Tuesday, July 23, 2013
Kishore Kumar सार्वजनिक क्षेत्र के कोयला उद्योग में अनुसंधान और विकास का मामला हासिए पर है। नतीजा सामने है। कोयला खदान असुरक्षित हो रहे हैं और इस आधार पर अनेक खानों को बंद किया जा चुका है। जाहिर है कि कोयले का उत्पादन और उत्पादकता तेजी से घट रही है। नतीजतन कोयले के मामले में विदेशी निर्भरता बढ़ती जा रही है।
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