेशकों की रुचि फिर जगेगी। इस पैकेज में सेज परियोजनाओं के लिए न्यूनतम जमीन की आवश्यकता आधी कर दी गयी है तथा आईटी..और आईटीईएस :सूचना प्रौद्योगिकी-सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवा क्षेत्र: के सेज के लिए न्यूनत जमीन की शर्त खत्म कर दी गयी है। 
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने यहां विदेश व्यापान नीति की वार्षिक 
समीक्षा में कहा, ''सेज योजना का अभी पूरा फायदा नहीं मिला है। हमने सेज नीति की व्यापार समीक्षा की है ... मुझे सेज में निवेशकों की रुचि फिर से जगाने के लिए सुधार पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।''
किसी समय सेज निवेशकों का प्रमुख आकर्षण था लेकिन वैश्विक नरमी के अलावा प्रस्तावित प्रत्यक्ष कर प्रणाली :डीटीसी:के तहत मैट और डीडीटी :लाभांश वितरण कर: के प्रावधान के कारण इसमें रुचि घटी है।

शर्मा ने कहा कि सरकार ने इस बात को स्वीकार किया कि सेज की स्थापना के लिए जमीन बड़े आकार की जमीन जुटाना मुश्किल हो रहा है। 
उन्होंने कहा ''हमने विभिन्न प्रकार के सेज के न्यूनतम भूमि की अनिवार्यता आधी कर दी है।'' 
बहु-उत्पाद सेज के लिए न्यूनतम भूमि अनिवार्यता 1000 हेक्टेयर से घटाकर 500 हेक्टेयर कर दी गई है और क्षेत्र विशेष से जुड़े सेज के लिए इसे 100 हेक्टेयर से घटाकर 50 हेक्टेयर कर दिया गया है।
न्यूनतम निर्मित क्षेत्र की अनिवार्यता को उदार बनाया गया है। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी संवर्द्धित क्षेत्र सेज की स्थापना के लिए न्यूनतम भूमि अनिवार्यता की जरूरत नहीं होगी।
शर्मा ने कहा कि सरकार को सेज इकाइयों से प्रतिक्रिया मिली है और उन्होंने सुझाव दिया है कि परियोजना छोड़ने की व्यवस्था के अभाव में वे अलाभप्रद स्थिति में हैं।
उन्होंने कहा ''हमने अब सेज इकाई की बिक्री समेत स्वामित्व के हस्तांतरण की मंजूरी देने का भी फैसला किया है।''

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