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Thursday, July 14, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/7/14
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


यूपी पॉलिटेक्निक काउंसिलिंगःसरकारी में केमिकल इंजीनियर बनने की होड़,निजी में छात्रों का टोटा

Posted: 13 Jul 2011 10:44 AM PDT

पिछले वर्ष सीतापुर के एक निजी पॉलीटेक्निक में मात्र दो छात्रों का ही प्रवेश हुआ था। 240 से अधिक क्षमता वाली इस पॉलीटेक्निक में इस वर्ष भी छात्र आएंगे कि नहीं इसे लेकर संशय बरकरार है। कुछ ऐसा ही हाल राजधानी समेत मिर्जापुर, आजमगढ़ व बलिया समेत कई जिलों के निजी पॉलीटेक्निकों का है। अब जबकि काउंसिलिंग शुरू हो गई है और वे एक बार फिर से छात्रों के इंतजार में संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से बीते वर्ष आयोजित हुई प्रवेश परीक्षा में दो लाख से अधिक अभ्यर्थी पास हुए थे इसके बावजूद प्रदेश के 134 निजी पॉलीटेक्निकों में से अधिकतर संस्थानों में सीटें खाली रह गई थीं। प्रदेश में 231 सरकारी व सहायता प्राप्त व निजी पॉलीटेक्निक संस्थानों में 64,628 अभ्यर्थियों के प्रवेश की क्षमता है। इसके बावजूद निजी पॉलीटेक्निकों में छात्रों का टोटा रहा। निजी पॉलीटेक्निक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने इसके लिए परिषद को ही जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद पॉलीटेक्निक संस्थानों को काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया जाता। इस बार 3.12 लाख अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। नौ जुलाई से काउंसिलिंग शुरू हो गई है। अब तक 5000 से अधिक विद्यार्थी सीटें लॉक कर चुके हैं जबकि अभी निजी पॉलीटेक्निक संस्थानों का खाता तक नहीं खुला है। प्रदेश के सभी 134 निजी पॉलीटेक्निक संस्थानों में 32,000 से भी अधिक प्रवेश क्षमता है। प्राइवेट पॉलीटेक्निक फेडरेशन की ओर से बीते महीने आयोजित हुई खाली सीटों के लिए परिषद को ही जिम्मेदार ठहराया गया था।
उधर,पॉलीटेक्निक काउंसिलिंग के तीसरे दिन जहां राजधानी समेत प्रदेश के सभी 13 केंद्रों पर 2087 सीटें लॉक हुई। वहीं सोमवार को काउंसिलिंग में शामिल हुए 1820 अभ्यर्थियों को मंगलवार को आवंटन पत्र दे दिया गया। अब तक आवंटित हुई 3588 सीटों में सबसे ज्यादा कैमिकल इंजीनियरिंग की सीटें आवंटित हुई हैं। कंप्यूटर इंजीनियरिंग व आइटी क्षेत्र को को पीछे छोड़ अभ्यर्थी अब सिविल, मैकेनिकल और इलेक्टि्रक इंजीनियर बनना चाहते हैं। फैजाबाद रोड स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक में हो रही काउंसिलिंग में सुबह से ही अभ्यर्थियों का जमावड़ा लग गया था। काउंसिलिंग में 5001 से 8000 रैंक वाले अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था। छात्रों के साथ ही अभिभावकों का भी केंद्र पर जमावड़ा लगा रहा। 210 अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग देर शाम समाप्त हो गई थी। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद सचिव एसके गोविल ने बताया कि इलाहाबाद में व गोरखपुर को छोड़कर सभी केंद्रों पर सायं सात बजे तक काउंसिलिंग समाप्त हो गई थी। देर रात तक सभी केंद्रों पर काउंसिलिंग के लिए पंजीकृत सभी 2087 अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग पूरी हो गई थी। बुधवार को आवंटन पत्रों के वितरण के साथ ही 8001 से 12000 रैंक वाले अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग होगी। अब तक आवंटित 3588 सीटों में सबसे ज्यादा केमिकल इंजीनियरिंग की ओर अभ्यर्थियों ने दिलचस्पी दिखाई है जबकि सिविल, मैकेनिकल व इलेक्टि्रक इंजीनियरिंग छात्रों की प्राथमिकता में शामिल है। डिजीटल की के माध्यम से सभी पॉलीटेक्निक संस्थानों के प्रधानाचार्यो को आवंटन पत्र डाउन लोड करने की व्यवस्था की जा रही है। हालांकि छात्रों के साथ ही आवंटन पत्र की एक प्रति स्पीड पोस्ट से प्रधानाचार्यो को भेजी जा रही है(जितेंद्र कुमार उपाध्याय,दैनिक जागरण,लखनऊ,13.7.11)।

यूपीःबीएड काउंसिलिंग में व्यापक फेरबदल

Posted: 13 Jul 2011 10:36 AM PDT

बीएड की काउंसिलिंग में इस बार रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने व्यापक फेरबदल किए हैं। पिछली बार जहां छात्रों को दोबारा काउंसिलिंग में शामिल होने का मौका दिया गया था, वहीं इस बार अभ्यर्थी केवल एक बार ही काउंसिलिंग में शामिल हो सकेंगे। शेष फीस का ड्राप्ट भी इस बार वित्त अधिकारी के बजाए कॉलेज के नाम बनाया जाएगा। काउंसिलिंग के बीच में शामिल होने कॉलेजों की सीटों को भी इस बार बीच काउंसिलिंग शामिल नहीं किया जाएगा। बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2011 का आयोजन महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली की ओर से किया गया था। बीएड की काउंसिलिंग 14 से 27 जुलाई तक प्रदेश भर में होनी है। पिछली बार पहली काउंसिलिंग में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने अच्छा कॉलेज पाने की चाहत में दूसरी काउंसिलिंग में भी हिस्सा लिया था, इस बार छात्रों को दूसरी काउंसिलिंग में शामिल होने का मौका नहीं दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को पहली बार में सीट पक्की करनी होगी। जाति प्रमाण पत्र के लिए भी अवधि निर्धारित कर दी गई है। अभ्यर्थी को 500 रुपये काउंसिलिंग फीस और 5000 रुपये एडवांस फीस क्रास्ड डिमांड ड्राफ्ट के रूप में वित्त अधिकारी रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के पक्ष में बनाने होंगे। वहीं कॉलेज आवंटित होने के बाद शेष फीस का बैंक ड्राफ्ट सीधे कॉलेज के नाम पर बनाना होगा। सभी काउंसिलिंग केंद्रों पर बैंक ड्राफ्ट एकत्रित करने के बाद रुहेलखण्ड विवि भेज दिए जाएंगे, वहां से कॉलेजों को फीस भेजी जाएगी। तीन दिन में फीस जमा नहीं की तो सीट रद मान ली जाएगी। फीस जमा करने के अगले दिन कॉलेज में रिपोर्ट करना अनिवार्य है(दैनिक जागरण,लखनऊ,13.7.11)।

यूपीएसईई की मुख्य काउंसिलिंग 19 से

Posted: 13 Jul 2011 10:32 AM PDT

महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय (एमटीयू) द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा (यूपीएसईई) की मुख्य काउंसलिंग 19 जुलाई से शुरू होगी। वहीं 16 जुलाई से एनआरआइ कोटे और कश्मीरी विस्थापित कोटे की काउंसिलिंग होगी। इसके साथ ही बुधवार को लखनऊ में सेंट्रल एडमिशन बोर्ड (कैब) की बैठक में 12 वीं में पांच फीसदी की छूट पर भी फैसला हो जाएगा। एमटीयू कुलपति एसके काक ने बताया कि ऑल काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) के 12 वीं कक्षा की अर्हता में पांच फीसदी की छूट भी लागू कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि पहले एनआरआइ कोटे की काउंसिलिंग के लिए 25 जून का दिन तय था। लेकिन शासनादेश न आने से यह मामला लटक गया। दो जुलाई को आधिकारिक सूचना जारी होने के बाद आठ जुलाई से मुख्य काउंसिलिंग शुरू होनी थी, लेकिन एआइसीटीई के 12वीं में पांच फीसदी छूट और कॉलेजों के पाठ्यक्रमों के संबद्धता मामले में देरी होने से यह प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पाई थी(दैनिक जागरण,नोएडा,13.7.11)।

दिल्ली में डॉक्टरों की नियुक्ति का रास्ता साफ

Posted: 13 Jul 2011 10:29 AM PDT

दिल्ली सरकार के अधीन अस्पतालों में डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की नियुक्ति संबंधी फाइल को मंजूरी दे दी है। इसके अतिरिक्त मंत्रालय द्वारा अस्पतालों में उन्नत चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जिन अस्पतालों में आधुनिक उपकरण नहीं लगे हैं, वहां भी आधुनिक उपकरण देने की सरकार की योजना है। स्वास्थ्य मंत्रालय इस दिशा में कार्य कर रहा है कि डॉक्टरों की नियुक्ति संबंधी काडर दिल्ली सरकार का हो। नियुक्ति को लेकर फिलहाल सरकार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तरफ देखना पड़ता है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अशोक कुमार वालिया ने कहा कि दो महीने के अंदर डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया कर ली जाएगी। विलंब होने की स्थिति में डॉक्टरों को एडहोक के आधार पर भी रखा जाएगा। डॉ. वालिया ने बताया कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आती है। इसलिए अभी तक चिकित्सकों की नियुक्ति यूपीएससी के माध्यम से होती है। हमने अपनी मांग के अनुरूप सूची वहां भेजी हैं। दिल्ली सरकार अपना काडर गठित करने का भी विचार कर रही है जिससे यूपीएससी पर निर्भरता न हो। मंत्री ने बताया कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मिल रही सुविधाओं को पहले से बढ़ाया जा रहा है। हालांकि, अभी भी वे पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। उसमें काफी सुधार की गुंजाइश की जरूरत है। अस्पताल प्रबंधकों को विशेष दिशा निर्देश दिए गए है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से यह भी अध्ययन कराया जा रहा है कि अस्पतालों व डिस्पेंसरियों की जरूरत कहां-कहां है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों के लिए 1200 नर्सो की भर्ती की गई है। इसके अतिरिक्त 250 तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। इस समय राजधानी के सरकारी अस्पताल के वार्ड में अनुपात अनुसार एक बिस्तर पर 2.6 मरीज लेटते हैं, जिसमें सुधार के लिए संजय गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, गुरु तेग बहादुर अस्पताल में बिस्तर बढ़ाने की दिशा में भी काम चल रहा है। सरकार की नई योजना नए अस्पतालों को खोलने की तो है ही साथ ही ताहिरपुर, जनकपुरी, बुराड़ी अस्पतालों को जल्द शुरू करने की योजना पर भी काम हो रहा है(दैनिक जागरण,दिल्ली,13.7.11)।

मध्यप्रदेशःशून्य बजट के स्कूल समाप्त,ज़िले में खुलेंगे आयुष स्कंध

Posted: 13 Jul 2011 08:24 AM PDT

प्रदेश में शून्य बजट के आठ स्कूलों के शिक्षकों के पद स्वीकृत करने के निर्णय के बाद अब शून्य बजट के स्कूल समाप्त हो गए हैं। यह महत्वपूर्ण निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया है। बैठक में 160 हाई स्कूलों को हायर सेकेंडरी में उन्नयन कर और उनमें विभिन्न संवर्गों के 2080 पदों को स्वीकृत करने का भी निर्णय लिया गया है। इन स्वीकृत पदों में 160 प्राचार्य, संविदा शाला शिक्षक वर्ग-1 के 1280, वर्ग-3 (विज्ञान सहायक अध्यापक) के 320, वर्ग-3 (शारीरिक शिक्षा सहायक अध्यापक) के 160 एवं सहायक ग्रेड-2 के 160 पद शामिल हैं। इसी प्रकार राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में 341 उन्नत हाई स्कूलों में संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 के 341 पदों को स्वीकृति प्रदान की गई है।
मंत्रिपरिषद की बैठक में अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया, जिनमें जिला एलोपैथी चिकित्सालयों में आयुष करने विंग्स शुरू करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई है। प्रस्ताव के अनुसार 18 जिला चिकित्सालयों में प्रति आयुष विंग्स को 6 पदों की दर से पदों की स्वीकृति दी है। इन पदों की स्वीकृति मिलते ही 36 जिलों में आयुष विंग्स का कार्य सुचारू रूप से संचालित हो जाएगा(दैनिक जागरण,भोपाल,13.7.11)।

कश्मीर की संस्कृति तबाह कर रहे मदरसे

Posted: 13 Jul 2011 07:52 AM PDT

कश्मीर में तबाह हो रही संस्कृति के लिए नई दिल्ली, इस्लामाबाद की राजनीति के साथ गलत शिक्षा दे रहे मदरसों की तादाद में भारी वृद्धि जिम्मेदार है। यह विचार कश्मीर के बुद्धिजीवियों ने जम्मू के गांधीनगर में मंगलवार को संपन्न हुई दो दिवसीय राउंड टेबल कांफ्रेंस में व्यक्त किए। इसके अलावा समग्र संस्कृति के सरंक्षण के साथ राज्य को स्वायत्तता देने का मुद्दा भी जोर शो से उठाया गया। कांफ्रेंस के दूसरे दिन बहुरंगी संस्कृति के संरक्षण की नीति, तंत्र व राज्य की विविधता के संरक्षण में कला की भूमिका पर वक्ताओं ने अपनी राय में माना कि सांस्कृतिक विरासत का सरंक्षण कर संस्कृति को तबाह होने से बचाया जा सकता है। कश्मीर के बुद्धिजीवी गुलाम नबी ख्याल ने वादी में तबाह हो रही संस्कृति के लिए कुकरमुत्तों की तरह फैले मदरसों की गलत शिक्षा व दिल्ली, इस्लामाबाद की छिछोरी राजनीति को जिम्मेदार ठहराया। पत्रकार व लेखिका सादिया देहलवी ने कहा कि इससे कश्मीर समाज गुस्से व नफरत का शिकार हो जाएगा। देहलवी ने कश्मीर में अहले हदीस यूनिवर्सिटी बनाने के मुद्दे पर पूर्व राज्यपाल जनरल एसके सिंह की निंदा कर बहस को दूसरी और मोड़ दिया। इस पर हस्तक्षेप करते हुए वार्ताकार राधा कुमार ने कहा कि अहले हदीस यूनिवर्सिटी बनाना पीडीपी के एक विधायक की सोच थी। विधानसभा में पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस विधायकों ने मिलकर बिल पास करवा दिया था पर विधान परिषद में यह बिल रुक गया था। नेकां के सांसद रहे मिर्जा रशीद ने भी नई दिल्ली, इस्लामाबाद को राज्य की बिगड़ी संस्कृति के लिए जिम्मेदार ठहराया। कश्मीर मसला राज्य को स्वायत्तता देने से ही हल हो सकता है। कांफ्रेंस में यहां ज्योत्सना सिंह ने समाज की दूरियां कम करने के लिए हेरिटेज के संरक्षण पर बल दिया तो वहीं एमके रैना ने कला व कलाकारों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। हसरत गड्डा ने कहा कि संस्कृति को प्रोत्साहित करने वाले संस्थानों की कमान मुख्यमंत्री के हाथ नहीं प्रोफेशनल लोगों के हाथ हों। प्रो. गुल वानी ने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने पर जोर दिया वहीं पिंटू नारबू ने कहा कि लेह के तरह अन्य जिलों में हिल कौंसिलें बनने से मसले हल हो सकते हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य की बहुरंगी संस्कृति को बहाल करने के साथ प्रयास किए जाएं कि समाज में विवाद पैदा न हों। उन्होंने पंचायतों को ताकतवर बनाने के लिए संविधान के 73वें, 74वें संशोधन लागू करने पर भी जोर दिया। सांसद मणिशंकर अय्यर ने कहा कि इसे बार-बार मुद्दा बनाने से बेहतर है कि राज्य संविधान में इन धाराओं को शामिल कर हमेशा के लिए मसला हल हो। वहीं राधा कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार भी इस दिशा में काम कर रहा है(दैनिक जागरण,जम्मू,13.7.11)।

महाराष्ट्रःखाली हैं 33 हजार आरक्षित पद

Posted: 13 Jul 2011 07:10 AM PDT

राज्य में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित खाली पदों की संख्या बढ़कर 33,000 का आंकड़ा पार कर गई है।

तीसरी और चौथी श्रेणी के पदों की भर्ती पर रोक को अगले साल तक बढ़ाए जाने के कारण अब इस संख्या में भारी इजाफे की आशंका जताई जा रही है। हालांकि महकमों को आदेश दिए गए हैं कि वे सरकार की अनुमति से राज्य भर में खाली पदों को तत्काल भरने की प्रक्रिया शुरू करें।

सूत्रों के अनुसार सरकार के विभिन्न महकमों के तकरीबन एक लाख पद रिक्त पड़े हैं। वहीं आरक्षित पदों की तादाद 33,638 हो गई है, जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, खानाबदोश जनजाति, ओबीसी और पिछड़ा वर्ग की बाकी जातियां शामिल हैं।

इनमें 9,527 वो पद हैं, जो पदोन्नति के बाद योग्य व्यक्ति नहीं मिलने से खाली पड़े हैं। रिक्त पदों के मामले में ओबीसी वर्ग सबसे आगे है, इस वर्ग के 20,015 पद रिक्त हैं।

जबकि अनुसूचित जाति के 7,177 और वीजेएनटी के 2,904 पद खाली हैं। पदोन्नति के कारण खाली पदों में अनुसूचित जनजाति के 2,587 और अनुसूचित जाति के 2,438 पदों को नियुक्तियों का इंतजार है।


पहली और दूसरी श्रेणी के पदों को बिना किसी रुकावट के भरा जा सकता है। शिक्षक व नर्स जैसे तीसरी और चौथी श्रेणी के तकनीकी पदों को भरने के लिए भी सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव के.पी.बक्शी की अध्यक्षता वाली विशेष समिति की अनुमति लेनी पड़ती है। 

लेकिन हाल में जारी आदेशों के कारण क्लर्क, चपरासी और ड्राइवर जैसे गैर-तकनीकी पदों की नियुक्ति पर रोक है। सामान्य प्रशासन विभाग में प्रधान सचिव पी.एस.मीणा ने बताया कि सरकार ने नियुक्ति पर पाबंदी को जून, 2012 तक यानी एक साल के लिए बढ़ा दिया है। 

इसके बावजूद अपवाद की स्थिति में विशेष मंजूरियों के मार्फत अब भी नियुक्तियां होती हैं। इसके लिए विभाग नियुक्ति की जरूरत को सही साबित करना पड़ता है। 

श्री मीणा ने कहा, हमने तमाम महकमों को पहली और दूसरी श्रेणी के खाली पदों को भरने के निर्देश दिए हैं। गृह विभाग जैसे महकमों ने यह प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। 

प्रधान सचिव ने माना कि राजस्व, परिवहन और उत्पादन शुल्क विभाग में खाली पदों की संख्या काफी ज्यादा है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग के मार्फत जून, 2010 में पहली बार एक आदेश जारी करके तीसरी और चौथी श्रेणी में भर्ती पर रोक लगा दी थी। 

इस प्रतिबंध के लिए सरकार ने तंगहाली और छठवें वेतन आयोग के कारण कर्मचारियों के वेतन पर भारी खर्च को जिम्मेदार बताया था। पिछले सप्ताह इस प्रतिबंध की मियाद और एक साल के लिए बढ़ा दी गई। यही वजह है कि प्रशासन में खाली पदों की संख्या बढ़ते-बढ़ते एक लाख तक पहुंच गई है(फैसल मलिक,दैनिक भास्कर,मुंबई,13.7.11)।

झारखंडः2000 शिक्षकों को 17 साल से नहीं मिली प्रोन्नति

Posted: 13 Jul 2011 06:50 AM PDT

राज्य के लगभग 2000 माध्यमिक शिक्षकों को 1994 से प्रवरण वेतनमान (सुपर सलेक्शन ग्रेड) और प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति नहीं मिली है। इस वजह से उन्हें हर माह लगभग 5 से 8 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है। प्रोन्नति के लिए पदों को चिह्न्ति कर सिर्फ वित्त विभाग से सहमति लेना है। मामला माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में बहुत दिनों से लंबित है।

इस कारण माध्यमिक शिक्षकों में रोष है। माध्यमिक शिक्षक संघ एक बार फिर इसके विरोध में आंदोलन की तैयारी में जुटा है। गौरतलब है कि प्रोन्नति के इंतजार में लगभग 700 शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, वहीं लगभग 100 शिक्षकों की मृत्यु हो चुकी है।

क्या है मामला


राज्य भर में माध्यमिक शिक्षकों का कुल 7,099 पद स्वीकृत है। इनमें से 20 प्रतिशत पदों पर निदेशालय को वरीयता के हिसाब से प्रवरण वेतनमान और प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति देना है। इस हिसाब से करीब 1,500 शिक्षकों को प्रवरण वेतनमान और 300 शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति देनी है। 

1983 की सेवा शर्त नियमावली के अनुसार राज्य के माध्यमिक शिक्षकों को 12 वर्ष के उपरांत वरीय वेतनमान और 18 वर्ष सेवा के पश्चात प्रवरण वेतनमान मिलता है, लेकिन 1994 से ही राज्य के माध्यमिक शिक्षकों को प्रवरण वेतनमान नहीं मिला है।

तीन बार हुआ है आंदोलन

माध्यमिक शिक्षक संघ के संगठन मंत्री गंगा प्रसाद यादव ने कहा कि प्रवरण वेतनमान और प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति की मांग को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ 2006, 2007 और 2008 में आंदोलन कर चुका है। 

इसमें अब तक सिर्फ लिखित आश्वासन ही मिला है। यदि अभी भी निदेशालय इसके प्रति गंभीर नहीं हुआ तो संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा। इसकी पूरी जिम्मेवारी शिक्षा निदेशालय विभाग की होगी।

मामला यहां अटका है

प्रवरण वेतनमान और प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति का मामला माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में अटका है। इस संबंध में वर्ष 2008 में माध्यमिक शिक्षक संघ के साथ तत्कालीन शिक्षा मंत्री की वार्ता हुई थी। वार्ता में मंत्री ने कहा था कि शिक्षकों को प्रवरण वेतनमान और प्रधानाध्यापक पद पर अविलंब प्रोन्नति दी जाएगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

मामले में विभाग गंभीर

मामले को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय गंभीर है। हर दृष्टिकोण से इसका अध्ययन किया जा रहा है। विभाग इस मुद्दे पर आवश्यक कार्रवाई करेगा।"" आभा कुसुम तिर्की, कार्यकारी निदेशक, माध्यमिक शिक्षा(राजीव गोस्वामी,दैनिक भास्कर,रांची,13.7.11)

मनमाना नहीं हो सकता आईएएस, आईपीएस के कैडर का आवंटन

Posted: 13 Jul 2011 06:30 AM PDT

उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के कैडर का आवंटन मनमाने तरीके से नहीं किया जा सकता।न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन और न्यायमूर्ति एके पटनायक की पीठ ने एक फैसले में कहा कि यद्यपि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को अपनी पसंद की पोस्टिंग का अधिकार नहीं है लेकिन कैडर राज्य का आवंटन उचित और निष्पक्ष तरीके से किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति पटनायक ने अपने फैसले में कहा,' सेवा के लिए नियुक्त विभिन्न उम्मीदवारों को राज्य कैडरों या संयुक्त कैडर का आवंटन करने के दौरान केंद्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता) और अनुच्छेद 16(1) (रोजगार के मामले में समान अवसर) के तहत संवैधानिक दायित्वों का भी निर्वहन करना होता है।'


उन्होंने कहा,'अखिल भारतीय सेवा के लिए नियुक्त किसी सदस्य को कोई खास राज्य कैडर या संयुक्त कैडर आवंटित किए जाने का अधिकार नहीं है लेकिन उसे संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 16 (1) के तहत आवंटन के मामले में निष्पक्ष और समान बर्ताव किए जाने का अधिकार है।' शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी केंद्र की उस अपील को खारिज करते हुए की जिसमें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसके तहत साल 2004 की सिविल सेवा परीक्षा में 201 वां रैंक लाने वाले विक्र म वर्मा को 45 वां रैंक लाने वाले अविनाश मोहंती के दावे की अनदेखी करते हुए गृह कैडर आवंटित करने के फैसले को निरस्त कर दिया गया था। जहां मोहंती को छत्तीसगढ़ कैडर आवंटित किया गया था वहीं विक्र म को आंध्र प्रदेश कैडर दिया गया। उच्च न्यायालय ने कहा था कि विक्र म वर्मा को आंध्र प्रदेश कैडर के आवंटन से रोस्टर में कुल 10 ओबीसी उम्मीदवार होंगे जो ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 27 फीसदी आरक्षण के प्रावधान से छह फीसदी अधिक होगा। इस आधार पर उच्च न्यायालय ने कैडर आवंटन को रद्द कर दिया था।

केंद्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता) और अनुच्छेद 16(1) (रोजगार के मामले में समान अवसर) के तहत संवैधानिक दायित्वों का भी निर्वहन करना होता है : कोर्ट(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,13.7.11)

लखनऊ विवि के एक और डिग्री कालेज को बीएड की संबद्धता

Posted: 13 Jul 2011 06:10 AM PDT

लखनऊ विविद्यालय की कार्य परिषद के जम्बो एजेण्डा में मंगलवार को फिलहाल पिक-एण्ड चूज कर फैसले लिए गये। कार्य परिषद ने बीएड के एक नये महाविद्यालय को सम्बद्धता देने के साथ निजी क्षेत्र के सभी आस्थायी सम्बद्धता वाले बीएड डिग्री कालेजों को एक वर्ष के लिए सम्बद्धता के विस्तरण को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही नौ संस्थानों में बहु विभागीय व्यवस्था पर अमल करके निदेशक पद को इन विभागों के बीच तीन वर्ष के लिए रोटेशनल कर दिया गया। कार्य परिषद में वित्त समिति की संस्तुतियों को भी मंजूरी दे दी गयी है। इसके तहत आईएमएस में 38 शिक्षकों, निदेशक व प्रोफेसर प्लेसमेंट की नियुक्ति करने का रास्ता साफ हो गया है। कार्य परिषद की बैठक में महेश प्रसाद बीएड महाविद्यालय की जांच रिपोर्ट व बोरा इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट में बीएड कोर्स को लेकर शासन के निर्णय को रखा गया था, लेकिन दोनों महाविद्यालयों को एक वर्ष के लिए अस्थायी सम्बद्धता दे दी गयी है। कार्य परिषद ने बीएड की काउंसलिंग को देखते हुए सम्बद्धता के सभी 20 मामलों पर अपनी मंजूरी दे दी है। कार्य परिषद से निजी क्षेत्र के दुर्गा शिक्षा निकेतन बीएड महाविद्यालय को सम्बद्धता मिलने के बाद 100 सीटों का इजाफा हो गया है। लविवि में कुलपति प्रो. मनोज कुमार मिश्र की अध्यक्षता में कार्य परिषद की बैठक शुरू हुई। विविद्यालय प्रशासन ने विवादित मुद्दों को छेड़ने के बजाय सहमति का रास्ता निकाला। इसके बाद भी बीएड के महेश प्रसाद डिग्री कालेज की सम्बद्धता विस्तरण के मामले को कार्य परिषद सदस्य ने विरोध किया और करीब आधा घण्टा तक इसी मुद्दे पर बहस होती रही। कार्य परिषद में लविवि द्वितीय परिसर स्थित दो संस्थानों गिरि लाल गुप्ता व डा शंकर दयाल शर्मा इंस्टीट्यूट सहित नौ संस्थानों में बहु विभागीय व्यवस्था पर अमल करके निदेशक पद को रोटेशनल करने का निर्णय हुआ तो कार्य परिषद सदस्य अनिल कुमार सिंह ने आईएमएस के ओएसडी के निदेशक को हटाने की मांग उठायी। इस पर कुलपति ने उन्हें आासन दिया कि आईएमएस में भी रोटेशनल व्यवस्था लागू होगी, लेकिन उन्होंने तिथि निर्धारित करने से मना कर दिया। कार्य परिषद ने आईएमएस में संविदा पर 38 शिक्षकों की तैनाती को भी मंजूरी दे दी है। बोरा इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट की बीएड की सम्बद्धता पर कार्रवाई के शासन के पत्र को तो रखा गया है, लेकिन संस्थान की ओर से हाईकोर्ट के आदेश को कुलसचिव के माध्यम से रखा गया तो उसे भी शैक्षिक सत्र 2011-12 के लिए अस्थायी सम्बद्धता का विस्तार मिल गया। कार्य परिषद ने बीएड के निजी क्षेत्र के सभी महाविद्यालयों को एक वर्ष के लिए विस्तार कर दिया है। कार्य परिषद ने जन्तु विज्ञान विभाग में शिक्षकों की नियुक्तियों व प्रोन्नतियों को भी मंजूरी दे दी है।भाजपा विधायक व कार्य परिषद सदस्य सुरेश तिवारी ने महाविद्यालयों में सीटें बढ़ाने का मामला उठाया तो कुलपति ने आासन दिया है कि सीट बढ़ोतरी के सभी आवेदनों पर सकारात्मक होकर फैसला होगा। कार्य परिषद में एक बार फिर विवादित मामलों कर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका और कुछ एजेण्डा ही रखा जा सका। कालेज डेवलपमेंट काउंसिल बनाने, कर्मचारियों की नियुक्तियों को खत्म करने, शिक्षकों के दो मामलों पर कोई राहत देने के बावत फैसले नहीं लिए जा सके हैं और चार घण्टे बाद कार्य परिषद अध्यक्ष कुलपति प्रो. मिश्र ने बैठक को बीच में ही स्थगित कर दिया। विविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. एसके द्विवेदी ने बताया कि एजेण्डा बड़ा होने के कारण सिर्फ जरूरी मामलों को ही निपटाया जा सका है और कार्रवाई स्थगित कर दी गयी है। कार्य परिषद की अगली बैठक भी जल्द बुलायी जा सकती है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,13.7.11)।

पटना विश्वविद्यालयःतिथि नहीं बढ़ी तो खाली रहेंगी सीटें

Posted: 13 Jul 2011 05:50 AM PDT

पटना विविद्यालय में इस वर्ष बड़ी संख्या में सीटों के खाली रहने की संभावना है। राज्य सरकार द्वारा सीटें बढ़ाने के निर्णय के बाद इस बार पीयू के कॉलेजों में पर्याप्त संख्या में सीटें उपलब्ध हो गई हैं। वहीं प्रोफ्रेशनल कोर्स के प्रति छात्रों का रूझान बढ़ने की वजह से भी विवि के कई कॉलेजों में सीटें फुल नहीं हो पा रही हैं। हालांकि पीयू के टॉप कॉलेजों में सीटें या तो फुल हो गई हैं या अगले एक दो दिनों में फुल हो जाने की उम्मीद है। लेकिन अन्य कॉलेजों में बड़ी संख्या में सीटों के खाली रहने के आसार हैं। पटना कॉलेज में कुल 600 सीटें हैं और अभी तक 440 सीटों पर ही नामांकन हो पाया है। 160 सीटों पर नामांकन के लिए अब तीन दिन ही बचे हैं। तीन दिनों में अगर सीटें नहीं भरीं तो सीटें खाली भी रह सकती हैं। पटना कॉलेज के नामांकन प्रभारी रणविजय सिंह ने बताया कि अगर पटना विविद्यालय में नामांकन की तिथि आगे नहीं बढ़ी तो कुछ सीटें खाली भी रह सकती हैं, जिससे कॉलेज को आर्थिक घाटा होगा। उधर, बीएन कॉलेज की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही है। यहां कला में छह सौ सीटें हैं लेकिन अभी तक 425 पर ही नामांकन हुआ है। वहीं स्नातक विज्ञान में साढ़े तीन सौ में सिर्फ 150 सीटों पर ही नामांकन हुआ है। बीएन कॉलेज के प्राचार्य केके मल्लियार ने बताया कि सीटें काफी और समय कम है लेकिन युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो बुधवार को तीसरी सूची निकाली जाएगी। पटना वीमेंस कॉलेज में सीटें फुल हो चुकी हैं। वहीं साइंस कॉलेज में भी सीटों के बचने के आसार नहीं है। उधर, मगध महिला कॉलेज में भी काफी कम सीटें बची हैं और वहां भी सीट फुल होने के पूरे आसार हैं। लेकिन अन्य कॉलेजों में नामांकन के प्रतिशत को देखकर तो यही लगता है कि सीटें खाली भी रह सकती हैं। इधर, पटना कॉलेज स्नातक की तीसरी मेधा सूची मंगलवार को जारी कर दी गई। इंतजार कर रहे छात्र-छात्राओं की भीड़ कॉलेज परिसर में सूची देखने उमड़ पड़ी। मेधा सूची में शामिल छात्र- छात्राओं का नामांकन बुधवार को लिया जायेगा। एएन कॉलेज में भी स्नातक-इंटर में नामांकन के लिए छात्रों की अच्छी खासी भीड़ कॉलेज परिसर में देखी गई। मंगलवार तक एएन कॉलेज में इंटरमीडिएट के लिए समान्य श्रेणी में कुल 420 छात्रों का नामांकन हुआ। विज्ञान में 70, कला में 40 और गणित में 310 छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ। बुधवार को बीसी- 1और बीसी-2 के छात्रों का नामांकन होगा। एएन कॉलेज के नामांकन प्रभारी कृष्ण सिंह ने बताया कि जीव विज्ञान में नामांकन के लिए छात्र रुचि नहीं ले रहे है। अधितर छात्रों का रुझान गणित की ओर ही है। नामांकन की अंतिम तिथि 15 जुलाई पटना कॉलेज में तीसरी मेधा सूची जारी बीएन कॉलेज में आज जारी हो सकती है दूसरी मेधा सूची वर्ग कट ऑफ अंक सामान्य 340-337 एससी 289-278 एसटी 300-300 बीसी-1 308-303 बीसी-2 327-321 बीसी (छात्रा) 313-304 वर्ग कट ऑफ अंक सामान्य 75 प्रतिशत एससी 60 प्रतिशत एसटी 45 प्रतिशत बीसी-1 65 प्रतिशत बीसी-2 70 प्रतिशत(राष्ट्रीय सहारा,पटना,13.7.11)

उत्तराखंडःनर्सिंग काउंसिलिंग में हंगामा

Posted: 13 Jul 2011 05:30 AM PDT

तीन एमबीबीएस और दो बीडीएस मेडिकल कालेजों के अलावा बीएससी र्नसंिग के लिए शुरू हुई काउंसिलिंग के पहले दिन ही हंगामा हो गया। काउंसिलिंग के लिए आए छात्रों का पंजीकरण करने के बाद प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान गतिरोध पैदा हुआ। कुछ पर मूल निवास न होने पर छात्रों व उनके अभिभावकों ने विरोध दर्ज किया, वहीं प्रवेश पत्र व स्कोर कार्ड न होने पर काउंसिलिंग से बाहर हुए छात्रों ने भी भारी विरोध किया। चंदर नगर स्थित चिकित्सा शिक्षा के कार्यालय में एमबीबीएस, बीडीएस व बीएससी नर्सिग की सीटों के लिए सुबह नौ बजे से काउंसिलिंग शुरू हुई। पंजीकरण के बाद सीरियल नंबर से छात्रों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू हुई। काउंसिलिंग बोर्ड में 14 सदस्यों की मौजूदगी में प्रमाण पत्र जांचने का काम शुरू हुआ। प्रमाण पत्रों की जांच में मूल निवास और फिर प्रवेश पत्र व स्कोर कार्ड के पंगे ने हंगामा खड़ा कर दिया। हुआ यूं कि प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान 11 छात्र ऐसे निकले जिनके पास प्रवेश पत्र व स्कोर कार्ड नहीं था, जबकि काउंसिलिंग की शतरें में यह प्रमाण पत्र भी मांगे गए थे। ऐसे में यह छात्र शामिल नहीं हो पाए। इस कारण इनमें से कुछ छात्रों ने बोर्ड पर खासी नाराजगी जतायी। बोर्ड के सदस्यों और कुछ लोगों के बीच तीखी बहस भी हुई। हंगामे की सूचना मिलने पर दो पुलिसकर्मी यहां पहुंच गए। पुलिस के आने के बाद भी विरोध थमा नहीं। इसी बीच बाहर से आए कुछ छात्र-छात्राओं के पास मूल निवास न होने के कारण उन्हें भी बाहर कर दिया गया। हालांकि इनके पास स्थानीय निवास था, लेकिन मूल निवास जरूरी रखा गया था। इसे लेकर भी काउंसिलिंग बोर्ड कक्ष के बाहर हंगामा हुआ। बागेर से आए जगदीश बिष्ट ने बताया कि उनकी बेटी का मूल निवास नहीं था, जिस कारण उसे बाहर कर दिया गया। छात्रों व उनके अभिभावकों ने मूल निवास की बाध्यता रखने के चलते अधिकारियों से कारण पूछा। अधिकारियों की तरफ से जवाब दिया जाता रहा कि शत्रे पूरा करने पर ही काउंसिलिंग प्रक्रिया में भाग लिया जा सकेगा। इस दौरान हल््द्वानी निवासी रूही जहीर प्रमाण पत्रों की जांच कराने के लिए गई। तहसीलदार द्वारा जाति प्रमाण पत्र पर बोर्ड की आपत्ति रही। बोर्ड में शामिल सदस्यों ने एसडीएम द्वारा प्रमाण पत्र जारी होने की बात कही। वहीं कई छात्र-छात्राओं ने काउंसिलिंग प्रक्रिया में हुई देरी को लेकर भी नाराजगी जाहिर की। लोगों ने कहा कि वह दूर-दराज के क्षेत्रों से आए हैं। इसके बावजूद प्रमाण पत्र जांचने का काम धीमा चल रहा है। चिकित्सा शिक्षा महकमे की ओर से चार बजे तक कांउसिलिंग का समय तय किया था, जबकि शाम पांच बजे तक कई छात्र-छात्राओं के प्रमाण पत्रों की जांच नहीं हो पायी थी। प्रक्रिया रात तक जारी रही। पहले दिन करीब 216 छात्रों का पंजीकरण हुआ। सभी छात्रों ने एमबीबीएस की सीटों के लिए ही पंजीकरण किया। पहले दिन 140 व उससे ऊपर के अंक लाने वाले छात्र शामिल हुए। बुधवार को प्रमाण पत्रों की जांच करा चुके छात्रों के लिए सीटें आवंटित की जाएगी। श्रीनगर मेडिकल कालेज व हल्द्वानी मेडिकल कालेज के लिए 85-85 सीट, एसजीसीआर मेडिकल कालेज में दस सीट, सीमा डेंटल कालेज और उत्तरांचल डेंटल कॉलेज में 50-50 सीट तथा बीएससी नर्सिग की 60 सीटों के लिए काउंसिलिंग हो रही है। स्वास्थ्य महकमे में अपर निदेशक भरत किशोर ने बताया कि शासन की शतरे के तहत जिन छात्रों ने हाईस्कूल व इंटर बाहर से किया है, उनके लिए मूल निवास जरूरी रखा गया है। जबकि स्थानीय लोगों के लिए मूल निवास की बाध्यता नहीं है। उनके पास स्थानीय निवास प्रमाण पत्र भी है तो वह काउंसिलिंग के लिए अधिकृत हैं। उन्होंने बताया कि मूल निवास व प्रवेश पत्र की वजह से बाहर हुए छात्रों को फिर से काउंसिलिंग में बुलाने के संबंध में बोर्ड ही कोई फैसला लेगा।

.और रो पड़ी अनिता

मूल निवास प्रमाण न होने पर कोटद्वार निवासी अनिता नेगी एमबीबीएस सीट के लिए पंजीकरण किया था। कांउसिलिंग से बाहर होने पर अनिता रो पड़ी। इस दौरान लोगों ने हंगामा किया। अनिता ने बताया कि उनका स्टेट रैंक 134 है। बड़ी मेहनत के बाद वह यहां तक पहुंची हैं।

प्रवेश पत्र न लाने पर 11 छात्र हुए काउंसिलिंग से बाहर पहले दिन सभी पंजीकरण एमबीसीएस के लिए हुए, आज होगा सीटों का आवंटन

स्वास्थ्य महकमे के कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को 140 व उससे ऊपर की कैटेगरी वालों का पंजीकरण व प्रमाण पत्रों की जांच हुई। बुधवार 11 बजे से सीटों के आवंटन की प्रक्रिया होगी। 14 जुलाई को 100 से 139 की श्रेणी में आने वालों का पंजीकरण व प्रमाण पत्रों की जांच होगी। इन छात्रों के लिए 15 जुलाई को 11 बजे से सीटों का आवंटन होगा। 16 जुलाई को सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक 80 से 99 की श्रेणी में आने वाले एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग का पंजीकरण व प्रमाण पत्रों की जांच का काम होगा। इसी दिन अपराह्न तीन बजे से सीटों का आवंटन किया जाएगा। दूसरी तरफ 16 जुलाई को बीएससी नर्सिग में 80 से नीचे की श्रेणी में आने वालों का सुबह 9 से 1 बजे तक पंजीकरण व प्रमाण पत्र जांचने का काम होगा।
(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,13.7.11)

पहले दो सेमेस्टर क्लीयर होने पर ही आईपी में माइग्रेशन संभव

Posted: 13 Jul 2011 05:10 AM PDT

गुरु गोविंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विविद्यालय में अब अन्य विविद्यालयों के विद्यार्थियों का माइग्रेशन काफी मुश्किल होगा। आईपी विविद्यालय में अब केवल दूसरी यूनिवर्सिटीज के उन्हीं विद्यार्थियों का माइग्रेशन हो सकेगा, जिन्होंनेदो सेमेस्टर के सभी पेपर पास कर लिये होंगे। पहले अबेटेड रिजल्ट के आधार पर ही आईपी के संस्थानों में अन्य विवि के स्टूडेंट्स का माइग्रेशन हो जाता था। इस संबंध में आईपी ने अपने सभी संस्थानों को आदेश जारी कर दिया है। आईपी के ज्वाइंट रजिस्ट्रार कर्नल प्रदीप उपमन्यु ने बताया कि वर्तमान में विवि से कुल 114 संस्थान संबद्ध हैं। इनके विभिन्न पाठ्यक्रमों में हर साल माइग्रेशन होता है। अब तक हो यह रहा था कि विविद्यालय की स्वीकृति के बिना ही कुछ संस्थान विद्यार्थियों को दाखिला देकर उनसे फीस ले लेते थे। यह मामला कोर्ट में भी चला गया। अब विविद्यालय ने सभी संस्थानों को आदेश जारी किया है कि कोई भी संस्थान बिना विवि की स्वीकृति के माइग्रेशन के मामलों में न ही विद्यार्थी को दाखिला दें और न ही उनसे किसी तरह की फीस लें। साथ ही यह भी कहा गया है कि किसी भी कोर्स में माइग्रेशन केवल तीसरे सेमेस्टर में ही हो सकता है। यदि विद्यार्थी दो सेमेस्टर के किसी भी पेपर में फेल है तो उसका माइग्रेशन नहीं हो सकता। कर्नल उपमन्यु ने बताया कि हर साल 20 से 25 विद्यार्थी अन्य विविद्यालयों से यहां माइग्रेशन के लिए आवेदन करते हैं। रूल के मुताबिक दूसरी यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी को माइग्रेशन के लिए विवि में सीधा आवेदन करना चाहिए, लेकिन विद्यार्थी विवि में आवेदन करने के बाद बिना स्वीकृति लिए जिस संस्थान में माइग्रेशन चाह रहे होते थे, उस संस्थान में चले जाते थे और क्लासों में बैठकर पढ़ाई शुरू कर देते थे(राकेश नाथ,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,13.7.11)।

ग्रेटर नोएडाःगलगोटियाज विवि को मिली एएसआईसी यूके की मान्यता

Posted: 13 Jul 2011 04:50 AM PDT

गलगोटियाज यूनिवर्सिटी को उच्च शिक्षा के लिए ग्लोबली बैंचमाक्र्ड मानकों के सभी पहलुओं को पूरा करने के लिए वि भर में प्रसिद्ध 'इंटरनेशनल कालेज (एएसआईसी) यूके के हेतु प्रत्यायन सेवा' द्वारा मान्यता दी गई है। इसका मतलब है कि यूनिवर्सिटी के पास शिक्षा की गुणवत्ता, संसाधन एवं अवसंरचना, छात्रों का समर्थन और आचार नीति के लिए पूरे विभर में स्वीकार्य व मान्यता प्राप्त मापयोग्य मानदंड हैं। गलगोटिया यूनिवर्सिटी के चांसलर सुनील गलगोटिया ने बताया कि यूनिवर्सिटी को वि की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटी बनाने को निरंतर प्रयास किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी के पास अत्याधुनिक लैब, कारनीजी मेलन यूनिवर्सिटी यूएसए, एमआईटी से फैकल्टी है। गलगोटियाज का पिछले कई सालों से 100 प्रतिशत प्लेसमेंट का रिकार्ड रहा है। गलगोटियाज को सनटेक, सिंगापुर में बेस्ट इंडस्ट्री इंटरफेस के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने इसका श्रेय फैकल्टी, प्रबंधन टीम और इन सबसे बढ़कर इसकी नींव तैयार करने में छात्रों के कठोर परिश्रम को दिया। गलगोटिया ने कहा कि हम ऐसे प्रोफेशनल और इंजीनियर तैयार कर रहे हैं जो उनका नेतृत्व करेंगे, जो न केवल नये आविष्कार करते हैं बल्कि संस्थाओं की भी रचना करते हैं। हम शिक्षा के लिए विश्लेषणात्मक सोच के उच्च स्तर, सामाजिक और नेतृत्व कला का नया समूह लेकर आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गलगोटियाज पिछले पांच दशकों से शिक्षा के क्षेत्र में है। गलगोटियास शिक्षण संस्थान अब गुणवत्तापरक शिक्षा के पर्याय बन गये हैं। गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के पास ऐसे संस्थान हैं जो प्रबंधन, इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त विधिक अध्ययन और मॉस कम्युनिकेशन के क्षेत्र में गुणवत्तापरक शिक्षा मुहैया कराते हैं। गलगोटियाज को टाइम्स रिसर्च एजुकेशन अवार्ड, एचटी सी फोर सव्रे टीम द्वारा स्कूल फॉर टीचर्स टाइटल, लीडरशिप को बढ़ावा देने के लिए देवांग मेहता अवार्ड मिल चुके हैं(राष्ट्रीय सहारा,ग्रेटर नोएडा,13.7.11)।

पंजाब यूनिवर्सिटी में काउंसिलिंग की तारीख़ें

Posted: 13 Jul 2011 04:30 AM PDT

केमिकल इंजीनियरिंग की काउंसिलिंग 20 को
पंजाब यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट केमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में काउंसिलिंग का शेड्यूल जारी कर दिया है। यहां पर एमई केमिकल, एमटेक पोलीमोर और एमएससी इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री के लिए 20 जुलाई को काउंसिलिंग होगी। यह काउंसलिंग सुबह 10 बजे शुरू होगी। काउंसिलिंग में सिलेक्टिड स्टूडेंट्स को 22 जुलाई तक फीस जमा करानी होगी।


एमफिल म्यूजिक के लिए 22 तक कर सकते हैं आवेदन

पीयू के म्यूजिक डिपार्टमेंट में एमफिल (म्यूजिक एंड इंस्ट्रूमेटेंशन) में दाखिले के लिए 22 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। इस कोर्स में 15 सीटों के लिए यह आवेदन कर सकते हैं। कोर्स के लिए थ्योरी और प्रेक्टिकल 2 अगस्त को होगा। 
एमए एजुकेशन के लिए काउंसलिंग 20 जुलाई को

पीयू के डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन में दाखिले के लिए 20 जुलाई को काउंसलिंग होगी। डिपार्टमेंट की चेयरपर्सन डॉ. नंदिता ने बताया कि यह काउंसिलिंग सुबह साढ़े नौ बजे शुरू होगी(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,13.7.11)।

बिहारःमगध विवि में पांच नये कोर्स की पढ़ाई,सिद्धार्थ महिला कॉलेज में नामांकन 20 जुलाई तक

Posted: 13 Jul 2011 04:10 AM PDT

मगध विविद्यालय के एएन कॉलेज में इस वर्ष से पांच नये कोर्स की पढ़ाई शुरू होगी। कॉलेज के प्राचार्य हरिद्वार सिंह के अनुसार चालू सत्र से इन कोसरे को शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है। परम्परागत कोर्स के समकक्ष दो व स्ववित्त पोषण नीति के तहत तीन कोर्स संचालित होंगे। आग्रेनिक फार्मिंग पेस्टिसाइड कोर्स जन्तु विज्ञान में व मेन चाइल्ड वेलफेयर कोर्स भूगोल में चलेंगे। बीएससी आइटी, लाइब्रेरी साइंस व जर्मन लैंग्वेज की पढ़ाई स्ववित्त पोषण नीति के तहत होगी।
उधर,सिद्धार



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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