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Thursday, April 16, 2015

विष्णु भागवान के कल्कि अवतार के बाद अब अंबेडकर अवतार का खुल्ला आवाहन धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।। ओबीसी नरेंद्र भाई मोदी के प्रधानमंत्रित्व के परमाणु बम से बाकी विध्वंस जो बहुजनों का हो रहा है,जो शत प्रतिशत हिंदुत्व की सुनामी और विदेशी पूंजी के हितों में सोने की चिड़ियाको बेचने की मुहिम है और जो देश को परमाणु भट्टी बनाकर बहुजनों को जिंदा सिक कबाब बनाने की तैयारी है,सो ग्लोबल हिंदुत्व,अमेरिकी समाम्राज्यवाद और जायनी इजराइली इस्लामविरोधी जिहाद के त्रिशुल की अलौकिक लीला है,इससे बड़ी बात भारत की आधी आबादी ओबीसी अब केसरिया कबंध हैं,जिन्हें हम बजरंगी कहते हैं। जो असली आबादी है,यानी भारती की आधी जनसंख्या महिला,वह हिंदी साम्राज्यवादी पुरुषतांत्रिक व्यवस्ता में यौनदासी के सिवायकुछ भी नहीं है।अब बाकी आबादी की शामत है और इस शामत को कयामत बनाने के लिए भारत फिर महाभारत है।

विष्णु भागवान के कल्कि अवतार के बाद अब अंबेडकर अवतार का खुल्ला आवाहन

धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।


ओबीसी नरेंद्र भाई मोदी के प्रधानमंत्रित्व के परमाणु बम से बाकी विध्वंस जो बहुजनों का हो रहा है,जो शत प्रतिशत हिंदुत्व की सुनामी और विदेशी पूंजी के हितों में सोने की चिड़ियाको बेचने की मुहिम है और जो देश को परमाणु भट्टी बनाकर बहुजनों को जिंदा सिक कबाब बनाने की तैयारी है,सो ग्लोबल हिंदुत्व,अमेरिकी समाम्राज्यवाद और जायनी इजराइली इस्लामविरोधी जिहाद के त्रिशुल की अलौकिक लीला है,इससे बड़ी बात भारत की आधी आबादी ओबीसी अब केसरिया कबंध हैं,जिन्हें हम बजरंगी कहते हैं।


जो असली आबादी है,यानी भारती की आधी जनसंख्या महिला,वह हिंदी साम्राज्यवादी पुरुषतांत्रिक व्यवस्ता में यौनदासी के सिवायकुछ भी नहीं है।अब बाकी आबादी की शामत है और इस शामत को कयामत बनाने के लिए भारत फिर महाभारत है।

पलाश विश्वास

धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।

संघ परिवार के पांज्यजन्यविशेशांक में अंबेडकर को मुसलमानों के खिलाफ विषवमन करते दिखाया गया है और उन्हें हिंदुत्व के उत्थान में गुरु गोलवलकर से भी  बहुतऊपर दिखाया गया है।ओबीसी नरेंद्र भाई मोदी के प्रधानमंत्रित्व के परमाणु बम से बाकी विध्वंस जो बहुजनों का हो रहा है,जो शत प्रतिशत हिंदुत्व की सुनामी और विदेशी पूंजी के हितों में सोने की चिड़ियाको बेचने की मुहिम है और जो देश को परमाणु भट्टी बनाकर बहुजनों को जिंदा सिक कबाब बनाने की तैयारी है,सो ग्लोबल हिंदुत्व,अमेरिकी समाम्राज्यवाद और जायनी इजराइली इस्लामविरोधी जिहाद के त्रिशुल की अलौकिक लीला है,इससे बड़ी बात भारत की आधी आबादी ओबीसी अब केसरिया कबंध हैं,जिन्हें हम बजरंगी कहते हैं।


जो असली आबादी है,यानी भारती की आधी जनसंख्या महिला,वह हिंदी साम्राज्यवादी पुरुषतांत्रिक व्यवस्ता में यौनदासी के सिवायकुछ भी नहीं है।अब बाकी आबादी की शामत है और इस शामत को कयामत बनाने के लिए भारत फिर महाभारत है। विष्णु भागवान के कल्कि अवतार के बाद अब अंबेडकर अवतार का खुल्ला आवाहन है।


इस सिलसिले मेंं हम पहले ही चेतावनी जारी कर चुके हैं।देखें हस्तक्षेपः

हिंदू साम्राज्यवाद के सबसे बड़े शत्रु डॉ. अंबेडकर का जन्मदिन किसी पुण्यपर्व की तरह क्यों मना रहा है संघ परिवार

संघ परिवार के हिंदू राष्ट्र एजेंडा में बाबासाहेब की प्रासंगिकता क्या है

मुक्तबाजारी हिंदू साम्राज्यवादियों के शिकंजे में बाबासाहेब

उनकी रिहाई के लिए संघपरिवार और कांग्रेस की तर्ज पर अंबेडकर जयंती न मनाकर उनकी विचारधारा, उनके जाति उन्मूलन एजंडा और उनके आंदोलन की जयंती मनायें

http://www.hastakshep.com/intervention-hastakshep/issue/2015/04/12/%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%82-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A4%AC


अब देखें पांच्यजन्य का अंबेडकर विशेषांकः

आवरण कथा


आवरण कथा

आवरण कथा

आवरण कथा

विवेक शुक्लाभीमराव ऑबेडकर ने पंडित नेहरू की कैबिनेट से 31 अक्तूबर,1951 को इस्तीफा दे दिया था और उसके अगले ही दिन वे 26 अलीपुर रोड के बंगले में आ गए थे। आप जब राजधानी में अन्तरराष्ट्रीय बस अड्डे के रास्ते सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन की तरफ बढ़ते हैं तो आपको ..   आगे पढ़िए…

http://panchjanya.com/Default.aspx?NB=&lang=5&m1=m8&m2=m8.24&p1=&p2=&p3=&p4=


हमने इस इतिहास विकृति का खंडन करने का फैसला किया है।इस सिलसिले में हमारी सबसे पहले बातचीतआदरणीयराम पुनियानी जी से हुई है।सुबह ही हमने अमलेंदु से बात कर ली है।हम इतिहासकारों और दूसरे विशेषज्ञों के आलेखों और मतामत का स्वागत तो करेंगे ही,इस बहस में आप सबका स्वागत है।


हम घृणा अभियान के सख्त खिलाफ है।तथ्यात्मक तार्किक मतामत के लिए हस्तक्षेप पर किसी का भी स्वागत है।


मुसलमानों और बहुजनों,खासकर दलितों और अंबेडकर के अनुयायियों से निवेदन हैं कि वे सच का समाना करें।


संघ परिवार किताना सच बोल रहा है और कितना झूठ,इसकी चीरफाड़ अवश्य हो।अगर अंबेडकर के विचार सचमुच हिंदुत्व के फासीवाद के पक्ष के मजबूत करते हैं,तो हमें तुरंत ही अंबेडकर की सारी मूर्तियों को विसर्जित कर देना चाहिए और नीले झंडे को फेंक देना चाहिए।अगर ऐसा नहीं है,तो आइये समाना करें हिंदुत्व की इस कयामती दुष्प्रचार सुनामी का।


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