| Monday, 14 May 2012 13:12 |
यहां पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि मैंने उसके बाद कोई फिल्म नही बनायी लेकिन मैंने यह कभी नहीं सोचा कि मैं सेवानिवृत हो गया हूं। उनकी फिल्मों में प्रत्यक्ष राजनीतिक टिप्पणियों के अलावा सामाजिक विश्लेषण और मनोवैज्ञानिक घटनाक्रमों की प्रधानता रही है । वाम झुकाव वाले निर्देशक भारत में वैकल्पिक सिनेमा आंदोलन के अग्रणी के रूप में जाने जाते हैं और अक्सर उनकी तुलना उनके समकालीन सत्यजीत रे के साथ की जाती है।
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