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Tuesday, February 21, 2012

मछुआरों के मुद्दे से कोई असर नहीं पड़ेगा भारत-इटली के रिश्तों पर

मछुआरों के मुद्दे से कोई असर नहीं पड़ेगा भारत-इटली के रिश्तों पर


Wednesday, 22 February 2012 09:23

प्रदीप श्रीवास्तव नई दिल्ली, 22 फरवरी। मछुआरों की हत्या के मुद्दे पर भारत का मानना है कि  इससे उसके और इटली के द्विपक्षीय राजनयिक रिश्ते में कोई फर्क नहीं आएगा। सूत्रों के मुताबिक यह पूरा मामला कानूनी है। इटली से इस पर फिलहाल जो मतभेद हैं वह इस घटना की कानूनी व्याख्या को ले कर ही हैं। भारत की तरफ से इटली को भी यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वह जांच के जरिए तथ्यों को पहले तय करना चाहता है।  कानूनी प्रक्रिया का जहां तक सवाल है यानि जब मामला सुनवाई के लिए अदालत में जाएगा तो उसमें इटली अपना पूरा पक्ष रख सकता है।
इस बीच भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इन तथ्यों को गलत बताया है कि इस मामले को ले कर इटली के विदेश मंत्री गिउलिओ तेरजी भारत दौरे का कार्यक्रम बना रहे हैं। उनके मुताबिक तेरजी का भारत दौरा इस घटना के पहले से ही तय था। उनका दौरा 28 फरवरी को होना है। पर चूंकि अभी तक दोनों तरफ से इस पर निश्चित फैसला नहीं किया जा सका है इसलिए इस दौरे का एलान न तो नई दिल्ली और न ही रोम से किया गया था। वैसे रोम में इटली के विदेश मंत्रालय ने भी आज ही कहा है कि तेरजी अगले मंगलवार को नई दिल्ली जा रहे हैं। इतालवी विदेश मंत्रालाय की ओर से जारी एक बयान में यह भी कहा गया है कि उप विदेश मंत्री स्ताफन दी मिसतुरा को भारत भेजा गया है और वे भारत के साथ राजनीतिक स्तर पर बातचीत रखेंगे। मिसतुरा बुधवार को यहां पहुंच रहे हैं। 
इटली के विदेश मंत्री तेरजी ने रोम में सोमवार को भारत के साथ तीव्र मतभेद की जो बात कही थी उसे ले कर यहां मीडिया में काफी अटकलें लगाई जा रही थीं। पर तेरजी ने भी इस बयान में स्पष्ट किया है कि यह तीखे मतभेद कानूनी तौर पर हैं। उन्होंने सोमवार को रोम में  कहा कि कानूनी पहलुओं को ले कर तीखे मतभेद हैं। भारत और इटली के बीच जैसा सहयोग होना चाहिए वह मुझे नहीं दिखाई दे रहा है।

दरअसल गिउलिओ तेरजी और इटली सरकार पर भी इस घटना को ले कर दबाब है। बीते रविवार को जिन दो इतालवी सैनिकों मासिमिलिआनो लातोरे और सालवातोरे गिरोने सैन मारको को गिरफ्तार कर यहां न्यायिक हिरासत में भेजा गया वे  मरीन रेजीमेंट के जवान हैं।  इटली में पिछले ही साल कानून पारित कर हिंद महासागर में इतालवी पोतों पर समुद्री डाकुओं के खिलाफ मरीन जवानों की तैनाती की गई थी। मासिमिलिआनो लातोरे और सालवातोरे एनरिका लेक्सी नाम के तेल टैंकर पर तैनात थे। उन्होंने गोलीबारी कर भारत के दो मछुआरों की हत्या कर दी। उनकी सफाई में यह कहा गया है कि दोनों ने मछुआरों की नौका को समुद्री डाकू की नौका समझा और  गोली चला दी। 

कानूनी आधार पर इटली का कहना है कि उसका जहाज अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में था और अंतरराष्ट्रीय कानून और इटली के कानून के तहत दोनों जवानों पर भारत में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। पर भारत  ने इटली से आए प्रतिनिधिमंडल के सामने भारतीय दंड संहिता की धारा 4 का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत भारतीय समुद्री नौका या भारतीय नागरिक पर कहीं भी हमला होता है तो भारतीय कानून लागू होता है। इतालवी प्रतिनिधिमंडल के सामने यह साफ किया गया कि इस मामले में तथ्यों की जांच पड़ताल जांचकर्ता करेंगे। उन तथ्यों के तय होने के बाद मुकदमा दर्ज होगा। आरोपियों के पक्ष में वकील मुहैया कराने की पेशकश भारत की तरफ से की गई. साथ ही यह भी कहा गया कि मुकदमे की प्रक्रिया के दौरान इटली अपनी तरफ से अपने कानूनी जानकारों और प्रतिनिधि को कोर्ट में पेश कर सकता है। कोर्ट में यह तय होगा कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत आता है या भारतीय कानून के तहत। दोनों सैनिक दोषी हैं कि नहीं। 
सूत्रों के मुताबिक भारत की तरफ से यह कोशिश की जा रही है कि इस पूरे मामले को भारत-इटली संबंधों से अलग एक घटना तक सीमित रखा जाए। दोनों देशों के बीच बहुआयामी रिश्ते हैं। यह मामला उन रिश्तों तक न पहुंच पाए। भारत के सामने घरेलू मोर्चे पर इटली से भी बड़ी मजबूरी है। उसके दो नागरिक मारे गए हैं। इसे ले कर राजनीतिक पार्टियां और स्वयंसेवी संगठन दोनों ही खड़े हो गए हैं।


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