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Friday, November 15, 2013

हिलेरी के बाद कैमरन ने दीदी से मिलकर कोलकाता के सिंहद्वार पर दस्तक दी है। भारत में अबाध विदेशी पूंजी निवेश और अनिश्चित जनादेश के मद्देनजर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कोलकाता आकर कैमरन ने भारत में ब्रिटश वाणिज्यिक हित ही साधने का प्रयत्न किया है।कोलकाता रवानगी से पहले कैमरन ने संयोगवश यह भी स्पष्ट कर दिया कि संघ परिवार के प्रधानमंत्रित्व के दावेदार नरेंद्र मोदी से मिलने में उन्हें कोई परहेज नहीं है। Mamata Banerjee 19 hours ago kolkata, 14.11.2013 (4 photos) We are deeply honoured for the visit of the British Prime Minister to Kolkata today. I had the opportunity to meet him for the first time. ক্যামেরনের সঙ্গে বৈঠক মুখ্যমন্ত্রীর, বিনিয়োগের আগ্রহ ব্রিটেনের

हिलेरी के बाद कैमरन ने दीदी से मिलकर कोलकाता के सिंहद्वार पर दस्तक दी है।

भारत में अबाध विदेशी पूंजी निवेश और अनिश्चित जनादेश के मद्देनजर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कोलकाता आकर कैमरन ने भारत में ब्रिटश वाणिज्यिक हित ही साधने का प्रयत्न किया है।कोलकाता रवानगी से पहले कैमरन ने संयोगवश यह भी स्पष्ट कर दिया कि संघ परिवार के प्रधानमंत्रित्व के दावेदार नरेंद्र मोदी से मिलने में उन्हें कोई परहेज नहीं है।

Mamata Banerjee

19 hours ago

kolkata, 14.11.2013 (4 photos)

We are deeply honoured for the visit of the British Prime Minister to Kolkata today. I had the opportunity to meet him for the first time.

ক্যামেরনের সঙ্গে বৈঠক মুখ্যমন্ত্রীর, বিনিয়োগের আগ্রহ ব্রিটেনের


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास



अमेरिकी विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन के बाद वैश्विक अर्थ व्यवस्था की ओर से बंगाल में वाम शासन की निरंतरता को तोड़ने वाली ममता बनर्जी को हरा हरा सलाम करने कोलकाता घूम गये ब्रिटेन प्रधानमंत्री   डेविड कैमरन।तत्कालीन अमेरिकी विदेशमंत्री हिलेरी के साथ दीदी  की बैठक में खास मुद्दा खदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी नियोग रहा,जिसका बंगाल सरकार की ओर से प्रबल विरोध किया जाता रहा है।क्योंकि दीदी एफडीआई के मसले पर केंद्र सरकार से अलग हो गयी।तब हिलेरी के साथ अमेरिका का लंबा चौड़ा वाणिज्यदल आया हुआ था।उस यात्रा से बंगाल की अग्निकन्या का वैश्विक कद तो निःसंदेह बड़ा हो गया लेकिन अमेरिका से बंगाल में कोई निवेश हुआ हो,इसका सबूत नहीं मिला है।


इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री को उपहार के रूप में अपनी लिखी पुस्तक, काम किया हुआ पंजाबी-पायजामा व डोकरा दिये। मुख्यमंत्री ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री को यहां निवेश करने का प्रस्ताव भी दिया। इसके साथ ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से 'न्यू सिल्क रोड' का विस्तार करने के लिए आग्रह किया, क्योंकि इससे पूर्व, दक्षिण व मध्य एशिया में कारोबार का विस्तार किया जा सकता है।


गौरतलब है कि पश्चिम के लिए,और खास तौर पर ब्रिटेन के लिए ऐतिहासीक तौर पर कोलकाता पूर्व, दक्षिण व मध्य एशिया का सिंहद्वार है।


हिलेरी के बाद कैमरन ने कोलकाता के सिंहद्वार पर दस्तक दी है।


अमेरिकी विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी मई 2012 में मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में इसी सिंहद्वार और नये रेशम मार्ग  पर ध्यान देने को कहा था। इस मौके पर राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्र ने राज्य में निवेश की संभावनाओं से कैमरुन के साथ आये 20 लोगों के वाणिज्यिक प्रतिनिधियों को अवगत कराया. इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता शहर को लंदन की भांति सौंदर्यीकरण के लिए उनसे सुझाव मांगे और वहां के विशेषज्ञों को इसमें मदद करने की अपील की। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने उनके इस आवेदन को स्वीकारते हुए हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।


नई दिल्ली से सीधे कोलकाता पहुंचकर बंगाल की मुख्यमंत्री से करीब आधे घंटे तक मुलाकात करके ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने सचिन तेंदुलकर के शानदार क्रिकेट कैरियर पर बात नहीं की होगी,यह तय है। भारत में अबाध विदेशी पूंजी निवेश और अनिश्चित जनादेश के मद्देनजर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कोलकाता आकर कैमरन ने भारत में ब्रिटश वाणिज्यिक हित ही साधने का प्रयत्न किया है।कोलकाता रवानगी से पहले कैमरन ने संयोगवश यह भी स्पष्ट कर दिया कि संघ परिवार के प्रधानमंत्रित्व के दावेदार नरेंद्र मोदी से मिलने में उन्हें कोई परहेज नहीं है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने में कोई गुरेज नहीं है और समय आने पर वह उनसे मिलेंगे।कैमरन ने यहां भारत के व्यवसायियों से बातचीत के दौरान कहा, हमने गुजरात और उसके प्रथम मंत्री (मुख्यमंत्री) से उचित संपर्क शुरू किया है। उन्होंने कहा, जैसा कि मैंने कहा, यह संक्षिप्त यात्रा है, इसलिए भारत की यह यात्रा सरकार से सरकार के बीच है, जहां मेरी पहली प्राथमिकता आपके प्रधानमंत्री से मिलने की है।उन्होंने कहा, 'गुजरात के साथ अच्छे संबंध की दिशा में ब्रिटेन पहले से ही काम कर रहा है। हमारा मानना है कि हर किसी से मुलाकात करनी चाहिए। इस देश का नेता कौन होगा ये यहां के लोगों को तय करना है पर जहां तक मोदी का सवाल है तो चुने हुए नेताओं से मिलने में कोई हर्ज नहीं है।'


यह फिर संजोग ही है कि देश चाहे कितना ही नमोमय हो,बंगाल में वोड बैंक के समीकरण के मद्देनजर दीदी को नरेंद्र मोदी से हजार योजन की दूरी बनाये रखने की मजबूरी है। बहरहाल आगामी लोकसभा चुनाव,संबावित जनादेश और नयी केंद्र सरकार के नीत निर्धारम में बंगाल की सर्वमय नेत्री की संभावित भूमिक के मद्देनजर ही कैमरन की कोलकाता यात्रा हिलेरी की सवारी से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होगयी हैं,हालांकि उनके साथ उतना बड़ा कारवां नहीं है,जितना हिलेरी के सात रहा है। फिर हिलेरी ने खुद राइटर्स पहुंचकर दीदी से कीथी मुलाकात।कैमरन नवान्न नहीं पहुंचे।उनसे मिलने दीदी ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन आफिस स्वयं चली आयी। लेकिन राजनय के हिसाब से हिलेरी न राष्ट्र प्रधान तीं और न सरकार की मुखिया। कैमरन सरकार के मुखिया हैं।राजनयिक व्याकरम के तहत ही यह मुलाकात संपन्न हुई,इसे समझना होगा।दीदी ने हिलेरी को अने चित्र दिये तो कैमरन भी वंचित नहीं हुए।


गौरतलब है कि ब्रिटेन ने अपने यहां और भारत में आतंकवादी वारदातों से निपटने में भारत के साथ मिलजुलकर प्रयास करने को कहा है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड केमरून ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद का शिकार होते रहे हैं इसलिए उन्हें इसके साथ सख्ती से निपटने और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की जरूरत है।नयी दिल्ली में  डा. मनमोहन सिंह के साथ बातचीत के बाद डेविड कैमरन कोलकाता आये,जहां उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की.।भारत की एक दिवसीय यात्रा के बाद डेविड कैमरन 15-16 नवंबर 2013 को श्रीलंका में होने वाले राष्टमंडल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक में भाग लेने के लिए कोलंबो रवाना हो गए,जहां डभारत के प्रधानमंत्री जा नहीं रहे हैं।


खास बात तो यह है कि आधिकारिक बयान के मुताबिक ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने बंगाल में शिक्षा,संस्कृति और कर्मदक्षता विकास के क्षेत्रों में निवेश करने में दिलचस्पी दिखायी है।इसके साथ ही कैमरन ने दीदी को लंदन की दावत पर बुलाया है। जैसा कि रिवाज है। अब दीदी कोलकाता को लंदन बनाने कब पहुंचेंगी लंदन यह उनकी मर्जी और मिजाज पर निर्भर है।कुल मिलाकर उपलब्धि यही है कि  छह घंटे के महानगर दौरे के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ब्रिटिश उच्चयोग में मुलाकात की और करीब आधे घंटे तक उनसे बातचीत की।




गौरतलब है कि राज्य सरकार ने हुगली नदी के किनारे बसे कोलकाता शहर को थेम्स नदी के किनारे बसे लंदन की भांति सजाने की योजना बनायी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बैठक में डीएफआइडी द्वारा राज्य में क्रियान्वित की जानेवाली योजनाओं को लेकर भी चर्चा की गयी। ब्रिटिश सरकार की निवेश संस्था डीएफआइडी द्वारा बंगाल सरकार को विभिन्न परियोजनाओं के लिए राशि दी गयी है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र, पीएसयू व परिवहन निगम पर खर्च किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इसे और बढ़ाने की मांग की है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने छह घंटा व्यापी महानगर दौरे के  दौरान हावड़ा ब्रिज, हावड़ा स्टेशन, डलहौजी, मैदान क्षेत्र व आइआइएम जोका का परिदर्शन किया और रात को महानगर छोड़ने से पहले वह कैमेक स्ट्रीट स्थित वरदान मार्केट भी गये और वहां से सीधे कोलकाता एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गये।


शहर में कार्बन का उत्सजर्न कम करने को लेकर कोलकाता नगर निगम ने ब्रिटिश सरकार के साथ करार किया है। गुरुवार को दोनों पक्षों ने इस पर हस्ताक्षर किये। इंग्लैंड की ओर से प्रधानमंत्री डेविड कैमरून के साथ कोलकाता के दौरे पर आये वहां की ऊर्जा व जलवायु परिवर्तन विभाग (डीइसीसी) के राज्य मंत्री ग्रेग बार्कर ने गुरुवार को मेयर शोभन चटर्जी के साथ मुलाकात कर इस समझौते पर हस्ताक्षर किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा इस ऐतिहासिक शहर की स्थिति में परिवर्तन लाने का एलान किये जाने के बाद निगम प्रशासन ने  विभिन्न उपाय की तलाश करना शुरू किया था। जहरीली कार्बन गैस के उत्सजर्न को कम करने के उपाय तलाशने के लिए निगम ने ब्रिटिश सरकार से मदद की गुहार लगायी थी। निगम की अपील को स्वीकार करते हुए ब्रिटिश सरकार मदद के लिए तैयार हो गयी है।


मोदी से मिलना अच्छा रहेगा : कैमरन

भारत के संक्षिप्त दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने भारत के साथ गहरे रिश्तों की वकालत करते हुए गुरुवार को कहा कि वह गुजरात के सीएम नरेन्द्र मोदी के साथ मिलने के लिए तैयार हैं। यहां बिजनेस कम्यूनिटी के साथ गुरुवार को एक बैठक के दौरान कैमरन ने कहा कि नरेन्द्र मोदी से मिलना अच्छा रहेगा। वास्तव में गुजरात के साथ ब्रिटेन ने मेलजोल की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कैमरन के मुताबिक, ब्रिटेन के विदेश विभाग में एक मंत्री ने पहले ही नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की है। कैमरन ने कहा कि वह वक्त आने पर मोदी से मुलाकात करेंगे। उनकी सरकार इस दिशा में काम कर रही है। ब्रिटेन का रवैया सभी पक्षों के नेताओं से मिलने का रहता है। लेकिन यह तो भारत की जनता को तय करना है कि वह किसे प्रधानमंत्री चुनती है। वह चुने हुए नेताओं से मिलना चाहेंगे। बता दें कि गुजरात में 2002 के दंगों के बाद अमेरिका सहित कई यूरोपीय नेताओं ने नरेन्द्र मोदी से दूरी बढ़ा ली थी, लेकिन पिछले एक साल में कई देशों ने मोदी के प्रति अपना रवैया बदला है।


व्यापारिक रिश्तों पर जताया संतोष


बाद में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात के दौरान कैमरन ने दोनों देशों के रिश्तों के ताजा हाल की समीक्षा की। इस दौरान अफगानिस्तान और अन्य क्षेत्रीय मसलों पर बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने इस बात पर संतोष जाहिर किया कि विश्व आर्थिक मंदी के बावजूद भारत-ब्रिटेन के आर्थिक रिश्ते काफी जीवंत हैं। दोनों देशों में एक दूसरे के निवेश में बढ़ोतरी हुई है। कैमरन ने यह भी कहा कि दोनों देश मिल कर आतंकवाद जैसी चुनौतियों का मुकाबला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह भारत के संक्षिप्त दौरे पर आए थे, इसलिए उनकी प्राथमिकता प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री कैमरन गुरुवार शाम को कोलकाता पहुंचे जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे मुलाकात की। कैमरन कोलंबो में हो रहे राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन चोगम में भाग लेने के पहले भारत के दौरे पर आए थे।


सचिन महान खिलाड़ी


कैमरन ने यहां एक बैठक में सचिन तेंडुलकर को सर्वकालिक महानतम खिलाड़ी बताते हुए कहा कि वह सचिन के लिये शुभकामनाएं देते हैं। उन्होंने कहा कि सचिन एक असाधारण क्रिकेटर हैं और काफी उम्दा खिलाड़ी। सचिन ने युवकों को प्रेरणा दी है। यदि आप देखें कि किसने सबसे अधिक युवा क्रिकेटरों को प्रेरित किया है तो वह सचिन हैं।



Mamata Banerjee

19 hours ago

kolkata, 14.11.2013 (4 photos)

We are deeply honoured for the visit of the British Prime Minister to Kolkata today. I had the opportunity to meet him for the first time.


The City of Kolkata was initially built by the British. Their architectural creations are still livid in the City's landscape.


He invited me to visit his country and I am indeed very happy.


There is significant scope for collaboration with the British Government in the fields of education, culture, tourism, skill development, manufacturing industries, river-front development and so on.


I found the British Prime Minister very vibrant. Our discussions were very cordial, positive and fruitful. I am very happy about it.


Mr. Greg Baker, Minister of State and Mr. James Bevan, British High Commissioner were present. Also present were Dr. Amit Mitra, Finance Minister and our Chief Secretary.


I am also uploading some pictures for all of you to see.


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রাস্তায় ডালবড়া খেলেন ক্যামেরন


আশাবুল হোসেন ও বিতনু চট্টোপাধ্যায়, এবিপি আনন্দ

Thursday, 14 November 2013 21:55

কলকাতা: কলকাতায় মুখোমুখি ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী ও মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়৷

বৃহস্পতিবার সন্ধে ৭৷ ব্রিটিশ হাইকমিশনের অফিসে পৌছন মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়৷ সঙ্গে অর্থমন্ত্রী অমিত মিত্র ও মুখ্যসচিব সঞ্জয় মিত্র৷ প্রায় আধ ঘণ্টা ধরে আলোচনা হয় মুখ্যমন্ত্রী ও ক্যামেরনের৷

সূত্রের খবর, শিক্ষা, পরিবহণ, পর্যটন, গঙ্গার সৌন্দর্যায়নের পাশাপাশি, দক্ষতা উন্নয়নে বিনিযোগের বিষয় নিয়ে কথা হয়েছে দু'জনের৷ রাজ্যে বেসরকারি বিশ্ববিদ্যালয় তৈরির পথ প্রশস্ত করার জন্য মুখ্যমন্ত্রীর উদ্যোগকে ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী  স্বাগত জানিয়েছেন বলেও সূত্রের খবর৷ ক্যামেরন মুখ্যমন্ত্রীকে লন্ডনে যাওয়ার আমন্ত্রণও জানিয়েছেন৷

এবিষয়ে মুখ্যমন্ত্রী ফেসবুকে লিখেছেন, ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রীর কলকাতা সফরে আমরা সম্মানিত৷ তাঁর সঙ্গে আমাদের বৈঠক খুবই ইতিবাচক এবং ফলপ্রসূ হয়েছে৷ শিক্ষা, সংস্কৃতি, পর্যটন, দক্ষতা উন্নয়ন, নির্মাণ শিল্প থেকে নদী উন্নয়নে ব্রিটিশ সরকারের সঙ্গে রাজ্যের যৌথ উদ্যোগের বিশেষ সুযোগ রয়েছে৷  উনি আমাকে লন্ডনে যাওয়ার আমন্ত্রণ জানিয়েছেন৷ আমি খুব খুশি৷

অন্যদিকে, ক্যামেরনের হাতে বেশ কিছু উপহার এদিন তুলে দেন মুখ্যমন্ত্রী৷ তার মধ্যে রয়েছে, নিজের লেখা একটি বই, আঁকা ছবি, কাঁথা স্টিচের শেরওয়ানি, শাড়ি, ডোকরা শিল্পকলা, দার্জিলিং চা৷

এর আগে, আইআইএম জোকার ছাত্র-ছাত্রীদের সঙ্গে আলাপচারিতায় যোগ দেন ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী৷ রাজ্যে বিনিয়োগের আশা উস্কে দিয়ে ক্যামেরন বলেন, পরিকাঠামো, নগর পরিকল্পনা, জলপথ পরিবহণ সহ রাজ্যে নানা ক্ষেত্রে প্রচুর সম্ভাবনা রয়েছে৷

বাজার অর্থনীতির পক্ষেও এদিন জোরালো সওয়াল করেন ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী৷

মুখ্যমন্ত্রী গঙ্গা, কলকাতা শহরের সৌন্দর্যায়ন ও পর্যটনের উন্নয়ন নিয়ে জোরদার প্রয়াস চালাচ্ছেন৷ এই সব ক্ষেত্রে বিনিয়োগ ও নিয়ে দু'পক্ষের আলোচনা হওয়ায় নতুন দিশা দেখা যেতে পারে বলে মনে করছে সংশ্লিষ্ট মহল৷

http://www.abpananda.newsbullet.in/state/34-more/43577-2013-11-14-16-25-44


ক্যামেরনের সঙ্গে বৈঠক মুখ্যমন্ত্রীর, বিনিয়োগের আগ্রহ ব্রিটেনের

ব্রিটেনের প্রধানমন্ত্রী ডেভিড ক্যামেরনের সঙ্গে বৈঠক করলেন মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। দুজনের মধ্যে প্রায় আধ ঘণ্টা কথা হয়। শিক্ষা, সংস্কৃতি ও কর্মদক্ষতা বৃদ্ধির ক্ষেত্রে বিনিয়োগে আগ্রহ দেখিয়েছে ব্রিটেন।


জোকা আইআইএমে অনুষ্ঠানের পর কাঁটায় কাঁটায় ছটা পঞ্চাশ মিনিটে হো চি মিন সরণীতে ব্রিটিশ ডেপুটি হাই কমিশনের অফিসে এসে পৌঁছন সেদেশের প্রধানমন্ত্রী ডেভিড ক্যামেরন। কিছুক্ষণের মধ্যেই পৌঁছন রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় এবং অর্থমন্ত্রী অমিত মিত্র। মুখ্যমন্ত্রী এবং ক্যামেরন উভয়েই হাতজোড় করে নমস্কার জানান। মুখ্যমন্ত্রীর নিজের আঁকা ছবি, তসর সিল্কের উপর কাজ করা পাজামা-পাঞ্জাবী, ডোকরার কাজ করা উপহার সামগ্রী এবং কলকাতার একটি নামী দোকানের  মিষ্টি দেন ব্রিটেনের প্রধানমন্ত্রীকে। এরপর বৈঠকে বসেন দুজনে।


তিরিশ মিনিট কথা হয়। তবে কী  আলোচনা হয়েছে সেব্যাপারে মুখ খুলতে চাননি কেউই। সাংবাদিকদের মুখোমুখিও হননি তাঁরা। তবে মুখ্যমন্ত্রীর সচিবালয় সূত্রের খবর বেশকয়েকটি ক্ষেত্রে বিনিয়োগ করতে আগ্রহ প্রকাশ করেছেন ক্যামেরন। রাজ্য সরকারের আশা আগামীদিনে রাজ্যে বেশকিছু ক্ষেত্রে ব্রিটিশ বিনিয়োগ আসতে পারে। এদিন মুখ্যমন্ত্রীকে  ব্রিটেনে আমন্ত্রণও জানিয়েছেন ডেভিড ক্যামেরন।

http://zeenews.india.com/bengali/kolkatta/cm-s-date-with-britan-prime-minister_17859.html

ঝিলম করঞ্জাই ও সুপ্রকাশ চক্রবর্তী



কলকাতা ও হাওড়া: সকালে শখ হয়েছিল ফুচকা খাওয়ার৷ বাধ সেধেছিল নিরাপত্তা৷ ইচ্ছে ছিল হাওড়া ব্রিজে পায়চারি করবেন৷ তা-ও হয়নি৷ দুধের স্বাদ ঘোলে মিটিয়েছেন হাওড়া স্টেশনের সামনে মিনিট তিনেক হেঁটে৷ তবে সন্ধেয় তাঁকে পায় কে! ভরদান মার্কেটের সামনে আশ মিটিয়ে ডালবড়া খেলেন৷ চাটনির সঙ্গত বেশ মনে ধরেছে৷ জেনে নিয়েছেন রেসিপিটাও৷ ঝটিতি সফরে কলকাতার স্বাদ তারিয়ে তারিয়ে উপভোগ করলেন ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী ডেভিড ক্যামেরন৷ সমাপতনই হবে৷ যে দোকানের ডালবড়ায় মজে দিনান্তে টুইটারে ছবি পর্যন্ত আপলোড করেছেন, তার নাম 'ভিক্টোরিয়া বড়া'!

দিনভর ঠাসা কর্মসূচি৷ হাতে সময় ছিল মাত্র কয়েক ঘণ্টা৷ তার মধ্যেই শহরের আস্বাদ নিলেন, দিলেন শহর সাজাতে প্রয়োজনীয় সাহায্যের আশ্বাস৷ বোঝালেন, ব্রিটিশ ভারতের প্রথম রাজধানী কলকাতার প্রতি তাঁর দরদ কতটা৷ তার মধ্যেই আইআইএমের ছাত্রছাত্রীদের সঙ্গে দেখা করা, রাজ্যের প্রশাসনিক প্রধানের সঙ্গে বৈঠক৷ মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়, আইআইএমের ছাত্রী ঋষা চৌধুরী বা ডালবড়া বিক্রেতা অনুপম চৌহান-- এ শহর নিয়ে ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রীর আবেগে মুগ্ধ সবাই৷ কলকাতায় ক্যামেরন 'ভিনি, ভিডি, ভিসি'৷

বৃহস্পতিবার কাঁটায় কাঁটায় দুপুর দুটো তেরো মিনিটে দমদম বিমানবন্দরে অবতরণ৷ যাওয়ার কথা ছিল আকাশবাণী ভবনে৷ কিন্ত্ত ব্রিটিশ আমলের স্থাপত্য, ব্রিটিশ নির্মাণ নৈপুণ্যের সাক্ষী হাওড়া ব্রিজ দেখার ইচ্ছে প্রকাশ করেন৷ কনভয়ের মুখ ঘোরে হাওড়া অভিমুখে৷ পথে চোখে পড়ে ফুচকাওয়ালা৷ শালপাতা হাতে দাঁড়ানোর ইচ্ছে 'মঞ্জুর' করেননি নিরাপত্তারক্ষীরা৷ হাওড়া ব্রিজের উপর হাঁটাও আটকেছে সে কারণে৷ তবে পুরোনো প্ল্যাটফর্মের বাইরে খানিক হেঁটেছেন৷ এর পর আকাশবাণীতে নির্ধারিত সাক্ষাত্‍কার পর্ব সেরে সটান জোকা৷

আইআইএমে সাকুল্যে মিনিট তিরিশেক ছিলেন৷ প্রশ্নোত্তর পর্ব শুরুর আগেই মন জয় করলেন৷ ছাত্রছাত্রীদের, কলকাতারও৷ কেন কলকাতায় আসা, গোড়াতেই বলে দিলেন সে কথা৷ ক্যামেরনের কথায়, 'কলকাতা আমার প্যাশন৷ কলকাতাকে কেন্দ্র করেই ভারত-ব্রিটেন উন্নয়নের নতুন ধারার সূত্রপাত হতে পারে৷ অন্য রাষ্ট্রপ্রধানরা দিল্লি, মু্ম্বই ঘুরে যান৷ কিন্ত্ত কলকাতার প্রতি আমাদের যে পরিমাণ দরদ এবং আবেগ রয়েছে, তা আপনাদের সামনে তুলে ধরতেই আমার এখানে আসা৷' তাঁর কথায় গঙ্গার স্রোতে মিশল টেমস৷ বললেন, 'লন্ডনের মতো এখানেও আমরা পরিকাঠামো গঠন, পরিচ্ছন্নতা এবং সৌন্দর্যায়ন নিয়ে যৌথ ভাবে কাজ করতে পারি৷ আমরা টেমস পরিষ্কার করেছি৷ এ শহরের নদীর ক্ষেত্রে আমরা সেই অভিজ্ঞতা ভাগ করে নিতে পারি৷' এ প্রসঙ্গেই জুড়েছেন, 'আপনাদের মুখ্যমন্ত্রীর সঙ্গে দেখা করার জন্য মুখিয়ে আছি৷' শিক্ষাক্ষেত্রেও এ রাজ্যের বিশ্ববিদ্যালয়গুলির সঙ্গে ব্রিটেনের বিশ্ববিদ্যালয়গুলির মেলবন্ধন ঘটাতে আগ্রহী ক্যামেরন৷ কারণ তিনি বিশ্বাস করেন, 'কলকাতাই হল শ্রেষ্ঠ মেধার আঁতুরঘর৷' রবীন্দ্রনাথ থেকে হিগস-বোসন, যোগসূত্র ঘটল ক্যামেরনের কথায়, 'রবীন্দ্রনাথ ঠাকুরের নোবেল পাওয়ার নোটিফিকেশনের একশো বছর হচ্ছে এ বারই৷ যে কণা নিয়ে মৌলিক বিজ্ঞানে এত হই-চই, সেই হিগস-বোসনের 'বোস'ও (সত্যেন্দ্রনাথ বসু) তো এ শহরের বিজ্ঞানী! কলকাতায় আসার এ-ও এক কারণ৷'

জোট সরকার থেকে অর্থনৈতিক মন্দা বা রাষ্ট্রপুঞ্জের নিরাপত্তা পরিষদে ভারতের স্থায়ী সদস্যপদের পক্ষে সওয়াল, প্রশ্নোত্তর পর্বে উঠে এসেছে বিবিধ প্রসঙ্গ৷ স্নোডেনের মতো বিতর্কিত প্রসঙ্গ এড়াননি তো বটেই, বরং সচিনের ফ্যান ক্যামেরন তা লুফে নিয়েছেন অনায়াসে৷ কেন নজরদারির প্রয়োজন, সে যুক্তির পাশেই সাজিয়েছেন স্নোডেনকে গ্রেপ্তারির পক্ষে যুক্তি৷ অকপট ভাবে সিরিয়ার বিরোধিতায় সরব হয়েছেন, আবার ভারতীয় পড়ুয়াদের জন্য নিজের দেশের শিক্ষাপ্রতিষ্ঠানের দরজা খোলা, সে আশ্বাস দিতেও কার্পণ্য করেননি৷ ক'জন ভারতীয় ছাত্রছাত্রীকে ভিসা দেওয়া হবে? ক্যামেরনের জবাব, 'দেয়ার ইজ নো লিমিটেশন অফ নাম্বারস৷' আইআইএমে ছাত্রছাত্রীদের সঙ্গে কথা বলার আগে একপ্রস্থ আলোচনা সেরে নেন সঞ্জীব গোয়েঙ্কা, হর্ষ নেওটিয়া, সঞ্জয় বুধিয়ার মতো পাঁচ শিল্পপতির সঙ্গে৷

এর পর ব্রিটিশ ডেপুটি হাইকমিশনে সাক্ষাত্‍ মুখ্যমন্ত্রীর সঙ্গে৷ রাজ্যে বিনিয়োগের আহ্বান জানিয়েছেন মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়৷ আবাসন, পরিকাঠামো, শিক্ষা, স্বাস্থ্য, সৌন্দর্যায়ন-- মুখ্যমন্ত্রী চান, এ সব ক্ষেত্রে কাজ হোক যৌথ উদ্যোগে৷ ডেপুটি হাইকমিশন সূত্রে খবর, বৈঠকে রীতিমতো সন্ত্তষ্ট ক্যামেরন৷ তাঁর কাছে বৈঠক 'ইতিবাচক এবং গঠনমূলক'৷ মুখ্যমন্ত্রীকে ক্যামেরন জানিয়েছেন, এ রাজ্যে বিনিয়োগে আগ্রহী তাঁর সরকার৷ আলোচনার অধিকাংশ জুড়েই ছিল বিনিয়োগ প্রসঙ্গ৷ উঠেছে রাজারহাটের কথা৷ কী ভাবে সেখানে বিনিয়োগকারীদের জন্য পসরা সাজানো হচ্ছে, ক্যামেরনকে তা সবিস্তারে জানিয়েছেন মমতা৷ সব শুনেবুঝে আগ্রহ বেড়েছে ক্যামেরনেরও৷ সূত্রের খবর, মুখ্যমন্ত্রীকে লন্ডনে যাওয়ার আমন্ত্রণও জানিয়েছেন ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী৷ কলকাতার স্মৃতি হিসেবে তাঁর হাতে মুখ্যমন্ত্রী তুলে দিয়েছেন নিজের লেখা বই, কুর্তা-পায়জামা এবং ডোকরা শিল্পসামগ্রী৷

ফেরার পথেই বড়ায় মজেছিলেন৷ ব্রিটেনের প্রধানমন্ত্রীর এমন 'ছেলেমানুষি'? তাঁর তো রাশভারী হওয়ার কথা! ভুল৷ নিজেই যে বলে গেলেন, 'এজ ডাজ নট ম্যাট্যার৷' ঘণ্টা সাতেকে এই ক্যামেরনকেই চিনল কলকাতা৷

http://eisamay.indiatimes.com/city/kolkata/Bring-British-Airways-back-Bengal-tells-British-PM/articleshow/25800159.cms



মমতার টানে শহরে ক্যামেরন

নিজস্ব সংবাদদাতা

বৃহস্পতিবার দুপুর আড়াইটে। ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী ডেভিড ক্যামেরনের বিশেষ বিমান নামল দমদম বিমানবন্দরে। টারম্যাকে পা-রেখেই স্বাগত জানাতে আসা পঞ্চায়েতমন্ত্রী সুব্রত মুখোপাধ্যায়কে ক্যামেরনের প্রশ্ন, "হাউ ইজ ইয়োর চিফ মিনিস্টার?"

সুব্রতবাবুর চটজলদি জবাব: "শি ইজ ফাইন, স্যার। শি উইল মিট ইউ ইন দ্য ইভনিং।"

"ইয়েস ইয়েস। আই অ্যাম ইগার টু মিট হার।" বললেন ক্যামেরন।

কলকাতায় আসার কথাই ছিল না। গোড়ায় ঠিক ছিল, দিল্লি থেকে চেন্নাই ছুঁয়ে শ্রীলঙ্কায় কমনওয়েলথ সম্মেলনে যোগ দিতে চলে যাবেন ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী। কিন্তু হঠাৎ কেন মতবদল, তা নিয়ে এ দিন সকাল পর্যন্ত জল্পনা চলেছে রাজ্যের প্রশাসনিক মহলে। দুপুরে সেই জল্পনার অবসান ঘটিয়ে ক্যামেরন বুঝিয়ে দিলেন, কোন টানে তাঁর এই আচমকা কলকাতা সফর। পঞ্চায়েতমন্ত্রীর কথায়, "আমার তো মনে হল, মমতার প্রতি অপার আগ্রহ থেকেই এসেছেন ক্যামেরন সাহেব। সে কারণেই তিনি নিজে থেকে মুখ্যমন্ত্রীর সঙ্গে দেখা করতে চেয়েছিলেন।"

ক্যামেরনের আগ্রহে কূটনীতির নিগড় এড়িয়ে সন্ধ্যায় মুখ্যমন্ত্রীর সঙ্গে তাঁর বৈঠক গড়াল নির্ধারিত সীমার বাইরে। ঠিক ছিল বৈঠক হবে ঘড়ি ধরে ২০ মিনিট। হল আরও ছ'মিনিট বেশি। ব্রিটিশ ডেপুটি হাইকমিশনে আয়োজিত সেই বৈঠকে ক্যামেরনকে নিজের আঁকা ছবি উপহার দেন মমতা। কৌতূহলী ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী জানতে চান, মমতা কারও কাছে আঁকা শিখেছেন কি না? ছবি আঁকার মাধ্যম কী? বিষয়ই বা কী? মমতা তাঁকে জানান, তিনি পেশাদার শিল্পী নন। কারও কাছে আঁকা শেখেনওনি। মন যা চায় তা-ই আঁকেন। কোনও ব্যাকরণ না-মানাটাই তাঁর শৈলী।

*

ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী ডেভিড ক্যামেরনের সঙ্গে সাক্ষাৎ,

বৃহস্পতিবার ব্রিটিশ ডেপুটি হাইকমিশনে। ছবি: দেবাশিস রায়।

মমতার সঙ্গে সাক্ষাতে তিনি যে মুগ্ধ, তা ক্যামেরন গোপন করেননি বলেই রাজ্যের প্রশাসনিক সূত্রের দাবি। মুখ্যমন্ত্রীকে তিনি ব্রিটেনে আমন্ত্রণ জানান। সূত্রের খবর, ক্যামেরন মুখ্যমন্ত্রীকে বলেছেন, "লন্ডনে আপনি অনেক বাঙালি বন্ধু পাবেন।'' মুখ্যমন্ত্রী তাঁকে বলেন, "লন্ডনে আমার অনেক ব্রিটিশ ভাইবোনও রয়েছেন। আমি তাঁদের নিয়েও আগ্রহী।" তবে নবান্ন সূত্রে বলা হচ্ছে, ক্যামেরনের আমন্ত্রণ গ্রহণ করলেও বিলেতে যাওয়ার দিন ক্ষণ চূড়ান্ত হয়নি। রাতে ফেসবুকে এ প্রসঙ্গে মমতা লিখেছেন, "উনি (ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী) আমাকে তাঁর দেশে আমন্ত্রণ জানানোয় আমি খুশি।"

এ দিন কলকাতায় নেমে সরাসরি হাওড়া ব্রিজ দেখতে চলে গিয়েছিলেন ক্যামেরন। দেখেছেন হাওড়া স্টেশন, গঙ্গাও। সন্ধ্যার বৈঠকে সেই প্রসঙ্গ পাড়েন তিনি। মুখ্যমন্ত্রীকে জানান, গঙ্গার শোভা তাঁর ভাল লেগেছে। শহর কলকাতা যে ব্রিটিশদের হাত ধরেই গড়ে উঠেছে, সে কথা ক্যামেরনকে মনে করিয়ে দিয়ে মমতা তাঁকে বলেন, সেই সব ব্রিটিশ স্থাপত্যের অনেক চিহ্নই এখন রয়েছে। তাঁর সরকার সেগুলি সংস্কারের কাজে হাতও দিয়েছে। যেমন সারিয়ে তোলা হচ্ছে একদা ব্রিটিশ করনিকদের বাসস্থান রাইটার্স বিল্ডিং।

এই সমস্ত ঐতিহ্যবাহী বাড়ি এবং গঙ্গার দু'পাড়ের সৌন্দর্যায়নের কাজে ব্রিটিশ সরকারের সহায়তা চেয়েছেন মমতা। নবান্ন থেকে নিজের তোলা গঙ্গা-পাড়ের ছবিও আই-প্যাডেক্যামেরনকে দেখিয়েছেন মমতা। পরে ফেসবুকে তিনি লিখেছেন, "শিক্ষা, সংস্কৃতি, পর্যটন, পেশাদারি দক্ষতাবৃদ্ধি, নির্মাণ শিল্প, নদী তীরের সৌন্দর্যায়ন ইত্যাদি ক্ষেত্রে ব্রিটিশ সরকারের সঙ্গে সহযোগিতার অবকাশ রয়েছে।" বৈঠকে ইংরেজি শিক্ষার বিস্তারে আরও কিছু পদক্ষেপ করার জন্য ক্যামেরনকে অনুরোধ করেছেন মমতা। রাজ্যে একটি ব্রিটিশ বিশ্ববিদ্যালয়ের ক্যাম্পাস গড়ারও কথাও বলেন।

এই ধরনের গাঁটছড়া বাঁধতে তিনিও যে আগ্রহী, সেটা মমতার সঙ্গে বৈঠকের আগেই আইআইএম জোকার অনুষ্ঠানে বুঝিয়ে দিয়েছেন ক্যামেরন। সেখানে পারস্পরিক বিনিয়োগের ক্ষেত্র হিসেবে পরিকাঠামো, শিক্ষা এবং বিমাশিল্পকে চিহ্নিত করেছেন তিনি। সহযোগিতার ইঙ্গিত দিয়ে বলেন, "এই শহর বাড়ছে। তার জন্য প্রয়োজন পরিকাঠামো উন্নয়ন। জলপথ সংস্কার-সহ বিভিন্ন পরিকাঠামো উন্নয়নে আমাদের দক্ষতা রয়েছে।"

এ দিন ব্রিটিশ ডেপুটি হাইকমিশনে মুখ্যমন্ত্রীর সঙ্গী হয়েছিলেন অর্থমন্ত্রী অমিত মিত্র এবং মুখ্যসচিব সঞ্জয় মিত্র। মুখ্যমন্ত্রী আসার মিনিট দশেক আগেই আইআইএম থেকে দূতাবাসে চলে আসেন ক্যামেরন। মমতা আসেন ৬টা বেজে ৫৫ মিনিটে। লনে তাঁকে স্বাগত জানান ক্যামেরন। তার পর শুরু হয় বৈঠক। সূত্রের খবর, গোড়ায় একান্তে কথা বলেন মমতা-ক্যামেরন। তার পর অর্থমন্ত্রী এবং মুখ্যসচিবকে ডেকে নেন মুখ্যমন্ত্রী। পরে তিনি বলেন, "খুব ইতিবাচক বৈঠক। আমি আশা করি ব্রিটেনের সঙ্গে আমাদের সহযোগিতা বৃদ্ধিতে এটা কার্যকর হবে।"

ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রীর প্রাণচঞ্চলতায় যে তিনি খুশি, পরে ফেসবুকে সে কথা লিখেছেন মমতা। ক্যামেরনও শহর ছাড়ার আগে বুঝিয়ে গিয়েছেন, তিনি আপ্লুত। বিমানবন্দরে তাঁকে বিদায় জানাতে গিয়েছিলেন শিল্পমন্ত্রী পার্থ চট্টোপাধ্যায়। ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী তাঁকে বলেছেন, "নাইস পিপ্ল হিয়ার। ইওর সিএম টু।"

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দিনভর ব্যস্ততার পরে ঝাল-ঝাল ডালবড়া দারুণ

নিজস্ব সংবাদদাতা

তিনি এলেন। দেখলেন। এবং জিতে গেল কলকাতা।

বরদান মার্কেটের সামনে ফুটপাথের দোকানে মুগডালের বড়া চেখে দেখা থেকে এ শহরে ব্রিটিশ ইতিহাস-ঐতিহ্যের দুই মাইল ফলক হাওড়া সেতু ও স্টেশন ঘুরে দেখা— বৃহস্পতিবার কয়েক ঘণ্টার কলকাতা সফরে সবটাই উপভোগ করে গেলেন ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী ডেভিড ক্যামেরন।

আর সফর শেষে ট্যুইটারে নিজেই লিখলেন, "লাভড দ্য হট, স্পাইসি লেন্টিল কেক্স ইন আ ক্যালকাটা মার্কেট আফটার আ বিজি ডে অব মিটিংস।" সঙ্গে সেই মুহূর্তটার ছবি।

বরদান মার্কেটের সামনে মুগডালের বড়ার ছোট্ট দোকানটায় হিন্দিতে লেখা 'চহ্বাণ ভিক্টোরিয়া বড়া'। সফর শেষে বিমানবন্দরে ফেরার পথে সন্ধ্যা সাড়ে সাতটার পরে এখানেই নেমেছেন শহরের 'ভিভিআইপি' অতিথি। খেয়ে গিয়েছেন পাঁচ-পাঁচটি বড়া। শুধু তা-ই নয়, অনুবাদকের সাহায্য নিয়ে বিক্রেতার কাছে খুঁটিয়ে জেনে নিয়েছেন, কী ভাবে তা তৈরি হয়, কী ভাবে চলে ব্যবসা। করজোড়ে নমস্কার করেছেন দোকানি ও আশপাশের সবাইকে। ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রীকে বড়া খাইয়ে মিলেছে তিরিশ টাকা।


চোখে এবং চেখে...


* *

ব্রিজ থেকে বড়া— ঝটিকা সফরে এসে এমনই নানা ভাবে কলকাতার আস্বাদ নিলেন ব্রিটেনের

প্রধানমন্ত্রী ডেভিড ক্যামেরন। (বাঁ দিকে) দিনের বেলা ঘুরে দেখলেন হাওড়া স্টেশন ও সেতু।

(ডান দিকে) সন্ধ্যায় বিমানবন্দর যাওয়ার পথে নেমে পড়লেন বরদান মার্কেটের সামনে।

চেখে দেখলেন মুগডালের গরমাগরম খান পাঁচেক বড়া। ছবি: সুদীপ আচার্য ও সুমন বল্লভ।

কলকাতা পুলিশ সূত্রে খবর, স্বয়ং ক্যামেরন আসবেন বলে বড়ার দোকানি অনুরাগ চহ্বাণকে বলা হয়েছিল ভাল জিনিস দিয়ে বৃহস্পতিবারের খাবারদাবার বানাতে। অনুরাগ অবশ্য এমন কিছু মানতে চাননি। বলেছেন, তাঁদের শুধু থাকতে বলা হয়েছিল। বিকেল পাঁচটা নাগাদ পুলিশ এসে নিরাপত্তার কড়াকড়ি করে দিয়ে যায় শুধু। আশপাশের এত দোকান থাকতে তাঁর দোকানই কেন? একগাল হেসে অনুরাগ বলেন, "দোকানের নামে ভিক্টোরিয়া আছে বলেই হয়তো!"

শহরে আসবেন ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী ডেভিড ক্যামেরন। স্বভাবতই টানটান নিরাপত্তার চেনা ছবিটা ছিল বিমানবন্দর থেকেই। পুলিশি কড়াকড়িতে সুনসান পথ, দু'ধারে ব্যারিকেডের ওপারে উৎসুক জনতা। ফাঁকা হাওড়া সেতু, গেট-বন্ধ স্টেশন এবং পুলিশ পাহারা। সব মিলিয়ে দুপুর থেকেই প্রস্তুত ছিল কলকাতা। এ দিন তিনি কলকাতায় নামার তিন মিনিট আগে থেকে আকাশপথেও ব্যারিকেড করে দেওয়া হয়েছিল। যেহেতু ওই সময়ে কলকাতায় নেমে আসার জন্য বা শহর ছেড়ে যাওয়ার জন্য কোনও বিমান ছিল না, তাই বিমানবন্দরের অফিসারদের বিশেষ বেগ পেতে হয়নি। বিমানটিকে ভিআইপি গেটের সামনে ৪২ নম্বর বে-তে এনে দাঁড় করানো হয়। সন্ধ্যায় সেখান থেকেই কলম্বো উড়ে যান তিনি।

দিল্লি থেকে টাইটান এয়ারওয়েজের বোয়িং ৭৫৭ বিমানে ক্যামেরন কলকাতায় নামেন দুপুর ২টো ২০ মিনিটে। বিমানবন্দরে রাজ্যের মন্ত্রী সুব্রত মুখোপাধ্যায় স্বাগত জানানোর পরে ক্যামেরনের কনভয় সটান গিয়ে ওঠে হাওড়া সেতুতে। তাঁর নিরাপত্তার কারণে ফাঁকা করে দেওয়া সেতু পেরিয়ে গিয়ে পৌঁছলেন হাওড়া স্টেশনের সামনে। বন্ধ গেটের সামনে তখন ক্যামেরনকে এক ঝলক দেখতে চাওয়া ট্রেনযাত্রীরা। দু'পাশে চালকহীন ট্যাক্সির সারি। পিছনে ধাওয়া করা ব্রিটিশ ও কলকাতার সংবাদমাধ্যম। সে সবের মাঝখান দিয়েই কয়েক পা হেঁটে গেলেন ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী।

মেরেকেটে চার মিনিট। তার মধ্যেই স্টেশনের সামনে পরপর তিনটি লেনের দ্বিতীয়টি দিয়ে প্রায় পনেরো পা হেঁটে ঐতিহাসিক হাওড়া সেতুর দিকে এগিয়ে গেলেন ক্যামেরন। ফিরলেনও একই পথে। তার মাঝেই অবশ্য তাঁর চোখ টেনেছে ব্রিটিশ আমলের হাওড়া স্টেশনের সুবিশাল উপস্থিতি।

হাওড়া থেকে কনভয় এর পরে কলকাতামুখী। ফের সুনসান পথ পেরিয়ে সোজা আকাশবাণী ভবন। কনফারেন্স রুম এবং এক নম্বর স্টুডিও-র ভিতরে কিছুক্ষণ সময় কাটিয়ে সটান উঠে গেলেন ছাদে। সেখানেই আধ ঘণ্টার ইন্টারভিউ চলাকালীন উল্টো দিকের ফুটপাথ থেকে দিব্যি দেখল আমজনতা।

সেখান থেকে জোকা। এবং দিনের শেষ কর্মসূচি ব্রিটিশ ডেপুটি হাই কমিশনে রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের সঙ্গে সাক্ষাৎ। তার পরে বিমানবন্দরে ফেরার পথেই বরদান মার্কেটে এই 'বড়া-অভিযান'। রাত সাড়ে ন'টার সময়েও যার ঘোর কাটেনি দোকানি, বছর তিরিশের অনুরাগ বা তাঁর ভাই অর্জুনের। বললেন, "দিন তিনেক আগে কয়েক জন সাহেব এসে আমাদের খাবার খেয়ে গেলেন, ছবি তুললেন, বলে গেলেন বৃহস্পতিবার যেন থাকি। তখনই বুঝি হোমরা-চোমরা কেউ আসবেন। তা বলে খোদ ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী? কল্পনাতেও ছিল না!"

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ক্যামেরনের রসিকতায় মজল আইআইএম

নিজস্ব সংবাদদাতা

ডান পাশে ২৩টি চেয়ার। বাঁ পাশে আরও ২৩টি। পড়ুয়া-শিক্ষক মিলিয়ে ইন্ডিয়ান ইনস্টিটিউট অব ম্যানেজমেন্ট (আইআইএম) কলকাতার অডিটোরিয়ামের মঞ্চে মোট ৪৬ জন। মাঝে ছোট একটা টেবিল। তার উপর জলের গ্লাস। বিকেল পাঁচটা কুড়িতে সাদামাটা এই মঞ্চেই উঠে এলেন ব্রিটেনের কনিষ্ঠতম প্রধানমন্ত্রী ডেভিড ক্যামেরন।

পরের ৪৫ মিনিটে আলোচনার জল গড়াল এক ঘাট থেকে অন্য ঘাটে। পুরো সময়টাই ঠায় দাঁড়িয়ে একের পর এক প্রশ্নের উত্তর দিয়ে গেলেন তিনি। কখনও সিরিয়া-সমস্যা, তো কখনও রাষ্ট্রপুঞ্জে ভারতের স্থায়ী সদস্য পদ। কখনও ভারত সম্পর্কে ধারণা, তো কখনও সচিনের অবসর। সঙ্গে অবশ্যই কলকাতা। সমস্ত কিছু নিয়েই প্রশ্নের উত্তর দিলেন অক্সফোর্ড বিশ্ববিদ্যালয়ের এই প্রাক্তনী।

এর আগে এই শহরে শেষ কোনও ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রীর পা পড়েছিল ১৯৯৭ সালে। সে বার জন মেজর সৌরভ গঙ্গোপ্যাধ্যায়ের কথা বলেছিলেন। এ দিন কলকাতার মন বুঝে ক্যামেরন বললেন সচিন তেন্ডুলকরের কথা। তাঁর কথায়, "আমি ঠিক সময়ে ঠিক জায়গায় ঠিক লোকেদের মাঝেই এসেছি।"

এমনটা বলার কারণও ব্যাখ্যা করে দিলেন ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রী। ঠিক সময় সচিনের শেষ ম্যাচ। ঠিক জায়গা এই দিনেই নোবেল পুরষ্কার পেয়েছিলেন রবীন্দ্রনাথ ঠাকুর। আর বৃহস্পতিবার তিনি সেই কবির ঘরের মাটিতে। আর ঠিক লোক অবশ্যই সামনের দর্শকেরা।

অস্ট্রেলিয়ার সর্বোচ্চ সম্মান ইতিমধ্যেই সচিনের ঝুলিতে।

*

ইন্ডিয়ান ইনস্টিটিউট অব ম্যানেজমেন্ট (আইআইএম) কলকাতার

পড়ুয়াদের সঙ্গে ডেভিড ক্যামেরন। বৃহস্পতিবার। ছবি: বিশ্বনাথ বণিক।

তাদের অ্যাসেজ প্রতিদ্বন্দ্বী দেশের প্রধানমন্ত্রীর কাছে প্রশ্ন ছিল, তেন্ডুলকরকে নাইটহুড দেওয়া হবে কি না। রসিকতার সুরেই ক্যামেরন জবাব দিলেন, সচিনের শাশুড়ি ব্রিটিশ নাগরিক। সেই সুবাদে সচিনের ছেলে ব্রিটেনের হয়ে ক্রিকেট খেলতে পারবে। কিন্তু নাইটহুড দেওয়ায় তাঁর কোনও ভূমিকা নেই।

হাল্কা মেজাজের এই অনুষ্ঠানেও ভারত তথা কলকাতার জন্য বার্তা দিয়ে গেলেন ক্যামেরন। পারস্পরিক বিনিয়োগের ক্ষেত্র হিসেবে চিহ্নিত করলেন তিনটি ক্ষেত্রকে। সওয়াল করলেন পরিকাঠামো, শিক্ষা ও বিমা শিল্পে গাঁটছড়া বাঁধার। কলকাতাকে ব্রিটিশ ব্যবসার মানচিত্রে যোগ করা নিয়ে বললেন, "এই শহর বাড়ছে। তার জন্য প্রয়োজন পরিকাঠামোর উন্নয়ন। জলপথ সংস্কার-সহ বিভিন্ন পরিকাঠামো উন্নয়নে আমাদের দক্ষতা রয়েছে।" ইঙ্গিত স্পষ্ট, এ ক্ষেত্রে তাঁরা শহরের হাত ধরতে তৈরি।

ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রীর মতে, ভারত ও ব্রিটেনের মধ্যে বিপুল ব্যবসায়িক সুযোগ রয়েছে। দরকার শুধু তা চিনে নেওয়ার ক্ষমতা। ব্রিটিশ শিক্ষা প্রতিষ্ঠানগুলিতে ভারতীয় পড়ুয়াদের সংখ্যা বেঁধে দেওয়া হচ্ছে না বলেও আশ্বাস দিয়েছেন তিনি।

এ সবের পাশাপাশি ছুঁয়ে গিয়েছেন হাজারো আন্তর্জাতিক কূটনীতির প্রশ্ন। সিরিয়া প্রসঙ্গে বলেছেন, "যে কোনও দেশ আরও বেশি স্বাধীনতা পাওয়ার পথে এগোতেই পারে। কিন্তু তা বলে রাসায়নিক হানা নিন্দাজনক।" এ বিষয়ে স্বাভাবিক ভাবেই প্রশ্ন উঠেছে রাষ্ট্রপুঞ্জের ভূমিকা নিয়ে। যার উত্তরে তিনিও স্পষ্ট জানিয়েছেন, রাষ্ট্রপুঞ্জের পুনর্গঠন প্রয়োজন। সেখানে নিরাপত্তা পরিষদের স্থায়ী সদস্য পদ পাওয়া উচিত ভারতের। তার জন্য জরুরি রাজনৈতিক সদিচ্ছা। মহা বিতর্কিত প্রাক্তন মার্কিন গুপ্তচর এডওয়ার্ড স্নোডেন সম্পর্কে তাঁর পর্যবেক্ষণ, গোয়েন্দা সংস্থা মানেই তা খারাপ নয়।

আর দেশের যে কোনও গোপন খবর ফাঁসই বিপজ্জনক।

বৃহস্পতিবার সকাল থেকেই কড়া নিরাপত্তায় মোড়া ছিল আইআইএম চত্ত্বর। ছেয়ে ছিল পুলিশ আর সাদা পোশাকের গোয়েন্দা। পড়ুয়া, শিক্ষক এবং প্রতিষ্ঠানের কর্মীদেরও পরিচয়পত্র দেখাতে হচ্ছিল দফায় দফায়। কিন্তু যাঁর জন্য এই আয়োজন, শেষ পর্যন্ত তাঁর ছোট কনভয় ক্যাম্পাসে ঢুকে পড়ল বেশ সাদামাটা ভাবেই। অনুষ্ঠানেও আগাগোড়া তিনি ছিলেন স্বচ্ছন্দ, সাবলীল আর স্বতঃস্ফূর্ত। আড্ডা দিলেন এমন ভাবে যেন পাশের বাড়ির লোক।

কানায় কানায় ভরা অডিটোরিয়ামে প্রশংসা কুড়িয়েছে ব্রিটিশ প্রধানমন্ত্রীর এই সাধারণ মানুষের মতো আচরণ। চোখ টেনেছে তাঁর ঠায় দাঁড়িয়ে থাকা। নজর কেড়েছে প্রশ্নোত্তরের অনুষ্ঠান পরিচালনার ভার নিজের হাতে তুলে নেওয়াও। দর্শকাসনের কোন সারি থেকে প্রশ্ন আসছে, প্রধানমন্ত্রী নিজে দেখে তা ঠিক করে দিচ্ছেন, এমনটা তো সচরাচর ঘটে না!

প্রশ্নোত্তরে যোগ দেওয়ার ঠিক আগে আইআইএম ক্যাম্পাসেই কলকাতার কয়েক জন শিল্পপতির সঙ্গে ঘরোয়া আলোচনায় বসেছিলেন ক্যামেরন। সেখানে উপস্থিত ছিলেন সঞ্জীব গোয়েন্কা, হর্ষ নেওটিয়া, সঞ্জয় বুধিয়া ও বিক্রম দাশগুপ্ত।

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