आपको भ्रम होगा कि राजनेताओं ( जो मंत्री, सांसद, विधायक हैं ) को उनकी सेवा के बदले में मामूली सुविधाएं मिलती होंगी। ये जनसेवक हैं और सारा जीवन लोगों को समर्पित कर देते हैं। बदले में इन्हें जो मिलता हैं वह सामान्य जीवन के लिए नाकाफी होता है। मगर हकीकत में ऐसी बात नहीं है। इनकी जनसेवा के बदले इन्हें देश की जनता से वसूले गए धन से जो दिया जाता है उसे जानकर आप भी कहने लगेंगे कि राजनीति जनसेवा नहीं पेशा है। अगर सारी उच्चतम सुविधाए लेकर िनके कार्य को जनसेवा कहा जा सकता है तो उन्हें भी जनसेवक ही कहना चाहिए जो इससे कम वेतन और सुविधा लेकर देश की किसी न किसी व्यवस्था में अपना योगदान करते हैं। मसलन शिक्षक, चिकित्सक, व्यवसायी, पत्रकार वगैरह नौकरीपेशा लोगों का भी कार्य जनसेवा ही है। और किसान तो और भी बड़ा जनसोवक जिसे कोई मुश्तकिल धनराशि नहीं दी जाती है। अगर खेती नष्ट हो गई तो उसे तो कुछ भी नहीं मिलेगा। मगर बाकी वेतनभोगी जनसेवकों को तो चाहे जो हो जाए वेतन तो मिलेगा ही। आइए देखें कि जनसेक कहे जाने वाले हमारे जननेता बदले में क्या और कितना पाते हैं ?यह महत्वपूर्ण मसला आपतो भी जानना जरूरी हैं क्यों कि आप ही इन्हें चुनते हैं।------
सांसद की तनख्वाह और मिलनेवाली सरकारी सुविधाएं
वेतन प्रति माह-- १२००० रूपए
संसदीय क्षेत्र पर प्रति महीने खर्च--१०००० रूपए
सांसद के कार्यालय का खर्च प्रति महीने--१४००० रूपए
आठ रूपए प्रति किमी के हिसाब से यात्रा रियायत--४८००० रूपए
( उदाहरण के तौरपर दक्षिण भारत से दिल्ली और वापस दिल्ली का दौरा - ६००० किमी )
संसद जब चल रही हो तो रोज का मंहगाई व यात्रा भत्ता प्रतिदिन--५००रूपए
पूरे भारत का ट्रेन की प्रथम श्रेणी वातानुकूलित दर्जे में यात्रा मुफ्त। यात्रा चाहे जितनी बार की जाए।
पत्नी और निजी सहायक के साथ साल में चालीस बार हवाई यात्रा (व्यवसायिक दर्जे में ) मुफ्त
दिल्ली में आवास मुफ्त
बिजली खर्च ५०००० हजार यूनिट तक मुफ्त
स्थानीय फोन खर्च एक लाख सत्तर हजार काल तक मुफ्त
यानी एक साल में कुल खर्च--३२ लाख रूपए अर्थात प्रति महीने दो लाख ६६ हजार रूपए
एक सासंद के पाच साल के कार्य काल का खर्च-- एक करोड़ साठ लाख रूपए
संसद में कुल ५३४ सांसदों का खर्च जोड़ा जाए तो पांच साल में देश को इनपर आठ अरब ५४ करोड़ चालीस लाख रूपए ( लगभग ८५५ करोड़ रूपए) खर्च करना पड़ता है।
यह वही पैसे हैं जो आम जनता बतौर टैक्स सरकार को देती है।
Politics is not a SERVICE anymore but a PROFESSION!!!
An Important Issue!
Salary & Govt. Concessions for a Member of Parliament (MP)
Monthly Salary : Rs. 12,000/-
Expense for Constitution per month : Rs. 10,000/-
Office expenditure per month : Rs. 14,000/-
Traveling concession (Rs. 8 per km) : Rs. 48,000/-
(eg. For a visit from South India to Delhi & return : 6000 km)
Daily DA TA during parliament meets : Rs. 500/day
Charge for 1 class (A/C) in train : Free (For any number of times)
(All over India )
Charge for Business Class in flights : Free for 40 trips / year (With
wife or P.A.)
Rent for MP hostel at Delhi : Free.
Electricity costs at home : Free up to 50,000 units.
Local phone call charge : Free up to 1, 70,000 calls..
TOTAL expense for a MP [having no qualification] per year : Rs.32, 00,000/-
[i.e. 2.66 lakh/month]
TOTAL expense for 5 years : Rs. 1, 60, 00,000/-
For 534 MPs, the expense for 5 years :Rs. 8,54,40,00,000/- (Nearly 855 crores)
This is how all our tax money is been swallowed and price hike on our
regular commodities.........
And this is the present condition of our country :
855 crores could make their lives livable!!
Think of the great democracy we have…
Satya
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Palash Biswas
Pl Read:
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Dr. Mandhata Singh
From Kolkata (INDIA)
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अपनी भाषा को पहचान दें, हिंदी का प्रसार करें।।
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THANKS
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Palash Biswas
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