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Thursday, July 7, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/7/7
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


डीयूःएसओएल में फॉर्म बिक्री, आंकड़ा एक लाख पार

Posted: 06 Jul 2011 10:55 AM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय में सभी कॉलेजों में करीब हर कोर्स में हाउसफुल का बोर्ड लग चुका है। ऐसे में जो छात्र-छात्राएं नियमित कॉलेजों में दाखिला नहीं ले सकें वह अपना रूख डीयू के एसओएल की तरफ कर रहे हैं। स्नातक स्तर पर अब तक एसओएल में एक लाख से ज्यादा फॉर्म बिक चुके हैं। जानकारों की मानें तो यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

इस बार कटऑफ की अधिकता और दाखिला प्रक्रिया में हुए नए बदलावों के चलते छात्रों कर रुझान एसओएल की तरफ पिछले सालों की तुलना में ज्यादा देखने में आ रहा है। एसओएल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डा. पोखरियाल ने बताया कि अब तक एसओएल में एक लाख से ज्यादा फॉर्म बिक चुके हैं। इस बार छात्रों का रुझान इस ओर ज्यादा होने का एक अहम कारण कटऑफ की अधिकता है। ऊंची कटऑफ के चलते न केवल सामान्य बल्कि अच्छी रैंक प्राप्त करने वाले छात्र भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं। कोई अपनी पसंद के कॉलेज में दाखिला नहीं ले सका तो कोई अपने पसंदीदा कोर्स में। ऐसे में एसओएल छात्रों के सामने एक बेहतर विकल्प की तरह आ रहा है। एलओएल में बीए प्रोग्राम, बीकॉम पास, बीकॉम ऑनर्स, इंग्लिश ऑनर्स और पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स पांच कोर्स हैं। इसके अलावा इनकी फीस भी सामान्य कॉलेज से कम है। डा. पोखरियाल ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी हमारे सभी कोर्सो में पहले की तुलना में ज्यादा दाखिलों की उम्मीद है(लाइव हिंदुस्तान डॉटकॉम,6.7.11)।

आईपी, डीटीयू में चुनें ड्रीम करियर

Posted: 06 Jul 2011 10:54 AM PDT

गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में इस सत्र से चार नए हॉस्टल होंगे। इन हॉस्टलों में आठ सौ छात्र-छात्रएं रह सकेंगे। विवि में पिछले साल हॉस्टल में करीब चार सौ छात्र-छात्राएं ठहर सकते थे। इस संख्या को इस बार दोगुना किया गया है।


विवि के वाइसचांसलर प्रो. डी.के.बंदोपध्याय ने बताया कि इस बार आईपी विवि में हॉस्टलों की संख्या चार होगी। जिसमें दो हॉस्टल लड़कियों के लिए और दो लड़कों के लिए होंगे। प्रत्येक हॉस्टल में करीब 190 छात्र-छात्राएं रह सकेंगे। कुल मिलाकर करीब 800 छात्र-छात्रएं हॉस्टल में ठहर सकेंगे। हॉस्टल देने के दौरान कई बातों को ध्यान में रखा जाएगा। पहला ये कि बाहर के छात्र कौन से है, दूसरा ये कि कौन से छात्र-छात्राएं दिल्ली के दूर-दराज इलाकों से आते हैं, अगर उसके बाद सीटें बचती है तो अन्य छात्रों के विकल्प को देखा जाएगा। उन्होंने बताया कि आईपी कैंपस को पूरी तरह ग्रीन बनाया जाएगा। इसके लिए पूरी व्यवस्था की गई है। कैंपस में वाटर हार्वेस्टिंग, वाटरवॉडी, एसटीपी प्लांट और खराब पानी का प्रयोग पेड़-पौधों के लिए किया जाएगा।
आईपी में इस वर्ष से छात्र वीकेंड स्तर पर साइबर क्राइम और साइबर लॉ में एलएलएम कोर्स कर सकेंगे। वाइसचांसलर डी.के.बंदोपध्याय ने बताया कि इन कोर्सो को मांग के आधार पर बनाया गया है। अगली बार से जीनोमिक्स, अर्बन प्लानिंग और ह्यूमन वैल्यू पर नए कोर्स शुरू किए जाएंगे। ये कोर्स शोध आधारित होंगे। वीसी ने कहा कि इन कोर्स के लिए आर्डिनेस बनाया जाएगा और इन्हें जल्द ही शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये उभरते हुए क्षेत्र है और देश में बड़ी संख्या में लोगों को इन क्षेत्रों में जरूरत है।
(हिंदुस्तान,दिल्ली,6.7.11)

डीयू में दाखिलाःईसीए के लिए मान्यता प्राप्त प्रमाण-पत्र जरूर साथ रखें

Posted: 06 Jul 2011 10:52 AM PDT

कॉलेज ईसीए और स्पोर्ट्स को किस आधार पर बांटते हैं? क्या इसके लिए कोई पैमाना होता है?
-निधि चौहान
इसका कोई निश्चित फॉम्यूला नहीं है। हर कॉलेज की अलग नीतियां होती हैं। आमतौर पर कॉलेजों की कोशिश रहती है कि स्पोर्ट्स कोटे में हर टीम को ध्यान में रखते हुए छात्र-छात्राओं का चयन करें। इसके अलावा ईसीए में हर श्रेणी में एक, दो या तीन सीटें होती हैं। कुल मिलाकर पांच प्रतिशत सीटें दोनों में होती हैं।

क्या कोई कॉलेज किसी एक कोटे स्पोर्ट्स या ईसीए में से किसी एक को पूरी सीटें दे सकता है?
-स्नेहा
यह कॉलेज की जरूरत पर निर्भर करता है कि वह किस कोटे को कितनी सीट दें पर ज्यादातर कॉलेज किसी एक कोटे को सारी सीटें नहीं देते हैं। हालांकि ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। अगर कॉलेज के पास इतने हुनरमंद छात्र या छात्राएं आ जाएं तो तो वह किसी एक कोटे को कम या ज्यादा सीटें दे देते हैं।
ईसीए में किस-किस श्रेणी के आधार पर दाखिले होंगे। इसे तय कौन करता है।
-अनंत
डांस, म्युजिक, फाइन आर्ट, वाद-विवाद, ड्रामेटिक, क्रिएटिव राइटिंग आदि कई श्रेणियां हैं। कॉलेज अपनी सक्रिय सोसाइटी को देखते हुए इन्हें तय करता है।
मैं सत्यवती कॉलेज में सामान्य कोर्स में दाखिला ले चुकी हूं लेकिन मैंने नार्थ कैंपस में ईसीए फॉर्म भी भरा है। अगर मेरा नंबर ईसीए में आ जाए तो क्या मुझे वहां दाखिला ले लेना चाहिए?
-जान्हवी
अभी नहीं। ईसीए का परिणाम आने पर सबसे पहले ईसीए में कॉलेज के साथ विषय देखें। अगर ईसीए में मनपसंद विषय मिल रहा हो तो दाखिला ले लें। इसके अलावा यदि आपके लिए कॉलेज अधिक महत्वपूर्ण है तो किसी भी विषय के मिलने पर दाखिला ले सकती हैं। पर मेरी सलाह है कोर्स को अधिक तरजीह दें।


ईसीए कोटे में सर्टिफिकेट की मान्यता क्या होनी चाहिए। सर्टिफिकेट के कितने अंक मिलते हैं?
-गुरप्रीत कौर
डीयू ने स्पोर्ट्स श्रेणी में तय किया हुआ है कि किस स्तर के सर्टिफिकेट को मान्यता दी जाएगी। लेकिन ईसीए के लिए फिलहाल यह तय नहीं है। हर कॉलेज ने अपने अलग नियम बनाए हुए हैं। छात्रों के पास कोई न कोई मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र जरूर होना चाहिए।
क्या पूर्व छात्र भी ईसीए के जरिए दाखिला ले सकता है?
-आराधना
नहीं। लेकिन अगर वह अपना एक साल बेकार कर फिर से पहले वर्ष में दाखिला लेता है तो मिल भी सकता है।
(हिदुस्तान,दिल्ली,6.7.11)

यूपीःदरोगा भर्ती के खिलाफ याचिका पर जवाब तलब

Posted: 06 Jul 2011 10:47 AM PDT

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दरोगा भर्ती (रैंकर) के खिलाफ दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से छह सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका द्वारा भर्ती प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश उपनिरीक्षक पुलिस सेवा नियमावली- 2008 को लागू करने की वैधता को चुनौती दी गयी है। यह आदेश न्यायमूर्ति वीके शुक्ला ने कांस्टेबिल धर्मवीर गौतम व अन्य तथा विनोद कुमार व अन्य की तरफ से दाखिल याचिकाओं पर दिया है। याची अधिवक्ता विजय गौतम का कहना है कि दरोगा रैंकर के 5389 पद विज्ञापित किये गये। नियमानुसार भर्ती में 50 फीसदी सीधी भर्ती व 50 फीसदी रैंकर की भर्ती की जाती है। दरोगा पद की भर्ती के विज्ञापन के आधार पर 15 मार्च को लिखित परीक्षा हुई तथा 22 जून को परिणाम घोषित किया गया। कुल 3891 लोगों को सफल घोषित किया गया। शेष 1498 पद रिजर्व रख लिए गये हैं। याची का कहना है कि कुल रिक्तियां वर्ष 2000 से 2008 तक के खाली पदों की निकाली गयीं। याची का कहना है कि वर्ष 2008 की नियमावली के आधार पर 2008 से पहले के रिक्त पदों की भर्ती नहीं की जा सकती। यह भर्ती पुरानी नियमावली के तहत की जानी चाहिए। दूसरे परीक्षा में नौ प्रश्नों के गलत उत्तर दिये गये थे। ऐसे में घोषित परिणाम दोषपूर्ण होने के कारण रद होने योग्य है। याचिका में घोषित परिणाम को रद करने की मांग की गयी है। न्यायालय ने कहा है कि यदि कोई भर्ती की जाती है तो वह याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगी(राष्ट्रीय सहारा,इलाहाबाद,6.7.11)।

यूपीःबीएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित,14 से 27 जुलाई के बीच तीस केन्द्रों पर होगी काउंसलिंग

Posted: 06 Jul 2011 10:44 AM PDT

संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम मंगलवार को देर रात घोषित कर दिया गया। परीक्षा में शामिल सभी पांच लाख अभ्यर्थियों की मेरिट जारी कर दी गयी है। अभ्यर्थियों को प्रदेश के 1025 महाविद्यालयों की 1.10 लाख सीटों पर दाखिला मिलेगा। काउंसलिंग 14 से 27 जुलाई के बीच 30 केन्द्रों पर होगी। पहले चरण की काउंसलिंग के लिए दो लाख दस हजार अभ्यर्थी बुलाये गये हैं। अभ्यर्थी वेबसाइट पर अपनी मेरिट देख सकते हैं। उन्होंने बताया कि बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए कोई न्यूनतम कटऑफ नहीं रखा गया है, बल्कि सभी पांच लाख अभ्यर्थियों की मेरिट जारी की गयी है। काउंसलिंग में सीटों की उपलब्धता को देखते हुए द्वितीय व तृतीय चरण की काउंसलिंग के लिए मेरिट में कमी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रवेश परीक्षा की मेरिट के बाद भी करीब 13 प्रकार के भारण (वेटेज) को छात्रों ने लगाया है, ऐसे में उनकी मेरिट को वरीयता के आधार पर तय करना मुश्किल होगा। काउंसलिंग के दौरान उनके वेटेज को देखकर अंकों को निर्धारण किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि रुहेलखण्ड विविद्यालय ने प्रदेश में दो जून को बीएड की प्रवेश परीक्षा करायी थी। इसमें पांच लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

जीरो अंक वालों को भी मिलेगा दाखिला !
बीएड प्रवेश परीक्षा में शून्य अंक पाने वाले भी दाखिला पा सकते हैं। इस परीक्षा के लिए कोई क्वालीफाईग अंक नहीं रखे गये हैं। प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों की मेरिट घोषित की गयी है और कोई अभ्यर्थी फेल नहीं किया गया है। इसका मतलब सभी को प्रवेश का मौका मिल सकता है। अब देखने की बात होगी कि प्रदेश में बीएड की 1.10 लाख सीटों को भरने के लिए कितनी मेरिट तक के अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में बुलाया जाता है और उनका टर्न-आउट भी काफी अहम साबित होगा। उल्लेखनीय है कि लखनऊ विविद्यालय की ओर से वर्ष 2010- 11 की संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में तीन लाख तक की मेरिट पाने वाले अभ्यर्थियों को बीएड में दाखिला के लिए मौका मिला था। इसके बाद भी सीटें खाली रह गयी थीं और उन्हें निजी कालेजों के प्रबंधन ने अपने स्तर से भरा। मालूम हो कि बीएड में निजी क्षेत्र के महाविद्यालयों में आरक्षण लागू न होने से प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने का कोई अंक नहीं रखे गये हैं जबकि प्रदेश के सरकारी व सहायता प्राप्त बीएड महाविद्यालयों में प्रवेश आरक्षण को लागू करके प्रवेश दिये जाते हैं(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,6.7.11)।

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नर्सिंग की छात्राओं को मात्र 500 रू. मानदेय

Posted: 06 Jul 2011 10:34 AM PDT

एनएमसीएच में नर्सिग की छात्राओं को मात्र पांच सौ रुपए मानदेय मिलता है। जबकि छात्राओं को प्रति माह 900 रुपए मेस का खर्च भुगतान करना पड़ता है। उधर, मरीजों को प्रति दिन भोजन के लिए 50 रुपए मिलता है। इस संबंध में छात्राओं ने पिछले दिनों अस्पताल आए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मिल कर मानदेय बढ़ाने की मांग की थी। बावजूद इसके आज तक छात्राओं की मांग पूरी नहीं हुई। छात्राओं का कहना है कि बढ़ती महंगाई में यह स्टाइपन नाम मात्र का है। साथ हीं नर्सिंग की छात्राओं को पोशाक की राशि भी मात्र 200 रुपए मिलती है, जबकि इतना राशि सिलाई में ही लग जाती है। बताते चलें कि सरकर द्वारा अन्य स्कूली छात्राओं को पोशाक की राशि 5 से 7 सौ रुपए दी जाती है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,6.7.11)।

बिहारःमध्यमा परीक्षा का रिजल्ट 25 को

Posted: 06 Jul 2011 10:32 AM PDT

बिहार राज्य संस्कृत शिक्षा बोर्ड की मध्यमा परीक्षा का रिजल्ट 25 जुलाई को संभावित है। रिजल्ट बोर्ड की वेबसाइट पर जारी कर दिया जायेगा। इसकी उत्तरपुस्तिकाओं की जांच बृहस्पतिवार से की जायेगी। इसके लिए राजधानी में चार मूल्यांकन केंद्रों का चयन किया गया है। मूल्यांकन कार्य में दो हजार से अधिक परीक्षक लगाये गये हैं। दयानंद उच्च विद्यालय मीठापुर, दयानंद कन्या उच्च विद्यालय मीठापुर, बीएन कॉलेजिएट अशोक राजपथ व कमला नेहरू विद्यालय गर्दनीबाग में कॉपियों का मूल्यांकन किया जायेगा। बिहार राज्य संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष सिद्धेर प्रसाद ने कहा कि कॉपियों की जांच में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जाएगी। वहां किसी तरह का कोई हेरफेर ना हो सके इसके लिए विद्यालय के प्राचायरे को सख्ती बरतने का निर्देश दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं भी मूल्यांकन केंद्रों का दौरा करेंगे। सभी परीक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,6.7.11)।

पटनाःएएन कॉलेज में पहली मेधा सूची जारी

Posted: 06 Jul 2011 10:31 AM PDT

एएन कॉलेज में इंटरमीडिएट (ग्यारहवीं) में नामांकन की पहली मेधा सूची मंगलवार को जारी कर दी गई। यहां गणित से इंटरमीडिएट करने के लिए सामान्य वर्ग में कम से अस्सी प्रतिशक अंक का होना अनिवार्य हैं। वहीं जीव विज्ञान से इंटर करने के लिए सत्तर प्रतिशत अंक सामान्य वर्ग के लिए जरूरी है। कला संकाय से इंटर करने के इच्छुक सभी वर्ग के छात्रों को कम से कम 45 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। पटना कॉलेज में भी दूसरी मेधा सूची मंगलवार को जारी कर दी गई। मगध महिला कॉलेज में भी साइंस दूसरी मेधा सूची जारी कर दी गई। कला की दूसरी मेधा सूची बुधवार को जारी की जायेगी। एएन कॉलेज में मेधा सूची में शामिल छात्र-छात्राओं का नामांकन ग्यारह जुलाई से चौदह जुलाई के बीच सुबह ग्यारह बजे से चार बजे के बीच लिया जायेगा। ग्यारह-बारह जुलाई को सामान्य वर्ग, तेरह-चौदह जुलाई को बीसी-1, बीसी-2, एससी, एसटी व ईबीडब्ल्यू का नामांकन लिया जायेगा। नामांकन के वक्त छात्रों को स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट की मूल प्रति, अंक प्रमाण पत्र, तीन पासपोर्ट साइज फोटो व एडमिट कार्ड की अभिप्रमाणित प्रतिलिपि आदि जरूरी कागजात लाना अनिवार्य है। आरक्षण कोटा के लिए जाति प्रमाण पत्र व आय प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य है। छात्रों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे तय तिथि को नामांकन ले लें अन्यथा किसी भी हाल में उनका दोबारा नामांकन नहीं लिया जायेगा। जारी की गई मेधा सूची किसी भी बोर्ड से दसवीं उतीर्ण छात्रों के लिए है। मगध विविद्यालय के कॉलेजों में फॉर्म भरने का अंतिम दिन समाप्त हो गई। अंतिम फॉर्म भरने के लिए विवि के सभी कॉलेजों में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की भीड़ उमड़ी। जेडी वीमेंस कॉलेज, एएन कॉलेज व कॉमर्स कॉलेज सभी जगह छात्र-छात्राएं फॉर्म भरने का अंतिम मौका चूकना नहीं चाहते थे। जेडी वीमेंस कॉलेज में बुधवार को पहली मेधा सूची जारी की जाएगी। सात जुलाई से मगध विविद्यालय के अन्य कॉलेजों में स्नातक के लिए मेधा सूची जारी की जाएगी। पटना वीमेंस कॉलेज में कैजुअल वैकेंसी (बची हुई सीटों ) पर नामांकन बुधवार को लिया जायेगा। मगध महिला कॉलेज में स्नातक विज्ञान, कला व कॉमर्स संकाय में नन गारेन्टेड का नामांकन बुधवार को लिया जायेगा। मगध महिला कॉलेज में आज जारी हुई दूसरी मेधा सूची में गारेंटेड छात्रों का नामांकन आठ जुलाई को व नन गारेंटेड का नामांकन नौ जुलाई को होगा । बीएन कॉलेज व पटना साइंस कॉलेज में भी बुधवार से नामांकन लिया जायेगा।

मगध महिला कॉलेज में स्नातक साइंस (गणित) की दूसरी मेधा सूची वर्ग अंक (गारेंटेड) अंक (नन गारेंटेड) सामान्य 205 200 बीसी-2 200 195 बीसी-1 175 157 एससी 153 148 एसटी --- --- मगध महिला कॉलेज में स्नातक साइंस (जीव विज्ञान) की दूसरी मेधा सूची वर्ग अंक (गारेंटेड) अंक (नन गारेंटेड ) सामान्य 206 203 बीसी-2 196 193 बीसी-1 178 166 एससी 173 157 एसटी 165 148 पटना कॉलेज में स्नातक की दूसरी मेधा सूची वर्ग अंक सामान्य 341 बीसी-2 336-328 बीसी-1 316-309 एससी 302-290 एसटी 305-301 बीसीडब्ल्यू 321-316 एएन कॉलेज में इंटर साइंस (गणित) की मेधा सूची वर्ग प्रतिशत सामान्य 80 प्रतिशतसे अधिक बीसी-2 76 प्रतिशत से अधिक बीसी-1 75 प्रतिशतसे अधिक एससी 72प्रतिशतसे अधिक एसटी 70 ùसे अधिक ईबीडब्ल्यू 68 प्रतिशत से अधिक इंटर साइंस (गणित ) की मेधा सूची वर्ग प्रतिशत सामान्य 70 प्रतिशतसे अधिक बीसी-2 66 प्रतिशतसे अधिक बीसी-1 64 प्रतिशत से अधिक एससी 61प्रतिशत से अधिक एसटी 60 प्रतिशत से अधिक ईबीडब्ल्यू 61 प्रतिशत से अधिक इंटर कला की मेधा सूची सभी वर्ग 45 प्रतिशत से अधिक(राष्ट्रीय सहारा,पटना,6.7.11)

बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षाःमहिलाओं के लिए अलग काउन्टर पर मिलेंगे फॉर्म

Posted: 06 Jul 2011 10:27 AM PDT

आगामी 11 जुलाई से पूरे राज्य में मिलने वाले शिक्षक पात्रता परीक्षा के आवेदन फार्म के बिक्री केन्द्रों पर महिलाओं के लिए अलग से काउन्टर खोले जायेंगे। मंगलवार को राज्य भर के जिला शिक्षा पदाधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही ने कहा कि इस बार आवेदन पत्रों की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। सभी फार्म जिलों में भेज दिये गये हैं और इस बार पर्याप्त मात्रा में आवेदन छपवाये गये हैं। अभ्यर्थियों को भीड़ से बचाने के लिए जिले और अनुमंडल में कई काउन्टर खोलने का भी निर्देश दिया गया है। मंत्री ने कहा कि अगर जिले में बैठे अधिकारी को यह लगता है कि प्रखंड स्तर पर भी काउन्टर खोलने की आवश्यकता है तो वे खोल सकते हैं। अवकाश के दिन को छोड़कर सभी दिन आवेदन पत्रों की बिक्री जायेगी। बैठक में पदस्थापित कार्यक्रम पदाधिकारियों के योगदान करने की समीक्षा भी की गयी। पता चला कि पांच पदाधिकारियों ने अब तक अपने नये पद पर योगदान नहीं किया है इनमें नालंदा में एक, मुजफ्फरपुर में दो, कैमूर में एक और समस्तीपुर में एक पदाधिकारी शामिल हैं। मंत्री ने जिला पदाधिकारियों को बेहतर कार्य करने हेतु सप्ताह में एक बार साप्ताहिक बैठक करने का भी आदेश दिया। उम्मीद जाहिर की गयी कि नई संरचना के अनुसार जिले में सप्ताह भर के अन्दर स्थायित्व आ जायेगा। जिला पदाधिकारियों को एक माह के अन्दर विद्यालयों में तदर्थ शिक्षा समिति का गठन करने का भी निर्देश दिया गया। प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि सभी नियोजित शिक्षकों को वेतन उपलब्ध करा दिया गया है। उन्होंने अधिकारियों से उनका खाता कोर बैंकिग वाले बैंकों में खुलवाने को कहा है। ऐसा हो जाने के बाद सरकार सीधे पंचायत और जिला परिषद के खाते में उनका वेतन भेजेगी। इसकी सूची सभी जिला पदाधिकारियों को दे दी जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के 108 बुनियादी स्कूलों को मॉडल स्कूलों का दर्जा दे दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि एक अगस्त से प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा, जो सोलह चरणों में चलेगा। प्रशिक्षण देने की जिम्मेवारी चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान को दी गयी है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,6.7.11)।

उत्तराखंडःआयुर्वेदिक डाक्टरों को नियमित भर्ती में आयु सीमा में दस वर्ष की छूट

Posted: 06 Jul 2011 10:23 AM PDT

संविदा में तैनात आयुव्रेदिक डाक्टरों को अब सरकारी सेवा में दिए गए योगदान का लाभ मिल सकेगा। सरकार ने नियमित नियुक्त के लिए उन्हें अधिकतम आयु सीमा में दस वर्ष की छूट दे दी है। इसके साथ ही आयुव्रेदिक कालेजों में शिक्षकों को भी यूजीसी के समकक्ष वेतनमान लागू कर दिया है। वर्तमान में प्रदेश में आयुव्रेदिक विभाग में डाक्टरों के कुल 759 पद है। जिसमें 400 पद भरे हुए हैं। इनमें 173 स्थाई व 227 तदर्थ हैं। विभाग में डाक्टरों के 359 रिक्त पदों में से 337 पदों में नियमित नियुक्ति के लिए विगत वर्ष लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा गया था। विभाग में वर्ष 1989 के बाद से अब तक आयोग की ओर से डाक्टरों की कोई भर्ती नहीं की गई। संविदा पर ही डाक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वर्तमान में विभाग में संविदा पर 96 डाक्टर कार्य कर रहे हैं। जबकि एनआरएचएम के तहत आयुष विभाग में 175 आयुव्रेदिक व 8 यूनानी डाक्टर और एलोपैथिक अस्पतालों में 141 आयुव्रेदिक डाक्टर संविदा पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसको देखते हुए शासन ने लोक सेवा आयोग की ओर से की जा रही भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष से बढ़ाकर 45 वर्ष कर दिया है। भर्ती के लिए पूर्व निर्धारित क्षैतिज आरक्षण के दायरे में आने वालों को भी दस वर्ष का लाभ दिया जाएगा। इसके साथ ही आयुव्रेदिक कालेजों में कार्य कर रहे शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए उनके वेतनमान को यूजीसी के वेतनमानों के समक्षक कर दिया है। नई व्यवस्था के तहत प्रवक्ता को पूर्व निर्धारित वेतन ही दिया जाएगा। जबकि रीडर को वेतन बैंड 15,600-39,000 ग्रेड पे 6600 से बढ़ाकर 8,000 कर दिया गया है। प्रोफेसर को वेतन बैंड तीन से चार में परिवर्तित किया गया है। उन्हें अब वेतन बैंड 15600-39,100 ग्रेड पे 7600 से वेतन बैंड 37400- 67,000 ग्रेड पे 10,000 दिया गया है। प्राचार्य को भी प्रोफेसर वाला वेतन बैंड लागू किया गया है, लेकिन उन्हें तीन हजार रुपये का अतिरिक्त भत्ता दिया गया है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,6.7.11)।

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाओं के लिए आवेदन की अंतिम तिथि घोषित

Posted: 06 Jul 2011 10:22 AM PDT

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने वर्ष 2012 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं के संस्थागत व व्यक्तिगत आवेदन व फीस जमा करने की अंतिम तिथियां घोषित कर दी हैं। सचिव उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद दामोदर पन्त ने बताया कि निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन पत्र अग्रसारित कराने की अन्तिम तिथि हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट के संस्थागत परीक्षार्थियों के लिए 31 जुलाई 2011 तथा व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के लिए 14 अगस्त 2011 है। विलम्ब शुल्क के साथ व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के आवेदन की अन्तिम तिथि 24 अगस्त 2011 है। उन्होंने बताया कि हाई स्कूल परीक्षा का परीक्षा का संस्थागत एवं व्यक्तिगत शुल्क क्रमश: 150 तथा 500 रुपये, जबकि इण्टरमीडिएट का परीक्षा शुल्क क्रमश: 300 तथा 600 रुपये है। अंकपत्र शुल्क सभी के लिये पांच रुपये रखा गया है। हाई स्कूल तथा इण्टरमीडिएट के व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के लिए अग्रसारण शुल्क पांच रुपये है। केवल एक विषय का शुल्क सभी के लिए 100 रुपये रखा गया है। हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट के व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के लिए विलम्ब शुल्क 100 रुपये है। उन्होंने बताया कि खण्ड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में आवेदन पत्र व अन्य पत्रजात जमा करने की अन्तिम तिथि संस्थागत छात्रों के लिए 14 अगस्त तथा व्यक्तिगत छात्रों के लिए 28 अगस्त तय की गई है। खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में आवेदन पत्र एवं अन्य पत्रजात जमा करने की अन्तिम तिथि संस्थागत की 20 अगस्त तथा व्यक्तिगत छात्रों के लिए की 30 अगस्त, 2011 तय की गई है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा परिषद कार्यालय में आवेदन पत्र व अन्य पत्रजात जमा करने की अन्तिम तिथि 4 सितम्बर, 2011 निर्धारित है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,6.7.11)।

उत्तराखंडःसरकारी स्कूलों पर कसा शिंकजा

Posted: 06 Jul 2011 10:21 AM PDT

सरकारी स्कूलों की दिशा व दशा को सुधारने को लेकर शासन गंभीर हो गया है। शासन के निर्देश पर स्कूलों की वास्तविक हकीकत जानने के लिए 11 बिन्दुओं पर गहन जांच-पड़ताल की जा रही है। जांच का जिम्मा खण्ड शिक्षा अधिकारी से लेकर अपर निदेशक तक के अधिकारियों को सौंपा गया है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा सत्र हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद स्कूलों में किताबों के साथ-साथ शिक्षकों के न मिलने की शिकायतें मिल रही थी। इसके अलावा पूर्व में कई मर्तबा छात्रों का फर्जी पंजीकरण करने का मामले भी उजागर हुए हैं। इन तमाम मुद्दों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग में तीन निदेशालय बनने के बाद गहनता से जांच करने का निर्णय लिया गया है, ताकि स्कूलों की वास्तविक तस्वीर सामने आ सके। इसके लिए प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्कूलों की जांच का कार्य शुरू हो चुका है। जांच में मुख्य रूप से छात्रों की संख्या व शिक्षकों की उपस्थिति पर विशेष नजर रखी जा रही है। स्कूलों में पंजीकृत संख्या की अपेक्षा बच्चों की उपस्थिति, स्कूल खुलने के बाद शिक्षकों की उपस्थिति का औसत क्या रहा जैसे मुद्दे जांच में शामिल हैं। साथ ही मिड-डे मिल व किताबों, स्कूल में बिजली, पानी, कम्प्यूटर, विद्यालय भवन आदि के स्थिति की जानकारी ली जाएगी। साथ ही स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का शैक्षिक स्तर एवं रमसा के तहत उच्चीकृत स्कूलों की स्थिति का आंकलन भी किया जाएगा। जांच के काम खंड शिक्षा अधिकारी से लेकर निदेशालय के उच्चाधिकारियों को लगाया है। प्रत्येक अधिकारी को कम से कम आठ दुर्गम व 10 सुगम क्षेत्रों में स्थित स्कूलों की जांच करने का निर्देश दिया गया। जांच की कार्रवाई को सही ढंग से अंजाम देने के लिए उच्चाधिकारियों को जनपद भी सौंपे गये है। शिक्षा निदेशक सीएस ग्वाल ने बताया कि अधिकारियों को जांच रिपोर्ट 15 जुलाई तक सौंपने को कहा गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों की स्थिति को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएंगे(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,6.7.11)।

उत्तराखंडःचतुर्थ श्रेणी पदों पर भर्ती होंगे मृतकों के आश्रित

Posted: 06 Jul 2011 10:19 AM PDT

प्रदेश में सरकारी नौकरियों में चतुर्थ श्रेणी के पद को बहाल कर दिया गया है, लेकिन इसका लाभ केवल मृतक आश्रितों को ही मिल पाएगा। इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। विगत दिनों विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का वेतनमान में वृद्धि करते हुए उन्हें ग्रेड पे 1800 लागू किया गया था। इसके लिए 24 मार्च 2011 को शासनादेश जारी कर स्पष्ट किया गया था कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के साथ ही वह पद समाप्त हो जाएगा और भविष्य में इस पद पर भर्ती नहीं की जाएगी। सरकार के इस निर्णय से ऐसे मृतक आश्रित जो कि चतुर्थ श्रेणी से उच्च पद के लिए योग्य नहीं है। उनके समक्ष नौकरी का संकट हो रहा था। इसको देखते हुए शासन ने अपने पूर्व निर्णय में संशोधन करते हुए मृतक आश्रितों के लिए चतुर्थ श्रेणी के पदों को सुरक्षित कर दिया है। इस संबंध में सचिव वित्त राधा रतूड़ी की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस संबंध में चतुर्थ वर्गी राज्य कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद सिंह नेगी ने कहा कि यह मांग महासंघ की ओर से रखी गई थी(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,6.7.11)।

यूपीःबीएड की 2000 सीटें बढ़ीं

Posted: 06 Jul 2011 09:57 AM PDT

शैक्षिक सत्र 2011-12 में प्रदेश में बीएड की 2000 सीटें बढ़ गई हैं। शासन ने बीएड कोर्स के संचालन के लिए इस साल 20 नए कॉलेजों के संबद्धता के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। प्रत्येक कॉलेज में बीएड की 100 सीटें होंगी। सचिव उच्च शिक्षा अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि बीएड की संबद्धता के लिए तकरीबन दस और कॉलेज कतार में हैं। इन कॉलेजों को संबद्धता मिलने पर नए सत्र में बीएड की 1000 सीटें और बढ़ जाएंगी। इस हिसाब से नए सत्र में बीएड की 3000 सीटें बढ़ने की संभावना है। अभी तक प्रदेश में बीएड की 102400 सीटें थीं। बीएड कोर्स के संचालन के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) कॉलेजों को मान्यता देता है। इसके बाद राज्य सरकार उन्हें पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए संबद्धता देती है(दैनिक जागरण,लखनऊ,6.7.11)।

पूरे देश में एक इंजीनियरिंग एन्ट्रेंस के लिए रिपोर्ट सितंबर तक

Posted: 06 Jul 2011 09:52 AM PDT

पूरे देश में एक प्रवेश परीक्षा के जरिए इंजीनियरिंग में दाखिले की सिफारिश की जा रही है। इस संबंध में डॉ. टी रामासामी की अध्यक्षता वाली आईआईटी काउंसिल कमेटी सिंतबर माह तक अपनी फाइनल रिपोर्ट देगी। केंद्र सरकार की तरफ से यह जानकारी मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दी गई।

मानव संसाधन मंत्रालय के अवर सचिव आरके महेश्वरी की तरफ से दाखिल जवाब में कहा गया कि देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भी ग्रेजुएशन या इससे उच्च शिक्षा के कोर्स में दाखिले के लिए एक ही प्रवेश परीक्षा की सिफारिश की गई है।

सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर की कोर कमेटी ने यह सिफारिश की है। इसे लागू करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है जिसकी सिफारिशों का इंतजार किया जा रहा है।


यही नहीं ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजूकेशन (एआईसीटीई) ने पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा मैनेजमेंट कोर्स के लिए अलग से सिलेबस तैयार किया है जो 15 जुलाई तक जारी होने की संभावना है।
चंडीगढ़ निवासी अभिनीत तनेजा व अन्यों की तरफ से दाखिल अलग अलग याचिकाओं में कहा गया कि कैट व मैट का परीक्षा परिणाम बाद में आता है जबकि उन्हें दाखिले के लिए अलग अलग संस्थानों में फार्म जमा करने पड़ते हैं। 

इससे संस्थान जहां फार्म बेचकर शुद्ध लाभ कमाते हैं वहीं छात्रों के लिए यह परेशानी का सबब है। दाखिला न लेने पर फार्म की फीस संस्थान वापस नहीं लौटाते। 

ऐसे में शिक्षण संस्थान इसका लाभ हासिल कर मोटी कमाई करते हैं। यूजीसी की तरफ से अदालत में कहा गया कि इस बारे में उनके ड्राफ्ट रेगुलेशन पर मानव संसाधन मंत्रालय विचार कर रहा है(ललित कुमार,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,6.7.11)।

ब्लॉकवार जुटाया जाएगा लखनऊ के विद्यालयों का ब्योरा

Posted: 06 Jul 2011 09:49 AM PDT

चौक की घनी गलियों के बीच का कोई निजी विद्यालय हो या फिर माल मुख्यालय से बीस किलोमीटर दूर स्थित कोई प्राथमिक विद्यालय। जल्द ही राजधानी के सभी विद्यालयों से जुड़ी जानकारियों को जुटा कर डिजीटल डायरेक्टरी बनाने का काम शुरू किया जाएगा। इसकी सहायता से बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों की जानकारी प्राप्त करने में कोई असुविधा नहीं होगी। राजधानी में परिषदीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों की संख्या की जानकारी तो बेसिक शिक्षा विभाग को है लेकिन निजी विद्यालयों की क्या स्थिति है, इससे विभाग अनजान है। इसके लिए पूरे प्रदेश में ब्लाकवार सभी स्कूलों की डायरेक्टरी बनाने का आदेश राज्य परियोजना निदेशालय से जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है। डिजीटल डायरेक्टरी में न सिर्फ विद्यालयों और शिक्षकों की संख्या होगी बल्कि विद्यालय में कितने कमरे होंगे, हैंडपम्प है या नहीं, विद्यालय के पास कितनी भूमि, इसकी जानकारी का उल्लेख होगा। इस डिजीटल डायरी में निजी स्कूलों की मान्यता, शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या का उल्लेख होगा। बीएसए वीपी सिंह ने बताया कि डिजीटल डायरी के संबंध में आदेश राज्य परियोजना कार्यालय से आ गया है। डिजीटल डायरी में कक्षा पांच से छह में जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या का भी उल्लेख होगा। इससे साथ ही आंकड़ें जुटाने के दौरान बीच में ही पढ़ाई छोड़ देने वाले बच्चों की भी जानकारी होगी। बीएसए कहते हैं कि इससे राजधानी में शिक्षा की सही स्थिति का आंकलन लगाया जा सकेगा। आवेदन सात से : महिला महाविद्यालय में गृहविज्ञान व मनोविज्ञान से स्नातकोत्तर और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन के प्रवेश फॉर्म सात जुलाई से मिलेंगे। प्रवेश फॉर्म की कीमत चार सौ रुपये निर्धारित है(दैनिक जागरण,लखनऊ,6.7.11)।

यूपी में बीएड फीस रसीदःमेधावियों की परीक्षा पर दुविधा बरकरार

Posted: 06 Jul 2011 09:47 AM PDT

बीएड 2010-11 की प्रवेश काउंसिलिंग के दौरान फीस कंफर्मेशन रसीद नहीं लेना प्रवेश परीक्षा के टॉपर्स के गले की हड्डी बना हुआ है। कॉलेज आवंटन पत्र के जरिए इन छात्रों ने प्रवेश तो ले लिया लेकिन दो महीने बाद हुई दूसरी काउंसिलिंग में इनकी सीट को खाली मानते हुए लविवि ने नए अभ्यर्थियों को सीट आवंटित कर दी। इसकी जानकारी होने पर मेधावियों के पैरों तले जमीन खिसक गई। पूरा साल पढ़ाई के लिए संघर्ष और न्यायालयों के चक्कर लगाने में बीत गया। लम्बी जद्दोजहद के बाद उच्च न्यायालय का फैसला आया लेकिन टॉपर्स की मुसीबत खत्म होती नहीं दिखती। वार्षिक परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 7 जुलाई है लेकिन अभी तक आदेश की व्याख्या को लेकर ही भ्रम बना हुआ है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड-2010-11 के टॉपर्स छात्र हैं या नहीं इस पर दुविधा बरकरार है। वार्षिक परीक्षा के संबंध में अदालती आदेश पर मंथन के लिए मंगलवार को बीएड कोर कमेटी की लंबी बैठक में भी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हो सका। लविवि अधिकारियों ने किसी भी तरह के विवाद से अपना दामन बचाने के लिए संबंधित विश्र्वविद्यालयों को उच्च न्यायालय के आदेशानुसार परीक्षा सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि फीस कंफर्मेशन न लेने वालों का छात्र माना जाएगा या नहीं। लिहाजा न्यायालय के आदेश की व्याख्या को लेकर दुविधा बनी रही। फिलहाल लविवि ने सभी महाविद्यालयों से उनके यहां पढ़ रहे विद्यार्थियों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है। प्रवक्ता प्रो.एसके द्विवेदी का कहना है कि न्यायालय के आदेश का पालन होगा। महाविद्यालयों से 210 दिन पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की सूची मांगी गई है। वहीं पहली काउंसिलिंग के मेधावियों का कहना है कि अदालत ने साफ तौर पर वादी छात्रों की पढ़ाई, परीक्षा और उनके परिणाम घोषित करने का आदेश दिया है। ऐसे में 210 दिन पढ़ाई की बाध्यता दूसरी काउंसिलिंग वालों को राहत देने के लिए की जा रही है जो पूरी तरह से अदालत के आदेश की अवमानना है(दैनिक जागरण,दिल्ली,6.7.11)।

लखनऊ विविःबीए की कटऑफ लिस्ट जारी,एमबीए के लिए नए आवेदन आज से

Posted: 06 Jul 2011 09:45 AM PDT

लखनऊ विश्र्वविद्यालय ने मंगलवार को बीए की कटऑफ लिस्ट जारी कर दी। ओपेन और आरक्षित श्रेणी के चयनितों में यूपी बोर्ड के अभ्यर्थियों का दबदबा रहा। मुख्य प्रवेश समन्वयक प्रो.पद्मकान्त ने बताया कि बीए की प्रवेश काउंसिलिंग 7 जुलाई से शुरू होगी। बीए आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को प्रवेश के समय सभी दस्तावेजों की मूल प्रति लानी होगी अन्यथा उन्हें सामन्य अभ्यर्थी माना जाएगा। लविवि सत्र 2011-12 के लिए चल रही काउंसिलिंग के दौरान मंगलवार को बीएससी गणित पाठ्यक्रम में अभ्यर्थियों को दाखिला दिया गया। नए सत्र से सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रमों की फीस में काफी इजाफा हुआ था लेकिन उसका असर देखने को नहीं मिला। रेगुलर और सेल्फ फाइनेंस की सभी सीटें भर गई। प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों को भी निराश वापस लौटना पड़ा। बुधवार को बीएससी गणित के आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग होनी है। एससी, एसटी सामान्य और प्रतीक्षारत सूची में चयनित अभ्यर्थियों की प्रवेश काउंसिलिंग सुबह 12 बजे तक और उसके बाद ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाएगी। मुख्य प्रवेश समन्वयक प्रो.पद्मकान्त ने बताया कि आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को आय, जाति और आवास प्रमाण पत्रों की मूल प्रति प्रस्तुत करना होगा। ऐसा नहीं करने वालों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,6.7.11)।

लविवि में एमबीए के विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए हुई पहली काउंसिलिंग के बाद बची हुई सीटों के लिए दोबारा आवेदन मांगे गए हैं। प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थी लविवि की वेबसाइट डब्लूडब्लूडब्लू.एलकेओयूएनआईवी.एसी.इन पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। स्नातक स्तर पर 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले सामन्य और ओबीसी अभ्यर्थी आवेदन के योग्य माने जाएंगे। एससी और एसटी अभ्यर्थियों को आवेदन के लिए 45 प्रतिशत न्यूनतम अंक की बाध्यता रखी गई है। लखनऊ विश्र्वविद्यालय में 21 से 25 जून तक चली एमबीए काउंसिलिंग में कई पाठ्यक्रमों की सीटें आखिरी तक नहीं भर सकी थीं। इनमें एमबीए इन एग्री बिजनेस, एमबीए इन कार्पोरेट मैनेजमेंट, एमबीए इन एचआर/आइआर, एमबीए इन मैनेजमेंट साइंस, एमबीए इन रिटेल मैनेजमेंट और एमबीए इन रूरल डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट आदि पाठ्यक्रमों में आवेदन किया जा सकता है। प्रवेश संबंधी सारी जानकारियां लविवि की वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है। आवेदन की अंतिम तारीख 10 जुलाई है।

हिमाचलः5000 शिक्षकों के रेगुलर होने पर ख़तरा

Posted: 06 Jul 2011 09:43 AM PDT

शिक्षा विभाग में तैनात करीब 4825 ग्रामीण विद्या उपासकों के नियमितिकरण का मामला फिलहाल खटाई में पड़ गया है। इसमें 3500 प्राथमिक सहायक अध्यापक और 1325 ग्रामीण विद्या उपासक हैं।

इसका कारण भर्ती एवं पदोन्नति नियम के अंतर्गत जमा दो कक्षा में 50 फीसदी अंक की शर्त होना है। यह नियम उन शिक्षकों पर भी लागू होंगे, जिन्होंने स्नातक एवं स्नातकोत्तर सहित उच्च शिक्षा प्राप्त की हो। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने बजट भाषण में ग्रामीण विद्या उपासकों को नियमित करने की घोषणा की थी।

प्राथमिक सहायक अध्यापकों पर भी गिरेगी गाज


प्रदेश में कार्यरत करीब 3500 प्राथमिक सहायक अध्यापकों और 1325 ग्रामीण विद्या उपासकों के नियमितिकरण में भी जमा दो कक्षा में 50 फीसदी अंक की शर्त आड़े आएगी। ग्रामीण विद्या उपासकों के लिए यह शर्त लागू करने पर अब प्राथमिक सहायकों के नियमितिकरण के लिए भी इस पर अमल होगा।

कैबिनेट से मिल सकती है राहत

शिक्षा विभाग के भर्ती एवं पदोन्नति नियम भले ही इन शिक्षकों के नियमितिकरण में आड़े आ रहे हैं, कैबिनेट इन्हें राहत दे सकती है। इसके लिए सरकार को मामला कैबिनेट में ले जाना पड़ेगा, तभी शिक्षक नियमित हो पाएंगे। जिस समय ग्रामीण विद्या उपासकों की भर्ती हुई थी, उस समय इस तरह की शर्त नहीं थी।

ग्रामीण विद्या उपासक नाराज

ग्रामीण विद्या उपासकों ने अपने नियमितिकरण में जमा दो की शर्त आड़े आते देख दस जुलाई को मंडी में प्रदेश कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई है। बैठक में भर्ती एवं पदोन्नति नियम बदलने की वकालत की जाएगी। प्रदेशाध्यक्ष हेमराज ठाकुर ने इस निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा की है और नियम न पलटने पर आंदोलन की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि भर्ती के समय जो नियम बने होते हैं, उसे ही लागू किया जाना चाहिए। बाद में इस तरह की शर्त थोपना गलत है।

क्या कहते हैं एलिमेंटरी निदेशक

एलिमेंटरी शिक्षा विभाग के निदेशक राजीव शर्मा का कहना है कि भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में इस तरह की शर्त है। ऐसे में जमा दो में 50 फीसदी अंक न होने से शिक्षक का नियमित होना संभव नहीं है(कुलदीप शर्मा,दैनिक भास्कर,शिमला,6.7.11)।

एमटीयू ने घोषित किया तीन पाठ्यक्रमों का परिणाम

Posted: 06 Jul 2011 09:39 AM PDT

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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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