Follow palashbiswaskl on Twitter

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity Number2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti Basu is dead

Dr.BR Ambedkar

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti Devi were living

Wednesday, September 23, 2015

एएमयू को आतंकवाद की नर्सरी कहने वाले हिंदु युवा वाहिनी को योगी आदित्यनाथ से पूछना चाहिए वे क्यों रहे इसकी कोर्ट के सदस्य- रिहाई मंच

Rihai Manch; press release- एएमयू को आतंकवाद की नर्सरी कहने वाले हिंदु युवा वाहिनी को योगी आदित्यनाथ से पूछना चाहिए वे क्यों रहे इसकी कोर्ट के सदस्य- रिहाई मंच

RIHAI MANCH
For Resistance Against Repression
---------------------------------------------------------------------------------
एएमयू को आतंकवाद की नर्सरी कहने वाले हिंदु युवा वाहिनी को योगी
आदित्यनाथ से पूछना चाहिए वे क्यों रहे इसकी कोर्ट के सदस्य- रिहाई मंच
एएमयू के छात्रों का तो नहीं योगी आदित्यनाथ का जरूर है आतंकवादियों से
सम्बंध- राजीव यादव
भाजपा को बताना चाहिए सावरकर ने क्यों मांगी माफी, हेडगेवार का वजन भूख
हड़ताल के दौरान आठ किलों क्यों बढ़ा और वाजपेयी ने क्यों की अंग्रेजों
की मुखबिरी
लखनऊ 23 सितम्बर 2015। रिहाई मंच ने हिंदु युवा वाहिनी के नेताओं द्वारा
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों का आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से
सम्बंध होने सम्बन्धित बयान को जनता को गुमराह करने और इसके जरिये
साम्प्रदायिक माहौल निर्मित करने की कोशिश का हिस्सा बताया है। संगठन ने
भाजपा के पूर्व सांसद प्रफुल्ल गोराडिया द्वारा अलीगढ़ विश्वद्यिालय का
फंड रोक देने की मांग को भाजपा और संघ परिवार के वैचारिक दिवालियापन का
नया उदाहरण बताया है जो अपने देश विरोधी इतिहास को छुपाने की कोशिश है।
रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के नेता राजीव यादव ने
कहा है कि   अलीगढ़ विश्वविद्यालय के किसी भी छात्र पर आईएसआईएस या किसी
भी आतंकी संगठन से सम्बंध होने का आरोप तो नहीं है लेकिन विश्वविद्यालय
के स्र्वाेच्च नियामक संस्था अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कोर्ट के एक
पूर्व सदस्य और हिंदु युवा वाहिनी के सरगना तथा सांसद योगी आदित्यनाथ का
जरूर आतंकवादी संगठनों के साथ घनिष्ठ सम्बंध का जिक्र मालेगांव, अजमेर
दरगाह और समझौता एक्सप्रेस में हुए आतंकी विस्फोटों के मामले में दायर
एटीएस के चार्जशीट में मौजूद है। जिनपर आतंकियों को आर्थिक मदद पहंुचाने
से लेकर आश्रय देने तक का संगीन आरोप है। जिससे वे सिर्फ इसलिए जेल जाने
से बचे हुए हैं कि जांच एजंेसीयां भी साम्प्रदायिक हैं जिसके चलते देश की
सुरक्षा खतरे में पड़ी हुई है और जनता हलकान है कि कब योगी और उनसे
सम्बंध रखने वाले आतंकी संगठन किसी भीड़- भाड़ वाले इलाके में बम विस्फोट
करा दें और बेगुनाहों की जान ले लें।
श्री यादव ने कहा कि हिंदु युवा वाहिनी के लोग अगर सचमुच आतंकवाद के मसले
पर इमानदार हैं तो उन्हें पहले अपने सरगना योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बयान
देना चाहिए जो 2004 से 2007 तक यानी यूपीए 2 की सरकार में एएमयू कोर्ट के
सदस्य रह चुके हैं। अगर वो ऐसा नहीं करती है तो इसे उसका दोगलापन और जनता
को गुमराह करने का प्रयास ही माना जाएगा।
रिहाई मंच प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हरे राम मिश्र ने प्रफुल्ल
गोराडिया के अलीगढ़ और जामिया मिल्लिया विश्विद्यालय को देश विरोधी
संस्थान बताए जाने और उसे आवंटित होने वाले फंड को रोकने की मांग पर कहा
है कि संघ और भाजपा जब भी सत्ता में आती हैं उन्हें अपने देश विरोधी
इतिहास को छुपाने के लिए मजबूरन इस तरह की अफवाहें फैलानी पड़ती हैं
क्योंकि जनता जानती है कि खुद उनका इतिहास देश विरोधी और अंग्रेजों के
पिठ्ठू का रहा है। श्री मिश्र ने कहा कि प्रफुल्ल गोराडिया को पहले भाजपा
सांसदों भारतेंद्र सिंह जो मुजफ्फरनगर साम्प्रदायिक हिंसा के आरोपी भी
हैं, गौतम कुमार जो कथित घरवापसी अभियान में अग्रिम भूमिका में थे,
कल्याण सिंह के पुत्र और सांसद राजवीर सिंह और केंद्रिय मंत्री मुख्तार
अब्बास नकवी से इस्तिफा मांगना चाहिए जो एएमयू कोर्ट के सदस्य हैं।
उन्होंने कहा कि अलीगढ़ विश्वद्यिालय की अकादमिक हैसियत को संघ गिरोह से
ताल्लुक रखने और सरस्वती शिशु मंदिरों की पैरवी करने वाले नहीं समझ सकते
हैं जहां अंधविश्वासी और साम्प्रदायिक दिमाग तैयार कर बच्चों के मनुष्य
बनने की प्रक्रिया को ही रोक दिया जाता है।
हरे राम मिश्र ने कहा है कि अलीगढ़ विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया
विश्वविद्यालय की स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका पर सवाल उठाने वालों को
पहले इसका जवाब देना चाहिए कि उनके विचारक सावरकर ने अंग्रेजों से माफी
मांग कर क्यों अपनी रिहाई हासिल की जबकि भगत सिंह समेत हजारों देशभक्तों
ने फांसी पर चढ़ना स्वीकार किया। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि संघ के
संस्थापक हेडगेवार जब पहली और आखिरी बार कांगे्रस के सदस्य होने के नाते
कांग्रेसी आंदोलनकारियों के साथ जेल भरो आंदोलन में जेल गए तो वहां वे
अन्य आंदोलनकारियों के साथ भूख हड़ताल में शामिल होने के बावजूद अंग्रेज
जेलर से सांठ-गांठ करके छुप कर खाना क्यों खाते थे जिसके चलते बाकी सभी
आंदोलनकारियों का तो वजन घट गया लेकिन हेडगेवार का वजन आठ किलो बढ़ गया।
रिहाई मंच नेता ने कहा कि गोराडिया को इसका भी जवाब देना चाहिए कि 1942
के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने क्यों अंग्रेजों की
मुखबिरी की और स्वतंत्रता आंदोलन के ग्वालियर के नेता लीलाधर बाजपेयी को
जेल भिजवाया, जिसका दस्तावेज आज भी मौजूद है।
द्वारा जारी
शाहनवाज आलम
प्रवक्ता रिहाई मंच
09415254919
------------------------------------------------------------------------------
Office - 110/46, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
E-mail: rihaimanch@india.com
https://www.facebook.com/rihaimanch

--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments: