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Saturday, February 4, 2012

2जी मामले में विशेष अदालत ने पी चिदंबरम को सह आरोपी बनाने से जहां इंकार कर दिया वहीं सीबीआई ने शनिवार को कहा कि जांच के दौरान उनकी तरफ से आपराधिक दोष का कोई साक्ष्य नहीं पाया गया।

2जी मामले में विशेष अदालत ने पी चिदंबरम को सह आरोपी बनाने से जहां इंकार कर दिया वहीं 

सीबीआई ने शनिवार को कहा कि जांच के दौरान उनकी तरफ से आपराधिक दोष का कोई साक्ष्य नहीं 

पाया गया। 

2जी मामले में विशेष अदालत ने पी चिदंबरम को सह आरोपी बनाने से जहां इंकार कर दिया वहीं सीबीआई ने शनिवार को कहा कि जांच के दौरान उनकी तरफ से आपराधिक दोष का कोई साक्ष्य नहीं पाया गया।गौरतलब है कि गुऱूवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा द्वारा बांटे गये 2जी के लाइसेंसों में से 122 रद्द कर दिये थे लेकिन उसने पी चिदंबरम जो कि तत्कालीन वित्त मंत्री थे, पर सारे फैसले ट्रायल कोर्ट पर छोड़ दिये थे। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चूंकि लोअर कोर्ट का जजमेंट 4 फरवरी को आना है, और जांच काफी आगे बढ़ चुकी है, लिहाजा चिदंबरम पर फैसला लोअर कोर्ट ही करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी के अधिकारों के दायरे को बढ़ाते हुए कहा कि सीवीसी अब सीबीआई की रिपोर्ट व उनकी जांच पर नजर रखते हुए जांच को आगे बढ़ा सकती है। सीवीसी अभी अपनी सारी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपे। जिस पर आज फैसला आया है जिसमें जज ने चिंदबरम को सह आरोपी नहीं बनाया है और उन्हें राहत दी है और स्वामी की याचिका को खारिज कर दिया है।


पटियाला कोर्ट के जस्टिस ओ पी सैनी ने जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमणयम स्वामी की याचिका को खारिज कर दिया है। इसलिए अब 2जी मामले में गृह मंत्री पी चिंदबरम को सह आरोपी नहीं बनाया जायेगा। इस फैसले के बाद स्वामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा वो कोर्ट के इस फैसले से बहुत हैरान है। लेकिन मायूस नहीं हैं। वो इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जायेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी याचिका खारिज कर दी गयी है इस बारे में बहुत लंबा कारण दिया गया है जिसे मैंनें अभी पढ़ा नहीं है। लेकिन इस बात से मैं बिल्कुल भी परेशान नहीं हूं। अगर हाईकोर्ट ने भी मुझे रिजेक्ट किया तो मैं सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा। अभी तो यह चिंदबरम के खिलाफ है उसके बाद यूपीए सु्प्रीमो सोनिया गांधी के खिलाफ काम करूंगा। 

केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने चिंदबरम का इस्तीफा मांगने वालों से माफी की मांग कर दी है। चिदंबरम ने भी कहा कि उन्हें अदालत से ऐसे फैसले की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने अपना इस्तीफा भी तैयार रखा था। 

इस सप्ताह तीन बार सुप्रीम कोर्ट में फजीहत झेल चुकी यूपीए सरकार को पटियाला हाउस के स्पेशल सीबीआई कोर्ट से थोड़ी से राहत मिली है। स्पेशल जज ओ.पी. सैनी ने गृह मंत्री पी. चिदंबरम को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में ए. राजा के साथ सहआरोपी बनाने की अर्जी खारिज कर दी है। जज ने स्वामी की याचिका पर अपने बहुप्रतीक्षित फैसले को पढ़ते हुए कहा, 'चिदंबरम को आरोपी के तौर पर बुलाने की आपकी अर्जी खारिज की जाती है। अदालत स्वामी की उस शिकायत पर सुनवाई 17 मार्च से शुरू करेगी जिसमें चिदंबरम को आरोपी बनाए बिना पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर मंत्री ए. राजा के खिलाफ और भी आरोप लगाए गए थे।
याचिका खारिज किए जाने पर हैरानी जताते हुए स्वामी ने कहा, 'मेरी पहली प्रतिक्रिया है कि मुझे आश्चर्य हो रहा है। फैसले की कॉपी मेरे पास नहीं है, इसलिए विस्तृत प्रतिक्रिया कल दूंगा।' उन्होंने कहा कि उनका पक्ष बहुत बहुत मजबूत है और वह इस फैसले के खिलाफ ऊंची अदालतों में अपील करेंगे। स्वामी ने कहा कि वह फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि किसी निचली अदालत के फैसले को सीधे ही शीर्ष अदालत में चुनौती दी जा सकती है और वह इस विकल्प पर भी विचार करेंगे।
स्वामी ने कहा, याचिका खारिज होना मेरे लिए नई बात नहीं है। लाइसेंस रद्द होने के मामले में भी हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मेरी बात को सही माना और कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए। इस फैसले से निराश होने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'यह तो खेल का हिस्सा है। हो सकता है कि पत्रकार निराश हों।'
कोर्ट से चिदंबरम को राहत मिलने के बाद केंद्रीय टेलिकॉम मिनिस्टर कपिल सिब्बल ने न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि स्वामी को ऊपरी अदालतों में अपील करने दीजिए, इसके बाद उन्हें भगवान से अपील करनी पड़ेगी। सिब्बल ने कहा कि स्वामी को अब चिदंबरम के घर जाकर उनसे माफी मांगनी चाहिए।

इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुबह अदालत ने फैसला दोपहर 12.30 बजे तक के लिए टाल दिया था। स्पेशल जज ने 21 जनवरी को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

अदालत में पिछली सुनवाइयों के दौरान स्वामी ने दावा किया था कि घोटाले में पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए. राजा और मौजूदा गृह मंत्री पी. चिदंबरम बराबर के दोषी हैं। उनका कहना है कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं, जो चिदंबरम पर आपराधिक और भ्रष्टाचार के मुकदमे का आधार बनाने के लिए काफी हैं। 

स्वामी ने अदालत को 25 मार्च 2011 को वित्त मंत्रालय का पीएमओ को दिया गया नोट सौंपा है। इसमें कहा गया है कि चिदंबरम स्पेक्ट्रम घोटालों को नीलामी की प्रक्रिया के जरिए रोक सकते थे। 24 फरवरी 2011 को संसद में दिए प्रधानमंत्री के बयान को भी स्वामी ने आधार बनाया है। इस बयान में मनमोहन ने कहा था कि ए. राजा और तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम स्पेक्ट्रम की कीमतें तय करने के लिए जिम्मेदार थे। चिदंबरम और स्वामी के बीच स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर हुए पत्राचार को भी सबूत बनाया गया है। इसके अलावा और भी कई अहम दस्तावेज स्वामी ने अदालत को सौंपे थे। 

अदालत में सौंपे गए दस्तावेज में स्वामी ने यह भी साबित करने की कोशिश की है कि स्वान टेलिकॉम और यूनिटेक वॉयरलेस ने जिस तरीके से अपने शेयर एतीसलात और टेलिनॉर को बेचे, वो गैरकानूनी थे। स्वामी के मुताबिक इसकी पूरी जानकारी चिदंबरम को थी।

 2जी घाटोले में केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम को सह आरोपी बनाने की याचिका खारिज होने के बाद सरकार और कांग्रेस में बड़ी राहत महसूस की जा रही है। जहां कांग्रेस में खुशी मनाई जा रही है, चिंदबरम के समर्थक पटाखे फोड़ रहे हैं, वहीं केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने चिंदबरम का इस्तीफा मांगने वालों से माफी की मांग कर दी है। चिदंबरम ने भी कहा कि उन्हें अदालत से ऐसे फैसले की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने अपना इस्तीफा भी तैयार रखा था। 

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने फैसले को सरकार के लिए राहत देने वाला बताया। उन्होंने कहा इस फैसले से सरकार को राहत मिली है। बेवजह चिंदबरम को दोषी बताने की कोशिश हो रही थी। मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। 

दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि अब विशेष अदालत के फैसले से भी यह साफ हो गया है कि चिदंबरम की 2जी घोटाले में कोई भूमिका नहीं थी। ए राजा और चिदंबरम के बीच मिलीभगत के आरोप को अदालत ने बेबुनियाद बता दिया है। इसलिए जो लोग चिदंबरम से इस्तीफा मांग रहे थे, उन्हें उनसे माफी मांगनी चाहिए। 

इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं में इस फैसले से जोश आ गया है। जगह-जगह से सुब्रमण्यम स्वामी के पुतले जलाने और चिंदबरम के समर्थन में जुलूस निकालने की खबरें आ रही हैं। खासकर चिदंबरम के गृह जिले शिवगंगा (तमिलनाडु) में कांग्रेस कार्यकर्ता घरों से निकलकर पटाखे फोड़ते हुए खुशी मना रहे हैं। मनाईऔर पटाखे फोड़े। विशेष अदालत का फैसला आने के बाद जिला प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख एम राजारत्नम के नेतृत्व में करीब 100 पार्टी कार्यकर्ताओं ने यहां बस अड्डे के नजदीक पटाखे फोड़े। इसी तरह के जश्न का दृश्य कराइकुडी में भी देखने को मिला जहां पूर्व विधायक सुंदरामके नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने अदालत के फैसले पर खुशी जताई।

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