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Saturday, July 16, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/7/16
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


आईपी में बीटेक की हर सीट के लिए टफ फाइट

Posted: 15 Jul 2011 05:50 AM PDT

गुरु गोविंद सिंह इंदप्रस्थ (आईपी) यूनिवर्सिटी में बीटेक की हर एक सीट के लिए कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है। इस बार भी बीटेक की काउंसलिंग में देरी हो रही है और स्टूडेंट्स बेसब्री से एडमिशन प्रोसेस शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। यूनिवसिर्टी के मुताबिक, एआईसीटीई से सीटों को लेकर जरूरी दिशा-निदेर्श आने में हो रही देरी की वजह से अब तक काउंसलिंग शुरू नहीं हो पाई है। लेकिन जल्द ही एडमिशन प्रोसेस शुरू हो जाएगा और यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर काउंसलिंग शेड्यूल की जानकारी दी जाएगी।

यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. दिलीप के. बंदोपाध्याय इस मसले पर कई बार एआईसीटीई अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन फिर भी यूनिवसिर्टी को सीटों की संख्या के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है। यूनिवसिर्टी के जॉइंट रजिस्ट्रार नितिन मलिक ने बताया कि गुरुवार को भी रजिस्ट्रार की ओर से एआईसीटीई को लेटर लिखा गया है, जिसमें काउंसलिंग में हो रही देरी का मुद्दा उठाया गया है।


आईपी यूनिवर्सिटी में बीटेक कोर्स 12 स्ट्रीम में है। यह कोर्स यूनिवसिर्टी स्कूल के अलावा सरकारी इंस्टिट्यूशन और सेल्फ फाइनैंसिंग इंस्टिट्यूशन में भी पढ़ाया जाता है। इस बार सीटों की संख्या में इजाफा भी हो सकता है। पिछले साल 5230 सीटों पर एडमिशन हुआ था और इस बार सीटों की संख्या बढ़कर 5,700 तक हो सकती है।
खास बात यह है कि बीटेक ऐसा कोर्स है, जिसमें सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स अप्लाई करते हैं। इस बार भी 62,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने इस कोर्स के लिए अप्लाई किया है। बीटेक के अलावा यहां बैचलर ऑफ आकिर्टेक्चर (बी. आर्क) कोर्स में भी स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाता है। बीटेक की बढ़ती डिमांड का एक कारण प्लेसमेंट भी है। 

यूनिवर्सिटी का कहना है कि बीटेक करने के बाद स्टूडेंट्स के पास प्लेसमेंट के बेहतर मौके होते हैं और कंपनियां स्टूडेंट्स के सिलेक्शन के लिए कैंपस में आ रही हैं। पिछले साल दिल्ली जनरल कैटिगरी में 13,739 तक रैंक लाने वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन का चांस मिला था, वहीं दिल्ली एससी कैटिगरी में 49,329 तक रैंक पर स्टूडेंट्स के लिए सीट ऑफ हुई थी। 

किन - किन स्ट्रीम में है बीटेक कोर्स 

आईपी यूनिवसिर्टी में बीटेक कोर्स 12 स्ट्रीम में है। इनमें बॉयोटेक्नॉलजी (बीटी), केमिकल इंजीनियरिंग (सीई), कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसई), सिविल इंजीनियरिंग (सीवीई), इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग (ईसीई), इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (ईईई), एनवायरनमेंट इंजीनियरिंग (ईएनई), इंस्ट्रूमेनटेशन एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग (आईसीई), इंफमेर्शन टेक्नॉलजी (आईटी), मैकेनिकल एंड ऑटोमेशन इंजीनियरिंग (एमएई), पॉवर इंजीनियरिंग (पीई), टूल इंजीनियरिंग (टीई)। इसके अलावा यहां बैचलर ऑफ आकिर्टेक्चर (बी. आर्क) का कोर्स भी होता है। 

लास्ट ईयर किस रैंक तक हुए थे एडमिशन 

पिछले साल दिल्ली जनरल कैटिगरी में 13739 तक रैंक लाने वालों को बी.टेक कोर्स में एडमिशन का चांस मिला था। यूनिवसिर्टी स्कूल ऑफ केमिकल टेक्नॉलजी में केमिकल इंजीनियरिंग के लिए दिल्ली जनरल की लास्ट रैंक 3472 तक गई थी। यूनिवसिर्टी स्कूल आफ इंफमेर्शन टेक्नॉलजी में इंफमेर्शन टेक्नॉलजी कोर्स के लिए दिल्ली जनरल की लास्ट रैंक 631 गई थी। वहीं कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की लास्ट रैंक यूनिवसिर्टी स्कूल में दिल्ली जनरल के लिए 334 थी। आंबेडकर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की दिल्ली जनरल में लास्ट रैंक 2916 थी, जबकि यहां ओबीसी के लिए लास्ट रैंक 6037 थी। ऐमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलजी में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग कोर्स में दिल्ली जनरल कैटिगरी में 8848 रैंक पर एडमिशन क्लोज हुए थे। महाराजा अग्रसेन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में आईटी में जनरल कैटिगरी की लास्ट रैंक 3,462 थी। 

कहां- कहां है बीटेक कोर्स 

सरकारी इंस्टिट्यूट 

बीटेक कोर्स सरकारी और सेल्फ फाइनेंसिंग दोनों तरह के इंस्टिट्यूट में है। कैंपस में यूनिवसिर्टी स्कूल ऑफ केमिकल टेक्नॉलजी, यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ इंफमेर्शन टेक्नॉलजी और इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (गर्ल्स के लिए) में यह कोर्स है। इसके अलावा तीन दूसरे सरकारी इंस्टिट्यूट में भी यह कोर्स चलाया जाता है, जिनमें आंबेडकर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, जीबी पंत गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज और गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, जाफरपुर शामिल हैं। 

दूसरे इंस्टिट्यूट्स 

दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ टूल इंजीनियरिंग- ओखला इंडस्ट्रियल एरिया फेज दो, नैशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट- बाबरपुर, अंसल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी- गुड़गांव, एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलजी- बिजवासन, भगवान परशुराम इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी- रोहिणी, भारती विद्यापीठ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग- पश्चिम विहार, गुर प्रेमसुख मेमोरियल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग- जीटी करनाल रोड, गुरु तेग बहादुर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी- राजौरी गार्डन, एचएमआर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी एंड मैनेजमेंट- हमीदपुर, महाराजा अग्रसेन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी- रोहिणी, महाराज सूरजमल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी- जनकपुरी और नॉर्दन इंडिया इंजीनियरिंग कॉलेज- शास्त्री पार्क(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,15.7.11)। 

राजस्थान की मातृभाषा जानने आएगा भाषा विभाग का दल

Posted: 15 Jul 2011 05:30 AM PDT

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (2007-2012) के तहत राज्य के आधा दर्जन से अधिक जिलों में बोली जाने वाली मातृभाषाओं का अध्ययन करने कोलकाता के भाषा विभाग (भारत के महारजिस्ट्रार का कार्यालय) का दल आ रहा है। गृह मंत्रालय के अधीनस्थ जनगणना कार्य निदेशालय दल की मॉनिटरिंग कर रहा है। दल में शामिल पांच सदस्य चुनिन्दा जिलों में घूमकर वहां चिह्नित किसी एक इलाके में बोली जाने वाली क्षेत्रीय भाषा का अध्ययन करेंगे। इस दौरान दल के सदस्य भाषा सम्बंधी आंकड़े और अन्य जरूरी दस्तावेज एकत्र करेंगे।
ऎसे होगा अध्ययन
दल की सदस्य श्रीमती तुलतुल तालुकदार को श्रीगंगानगर, चित्तौड़गढ़ व अलवर जिले का जिम्मा मिला है। वे श्रीगंगानगर के 17 केएसडी में अरहोड़ी, चित्तौड़गढ़ के झारझूनी, दीपपुरा व जालमपुरा में कुण्डल तथा अलवर जिले के तिलवाड़ में बोली जाने वाली उडई भाषा का अध्ययन करेंगी। दूसरे दल की सदस्य श्रीमती अर्पिता रे जयपुर म्युनिसिपन कॉरपोरेशन क्षेत्र में बेंधारी व मलयामी, टौंक के लाम्बा व शंकरवाड़ा में डेगल, बून्दी के फतहपुरा व देवगढ़ में उपरमाल, भगवानपुरा व चैनपुरिया में जूबॉय व झाबुई भाषा के हाल जानेंगी।

तीसरी सदस्य श्रीमती अमृता विश्वास भरतपुर में गुरूशारी, उदयपुर के साराड़ी, खारका, उथरड़ा व जेतपुरा में मावली, बीकानेर के 1 एएलएम (एल्डिन) में सेतरा, झालावाड़ के रामपुरा में सोदारी तथा सीकर के रींगस में तिरूलिया भाषा का अध्ययन करेंगी। चौथी सदस्य बसुधा दास चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा में मालूडी, अलवर के खैरथल में प्यापीमेनार्यु, श्रीगंगानगर के 1 एमएलके-सी में सराधिया भाषा के हाल जानेंगी। पांचवीं सदस्य झूमा घोष अलवर के मूसा खेड़ा में ग्वारकी तथा श्रीगंगानगर के 6 ईईए में ओल भाषा का अध्ययन करेंगी।
प्रशासन संभालेगा जिम्मा
दलों के सम्बन्धित जिलों में पहुंचने के बाद वहां का स्थानीय प्रशासन दल के सदस्यों को पूरी मदद करेगा। जनगणना कार्य निदेशालय ने सम्बन्धित जिलों के प्रशासन को इसकी ताकीद की है। दल के सदस्यों को चिह्नित क्षेत्रों की पहचान करवाने के अलावा जरूरी आंकड़े संग्रहित करने में भी प्रशासन को मदद करने के निर्देश दिए गए हैं(राजस्थान पत्रिका,बीकानेर,15.7.11)।

लखनऊ विविःऑन लाइन भरे जाएंगे बैक पेपर परीक्षा के फार्म

Posted: 15 Jul 2011 05:10 AM PDT

लखनऊ विविद्यालय में ऑन लाइन परीक्षा फार्म भरने की शुरुआत बैक पेपर परीक्षा के फार्म से कर दी जाएगी। इसके लिए महाविद्यालयों को पहले ही कोड आवंटित किये जा चुके हैं। छात्रों को ऑन लाइन परीक्षा फार्म भरने के बाद फीस जमा करनी होगी। फार्म का प्रिंट डाउनलोड करने के बाद महाविद्यालय में तो हार्ड कापी को जमा करना होगा, लेकिन डिग्री कालेजों से परीक्षा फार्म के ब्योरा साफ्ट कापी यानी सीडी वगैरह में आएंगे और फीस सीधे विविद्यालय के खाते में जमा करानी होगी। विविद्यालय के परीक्षा विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि मुख्य परीक्षाओं के पूर्व परीक्षा विभाग पूरी तरह ऑन लाइन कर दिया गया है। इसकी शुरुआत बैक पेपर परीक्षा फार्म के ऑन लाइन लेने से की गयी है। उन्होंने बताया कि इसके बाद छात्रों को प्रवेशपत्र जारी करने सहित कई अन्य कामों में विविद्यालय को सहूलियत मिलेगी और पूरा डाटा ऑन लाइन मुहैया रहेगा(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,15.7.11)।

राजस्थान में इंजीनियरिंग काउंसिलिंगः45 प्रतिशत वाले शामिल होंगे

Posted: 15 Jul 2011 04:50 AM PDT

राजस्थान तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने गुरूवार को इंजीनियरिंग प्रवेश प्रक्रिया की काउंसलिंग के लिए सूचना जारी कर दी। सूचना के अनुसार काउंसलिंग में 12वीं कक्षा में 45 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे। प्रदेश के अनुसूचित जाति, जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 40 प्रतिशत अंकों की पात्रता रखी गई है।
परिणाम के करीब एक माह बाद जारी हुई काउंसलिंग की सूचना के साथ ही प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों और प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों ने राहत की सांस ली है। काउंसलिंग के फार्म 30 जुलाई तक निर्धारित नोडल केद्रों पर जमा करवाए जा सकेंगे। करीब एक माह बाद काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होने के चलते परिणाम जल्दी देने का कोई मतलब नहीं रह गया।
यही नहीं गुरूवार शाम तक आरपीईटी की वेबसाइट पर सीट मैट्रिक्स नहीं डाली गई। यहां 15 जुलाई को सीट मैट्रिक्स अपलोड करने की जानकारी दी गई है। हाड़ौती में ऑप्शन फार्म जमा करवाने के लिए राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज कोटा नोडल केन्द्र बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं होने की स्थिति में इंजीनियरिंग कॉलेजों के संचालक और विद्यार्थी परेशान थे। विद्यार्थी काउंसलिंग का इंतजार कर रहे थे तो कॉलेज संचालक सत्र शुरू करने के लिए तैयारियां कर रहे थे। उधर तकनीकी शिक्षा निदेशालय एआईसीटीई से सीट मैट्रिक्स उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में काउंसलिंग शुरू नहीं कर रहा था।

उधर,प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश को आयोजित राजस्थान प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट (आरपीईटी)की काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए प्राविधिक शिक्षा मण्डल ने विकल्प फॉर्म (आवेदन) भरने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विकल्प फॉर्म जमा कराने की अंतिम तिथि 30 जुलाई है।
नोडल केन्द्रों पर जमा होंगे
आरपीईटी परीक्षा के दिन उपलब्ध कराए गए विकल्प ü(ऑप्शन) फॉर्म नोडल केन्द्रों पर सुबह 10 से सायं 5 बजे तक जमा होंगेकराए जा सकते हैं। फॉर्म के साथ दस हजार रूपए का चालान जमा कराना होगा। अभ्यर्थी चालान विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
कहां है नोडल केन्द्र
राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय अजमेर, अलवर, भरतपुर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, बाड़मेर, जोधपुर, कोटा, पाली, सवाईमाधोपुर, श्रीगंगानगर, सिरोही, चूरू, सीकर, राजकीय खेतान पॉलिटेक्निक जयपुर, विद्याभवन पॉलिटेक्निक उदयपुर, बिड़ला टेक्निकल इंस्टीटयूट पिलानी एवं राजकीय महिला पॉलिटेक्निकजयपुर तथा उदयपुर।
18 से मिलेंगे डुप्लीकेट ऑप्शन फॉर्म
आरपीईटी सह-समन्यवक एम.आर.पुरोहित ने बताया कि जिन अभ्यर्थियों के ऑप्शन फॉर्म

खो गए या खराब हो गए तो वे डुप्लीकेट फार्म नोडल केन्द्रों से 200 रूपए का भुगतान करके प्राप्त कर सकते हैं। नोडल केन्द्रों से ये विकल्प पत्र 18 जुलाई से मिलना शुरू होंगे।
उदयपुर डेयरी कॉलेज में नहीं
उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के अंतर्गत संचालित डेयरी एंड फूड साइंस टेक्नोलॉजी में प्रवेश आरपीईटी के माध्यम से नहीं होंगे। इस बार से डेयरी कॉलेज ने अपने स्तर पर परीक्षा कराने का निर्णय किया है।
सीटों की संख्या देखकर भरें विकल्प
पुरोहिन ने बताया कि अभ्यर्थियों को ऑप्शन फॉर्म भरने में जल्दबाजी नहीं करते हुए , सीटों के वेटेज के आधार पर भरने चाहिए। इससे उन्हें आगे प्रवेश में परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
एआईसीटीई से नहीं मिली सूची
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से इंजीनियरिंग कॉलेजों की सीटों का निर्धारण अभी तक नहीं हो पाया है। इस वजह से शिक्षा सत्र 2011-12 में कितने महाविद्यालय होंगे और कौनसी ब्रांच संचालित होगी इसकी सही तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो पाई है।
(राजस्थान पत्रिका,कोटा-जोधपुर,15.7.11)।

नोएडाःगलगोटिया विवि का पहला सत्र 18 अगस्त से

Posted: 15 Jul 2011 04:30 AM PDT

गलगोटियाज यूनिवर्सिटी का पहला सत्र 18 अगस्त से शुरू होगा। विविद्यालय ने प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों की दूसर लिस्ट जारी कर दी है। इस सूची के अभ्यर्थियों की प्रवेश प्रक्रिया 18 जुलाई तक चलेगी। विविद्यालय में 90 फीसद से अधिक अंक पाने वाले छात्रों को प्रथम सूची में प्रवेश मिल चुका है। यहां स्थित गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के सीईओ ध्रुव गलगोटिया ने बताया कि विविद्यालय ने प्रवेश की पहली मेरिट लिस्ट 30 मई को जारी की थी। इसमें कुल 2720 अभ्यर्थियों के नाम शामिल थे। इसके बाद दूसरी सूची गत 11 जुलाई को जारी की गई है जिसमें कुल 520 अभ्यर्थी शामिल हैं(राष्ट्रीय सहारा,ग्रेटर नोएडा,15.7.11)।

राजस्थानःटेट की जानकारी आज से नेट पर

Posted: 15 Jul 2011 04:10 AM PDT

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) से संबंधित जानकारियां वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जाएंगी। अभ्यर्थी 23 जुलाई से अपना प्रवेश-पत्र डाउनलोड कर सकेंगे।
बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि अभ्यर्थी का नाम, रोल नम्बर सहित अन्य जानकारियां शुक्रवार सुबह 9 बजे बाद से वेबसाइट पर मिल जाएंगी। अभ्यर्थी आवेदन-पत्र में अंकित मोबाइल नम्बर व नाम फीड कर जानकारी ले सकते हैं। टेट की वेबसाइट http://rtet2011.com/ है।

डीटीयू : दिल्ली के विद्यार्थियों का रैंक 12904 तक जाने की संभावना

Posted: 15 Jul 2011 03:50 AM PDT

दिल्ली प्रौद्योगिकी विविद्यालय (डीटीयू) के बीटेक पाठय़क्रमों में दाखिले की दूसरी सूची में दिल्ली के विद्यार्थियों का रैंक 12904 तक जाने की संभावना है, जबकि दिल्ली के बाहर के विद्यार्थियों का रैंक 3281 तक जाने की संभाना जताई गई है। यदि आप इन रैंकों के भीतर हैं तो आपकी लॉटरी लगने की संभावना है। दूसरी दाखिला सूची शुक्रवार को घोषित की जाएगी। विविद्यालय द्वारा बीटेक पाठय़क्रमों में दाखिले ऑनलाइन काउंसलिंग के आधार पर किए जा रहे हैं। । दाखिले एआईईईई-11 के रैंक के आधार पर किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि विविद्यालय द्वारा बीटेक के पाठयक्रमों में दाखिले के लिए 1218 सीटों के लिए आवेदन मंगाए गए थे। इन सीटों में 85 फीसद सीटें दिल्ली के विद्यार्थियों और 15 फीसद सीटें दिल्ली से बाहर के विद्यार्थियों के लिए रखीं गई हैं। पहली दाखिला सूची घोषित होने के बाद 673 सीटों पर दाखिले हो गए हैं, अब बाकी बची 545 सीटों पर दाखिले होंगे। डीटीयू के प्रवक्ता डॉ विवेक त्रिपाठी के मुताबिक विविद्यालय के बीटेक पाठय़क्रमों में दूसरी दाखिला सूची शुक्रवार दोपहर जारी की जाएगी। डीटीयू द्वारा ऑनलाइन काउंसलिंग से बीटेक में विद्यार्थियों का चयन किया जा रहा है। बीटेक एडमिशन कमेटी के चेयरमैन डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि पहली दाखिला सूची से 9904 रैंक तक वालों को दाखिला मिला, जबकि दिल्ली से बाहर के विद्यार्थियों का आखिरी रैंक 3000 था। दूसरी दाखिला सूची में दिल्ली के विद्यार्थियों का रैंक 12904 तक जाने की संभावना है। डॉ वर्मा ने बताया कि दिल्ली के बाहर की 15 फीसद सीटों के लिए एआईईईई के हाई रैंक के विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,15.7.11)।

उत्तराखंड के बीएड कालेजों की होगी जांच

Posted: 15 Jul 2011 03:30 AM PDT

राज्य में मानकों को ताक पर रखकर चलाए जा रहे बीएड कालेजों की मुश्किल बढ़ने वाली है। नेशनल काउंसिल फोर टीचिंग एजुकेशन (एनसीटीई) की ओर से सभी कालेजों को मानकों को पूरा करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कालेजों को एनसीटीई की ओर से दिए गए मेंडेटरी डिक्लेरेशन फार्मेट को भरना होगा। इसके बाद एनसीटीई की कमेटी फार्म में दी जानकारी की जांच करेगी। कालेजों की जांच यहीं खत्म नहीं होगी। जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित कमेटी भी इन कालेजों की जांच करेगी।

राज्य गठन के बाद प्रदेश में साल दर साल बीएड कालेजों की संख्या में इजाफा होता गया। अभी गढ़वाल, कुमाऊं और उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्ध 65 से ज्यादा कालेज हैं। लेकिन इनमें से कई कालेज ऐसे हैं, जिनमें मानकों का पालन नहीं किया गया है। कालेजों में शिक्षकों की संख्या, इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों की सेलरी आदि मानक पूरे नहीं किए जा रहे। कुछ ऐसे ही मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के दो सौ से ज्यादा बीएड कालेजों की मान्यता समाप्त कर दी थी। उसके बाद देश के तमाम बीएड कालेजों के मानकों की जांच के लिए एक कमेटी बना दी गई है। फिलहाल चार-पांच वर्ष पुराने बीएड कालेजों को एनसीटीई से मेंडेटरी डिक्लेरेशन फार्मेट भरने का निर्देश जारी किया गया है। इसके बाद एनसीटीई की कमेटी जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी भी कालेजों की जांच करेगी। इसके बाद कालेजों की मान्यता पर विचार किया जाएगा।
एनसीटीई की ओर से सभी बीएड कालेजों को निर्देश प्राप्त हुआ है। इसके अलावा तीन वर्ष पुराने बीएड कालेजों के मानकों का सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित कमेटी जांच करेगी।
सुनील अग्रवाल, सचिव, सेल्फ फाइनेंस्ड बीएड कालेज एसोसिएशन 

ये जानकारी देनी होगी
इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी, फैकल्टी की सैलरी, शैक्षिक योग्यता, कितने सेमिनार अटेंड किए, लैब समेत अन्य सुविधाओं की जानकारी देनी है।

सेल्फ फाइनेंस्ड सरकारी बीएड कालेज बदहाल 
देहरादून। बीएड कालेज में प्रत्येक सौ छात्रों पर एक प्रधानाचार्य और सात शिक्षक होने अनिवार्य हैं, लेकिन प्राइवेट ही नहीं, बल्कि सेल्फ फाइनेंस्ड सरकारी बीएड कालेजों में भी हाल बुरा है। कई कालेजों में मानक के अनुरूप शिक्षक नहीं हैं। कहीं चार तो कहीं पांच शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है। कांट्रेक्ट पर नियुक्त शिक्षकों से भी अध्यापन कार्य कराया जा रहा है(अमर उजाला,देहरादून,15.7.11)।

डीयूःनॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट नहीं तो दाखिला नहीं

Posted: 15 Jul 2011 03:10 AM PDT

डीयू के कॉलेजों में दाखिले के लिए बिना नॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट के पहुंच रहे ओबीसी छात्रों को बैरंग लौटना पड़ रहा है। इसके अलावा कई विद्यार्थी पुराने ओबीसी सर्टिफिकेट के साथ पहुंच रहे हैं, उन्हें भी कॉलेज वापस लौटा रहा है। दक्षिण भारत के विद्यार्थियों के प्रमाणपत्रों में जाति को लेकर भी भ्रम की स्थिति देखी जा रही है। दरअसल, इनके सर्टिफिकेट पर दक्षिणी भारतीय लहजे में जाति लिखी हुई है। इस कारण इन विद्यार्थियों को राष्ट्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग कार्यालय से स्पष्टीकरण लाने को कहा जा रहा है। उधर, ओबीसी की छठी कट ऑफ सूची के बेस पर शुक्रवार से कॉलेजों में दाखिले शुरू होंगे। गौरतलब है कि डीयू के कॉलेजों में छूट का लाभ उठाने के लिए ओबीसी छात्रों के लिए नॉन क्रीमी लेयर का सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी है। डीयू के डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. दिनेश वाष्ण्रेय ने बताया कि रोजाना ऐसे 40-50 विद्यार्थी कॉलेजों में दाखिले के लिए पहुंच रहे हैं, जिनके पास ओबीसी का प्रमाणपत्र तो है, लेकिन वह पुराने हैं और उन पर नॉन क्रीमी लेयर और आय नहीं लिखा हुआ है। उन्होंने कहा कि ओबीसी के प्रमाणपत्र में नॉन क्रीमी लेयर और आय 4.50 लाख रुपये सालाना से कम लिखा होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कई ऐसे विद्यार्थी भी हैं, जो दक्षिण भारत के हैं और जिनकी जाति ओबीसी प्रमाणपत्र में दक्षिण भारतीय लहजे में लिखी हैं। मसलन, कई विद्यार्थी ऐसे मिले हैं, जिनकी जाति यादव की जगह यादवा लिखी हुई है। इस कारण कॉलेजों में जाति प्रमाणपत्र को लेकर भ्रम पैदा हो रहा है(राकेश नाथ,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,15.7.11)।

टॉपर्स ने किया लखनऊ विवि से किनारा

Posted: 15 Jul 2011 02:50 AM PDT

लखनऊ विश्वविद्यालय से टॉपर्स ने किनारा कस लिया है। इस सच को स्नातक कक्षाओं की प्रवेश प्रक्रिया के आंकड़े बयां कर रहे हैं। बीसीए को छोड़कर कोई भी कोर्स ऐसा नहीं है, जिसमें टॉप रैंक के अभ्यर्थी ने एडमिशन लिया हो। टॉपर्स ने दूसरे विश्वविद्यालय या संस्थान को ही तरजीह देना उचित समझा है।
लविवि में स्नातक कक्षाओं के लिए दाखिले की प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू हुई थी, जो शुक्रवार तक पूरी हो जाएगी। प्रवेश प्रक्रिया से जुड़े लोगों ने कोर्सवार एडमिशन के आंकड़ों का जो एनालसिस किया उसके हिसाब से इक्का-दुक्का विषयों में ही टॉपर्स लविवि में रुक सके हैं। बीबीए में ओपन कैटेगरी में टॉप 7 रैंक के अभ्यर्थियों ने एडमिशन नहीं लिया है। दाखिले की शुरुआत यहां आठवीं रैंक से हुई है। बीबीए टूरिज्म में मेरिट में पांचवीं रैंक वाला बच्चा लविवि में रुका जरूर है लेकिन उसके कुल 77.4 फीसदी अंक है। लविवि में बीसीए में मेरिट में 1 रैंक पाने वाले अभ्यर्थी ने प्रवेश लिया है। साइंस फैकल्टी को भले ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सर्वे में 21वां स्थान मिला हो लेकिन बीएससी मैथ्स एवं बायो में टॉप 9 रैंक के अभ्यर्थी नहीं रुक सके हैं। दोनों में ही पहला एडमिशन 10वीं रैंक वाले अभ्यर्थी ने लिया है। क्रेज के बावजूद बीकॉम में भी मेरिट लिस्ट के टॉपर की प्राथमिकता में लविवि नहीं रहा है। सेकंड रैंक वाले अभ्यर्थी ने यहां जरूर दाखिला लिया है। बीकॉम ऑनर्स में भी दूसरी एवं लॉ ऑनर्स में आठवीं रैंक से एडमिशन का खाता खुला है जबकि बीए में 10वीं रैंक वाले ने लविवि को चुना है। हालांकि लविवि प्रवक्ता प्रो. एसके द्विवेदी कहते हैं कि पहली और दूसरी रैंक वाले अभ्यर्थियों का लविवि में नही रुकने का मतलब यह नहीं कि हमारा आकर्षण घटा है। छात्र अनेक सुविधाएं एवं जरूरतों को देखकर एडमिशन लेते हैं। अच्छी मेरिट वाले बहुत से विद्यार्थियों ने हमारे यहां प्रवेश लिया है और इसका हमें सुकून भी है(अमर उजाला,लखनऊ,15.7.11)।

गढ़वाल विश्वविद्यालय:25 तक जमा होंगे बीएड फार्म

Posted: 15 Jul 2011 02:50 AM PDT

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय ने बीएड प्रवेश परीक्षा फार्म जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। स्पीड पोस्ट के जरिये या विवि में खुद फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 20 जुलाई से बढ़ाकर 25 जुलाई कर दिया गया है। अमर उजाला में 12 जुलाई को दून स्थित जीपीओ में देर से फार्म बिक्री शुरू होने की खबर के बाद विश्वविद्यालय ने यह फैसला लिया है।
फार्म 30 जून से मिलने शुरू होने चाहिए थे, लेकिन विवि और डाक विभाग के बीच तालमेल के अभाव से ये करीब आठ दिन बाद शनिवार को जीपीओ देहरादून पहुंचे। विधिवत रूप से फार्मों की बिक्री सोमवार से शुरू हुई। इसे लेकर कई आवेदक समय पर फार्मों के विवि पहुंचने को लेकर आशंकित थे। ऐसी ही देरी की वजह से पूर्व में पंतनगर विश्वविद्यालय ने पीएमटी के 500 से ज्यादा फार्म वापस कर दिए थे।

याद रहे कि गढ़वाल केंद्रीय विवि का बीएड सत्र डेढ़ वर्ष पीछे चल रहा है। सत्र 2010-11 के बीएड प्रवेश फार्म आजकल भरे जा रहे हैं। तीस जून प्रवेश फार्म बिकने की तिथि विवि द्वारा घोषित की गई थी, लेकिन प्रशासनिक भवन में ही पहली जुलाई से फार्म की बिक्री शुरू हो पाई। श्रीनगर डाकघर में चार जुलाई और देहरादून जीपीओ में 11 जुलाई से छात्रों को फार्म उपलब्ध हो पाए। कुलसचिव डा. यूएस रावत और ओएसडी परीक्षा ने यह मामला संज्ञान में आने के बाद कुलपति से फोन पर वार्ता कर फार्म जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाने की आवश्यकता जताई। कुलपति की स्वीकृति मिलने पर फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई निर्धारित की गई है। 
अमर उजाला ने जीपीओ दून में देर से फार्म पहुंचने संबंधी जानकारी दी थी। इस संबंध में फार्मों के वितरण के लिए बनाई गई नोडल एजेंसी पौड़ी डाकघर से भी जानकारी ली गई। इसके बाद फार्म जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 25 जुलाई कर दिया गया है। 25 जुलाई के बाद किसी भी हालत में फार्म जमा नहीं किया जाएगा।
प्रो. एलजे सिंह, परीक्षा नियंत्रक, गढ़वाल विश्वविद्यालय
(अमर उजाला,देहरादून,15.7.11)

डीयूःखालसा कॉलेज में हुए दाखिलों की जांच की मांग

Posted: 15 Jul 2011 02:30 AM PDT

केंद्रीय गुरु सिंह सभा (रजि.) के प्रधान एवं मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव तरविन्दर सिंह मारवाह ने खालसा कालेज के दाखिलों में धांधली किए जाने का आरोप दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर लगाया है और दाखिलों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। तरविन्दर सिंह मारवाह के अनुसार दिल्ली सिक्ख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधीन चल रहे कालेजों में दाखिले की प्रक्रिया में शिक्षा विभाग के नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है और सिक्खों व अन्य समुदाय के लोगों द्वारा उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि खालसा कालेजों में दलालों द्वारा मोटी रकम वसूल कर कम अंक पाने वाले विद्यार्थियों को दाखिले दिए जा रहे हैं, जबकि ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले हजारो होनहार विद्यार्थियों को इन कालेजों में दाखिला लेने से वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने कहा है कि जांच के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि विद्यार्थियों से एडमिश्न लेने दौरान कोई भेदभाव तो नहीं किया गया है। इसलिए बेहद जरूरी है कि जांच करवाई जाए(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,15.7.11)।

यूपीपीसीएस-प्री परिणाम पर आयोग से जवाब-तलब

Posted: 15 Jul 2011 02:10 AM PDT

हाईकोर्ट ने पीसीएस-प्री परीक्षा के संशोधित परिणाम और पूर्व में घोषित परिणाम पर लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश से जवाब मांगा है। न्यायालय ने आयोग से परीक्षा परिणाम से संबंधित सभी रिकार्ड भी तलब किए हैं। मामले की सुनवाई के लिए 20 जुलाई की तिथि नियत की है। याचियों की ओर से अधिवक्ता अनिल तिवारी और अनिल सिंह बिसेन ने पक्ष रखा। सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति रणविजय सिंह की खंडपीठ ने आयोग से यह बताने को कहा है कि परीक्षा परिणाम घोषित करने और मेरिट बनाने का क्या आधार है।
पीसीएस प्री परीक्षा का परिणाम पहली बार एक जून को घोषित किया गया। कुछ अभ्यर्थियों ने इसे यह कहते हुए चुनौती दी कि परीक्षा में पूछे गए कई प्रश्नों के उत्तर गलत थे। इसकी वजह से तमाम अभ्यर्थी असफल हो गए। इस बीच आयोग ने भूल सुधार करते हुए छह जुलाई को संशोधित परिणाम जारी कर दिया। संशोधित परिणाम में पूर्व में सफल घोषित 109 अभ्यर्थी असफल करार दे दिए गए। अब इन असफल अभ्यर्थियों ने संशोधित परिणाम को याचिका के माध्यम से चुनौती दी है। बृहस्पतिवार को इन दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की गई। 20 जुलाई को इस मामले में फैसला होने की संभावना है(अमर उजाला,इलाहाबाद,15.7.11)।

आईपी : विदेशियों की काउंसलिंग आज से

Posted: 15 Jul 2011 01:50 AM PDT

गुरु गोविंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विविद्यालय में विदेशी कोटे के विद्यार्थियों की शुक्रवार से काउंसलिंग के साथ ही दाखिले भी शुरू हो जाएंगे। शैक्षणिक सत्र 2011-12 के लिए कुल 13 पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए विवि के द्वारका कैम्पस में काउंसलिंग होगी। शुक्रवार को आठ पाठय़क्रमों में दाखिले के लिए काउंसलिंग होगी और दाखिले की औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। काउंसलिंग व दाखिले के लिए विद्यार्थियों को अपने साथ सभी जरूरी दस्तावेजों की मूलप्रति और फोटोकॉपी दोनों लानी होगी। साथ ही अपनी पासपोर्ट साइज चार-पांच फोटो के लिए स्टूडेंट वीजा भी लाना होगा। विविद्यालय निदेशक (इंटरनेशनल अफेयर्स) डॉ अनु सिंह लैथर के अनुसार शुक्रवार को बीबीए की काउंसलिंग सुबह 10 बजे, बीएससी ऑनर्स नर्सिग व एमटेक (सीएसई) की सुबह 11बजे, एमएमसी की सुबह 11.30 बजे, एमसीए(एसई), बीबीएए लएलबी(एच), एमपीटी व एमएससी(फारेंसिक साइंस) की दोपहर 12.30 बजे काउंसलिंग होगी। इसी प्रकार, बीए-एलएलबी की 18 जुलाई को सुबह 10 बजे, बीसीए और बी आर्किटेक्चर की सुबह 11.30 बजे, बीटेक(सीएसई, आईटी, ईसीई, सिविल इंजीनियरिंग, एमईए व बीटी) की 19 जुलाई को सुबह 10 बजे और एमबीए की 20 जुलाई को सुबह 10 बजे काउंसलिंग होगी। डॉ. लैथर के अनुसार काउंसलिंग के लिए विद्यार्थियों को अपने साथ जन्मप्रमाण पत्र, 12वीं का अंक पत्र, करेक्टर सर्टिफिकेट की मूल कॉपी व छायाप्रति लानी होगी। इसके अलावा मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट, पासपोर्ट और स्टूडेंट वीजा भी साथ लाना होगा(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,15.7.11)।

दिल्ली नगर निगम स्कूलों में 1500 शिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र

Posted: 15 Jul 2011 01:30 AM PDT

नगर निगम को 1500 शिक्षकों की तत्काल जरूरत है। इसके लिए आगामी पंद्रह दिनों में नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू हो जायेगी। सभी शिक्षक अनुबन्ध पर रखे जायेंगे। खासबात यह है कि नये अध्यापकों की नियुक्ति 13,500 रुपये माहवार पर होगी। निगम के स्कूलों में अरसे से शिक्षकों की कमी महसूस की जा रही है। शिक्षा विभाग की मांग पर 1500 नये शिक्षकों की नियुक्ति की अनुमति मिल गयी है। नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ऑन लाइन फॉर्म जमा होंगे। निगम के अधिकारियों को मुताबिक नियुक्ति प्रक्रिया में इस बार थोड़ी तब्दीली की गई है। अभी तक अभ्यर्थी से केवल बारहवीं कक्षा के नंबरों को प्रमुखता दी जाती थी, लेकिन इस बार हाई स्कूल के नंबरों को भी जोड़ा जायेगा। निगम की शिक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ महेंद्र नागपाल ने बताया कि आगामी पंद्रह दिनों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि जल्द ही अनुबंध के शिक्षकों का वेतन 11 हजार से बढ़कर 13,500 रुपये माहवार हो जायेगा। नये वेतनमान पर स्थायी समिति की बैठक की मुहर लग चुकी है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,15.7.11)।

यूपीपीसीएस मुख्य परीक्षा एक अगस्त से

Posted: 15 Jul 2011 01:10 AM PDT

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आखिरकार परीक्षार्थियों की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए बृहस्पतिवार को पीसीएस मुख्य परीक्षा 2010 का कार्यक्रम जारी कर दिया। परीक्षार्थियों ने प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम और मुख्य परीक्षा के बीच कम से कम दो महीने के समय की मांग करते हुए आयोग में प्रत्यावेदन दिया है। पीसीएस मुख्य परीक्षा 2010 एक अगस्त से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगी। मुख्य परीक्षा के लिए इलाहाबाद, लखनऊ और गाजियाबाद में केन्द्र बनाए गए हैं।

आयोग की ओर से जारी परीक्षा कार्यक्रम में अपरिहार्य परिस्थितियों में कार्यक्रम में बदलाव की बात कही है। इससे स्पष्ट होता है कि आयोग हाईकोर्ट में प्रतियोगी छात्रों की ओर से दाखिल याचिका पर अंतिम निर्णय के बाद कार्यक्रम में बदलाव कर सकता है। छात्रों की ओर से दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट में 20 जुलाई को सुनवाई होगी। आयोग के सचिव की ओर से जारी कार्यक्रम में सूचना दी गई है कि अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र शीघ्र ही भेजे जाएंगे।
परीक्षा कार्यक्रम
तिथि -प्रश्नपत्र -विषय
एक अगस्त प्रथम सामान्य हिन्दी एक अगस्त द्वितीय निबंध
दो अगस्त प्रथम सामान्य अध्ययन
दो अगस्त द्वितीय सामान्य अध्ययन
चार अगस्त प्रथम इतिहास
चार अगस्त द्वितीय इतिहास
पांच अगस्त प्रथम समाज शास्त्र, समाज 
कार्य, नृविज्ञान
पांच अगस्त द्वितीय समाज शास्त्र, समाज 
कार्य, नृविज्ञान
छह अगस्त प्रथम राजनीति शास्त्र, लोक प्रशासन
छह अगस्त द्वितीय राजनीति शास्त्र, लोक प्रशासन
आठ अगस्त प्रथम दर्शन शास्त्र, केमेस्ट्री
आठ अगस्त द्वितीय दर्शन शास्त्र, केमेस्ट्री
नौ अगस्त प्रथम रक्षा अध्ययन, कामर्स, भू विज्ञान 
नौ अगस्त द्वितीय रक्षा अध्ययन, कामर्स, भू विज्ञान
10 अगस्त प्रथम भूगोल
10 अगस्त द्वितीय भूगोल
11अगस्त प्रथम अंग्रेजी, उर्दू, अरबी, हिन्दी, संस्कृत, 
फारसी
11अगस्त द्वितीय अंग्रेजी, उर्दू, अरबी, हिन्दी, संस्कृत, 
फारसी
12 अगस्त प्रथम भौतिकी, विधि,अर्थशास्त्र
12 अगस्त द्वितीय भौतिकी, विधि,अर्थशास्त्र
16 अगस्त प्रथम प्राणि विज्ञान,कृषि,मैनेजमेंट
16 अगस्त द्वितीय प्राणि विज्ञान,कृषि,मैनेजमेंट
17 अगस्त प्रथम गणित, बॉटनी, सांख्यिकी
17 अगस्त द्वितीय गणित, बॉटनी, सांख्यिकी
18 अगस्त प्रथम मनोविज्ञान,पशुपालन,
चिकित्सा विज्ञान
18 अगस्त द्वितीय मनोविज्ञान,पशुपालन,
चिकित्सा विज्ञान
19 अगस्त प्रथम सिविल, मैकेनिकल,इलेक्ट्रिकल, 
कृषि इंजीनियरिंग
19 अगस्त द्वितीय सिविल, मैकेनिकल,इलेक्ट्रिकल, 
कृषि इंजीनियरिंग(अमर उजाला,इलाहाबाद,15.7.11)

देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में लागू होगा पायलट प्रोजेक्ट

Posted: 15 Jul 2011 12:50 AM PDT

केंद्रीय विद्यालय संगठन देश में अपने सभी स्कूलों में टीचरों एवं छात्रों के हित के लिए नया प्रोजेक्ट अगले शैक्षणिक सत्र से लागू करने जा रहा है जिसमें कम समय में ज्यादा पढ़ाने की क्षमता होगी। यह प्रोजेक्ट होगा सतत बहुपाठ्यक्रम समीक्षा जिसे आज चंडीगढ़ एवं लखनऊ में औपचारिक रूप से शुरू किया।
इस प्रोजेक्ट को आज केंद्रीय विद्यालय संगठन के आयुक्त अविनाश दीक्षित ने यहां लांच किया। उन्होंने बताया कि केवी के सभी स्कूलों के टीचरों के सहयोग से इसे शुरू किया है और इससे हर विषय को रुचिपूर्ण बनाने के लिए टीचर अपने विचारों का आदान-प्रदान करने का मौका मिलेगा।
इस आटोमेशन साफ्टवेयर एवं इलेक्ट्रानिक कंपरीहेंशिप टीचिंग लर्निंग टूल की मदद से टीचरों को दिए गए अपने विषय के पाठ को छात्रों को सरल विधि से पढ़ाने की तकनीक से तैयार कर इसमें डालेगा, जिसे केवी के देशभर के संबंधित विषय के टीचर इस बारे अपने विचार रखेंगे कि जिन प्रश्रों को हल किया गया है क्या वह ठीक हैं या इसे किसी दूसरी विधि से भी हल किया जा सकता है। ऐसे टीचर अपने विचार लिखेंगे और अंत में सभी के विचारों में सबसे बेहतर होने पर इसे मुख्य पृष्ठï पर डाला जाएगा।
इस प्रकार सभी विषयों के पाठ तैयार किए जाएंगे। दीक्षित ने बताया कि ऐसा करने से टीचरों में विचारों को आदान-प्रदान करने का मौका मिलेगा और छात्रों को पढ़ाने के लिए एक समान विधि का प्रयोग होगा। इसके अलावा इससे बच्चे की अध्ययन करने की क्षमता और उनकी कमियों का आकलन कर टीचर उसे हल करने का प्रयास कर सकता है। उन्होंने बताया कि इसे देश के सभी केवी विद्यालयों में नये शैक्षणिक सत्र से लागू कर दिया जाएगा।

दीक्षित ने बताया कि केवी में टीचरों की नियुक्ति करते समय किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाता जिस कारण इन विद्यालयों का परिणाम आज दूसरे स्कूलों से बेहतर आता है। उन्होंने बताया कि यहां चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश के 68 स्कूलों के प्रिंसीपलों की तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन करने का उद्देश्य स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने पर विचार-विमर्श करना, शिक्षकों को नई तकनीक अपनाने के बारे में जानकारी देना है।
इस सम्मेलन में प्रिंसिपलों को बताया गया कि किस प्रकार वह इस नए प्रोजेक्ट में टीचरों को अपने टीचिंग के विषय के बारे में काम करना है। कैसे बच्चों का चहुंमुखी विकास किया जाए पर भी चर्चा की गई। इस अवसर पर केवी के चंडीगढ़ रीजन के सहायक आयुक्त एमएस चौहान ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का चंडीगढ़ व लखनऊ में प्रयोग किया जा रहा है लेकिन आज इसकी औपचारिक घोषणा की गई है। इस सीसीई साफ्टवेयर को केवी के चंडीगढ़, पंजाब व हरियाणा के टीचरों के सहयोग से तैयार किया गया है। इस साफ्टवेयर से छात्र का व्यवहार, खेलकूद में संलिप्तता, शैक्षणिक गतिविधियों में क्या उपलब्ध्यिां प्राप्त की, क्या नहीं के बारे में टीचर समय-समय पर समीक्षा कर इसे इस साफ्टवेयर में डालेंगे।
उन्होंने बताया कि इससे बच्चो को स्वयं की कमियों को दूर करने का मौका मिलेगा। इस साफ्टवेयर को बच्चों के अभिभावक भी घर में बैठकर इस बात की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे कि आज स्कूल में बच्चे को क्या पढ़ाया गया। एक क्लिक से बच्चा भी घर में बैठ कर संबंधित विषय के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है। वहीं स्कूल के प्रिंसीपलों को प्रत्येक कक्षा में जाकर यह देखने की जरूरत नहीं होगी कि कौन-सी टीचर कैसे पढ़ा रही है क्योंकि प्रिंसीपल अपने कक्ष में बैठ कर इसे देख सकते हैं और अपने विचार लिखकर उन्हें सूचित कर सकते हैं(दैनिक ट्रिब्यून,चंडीगढ़,15.7.11)।

हिमाचलःपढ़ाई की कीमत पर छात्रसंघ चुनाव नहीं,कॉलेजों में हिंसा पर हाईकोर्ट सख़्त

Posted: 15 Jul 2011 12:30 AM PDT

पढ़ाई प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए शिक्षा विभाग कॉलेजों में यूनिवर्सिटी से पहले छात्र संघ (एससीए) चुनाव करवाने पर अड़ गया है। विभाग का मानना है कि कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया 30 जून तक पूरी कर ली गई है। लिहाजा ऐसे में एक माह में चुनाव करवाए जाने चाहिए।

अगर ऐसा संभव नहीं है तो जुलाई के शुरू में यह प्रक्रिया हर हाल में पूरी की जाए। विभाग का कहना है कि प्रशासन यूनिवर्सिटी स्तर पर चुनाव करवा सकता है। शिक्षा विभाग कॉलेजों में चुनाव प्रक्रिया जल्द शुरू करने के लिए यूनिवर्सिटी को प्रस्ताव भेजेगा। साथ ही विभाग ने सरकार से भी आग्रह किया है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए। इस काम के लिए संयुक्तनिदेशक को जिम्मेदारी दी है।

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. ओपी शर्मा का कहना है कि इस बार रिजल्ट निकलने से पहले ही दाखिला कर लिया गया। इस बार साफ आदेश दिए गए थे कि छात्र 30 जून तक कॉलेज में प्रवेश ले लें ताकि 180 अध्यापन दिवस में बाधा न आए।


यदि चुनाव 15



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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