मंदी से निपटने के लिए 186000 करोड़
वेबदुनिया हिंदी - 9 घंटे पहले
सरकार ने अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का प्रयास जारी रखने का वायदा करते हुए कहा कि उसने वित्त वर्ष 2009-10 में वैश्विक मंदी से निपटने के लिए 186000 करोड़ रुपए दिए। वित्तमंत्री लोकसभा में कहा कि वित्त वर्ष 2008-09 के लिए दिए गए राजकोषीय प्रोत्साहनों की राशि मौजूदा बाजार मूल्यों के आधार पर 186000 करोड़ रुपए होती है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 फीसद है। सरकार अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का प्रयास जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि ...
घाटे के मर्ज ने बढ़ाई मुश्किलें Business standard Hindi
राजकोषीय घाटा बढ़कर 18 साल के टॉप पर पहुंचने का अनुमान Hindi- Economic times
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रक्षा बजट पर दिखा छठे वेतन आयोग का असर
Business standard Hindi - 58 मिनट पहले
छठे वेतन आयोग को लागू करने का असर रक्षा क्षेत्र के बजट आवंटन पर साफ नजर आ रहा है। सरकार ने 2009-10 के लिए रक्षा बजट आवंटन में 34 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी की है। मुखर्जी ने 2009-10 के लिए रक्षा बजट के लिए आवंटन 1,41703 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है, जो 2008-09 के 1,05600 करोड़ रुपये की तुलना में 36103 करोड़ रुपये ज्यादा है। इस बढ़ोतरी में पेंशन में बढ़ोतरी भी शामिल है, जो छठे वेतन आयोग के परिणामस्वरूप करीब 5000 करोड़ रुपये बढ़ी है। ...
रक्षा खरीद पर होगी सरकार की नजर याहू! भारत
डिफेंस में अंतरिम बजट पर ही लगी मुहर नवभारत टाइम्स
बजट में क्या सस्ता क्या मंहगा
नवभारत टाइम्स - 1 घंटा पहले
नयी दिल्ली।। आम बजट पेश होने के बाद चुनिन्दा जीवन रक्षक दवाइयां, एलसीडी टीवी, मोबाइल फोन, ब्रैंडेड जूलरी, खेल के सामान एवं चमड़े से बने उत्पाद, पैकिज्ड सॉफ्टवेयर और फुटवियर आदि के दाम घट जाएंगे। वहीं दूसरी ओर, सोने एवं चांदी की छड़ें, सेट-टॉप-बाक्स और कास्मेटिक सर्जरी महंगी हो जाएगी। वर्ष 2009-10 के लिए आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने जीवन रक्षक दवाओं पर सीमा शुल्क 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का प्रस्ताव ...
क्या सस्ता..क्या महंगा.. याहू! भारत
बजट के भेद
नवभारत टाइम्स - 34 मिनट पहले
प्रणव मुखर्जी उन नेताओं में से रहे हैं, जिन्हें किसी तरह के विवाद में फंसाना बहुत मुश्किल होता है। वह कई बार इस तरह के बयान देते हैं जो देखने में बहुत सीधे-सादे लगते हैं, लेकिन उनका आशय बाद में स्पष्ट होता है। पी. चिदंबरम, यशवंत सिन्हा और जसवंत सिंह की तुलना में उनका बजट भाषण काफी सपाट था। उसमें न तो शब्दों की कोई कलात्मकता थी, न कोई ओज था। इसमें यदि रेल मंत्रियों के बजट भाषणों को भी शामिल कर लें तो कहना होगा कि न तो इसमें ...
बजट पेश करते समय दो का अजब संयोग दैनिक जागरण
पच्चीस साल बाद प्रणव पेश करेंगे बजट याहू! भारत
loktej - बीबीसी हिन्दी - खास खबर - जोश 18
रक्षा बजट पर दिखा छठे वेतन आयोग का असर
Business standard Hindi - 1 घंटा पहले
छठे वेतन आयोग को लागू करने का असर रक्षा क्षेत्र के बजट आवंटन पर साफ नजर आ रहा है। सरकार ने 2009-10 के लिए रक्षा बजट आवंटन में 34 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी की है। मुखर्जी ने 2009-10 के लिए रक्षा बजट के लिए आवंटन 1,41703 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है, जो 2008-09 के 1,05600 करोड़ रुपये की तुलना में 36103 करोड़ रुपये ज्यादा है। इस बढ़ोतरी में पेंशन में बढ़ोतरी भी शामिल है, जो छठे वेतन आयोग के परिणामस्वरूप करीब 5000 करोड़ रुपये बढ़ी है। ...
रक्षा खरीद पर होगी सरकार की नजर
याहू! भारत - 2 घंटे पहले
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। रक्षा खरीद की प्राथमिकताएं सरकार के बजट में स्पष्ट है। इस साल रक्षा बजट में 34 फीसदी बढ़ोतरी के साथ इस मद में 1,41703 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जाहिर है कि मुंबई घटना में नजर आई सुरक्षा चूक के मद्देनजर रक्षा खरीद सरकार की प्राथमिकता में है। पिछले साल के मुकाबले रक्षा बजट में लगभग 36 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है। वर्ष 2007-08 में रक्षा बजट 96 हजार करोड़ रुपये था। पिछले साल इसमें 10 फीसदी की बढ़ोतरी ...
डिफेंस में अंतरिम बजट पर ही लगी मुहर
नवभारत टाइम्स - 1 घंटा पहले
नई दिल्ली।। इस साल 16 फरवरी को प्रणव मुखर्जी ने अंतरिम बजट में रक्षा के लिए जो प्रावधान किए थे, आम बजट में भी उनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। रक्षा बजट में पिछले साल की तुलना में 34.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी को बनाए रखकर सरकार ने सुरक्षा चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए जरूरी साज सामान हासिल करने पर पूरा ध्यान रखने के संकेत दिए हैं। पिछले कुछ सालों से रक्षा मद में औसतन 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी ही होती रही है। इस साल रक्षा बजट में एक ...
रक्षा बजट में 34 प्रतिशत की बढ़त
दैनिक भास्कर - 8 घंटे पहले
नई दिल्ली। आम बजट 2009-10 में रक्षा हेतु 1.41 लाख करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं। इसी के साथ कई सालों से लंबित एक पद एक पेंशन योजना का प्रावधान भी दिया गया है। अद्धसैनिक बल हेतु 1 लाख नए घर बनाने की बात भी प्रणब मुखर्जी ने कही है। पिछले वर्ष की तुलना में रक्षा हेतु 34 प्रतिशत ज्यादा बजट रक्षा हेतु रखा गया है। सरकार ने देश की आतंरिक सुरक्षा हेतु पुलिस महकमें के आधुनिकरण के लिए 430 करोड़ रूपए मंजूर किए हैं।
रक्षा बजट में 36103 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी
दैनिक जागरण - 8 घंटे पहले
नई दिल्ली। सरकार ने 2009-10 के लिए रक्षा बजट आबंटन में 34 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी कर इसे 1,41703 करोड़ रुपये कर दिया है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने लोकसभा में 2009-10 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार रक्षा उपकरणों की खरीद में तेजी लाना चाहती है। मुखर्जी ने 2009-10 के लिए रक्षा बजट के लिए आवंटन 1,41703 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है, जो 2008-09 के 1,05600 करोड़ रुपये की तुलना में 36103 करोड़ रुपये ज्यादा है। सरकार ने कहा है कि वह रक्षा उपकरणों ...
रक्षा बजट में इज़ाफ़ा, बदलेगी देश की रक्षा तस्वीर
डी-डब्लू वर्ल्ड - 8 घंटे पहले
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने देश के रक्षा बजट में भारी बढ़ोतरी का एलान किया है. पिछले साल के मुक़ाबले 34 फ़ीसदी बढ़ोतरी के साथ रक्षा खाते में अब क़रीब 141 अरब रुपये आ गए हैं. मोटे तौर पर अंतरिम बजट में भी यही राशि रखी गयी थी. लेकिन इस वृद्धि के बावजूद भारत का रक्षा बजट उसके सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का क़रीब दो फ़ीसदी ही है. अपने प्रमुख पडो़सियों चीन औऱ पाकिस्तान से बहुत कम. चीन का सात फ़ीसदी और पाकिस्तान का पांच फ़ीसदी ...
पिछले वर्ष की तुलना रक्षा बजट में 34 प्रतिशत की बढत
खास खबर - 6 घंटे पहले
नई दिल्ली, 6 जुलाई। वित्त वर्ष 2009-10 के आम बजट में रक्षा हेतु 1.41,703 करोड रूपए मंजूर किए गए है, जो पिछले वित्त वर्ष में आवंटित राशि से 34 फीसदी अघिक है। इसी के साथ कई सालों से लंबित एक पद एक पेंशन योजना का प्रावघान भी दिया गया है। इस साल अंतरिम बजट में भी इतनी ही राशि का आवंटन किया गया था। लोकसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने जवानों और जुनियर कमिशंड अघिकारियों की पेंशन बढाने की घोषणा की। हालांकि अघिकारियों ...
आम बजट: आधारभूत ढांचे में निवेश पर बल
जोश 18 - 13 घंटे पहले
नई दिल्ली। वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने सोमवार को अपने बजट भाषण की शुरूआत करते हुए आधारभूत ढांचे में निवेश पर बल दिया है। सफेद रंग के बंद गले का सूट पहने संसद पहुंचे मुखर्जी ने सुबह 11 बजे अपने बजट भाषण की शुरुआत की। मुखर्जी इससे पहले 1982 से 1984 के बीच तीन बार आम बजट प्रस्तुत कर चुके हैं। इसी साल उन्होंने अंतरिम बजट भी पेश किया था। मुखर्जी ने अपने बजट भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि देश को लम्बे समय तक 9 फीसदी विकास दर चाहिए और ...
प्रणब मुखर्जी आज बजट पेश करेंगे
बीबीसी हिन्दी - 21 घंटे पहले
आर्थिक मंदी और लोगों की उम्मीदों के बीच सोमवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी लोकसभा में बजट पेश करेंगे. वो 25 साल बाद एक बार फिर आम बजट पेश करने जा रहे हैं. इससे पहले वो इंदिरा गांधी सरकार में वित्त मंत्री के रूप में 1982 से 1984 तक तीन बजट पेश कर चुके हैं. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के पहले कार्यकाल के अंतिम दिनों में पी चिदबंरम को वित्त मंत्री की जगह गृह मंत्री बना दिए जाने के बाद प्रणब ...
चादर देख कर पैर फैलाये प्रणब
loktej - 5 घंटे पहले
वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने वर्ष २००९-१० के लिए प्रस्तुत बजट में जो कर प्रस्ताव रखे हैं उनसे ही सरकार के इरादों और रणनीति का अहसास हो जाता है। पहली बार भारत का बजट अनुमान १० लाख करोड़ रूपये को पार कर पाया है। यह अपने आप में एक कीर्तिमान है तथा वैश्र्िवक मंदी के मौजूदा दौर से भारतीय अर्थव्यवस्था को बाहर निकालने के लिए भारत सरकार के जुझारू मूड की ओर इशारा कर रहा है। देश के प्रमुख बैंक प्रमुखों ने भी माना है कि अधिकांश कर ...
पच्चीस साल बाद प्रणव पेश करेंगे बजट
याहू! भारत - ०५-०७-२००९
नई दिल्ली। प्रवण मुखर्जी पच्चीस साल बाद सोमवार को एक बार फिर देश का आम बजट पेश करेंगे। इससे पहले वह इंदिरा गांधी सरकार में वित्त मंत्री के रूप में 1982 से 1984 तक तीन बजट पेश कर चुके हैं। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की पहली पारी के अंतिम दिनों में पी चिदबंरम को वित्त मंत्री की जगह गृह मंत्री बना दिए जाने के बाद मुखर्जी को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था और तब उन्होंने 16 फरवरी 2009 को अंतरिम बजट पेश ...
आम बजट : वैश्विक स्थिति पर निर्भर करेगा अर्थव्यवस्था में सुधार : मुखर्जी
समय - 9 घंटे पहले
नई दिल्ली| वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में सुधार तब तक मुश्किल है जब तक कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में बदलाव न दिखे। लोकसभा में आम बजट 2009-10 पेश करने के बाद एक टीवी चैनल से बातचीत में मुखर्जी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की उम्मीद है लेकिन यदि पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं में सुधार नहीं आता है तो इसमें और लंबा समय लग सकता है ...
अनूठी इबारत लिखेंगे प्रणव दा
Business standard Hindi - ०५-०७-२००९
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी बजट पेश करने के लिए कल जब लोकसभा में खड़े होंगे, तो एक अनूठा रिकॉर्ड उनके नाम हो जाएगा। स्वतंत्र भारत में वह पहले वित्त मंत्री होंगे, जिन्होंने चुनाव से पहले अंतरिम बजट दिया और चुनाव जीतकर उसी साल का पूर्ण बजट भी पेश किया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 से 1996 तक वित्त मंत्री पद पर रहते हुए बजट पेश किए। उन्होंने आखिरी बार 1996-97 का अंतरिम बजट चुनाव से पहले पेश किया था। लेकिन कांग्रेस उस साल आम चुनाव ...
आम बजट: मंदी को मारेंगे प्रणब
That's Hindi - 13 घंटे पहले
नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संसद में सोमवार सुबह 11 बजे आम बजट 2009-10 बजट पेश कर दिया है। बजट भाषण की शुरुआत करते हुए प्रणब मुखर्जी ने पहला लक्ष्य मंदी को मारने का रखा है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि आधारभूत ढांचे में निवेश पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस आदि में सब्सिडी कम किए जाने की योजना सरकार बना रही है। इस पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा, जो तेल की कीमतों को कम करने पर भी ...
आम बजट : 10 लाख करोड़ रुपये का हुआ देश का बजट
समय - 11 घंटे पहले
नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को वर्ष 2009-10 के लिए आम बजट पेश करते हुए कहा कि पिछले 63 वर्षो में देश का बजट 193 करोड़ रुपये से बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। मुखर्जी ने कहा, मैडम स्पीकर, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पहली बार देश का बजट 10 लाख करोड़ रुपये को पार किया है। पहले बजट में यह राशि 193 करोड़ रुपये थी जो चालू वित्त वर्ष में अनुमानित 10 लाख 20838 करोड़ रुपये है।
क्या आम बजट में आज प्रणव खोलेंगे सौगातों का पिटारा!
मेरी खबर.कोम - 14 घंटे पहले
नई दिल्ली: प्रणव के पिटारे में आम लोगों के लिए कई तोहफे होंगे, ऐसी आस लगाई जा रही है। लोक लुभावन रेल बजट के बाद लोगों को उम्मीद है कि वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी भी सोमवार को वर्ष 2009-10 के आम बजट में सौगातों का पिटारा खोलेंगे। समझा जाता है कि लोकसभा में सुबह 11 बजे पेश किए जाने वाले आम बजट में मुखर्जी कल्याणकारी योजनाओं के लिए संसाधन जुटाने और नागरिकों व उद्योगों पर भार कम करने के बीच संतुलन साधने की कोशिश करेंगे। ...
आम बजट: मंदी को मारेंगे प्रणबThat's Hindi - 13 घंटे पहले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संसद में सोमवार सुबह 11 बजे आम बजट 2009-10 बजट पेश कर दिया है। बजट भाषण की शुरुआत करते हुए प्रणब मुखर्जी ने पहला लक्ष्य मंदी को मारने का रखा है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि आधारभूत ढांचे में निवेश पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस आदि में सब्सिडी कम किए जाने की योजना सरकार बना रही है। इस पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा, जो तेल की कीमतों को कम करने पर भी विचार करेगी। ... पच्चीस साल बाद प्रणव पेश करेंगे बजट याहू! भारत बजट के भेद नवभारत टाइम्स आम बजट ग्रामीण विकासोन्मुखी: पीएमयाहू! भारत - 8 घंटे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2009-2010 के आम बजट का प्रयास वैश्विक मंदी के प्रभाव को कम से कम करना और मध्यम अवधि में 8 से 9 प्रतिशत विकास दर हासिल करना है। प्रधानमंत्री ने आम बजट को ग्रामीण विकासोन्मुखी बताते हुए कहा कि इसका फोकस अर्थ व्यवस्था की अल्पकालीक जरूरतों को सुनिश्चित करना और साथ ही मध्यकालिक लक्ष्यों को हासिल करना है। लोकसभा में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा वर्ष 2009 2010 का आम बजट पेश किए ... आम बजट से शहर को कई उम्मीदेंदैनिक भास्कर - ०५-०७-२००९ दुकानदार एसके गांधी के मुताबिक वित्त बजट में ऐसा प्रावधान हो कि महंगाई पर लगाम कसी रहे। खासकर खाद्य सामग्री के दाम कम नहीं हुए हैं। इस बाबत जरूरी है कि कदम उठाए जाएं, इसके अलावा जनता को कुछ नहीं चाहिए। ड्राइ फ्रूट्स व्यापारी अजय गुलाटी कहते हैं कि मार्केट में जो मंदी छाई है, उसे दूर करने के लिए सरकार को मजबूत प्रयास रखने चाहिए। मंदी को देखते हुए ही सरकार टैक्स या रिबेट सिस्टम बनाए, ताकि एक बार फिर मार्केट में दम आ जाए। ... आज संसद में पेश होगा आम बजटजोश 18 - 16 घंटे पहले देश की अधिकांश कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीआईओ) का मानना है कि आज संसद में पेश होने वाला आम बजट वैश्विक मंदी के मद्देनजर विकास को गति देने वाला, सामाजिक क्षेत्रों के लिए आवंटन बढाने और मंदी से बुरी तरह प्रभावित निर्यात उद्योग को राहत देने तथा विनिवेश की प्रक्रिया को फिर से पटरी पर लाने वाला होगा। इन अधिकारियों का मानना है कि सरकार बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए बजट में विशेष आवंटन करने के अतिरिक्त इससे ... मंदी व वित्तीय घाटा होगी मुख्य चुनौती हिन्दुस्तान दैनिक बजट : थोड़ा आम थोड़ा खास के साथ संतुलन की कवायददैनिक भास्कर - 11 घंटे पहले बजट विश्लेषण. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा आज प्रस्तुत किया गया बजट में तरफ जहां आम आदमी के हितों का ध्यान रखा गया है वहीं इसमें बढ़ते राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण की कवायद भी शामिल है। वित्त वर्ष में वर्तमान बजट देश के विकास दर को बढ़ाने के उद्देश्य से बनाया गया है लेकिन ऐसा कोई असाधारण कदम इस बजट में नजर नहीं आता जिससे बहुत बड़ी उम्मीद की जा सके। सेवा क्षेत्र ने सरकार को मंदी में बढ़ी राहत दी थी और उम्मीद की जा रहीं थी ... स्वीमीनॉमिकक्स: सुधारों के मार्चे पर ठंडा पड़ा आम बजटHindi- Economic times - 1 घंटा पहले बजट में मंदी की चोट खाई अर्थव्यवस्था को उसके पैरों पर खड़ा करने की कोशिश सरकारी खर्च में इजाफा कर की गई है। नरेगा (144 फीसदी), भारत निर्माण (45 फीसदी) राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (87 फीसदी), भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (23 फीसदी), एक्सेलरेटड पावर डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म प्रोग्राम (160 फीसदी) के लिए बजटीय आवंटन बढ़ाया गया है। हालांकि, बजट भाषण में राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए कोई खाका नहीं खींचा गया है, लेकिन मीडियम टर्म ... महंगाई और मंदी पर लगाएं लगामदैनिक भास्कर - 18 घंटे पहले दिन-प्रतिदिन बढ़ती महंगाई की वजह से घरों का बजट गड़बड़ा गया है। महिलाओं और बुजरुगों को उम्मीद है कि आम बजट में उनका भी ख्याल रखा जाएगा और जरूरत की चीजें सस्ती होंगी। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के बाद अब लोगों को डर है कि कहीं रसोई गैस के दाम भी न बढ़ जाएं। मंदी के इस दौर में लोगों को बजट से काफी अपेक्षाएं हैं। हरिंदर सिंह वहाली का कहना है महंगाई हटाने का काम किया जाना चाहिए। जिन लोगों ने मंदी के दौर में नौकरी खोई है, ... महंगाई पर लगाम लगनी चाहिए दैनिक भास्कर आम बजट:आयकर में छूट,किसानों को सस्ता ऋणसमय - 3 घंटे पहले महंगा-सोने-चांदी की छड़ें,सेट टाप बाक्स व कास्मेटिक सर्जरी। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने लोकसभा में 2009-10 का आम बजट पेश किया, जिसमें कांग्रेस द्वारा चुनाव के समय किये गये वायदों को पूरा करने के प्रयास के साथ अर्थव्यवस्था पर वैश्विक आर्थिक मंदी की मार की झलक दिखी। बजट में तमाम 'लोकलुभावन' पेशकश की गयी है। मानसून में दूरी के कारण दो हेक्टेअर से अधिक भूमि रखने वाले किसानों को अपने ऋण के 75 प्रतिशत की अदायगी के लिए दिये गये 30 ... इनकम टैक्स में छूट मगर.. याहू! भारत बजट: आपके सवाल और जवाबबीबीसी हिन्दी - 11 घंटे पहले बजट में मंदी का प्रभाव कितना नज़र आ रहा है और कहाँ?डॉ. अमिता नीरव, इंदौर. बजट में मंदी को तोड़ने के लिए वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने के लक्ष्य को त्याग दिया गया है. सरकार नोट छापकर बुनियादी संरचना में निवेश करेगी जिससे घरेलू बाज़ार में सीमेंट स्टील और श्रम की माँग बढ़ेगी और मंदी को तोड़ने में मदद मिलेगी. बजट आम लोगों के लिए कितना फ़ायदेमंद रहेगा? क्या महँगाई परलग़ाम लग पाएगी?गौरव कुमार आम आदमी को रोज़गार गारंटी योजना में ... गांव का बजट, शाबाश प्रणबः मनमोहननवभारत टाइम्स - 9 घंटे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि वर्ष 2009-10 के आम बजट की कोशिश ग्लोबल मंदी के असर को कम करने और और मध्यम अवधि में 8 से 9 प्रतिशत विकास दर हासिल करने की है। प्रधानमंत्री ने आम बजट को ग्रामीण विकास के लिए अहम बताते हुए कहा कि इसका फोकस अर्थव्यवस्था की अल्पकालिक जरूरतों को सुनिश्चित करना और लक्ष्यों को हासिल करना है। लोकसभा में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा वर्ष 2009-10 का आम बजट पेश किए जाने के कुछ देर बाद ही ... |
मंदी व वित्तीय घाटा होगी मुख्य चुनौतीहिन्दुस्तान दैनिक - ०५-०७-२००९ दुनियाभर में छाई आर्थिक मंदी के इस दौर में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की दूसरी पारी का पहला बजट मंदी से उबरने के लिए उद्योगों को दी गई रियायतें बरकरार रखने के साथ साथ छह प्रतिशत से ऊपर निकल चुके वित्तीय घाटे पर अंकुश रखने के वास्ते नए संसाधन जुटाने की चुनौती वाला होगा। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी सोमवार को संसद में पेश किए जाने वाले 2009-10 के बजट में अपने लंबे राजनीतिक अनुभव और संप्रग सरकार की नीतियों पर चलते ... आज संसद में पेश होगा आम बजट जोश 18 रियायतों के साथ घाटे पर अंकुश की चुनौती! एनडीटीवी खबर मंदी से निपटने के लिए 186000 करोड़वेबदुनिया हिंदी - 9 घंटे पहले सरकार ने अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का प्रयास जारी रखने का वायदा करते हुए कहा कि उसने वित्त वर्ष 2009-10 में वैश्विक मंदी से निपटने के लिए 186000 करोड़ रुपए दिए। वित्तमंत्री लोकसभा में कहा कि वित्त वर्ष 2008-09 के लिए दिए गए राजकोषीय प्रोत्साहनों की राशि मौजूदा बाजार मूल्यों के आधार पर 186000 करोड़ रुपए होती है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 फीसद है। सरकार अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का प्रयास जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि ... घाटे के मर्ज ने बढ़ाई मुश्किलें Business standard Hindi राजकोषीय घाटा बढ़कर 18 साल के टॉप पर पहुंचने का अनुमान Hindi- Economic times आम बजट: मंदी को मारेंगे प्रणबThat's Hindi - 13 घंटे पहले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संसद में सोमवार सुबह 11 बजे आम बजट 2009-10 बजट पेश कर दिया है। बजट भाषण की शुरुआत करते हुए प्रणब मुखर्जी ने पहला लक्ष्य मंदी को मारने का रखा है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि आधारभूत ढांचे में निवेश पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस आदि में सब्सिडी कम किए जाने की योजना सरकार बना रही है। इस पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा, जो तेल की कीमतों को कम करने पर भी विचार करेगी। ... पच्चीस साल बाद प्रणव पेश करेंगे बजट याहू! भारत चादर देख कर पैर फैलाये प्रणब loktej अभी मंदी से उबरने के आसार नहीं : जोइलिकएनडीटीवी खबर - 2 घंटे पहले विश्व बैंक के अध्यक्ष राबर्ट जोइलिक ने कहा है कि जी आठ देशों के समूह को अभी मंदी से उबरने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि विश्व बैंक का अनुमान है कि चीन और भारत को छोड़कर विकासशील देशों के सकल घरेलू उत्पाद में इस वर्ष 1.6 प्रतिशत की कमी आएगी जिससे नौकरियों में और कमी होगी तथा गरीबी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में औसतन एक प्रतिशत की कमी से दो करोड़ और लोग बहुत गरीब हो जाएंगे। निर्यात, निवेश और ... आम बजट ग्रामीण विकासोन्मुखी: पीएमयाहू! भारत - 8 घंटे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2009-2010 के आम बजट का प्रयास वैश्विक मंदी के प्रभाव को कम से कम करना और मध्यम अवधि में 8 से 9 प्रतिशत विकास दर हासिल करना है। प्रधानमंत्री ने आम बजट को ग्रामीण विकासोन्मुखी बताते हुए कहा कि इसका फोकस अर्थ व्यवस्था की अल्पकालीक जरूरतों को सुनिश्चित करना और साथ ही मध्यकालिक लक्ष्यों को हासिल करना है। लोकसभा में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा वर्ष 2009 2010 का आम बजट पेश किए ... गांव, गरीब व मध्य वर्ग को उपहारयाहू! भारत - 2 घंटे पहले मंदी के मारों को राहत, एक बड़ा टैक्स गायब और ऊपर से कर रियायत, सबको लुभाने वाली तरह-तरह की अदाएं और सरकारी स्कीमों के लिए पैसे की धाराएं..दस लाख करोड़ रुपये के खर्च का तिलिस्म है यह!!! इसके असर पर मत जाइए, बस दादा का बजट जादू देखते जाइए। प्रणब दा का बजट लोगों पर पुराना नपा-तुला लोकुलभावन कांग्रेसी सम्मोहन करता है और सुधारों के मंत्र या घाटे की चिंताओं को फिलहाल पीछे रखता है। वित्ता मंत्री ने उद्योगों को लुभाने के लिए कोई खास ... मंदी की लंबी मार: आईएमएफ़बीबीसी हिन्दी - ०५-०७-२००९ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानि आईएमएफ़ का कहना है कि दुनिया में छाई आर्थिक मंदी लंबे समय तक चलेगी और गंभीर होगी. आईएमएफ़ पहले ही कह चुका है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था इस वर्ष एक प्रतिशत तक संकुचित होगी. पिछले कुछ दिनों से अर्थ वित्त जगत में ये भविष्यवाणियां छाई हुई थीं कि दुनिया की अर्थव्यवस्था स्वस्थ्य होने की राह पर अग्रसर है. उदाहरण के लिए अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था कि अमरीकी अर्थव्यवस्था के लिए आशा की ... 2010 तक उबर जाएगी अर्थव्यवस्था : आईएमएफ हिन्दुस्तान दैनिक हाय रे मंदी !ब्रिटेन में नंगों का ऑफिसनवभारत टाइम्स - ०४-०७-२००९ मंदी के दौर में जब ऑफिस का काम कुछ कम हुआ, तो डिजाइन एंड मार्केटिंग कंपनी में लोगों ने जो किया वह किसी आश्चर्य से कम नहीं। यहां के स्टाफ ऑफिस पहुंचते ही नंगे हो जाते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करना बेहतर काम करने में फायदेमंद साबित हो रहा है। मंदी की वजह से कंपनी को छह कर्मचारियों का निकालना पड़ा था, इसके बाद उत्पादकता बढ़ाने के लिए कंपनी ने बिजनेस साइकोलॉजिस्ट डेविड टेलर को हायर किया। डेविड ने सबसे पहले नेकेड डे फ्राइडे तय ... |
2010 तक उबर जाएगी अर्थव्यवस्था : आईएमएफहिन्दुस्तान दैनिक - ०४-०७-२००९ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) मंदी के कारण बेरोजगारी बढ़ने के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2010 में सुधार आने के प्रति आशावान है। आईएमएफ के पश्चिमी क्षेत्र के निदेशक निकोलस एजगुइरे ने शुक्रवार को यहां लातिन अमेरिकी देशों के वित्त मंत्रियों के सम्मेलन में यह आशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यस्था उम्मीदों से कहीं 'यादा तेजी से आर्थिक मंदी से उबरने लगी है। उन्होंने कहा कि आक्रामक वित्तीय एवं मौद्रिक ... मंदी की लंबी मार: आईएमएफ़ बीबीसी हिन्दी साहस, सावधानी और संतुलन का बजटनवभारत टाइम्स - 44 मिनट पहले लेकिन घाटे की चिंता को प्रमुखता देते हुए अगर वित्त मंत्री रक्षात्मक रुख अख्तियार कर लेते तो अर्थव्यवस्था के लिए लंबे दौर में इससे ज्यादा बड़ी परेशानियां खड़ी हो सकती थीं। इसके बजाय उन्होंने मंदी के दौर में किसानों को केंद्र में रखकर पूरे संकल्प के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देना जारी रखा है, जो निकट भविष्य में इसे ऊंची विकास दर के रास्ते पर लाने में मददगार साबित होगा। आय पर लगातार बने दबाव के बावजूद कृषि ... तेजी से विकसित हो रहे हैं भारत-चीनयाहू! भारत - 13 घंटे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अमेरिका भले ही सैन्य महाशक्ति और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन भारत, चीन और ब्राजील जैसे देश उस गति से आगे बढ़ रहे हैं जो पहले से कहीं अधिक तेज है। ओबामा ने 'इतर तास रशिया टीवी' को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि विश्व में अमेरिका की भूमिका के बारे में कहें तो निश्चित तौर पर हम सैन्य महाशक्ति बने हुए हैं। हमारे पास अब भी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन विश्व के ... मंदी से निपटने के लिए 186000 करोड़वेबदुनिया हिंदी - 9 घंटे पहले सरकार ने अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का प्रयास जारी रखने का वायदा करते हुए कहा कि उसने वित्त वर्ष 2009-10 में वैश्विक मंदी से निपटने के लिए 186000 करोड़ रुपए दिए। वित्तमंत्री लोकसभा में कहा कि वित्त वर्ष 2008-09 के लिए दिए गए राजकोषीय प्रोत्साहनों की राशि मौजूदा बाजार मूल्यों के आधार पर 186000 करोड़ रुपए होती है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 फीसद है। सरकार अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का प्रयास जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि ... राजकोषीय घाटा बढ़कर 18 साल के टॉप पर पहुंचने का अनुमान Hindi- Economic times घाटे के मर्ज ने बढ़ाई मुश्किलें Business standard Hindi नकली का बढ़ता कारोबारयाहू! भारत - ०५-०७-२००९ इसलिए ऐसे अनुमान हैं कि मंदी की चपेट में आई विश्व अर्थव्यवस्था में भले ही असली साज-सामान की बिक्री में कमी आ जाए, पर नकली आइटमों की सेल बढ़ने की आशका हैं। मंदी नकली आइटमों के लिए तेजी का समय साबित हो सकती है। हांगकाग स्थित एशिया रिस्क ग्रुप का अनुमान है कि मंदी के दौर में तमाम किस्म के नकली आइटमों की सेल में बीस प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की जा सकती है। इस समूह के मुताबिक पूरे विश्व में नकली सीडी, नकली दवाओं, नकली कंज्यूमर ... अर्थव्यवस्था की तस्वीर देख बाजार हुआ फ्लैटयाहू! भारत - ०२-०७-२००९ आर्थिक समीक्षा में दिखाई गई अर्थव्यवस्था की तस्वीर और सुझाए गए नुस्खे दलाल स्ट्रीट के निवेशकों को लुभा नहीं पाए। भारी उठापटक के बीच बंबई शेयर बाजार [बीएसई] का सेंसेक्स गुरुवार को 13.02 अंक की मामूली बढ़त के साथ 14658.49 पर बंद हुआ। एक दिन पहले यह 14645.47 अंक पर बंद हुआ था। इसी प्रकार नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 7.95 अंक बढ़कर 4348.85 पर बंद हुआ। बुधवार को यह 4340.90 अंक पर था। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए समीक्षा में आक्रामक ... कर विशेषज्ञ बजट से निराशदैनिक जागरण - 8 घंटे पहले बजट को कुल मिलाकर निराशाजनक बताते हुए पुरोहित ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्री को साहसिक उपाय अपनाने चाहिए। उधर, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहना है कि बजट में संतुलन बनाने की कठिन कोशिश की गई है। मुखर्जी के बजट भाषण के बाद एक टेलीविजन पर चर्चा के दौरान रंगराजन ने कहा कि एक ओर सरकार को जहां अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक खर्च बढ़ाना होगा वहीं दूसरी ओर बजटीय ... 'बजट में नहीं हैं मंदी से निपटने के सुझाव'नवभारत टाइम्स - 1 घंटा पहले लेकिन साथ ही कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की कठिनाइयों का हल इस बजट में नहीं है। लोकसभा में प्रतिपक्ष की उपनेता सुषमा स्वराज ने इसे निराशाजनक बजट बताते हुए कहा, इस बजट से साफ है कि यूपीए सरकार में नए विचारों की कमी है। यूपीए सरकार को समझ नहीं आ रहा है कि वर्तमान स्थिति को कैसे ठीक किया जाए। आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार में बैठे अर्थशास्त्रियों ने जो सुझाव दिए थे, वह यूपीए ने नहीं माने। सुषमा का कहना था कि ऐसे बजट की उम्मीद की ... बजट : मंदी की मार से निपटने पर जोर दैनिक भास्कर जल्द लौटेंगे नई भर्तियों के सुनहरे दिनदैनिक भास्कर - 20 घंटे पहले एडेलवीस सिक्यूरिटीज द्वारा देश भर के भर्ती एजेंटों के बीच किए गए सर्वे के दौरान 70 प्रतिशत एजेंटों ने कहा कि आने वाले तीन महीनों में रोजगार क्षेत्र में सुस्ती का दौर पूरी तरह से थम जाएगा और उसके बाद अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में भर्तियां तेज हो जाएंगी। 53 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि आने वाले एक साल में रोजगार का परिदृश्य पूरी तरह से अनुकूल हो जाएगा। सर्वे में लगभग 71 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि इस समय रोजगार ... |
प्रणब मुखर्जी आज बजट पेश करेंगेबीबीसी हिन्दी - 21 घंटे पहले आर्थिक मंदी और लोगों की उम्मीदों के बीच सोमवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी लोकसभा में बजट पेश करेंगे. वो 25 साल बाद एक बार फिर आम बजट पेश करने जा रहे हैं. इससे पहले वो इंदिरा गांधी सरकार में वित्त मंत्री के रूप में 1982 से 1984 तक तीन बजट पेश कर चुके हैं. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के पहले कार्यकाल के अंतिम दिनों में पी चिदबंरम को वित्त मंत्री की जगह गृह मंत्री बना दिए जाने के बाद प्रणब ... चादर देख कर पैर फैलाये प्रणब loktej आम बजट: मंदी को मारेंगे प्रणब That's Hindi उद्योग जगत को खुश करने में प्रणब भी नहीं रहेंगे पीछे!दैनिक भास्कर - 20 घंटे पहले रेल मंत्री ममता बनर्जी की तरह वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी भी अपने बजट से आम जनता के साथ-साथ उद्योग जगत को खुश करने में शायद पीछे नहीं रहेंगे। यही नहीं, वित्त मंत्री के बजट से करदाता भी काफी राहत महसूस कर सकते हैं। असल में, यह माना जा रहा है कि प्रणब मुखर्जी अपने बजट में कुछ ऐसे मनमोहक प्रस्ताव रखने वाले हैं जो निवेशकों और उद्योग जगत को खुशियों से भर देंगे। वित्त मंत्रालय के सूत्रों का मानना है कि बजट में टैक्स की दरों में तो ... प्रणव का संतुलित व साहसिक बजट : उद्योग जगत एनडीटीवी खबर उद्योग जगत की मिश्रित प्रतिक्रिया बीबीसी हिन्दी प्रणब का बजट भाषणः कुछ दिलचस्प बातेंनवभारत टाइम्स - 9 घंटे पहले सोमवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने जब बजट पेश किया, तो अंक 2 उनके साथ-साथ लगा रहा। मुखर्जी यूपीए सरकार में अपना 'दूसरा' बजट पेश कर रहे थे। वह 2 रूमाल लेकर आए थे। उन्हें भाषण के दौरान 2 बार टोका गया। उन्हें भाषण के बीच में 2 बार पर्चियां मिलीं। भाषण में 2 बार उन्होंने कौटिल्य का जिक्र किया। सफेद पैंट और बंद गले का कोट पहन कर आए प्रणब की कोट में दो जेब नीचे की तरफ बनी थीं। यूपीए सरकार का यह दूसरा कार्यकाल है। मुखर्जी ने इससे ... कविता का इतिहास दोहराएंगे प्रणब मुखर्जी? Hindi- Economic times प्रणब का पिटारा खुलते ही शेयर बाजार लुढ़कादैनिक भास्कर - 11 घंटे पहले सोमवार को लोकसभा में 2009-10 के लिए वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने जैसे ही अपना बजट भाषण शुरू किया तो शेयर बाजार में भी गिरावट देखी गई। इससे पहले सोमवार सुबह शेयर बाजार बढ़त के साथ खुले थे। शेयर बाजार 50 अंको की बढ़त के साथ खुला। बजट भाषण के शुरू होने से पहले तो बाजार बढ़त के साथ खुला, निफ्टी में भी सोमवार को उछाल दर्ज किया गया। खास तौर पर हाउसिंग के शेयर में तेजी देखी गई। सेंसेक्स 10 बजकर 5 मिनट पर 15000 का आंकड़ा पार कर चुका था। ... बजट से टूटा बाजार, सेंसेक्स 700 अंक गिरा हिन्दुस्तान दैनिक बाजार पर नहीं चला बंगाली बाबू का जादू याहू! भारत रक्षा बजट में 34 प्रतिशत की बढ़तदैनिक भास्कर - 8 घंटे पहले नई दिल्ली। आम बजट 2009-10 में रक्षा हेतु 1.41 लाख करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं। इसी के साथ कई सालों से लंबित एक पद एक पेंशन योजना का प्रावधान भी दिया गया है। अद्धसैनिक बल हेतु 1 लाख नए घर बनाने की बात भी प्रणब मुखर्जी ने कही है। पिछले वर्ष की तुलना में रक्षा हेतु 34 प्रतिशत ज्यादा बजट रक्षा हेतु रखा गया है। सरकार ने देश की आतंरिक सुरक्षा हेतु पुलिस महकमें के आधुनिकरण के लिए 430 करोड़ रूपए मंजूर किए हैं। रक्षा खरीद पर होगी सरकार की नजर याहू! भारत रक्षा बजट में इज़ाफ़ा, बदलेगी देश की रक्षा तस्वीर डी-डब्लू वर्ल्ड संसद की कार्यवाही स्थगितयाहू! भारत - 7 घंटे पहले नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा सोमवार को वर्ष 2009-10 के लिए पेश किए गए आम बजट के बाद लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई। मुखर्जी का बजट भाषण खत्म होते ही लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह तक स्थगित किए जाने की घोषणा की। आयकर सीमा में 10 हजार की छूटThat's Hindi - 12 घंटे पहले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को देश के कर ढांचे में चार साल के भीतर बदलाव लाकर उसे सरल और छूट मुक्त स्वरूप प्रदान करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि यह कदम छूट और जटिल प्रावधानों से भरपूर कर ढांचे को सरल बनाने के लिए नई आयकर संहिता बनाने के सरकार के एजेंडे के अनुरूप होगा। सरकार आगामी चार वर्षो में कर ढांचे को सरल बनाने की दिशा में काम करेगी। यह बात वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2009-10 ... आयकर में छूट, सरचार्ज भी हटा Pressnote.in उम्मीदों को पूरा करने संसद पहुंचे प्रणब दादाआज तक - 13 घंटे पहले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी संसद पहुंच चुके हैं. मंदी और महंगाई की मार झेल रही देश की जनता एक मैजिक बजट की उम्मीद लगाए बैठी है. हर कोई वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की ओर टकटकी लगाकर देख रहा है. वित्तमंत्री उनकी उम्मीदों पर तभी खरा उतर पाएंगे जब वे आम आदमी के हक में कुछ अहम फैसले लें. फिलहाल लोगों की सबसे बड़ी चिंता रोजगार की है. नौकरी पर मंडरा रहा खतरा लोगों को चैन की सांस लेने नहीं दे रहा. प्रणब अगर इस मोर्चे पर मदद करें तभी ... जीवनरक्षक दवाएं सस्ती होंगीदैनिक जागरण - 2 घंटे पहले सभी के लिए स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कुछ चुनिंदा जीवन रक्षक दवाओं को सस्ता करने का रास्ता साफ कर दिया है। इसके तहत इंफ्लुएंजा की वैक्सीन के अलावा नौ विशेष जीवन रक्षक दवाओं पर लगने वाले आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से घटा कर पांच प्रतिशत कर दिया है। ये दवाएं स्तन कैंसर, हेपेटाइटिस-बी, रूमेटिक आर्थराइटिस जैसी बीमारियों के इलाज में काम आती हैं। इन दवाओं को बनाने के लिए जरूरी रसायन के थोक आयात को ... ऊँची वृद्धि दर के लिए अधिक घाटे का जोखिम लिया : प्रणबमेरी खबर.कोम - 6 घंटे पहले नई दिल्ली : अर्थव्यवस्था को पुन: ऊँची वृद्धि दर की राह की ओर मोड़ने के लिए इस बार के बजट में अधिक घाटे का जोखिम लिया है ये कहना है वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी का। आम बजट पेश करने के तुरंत बाद मुखर्जी ने लोकसभा टीवी पर कहा, ''बजट में अधिक बड़े राजकोषीय घाटे के लिए स्थान बनाकर मैंने बड़ा जाखिम लिया है। मैं घाटे को कम रखने का अधिक परंपरागत रास्ता अपना सकता था पर ऐसे में वृद्धि दर छह प्रतिशत या उससे कम रहती।' |
प्रणब मुखर्जी
बेहरामपुर। लालगढ़ में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती के संबंध में केंद्र के निर्णय का पक्ष लेते हुए वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि जब लोगों का जीवन खतरे में था, ...
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वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी
वरिष्ठ नागरिकों को उम्मीद है कि जब छह जुलाई को वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी बजट पेश करेंगे तो वे उम्रदराज लोगों की पेंशन, आय सुरक्षा और कर में छूट की सीमा को बढ़ाने संबंधी उनकी ...
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Beta Friday, June 26, 2009 पहला पन्ना | छवियां ...
28 मई 2009 ... प्रणब मुखर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि ब्याज दरों पर चर्चा के लिए वह जल्द ही बैंकरों से मिलेंगे। उनकी कोशिश होगी कि गरीबों को बैंकों से सस्ते ...
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11 बजे प्रणब मुखर्जी प्रस्तुत करेंगे ...
16 फ़र 2009 ... Pranab Mukherjee to present Interim Budget at 1100 hrs.
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न्यूज24 पर आमने-सामने में प्रणब मुखर्जी
6 अप्रैल 2009 ... अनुराधा प्रसाद और प्रणब मुखर्जी प्रेस विज्ञप्ति : वाम दल समय के साथ अपनी सोच में तालमेल नहीं बिठा पाए हैं, मुझे शक नहीं है कि समय के साथ राहुल गांधी परिपक्कव नेतृत्व ...
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BBC Hindi - कारोबार - प्रणब मुखर्जी आज बजट ...
5 जुलाई 2009 ... आर्थिक मंदी और लोगों की उम्मीदों के बीच सोमवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी लोकसभा में बजट पेश करेंगे.
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प्रणब मुखर्जी @ आम चुनाव 2009 ...
राजनीतिक सफर- प्रणब मुखर्जी पहली बार वर्ष 1969 राज्यसभा में निर्वाचित हुए। इसके बाद वे 1975, 1981, 1993 और 1999 में दोबारा राज्यसभा के लिए चुने गए।1973 में केन्द्रीय प्रणब मुखर्जी ने ...
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प्रणब मुखर्जी ने ऊर्जा सुरक्षा के ...
11 जून 2008 ... विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी आज नई दिल्ली में भारत-अमेरिकी परमाणु समझौते की वकालत करते हुए कहा कि ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परमाणु ऊर्जा सबसे प्रभावी स्रोत ...
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» Blog Archive » प्रणब मुखर्जी से लोग क्यों ...
जिन लोगों को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दिल के दूसरे ऑपरेशन के दौरान कार्यवाहक प्रधानमंत्री प्रणब मुखर्जी को नहीं बनाने से आश्चर्य हुआ उनकी संख्या ज्यादा नहीं थी। ...
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कृषि क्षेत्र के लिए समाचार परिणाम
कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर में गिरावट - 4 दिनों पहले आर्थिक समीक्षा 2008-09 के मुताबिक बीते वित्त वर्ष में कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के विकास में [संशोधित अनुमान के अनुसार] 1.6 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। वर्ष 2007-08 में कृषि क्षेत्र ... याहू! भारत - 21 संबंधित आलेख » |
भारत का व्यापार पोर्टल : भारतीय ...
1991 से आर्थिक सूचकांक कृषि क्षेत्र, Previous Page. (1) क्षेत्र की सूचकांक संख्या, भारत में सभी फसलों का उत्पादन और उत्पादकता. वर्ष, सभी फसलें. क्षेत्र, उत्पादन, उत्पादकता. 1, 2, 3, 4 ...
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कृषि क्षेत्र के प्रावधान | BBC Hindi
28 फ़र 2002 ... कृषि क्षेत्र के प्रावधान - कृषि क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए वित्त मंत्री ने कोई विशेष पैकेज तो नहीं दिया लेकिन कई क़दम उठाए गए हैं जिनसे किसानों की हालत में ...
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Deshbandhu : News, India, economy survey, agriculture कृषि ...
2 जुलाई 2009 ... वर्ष 2007-08 में राष्ट्रीय निर्यात में कृषि क्षेत्र का योगदान 12.2 प्रतिशत था। देश में रोजगार में भी लगभग 52 प्रतिशत अंश इसी का है। इसके अलावा खाद्यान एवं चारा प्रदान करने, ...
deshbandhu.co.in/newsdetail/12220/1/0 - संचित प्रति - समान -
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कृषि को मंदी से उबारने की पहल
13 फ़र 2008 ... कृषि क्षेत्र में लगभग तीन दशकों की संतुलित वृद्धि के बाद पिछले दस सालों से उत्पादन ... ऐसे में कृषि क्षेत्र की प्रगति को बनाए रखने और इस क्षेत्र में कार्यशील पुरुष और ...
www.bhaskar.com/.../0802130034_edit.html - संचित प्रति - समान -
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कृषि क्षेत्र के लिए ऋण लेना बनेगा आसान
जबकि कृषि क्षेत्र में ऋण का प्रवाह बढ़ाने के लिए नरमी का रुख अख्तियार कर सकती है।सूत्रों ने बताया कि अगले सप्ताह होने वाली वार्षिक नीति की समीक्षा में इस संदर्भ में कुछ उपाय ...
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कृषि क्षेत्र में क्रांति
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रीमंडल के वरिष्ठ सदस्य कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रशासन में नई गति लाने के लिए सौ दिन की समयसीमा तय की है जिसमें कृषि क्षेत्र में ...
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Agri Commodity News English-Hindi: कृषि क्षेत्र की ...
3 जुलाई 2009 ... वर्ष 2008-09 के आर्थिक समीक्षा में कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का जिक्र किया गया है। इनसे निपटने के लिए कई तरह के उपाय करने के सुझाव दिए गए हैं।आर्थिक समीक्षा के मुताबिक ...
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किसानों को फिर मिली खुशियों की सौगातBusiness standard Hindi - 1 घंटा पहले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए आबंटित रकम में 30 फीसदी का मोटा-ताजा इजाफा किया है। मकसद है, कृषि क्षेत्र में विकास की रफ्तार को वापस चार फीसदी के स्तर पर लाना। केंद्र कृषि विकास के लक्ष्य में बड़े अंतरों को पाटने के लिए राज्य सरकारों को इस योजना के तहत सहायता भी मुहैया करवाएगी। त्वरित सिंचाई योजना के लिए भी सरकार ने आबंटन में 75 फीसदी का जबरदस्त इजाफा किया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा इलाकों को ... किसानों के लिए कर्ज़ अदायगी का समय छह महीने बढ़ाया गया Hindi- Economic times बेईमान मौसम और उम्मीदों के बादलBusiness standard Hindi - ०५-०७-२००९ कृषि इनपुट कारोबार में जैन इरीगेशन एक दिग्गज कंपनी है, जो किसानों को सूक्ष्म सिंचाई उपकरणों की आपूर्ति कराती है। रेलिगेयर हिचेंस की विशेषज्ञ सुमन मेमानी का कहना है, 'मानसून में कमी का असर निश्चित रूप से जैन इरीगेशन पर देखा जाएगा, लेकिन यह कुछ हद तक ही होगा, क्योंकि ये उपकरण ज्यादातर गैर-मानसूनी क्षेत्रों या कुओं और नहरों से पानी खींचने के लिए इस्तेमाल होते हैं। साथ ही इस बात की भी उम्मीद है कि बजट में कृषि क्षेत्र ... बजट: आपके सवाल और जवाबबीबीसी हिन्दी - 12 घंटे पहले आने वाले समय में निर्यातों के दोबारा स्थिर होने और बढ़ते हुए वित्तीय घाटे के दबाव के कारण महँगाई में तीव्र वृद्धि होने की संभावना है. भारत एक कृषि प्रधान देश है. इस संदर्भ में क्या इस बजट पर आपकोंभरोसा है. क्या कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गएहैं?सुहैल अहमद कृषि के लिए मुख्यत: सस्ता क़र्ज़ उपलब्ध कराने की योजना है. मेरे आकलन में इससे किसानों को विशेष लाभ नहीं होगा. उनकी मुख्य ज़रूरत कृषि उत्पादों के ... कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर में गिरावटदैनिक जागरण - ०२-०७-२००९ आर्थिक समीक्षा 2008-09 के मुताबिक बीते वित्त वर्ष में कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के विकास में [संशोधित अनुमान के अनुसार] 1.6 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। वर्ष 2007-08 में कृषि क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में हिस्सा 2003-04 के 21.7 प्रतिशत की तुलना में 17.8 प्रतिशत रहा। इस तथ्य के बावजूद भी सकल घरेलू उत्पाद में उसका योगदान पिछले वर्षो में घटता जा रहा है। वर्ष 2007-08 में राष्ट्रीय निर्यात में कृषि क्षेत्र का योगदान 12.2 प्रतिशत था। ... स्वास्थ्य और मौसम बीमा में हो सौ फीसदी विदेशी निवेश Business standard Hindi आर्थिक सर्वे पेश, मंदी में भी 6.7 फीसदी विकास हिन्दुस्तान दैनिक प्रणव मुखर्जी ने पेश किया नयी सरकार का पहला बजटजोश 18 - 10 घंटे पहले बजट में कृषि जगत का खास ध्यान रखा गया है और रेल तथा सड़क तंत्र के विकास की बात की गई है। कृषि क्षेत्र के लिए कम से कम चार प्रतिशत की विकास दर का लक्ष्य रखते हुए अर्थव्यवस्था के लिए नौ प्रतिशत की विकास दर का लक्ष्य रखा गया है। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने एक लाख 60 हजार रुपए तक की सालाना आय करमुक्त करने और महिलाओं के लिए सालाना एक लाख 90 हजार रुपए तक की आय करमुक्त करने का प्रस्ताव रखा है। - कर सुधारों की दिशा में इस वर्ष ... कम हो महंगाई, जमा पर ब्याज दर बढ़ेदैनिक भास्कर - ०४-०७-२००९ 30.5 फीसदी लोगों ने कहा कि रसोई गैस से सब्सिडी कम की जानी चाहिए। वहीं घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने पर भी लोग एकमत नजर आएं। उनका कहना था कि इससे ही अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। कृषि प्रधान राज्य के 49.3 फीसदी लोगों का मानना है कि अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। लोगों का कहना है कि कृषि क्षेत्र में और ज्यादा सब्सिडी के साथ शोध पर भी जोर हो। वहीं, 35.3 फीसदी लोग आधुनिक शिक्षा की बेहतरी के ... खट्टा बजट-मीठा बजटसमय - 5 घंटे पहले कोसी क्षेत्र में आज भी लोगों को राहत की दरकार है। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष रार्ज्य का दर्जा प्रदान करने के लिए भी कुछ नहीं कहा गया। एक पिछड़े राज्य को भी विकास का मौका मिलना चाहिए। भाकपा के गुरूदास दासगुप्ता ने कहा कि संप्रग सरकार के आम बजट में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसका उल्लेख किया जा सके। कृषि क्षेत्र में सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किये हैं.वह एक दिवास्वप्न है। उन्होंने कहा कि सामाजिक ... कृषि क्षेत्र को कर्ज बन सकता है सरकार का मर्जHindi- Economic times - ०२-०७-२००९ इस समय ज्यादातर राज्यों में बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों का आंकड़ा 27 फीसदी से कम है और बैंकों की ग्रामीण इलाकों में शाखाएं घट रही हैं (नवंबर, 2007 में अर्जुन सेनगुप्ता की एनसीईयूएस रिपोर्ट के अनुसार)। इससे किसान कर्ज लेने के लिए साहूकारों का रुख कर रहे हैं। कर्ज की उपलब्धता के इस असंतुलन को ठीक करने के लिए ज्यादा कदम नहीं उठाए जा रहे है। सवेर्क्षण में यह बात मानी गई है कि कृषि क्षेत्र में अनिश्चितता और जोखिम अधिक है और ... |
मंदी व वित्तीय घाटा होगी मुख्य चुनौतीहिन्दुस्तान दैनिक - ०५-०७-२००९ आर्थिक समीक्षा में इसकी सिफारिश करते हुए कहा गया है कि लाभांश पाने वाले के हाथ में आने पर उसकी पूंजी पर एक बार ही कर लगना चाहिए। सामान एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को अगले वित्त वर्ष से शुरू करने का भी वित्त मंत्री पर दबाव है। पिछले साल के बजट में चिदंबरम ने कहा था कि एक अप्रैल 2010 से वस्तु एवं सेवा कर आरंभ करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। वर्ष 2008-09 की आर्थिक समीक्षा में भी नियत तिथि से ... आर्थिक सर्वे पेश, मंदी में भी 6.7 फीसदी विकासहिन्दुस्तान दैनिक - ०२-०७-२००९ सरकार ने गुरुवार को संसद में पेश व्ार्ष 2008-09 की आर्थिक समीक्षा में देश में निव्ोश के व्ााताव्ारण में सुधार के लिए बीमा और रक्षा उत्पादन क्षेत्र में वि्ादेशी निव्ोश की सीमा बढ़ाने, चीनी, रासायनिक खाद और औषधियों पर मूल्य नियंत्रण खत्म या कम करने के लिए निकट भवि्ाष्य में कदम उठाने का संकेत दिया। आर्थिक वि्ाकास के लिए शम कानूनों को लचीला बनाने ज्ौसे सुधारों की जरूरत पर बल देते हुए समीक्षा में यह भी संकेत है कि सरकार खाद्य ... बीमा व रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश बढ़ेगा दैनिक जागरण आर्थिक समीक्षा 2008-09 : विदेशी ऋण में वृद्धिसमय - ०२-०७-२००९ नई दिल्ली| आर्थिक समीक्षा 2008-09 में कहा गया है कि देश का विदेशी ऋण बढ़कर मार्च, 2008 में 224.77 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। विदेशी ऋण में मार्च 2007 की तुलना में 53.44 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई। दीर्घकालिक ऋण में 34.6 अरब अमेरिकी डॉलर और अल्पावधिक ऋण में 18.9 अरब अमरिकी डॉलर की वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान दिसम्बर, 2008 तक कुल विदेशी ऋण 6.1 अरब अमेरिकी डॉलर बढ़कर 230.8 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया था। वाणिज्यिक उधार विदेशी ऋण मार्च, ... विदेशी ऋण और विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा IBNKhabar इनकम टैक्स में छूट मगर..याहू! भारत - 10 घंटे पहले वैश्विक आर्थिक मंदी से निपटने के लिए 2008-09 के लिए राजकोषीय प्रोत्साहनों की राशि मौजूदा बाजार मूल्यों पर सकल घरेलू उत्पाद के 3.5 प्रतिशत पर 1,86000 करोड़ रुपये रही। मुखर्जी ने कहा कि राजनीतिक दलों के वित्तपोषण की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए चुनाव ट्रस्टों को दिए गए चंदे पर दानकर्ता की आय में शत प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव किया गया है। गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों को तीन रुपये किलो की दर से हर महीने 25 किलो चावल या गेहूं ... बजट में आक्रामकता की जगह सावधानीBusiness standard Hindi - 1 घंटा पहले पिछले सप्ताह प्रकाशित 2008-09 की आर्थिक समीक्षा से मुझे ढेरों उम्मीदें थीं कि वित्त मंत्री इसका पूरा लाभ उठाएंगे। उन्हें अगले 5 साल के लिए महत्त्वाकांक्षी आर्थिक सुधारों के लिए खाका तैयार करने लिए संभावनाएं थीं। समीक्षा से मुझे एक खास संदेश मिला था कि नई संप्रग सरकार ने उन क्रांतिकारी सुधारों के लिए रास्ते खुले रखे हैं, जिनके बारे में इस समय चारों ओर चर्चा होती रही है, लेकिन राजनीतिक अड़चनों के चलते कार्यरूप नहीं दिया जा ... सुषमा ने की आर्थिक समीक्षा की आलोचनासमय - ०५-०७-२००९ उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने बजट सत्र के पहले दिन संसद में 2008 .09 की आर्थिक समीक्षा पेश की जिसमें सुधारों को आगे बढाने का वायदा किया है। स्वराज ने कहा कि चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को यह सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए थी कि वह उससे पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के समय शुरू किए गए आर्थिक सुधारों को आगे बढाने में नाकाम रही। उन्होंने कहा, 'हम देख सकते हैं कि आर्थिक वृद्धि ... आर्थिक समीक्षा में स्पेक्ट्रम के मुक्त व्यापार पर जोरदैनिक भास्कर - ०२-०७-२००९ आर्थिक समीक्षा 2008-09 में टेलीकॉम सेक्टर में बड़े नीतिगत बदलाव की वकालत की गई है। सर्वे के मुताबिक, टेलीकॉम लाइसेंस को स्पेक्ट्रम आवंटन से अलग रखना चाहिए। समीक्षा का कहना है कि टेलीकॉम लाइसेंस के लिए नाममात्र की फीस होनी चाहिए और यह पूरी तरह से ऑपरेटर के सेवा देने पर आधारित होनी चाहिए। इसके अलावा स्पेक्ट्रम की नीलामी होनी चाहिए और देश में टेलीकॉम ऑपरेटरों के बीच स्पेक्ट्रम कामुक्त व्यापार होना चाहिए। नीलामी के मूल्य ... आर्थिक समीक्षा 2008-09 : तीन वर्षो में कृषि ऋण दोगुना हुआसमय - ०२-०७-२००९ नई दिल्ली| वर्ष 2008-09 के दौरान सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी बैंकों ने 2,64455 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए,जबकि लक्ष्य 2,80,00 करोड़ रुपये का ऋण वितरित करने का था।इस प्रकार ऋण वितरण के क्षेत्र में 94.4 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया। वित्त मंत्री ने 18 जून 2004 को कृषि क्षेत्र को मिलने वाले ऋण का प्रवाह तीन वर्ष में दोगुना करने की घोषणा की थी। वर्ष 2007-08 तक इन तीन वर्षो में हर वर्ष बैंकों ने लक्ष्य से अधिक ऋण वितरित किए। ... संसद में कल पेश होगी आर्थिक समीक्षायाहू! भारत - ०१-०७-२००९ आर्थिक समीक्षा देश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति व हाल के दिनों में विभिन्न क्षेत्रों में हुए विकास को दर्शाता है। बजट से पहले आने वाली यह समीक्षा अर्थव्यवस्था के बारे में सरकार के आकलन, समस्याएं और इनसे निपटने के उपाय पेश करती है। इसमें आने वाले बजट की झलक भी मिलती है। ग्लोबल आर्थिक संकट के असर से बीते वित्त वर्ष 2008-09 में देश की विकास दर घटकर 6.7 फीसदी पर आ गई। इससे पहले तीन वित्त वर्षो के दौरान यह 9 फीसदी से ज्यादा थी। ... आर्थिक सर्वे 2009 के मुख्य बिंदु वेबदुनिया हिंदी मंदी का आकलन पेश करेगा आर्थिक सर्वे हिन्दुस्तान दैनिक बजट से बंधी हैं उम्मीदों की आसBusiness standard Hindi - ०५-०७-२००९ समीक्षा में भविष्य के अनुमान आशावादी नजर आते हैं। आर्थिक समीक्षा के अनुसार साल 2009-10 की दूसरी छमाही में मजबूत बदलाव आ सकता है। साल 2009-10 में जीडीपी ग्रोथ 7.75 फीसदी होने का अनुमान एक तिमाही पहले के 6.5 प्रतिशत से काफी अधिक है। इन अनुमानों के अलावा विश्व बैंक का भी ऐसा मानना है कि भारत 8 प्रतिशत की वृध्दि दर को पा सकता है। निश्चित ही 7.75 फीसदी की विकास दर एक बेहतर स्थिति होगी। साल 2008-09 की कमजोर दूसरी छमाही को देखते हुए उच्च विकास ... |
Hindi Samachar
3 जुलाई 2009 ... आर्थिक समीक्षा 2008-09 की प्रमुख विशेषताएं – - प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी। वर्ष 2008-09 में प्रति व्यक्ति आय 17334 रुपए थी जबकि वर्ष 2007-08 में यह 17097 रुपए थी। ...
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रोजगार संबंधी सही आंकड़े समय हों ...
आर्थिक समीक्षा 2008-09 के मुताबिक वैश्विक वित्तीय संकट के कारण अक्टूबर-दिसम्बर 2008 के दौरान ... केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को संसद में पेश की गई वर्ष 2008-09 की आर्थिक समीक्षा कुल ...
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: व्यापार : आर्थिक समीक्षा: प्रति ...
आर्थिक समीक्षा 2008-09 की प्रमुख विशेषताएं – - प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी। वर्ष 2008-09 में प्रति व्यक्ति आय 17334 रुपए थी जबकि वर्ष 2007-08 में यह 17097 रुपए थी। - वर्ष 2008-09 के दौरान चावल का ...
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पढ़ें: लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वे ...
आर्थिक समीक्षा 2008-09 :सार्वजनिक कंपनियों में विनिवेश की सिफारिश ... आर्थिक समीक्षा 2008-09 के मुताबिक बीते वित्त वर्ष में कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के विकास में (संशोधित अनुमान ...
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वित्त वर्ष 2008-09 की आर्थिक समीक्षा के मुख्य बिंदु: -गैर सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनियों को सूचीबद्ध कर उनमें 10 फीसदी तक विनिवेश -घाटे में चल रही सार्वजनिक कंपनियों की नीलामी ...
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वर्ष 2008..09 में निर्यात क्षेत्र की ...
वर्ष 2008..09 में निर्यात क्षेत्र की कठिनाई बढ समती है.. समीक्षा. नई दिल्ली 28 फरवरी.वार्ता. आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि अगला वित्त वर्ष निर्यात क्षेत्र के लिए पिछले वषाे जैसा ...
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महंगाई-कर घटेंदैनिक भास्कर - 17 घंटे पहले साथ ही झोलाछाप चिकित्सकों पर रोक के लिए भी बजट में कुछ प्रावधान हो। - डॉ. आशीष गोयल, दंत रोग विशेषज्ञ सरकार बजट में बेनिफिट टैक्स तथा शेयर की खरीद और बिक्री पर लगने वाले कर हटाए तो कंपनियों व उपभोक्ताओं को फायदा होगा। महंगाई कम करने के लिए सरकार को वायदा कारोबार में से रोजमर्रा की जरूरतों के उपभोक्ता उत्पादों को हटाना चाहिए। इसके अलावा सरकार आयकर स्लैब कम करे तो इससे देश में व्हाइट मनी बढ़ेगी और देश का विकास होगा। ... मंदी व वित्तीय घाटा होगी मुख्य चुनौतीहिन्दुस्तान दैनिक - ०५-०७-२००९ चिदंबरम ने 2008-09 के बजट में इनमें काफी फेरबदल कर दिया था। उन्होंने एक लाख 50 हजार रुपए तक की सालाना आय को कर मुक्त किया। तीन लाख रुपए तक की सालाना आय पर 10 प्रतिशत और तीन लाख से ऊपर पांच लाख रुपए तक की आय पर 20 प्रतिशत आयकर रखा। पांच लाख रुपए से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत आयकर रखा। महिलाओं के मामले में एक लाख 80 हजार रुपए और बुजुगोंर् के लिए दो लाख 25 हजार रुपए तक की सालाना आय कर मुक्त कर दी गई। कंपनियों की आय पर 30 प्रतिशत की दर ... इनकम टैक्स में छूट मगर..याहू! भारत - 10 घंटे पहले व्यक्तिगत आयकर मोर्चे पर मुखर्जी ने हालांकि कोई बड़ी घोषणा नहीं की, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के मामले में आयकर छूट की सीमा 15 हजार रुपये और बढ़ाई गई जबकि महिलाओं और सामान्य आयकरदाताओं के मामले में इस सीमा में मात्र दस हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है। बजट में निगमित कर को अपरिवर्तित रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों पर सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क की दरों में चुनिन्दा परिवर्तन किया गया है, जबकि सेवा कर के दायरे का विस्तार किया गया है। ... बजट 2009-10 : मुख्य बिन्दु वेबदुनिया हिंदी आयकरदाताओं पर मेहरबान हुए दादादैनिक जागरण - 1 घंटा पहले वित्त मंत्री ने हालांकि आयकर की छूट सीमा को 10 हजार रुपये बढ़ाकर 1.60 लाख रुपये सालाना करने का ऐलान किया है, लेकिन विजय जैसे लाखों वेतनभोगियों को इससे कहीं ज्यादा की उम्मीद थी। वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर की छूट सीमा को 15000 रुपये बढ़ा दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि वरिष्ठ नागरिकों को अब 2.40 लाख रुपये की सालाना आय तक कोई कर नहीं देना होगा। महिलाओं के लिए यह सीमा 1.80 लाख रुपये से बढ़कर 1.90 लाख रुपये हो गई है। ... बजट में नहीं दिखी अगले 5 सालों की दिशादैनिक भास्कर - 7 घंटे पहले हो सकता है कि वे समय की कमी के चलते इस बारे में ज्यादा संकेत नहीं दे सके, लेकिन 45 दिनों के अंदर नया प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स) कोड लाने की बात कह कर उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वे इस मामले में तेजी से काम करेंगे। उन्होंने एक समयबद्ध कार्यक्रम जरूर दिया है कि अगले 4 सालों के भीतर वे सरल और छूट-रहित कर ढाँचे की ओर बढ़ेंगे। साफ यह संकेत यह है कि इस बार भले ही कॉर्पोरेट टैक्स में कोई बदलाव नहीं हुआ और व्यक्गित आयकर में थोड़ी सी ... गांव, गरीब व मध्य वर्ग को उपहारयाहू! भारत - 2 घंटे पहले जीरो टैक्स कंपनियां दुखी हैं, लेकिन व्यक्तिगत आयकरदाताओं को यह जादू फलने वाला है क्योंकि एफबीटी हटने के साथ बोनस में उन्हें आयकर की मामूली ही सही, राहत तो मिल रही है। यहां तक कि ऊंची कमाई वालों के लिए प्रणब बाबू ने आयकर पर लगने वाला सरचार्ज भी गायब कर दिया है। मंदी के इस दौर में कंपनियों को प्रणब बाबू की बेरुखी दर्द पहुंचाएगी, क्योंकि अब रियायत की कोई उम्मीद अगले ही बजट में पूरी हो पाएगी। प्रणब बाबू ने कर ढांचे पर अगर ... एसटीपीआई में एक साल और कर छूटBusiness standard Hindi - 20 मिनट पहले इससे हर स्तर पर कौशल का आकर्षण और प्रतिधारण बेहतर होगा।' इसके अलावा उद्योग को सेज से होने वाले मुनाफे की गणना में अनियमितताओं के हटने का भी फायदा मिलेगा। बजट में आयकर अधिनियम की धारा 10एए की उपधारा (7)में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। 1 अप्रैल, 2010 से इस कटौती के साथ गणना की जाएगी, जिसमें कंपनी के पूरे कारोबार पर ध्यान दिया जाएगा। कंपनी को न्यूनतम वैकल्पिक कर के बढ़कर 15 प्रतिशत होने का नुकसान है। इसके साथ ही सेट टॉप बॉक्स पर सीमा ... उच्च शिक्षा की राह होगी और आसानयाहू! भारत - 2 घंटे पहले इतना ही नहीं, उच्च शिक्षा के लिए कर्ज पर चुकाए गए ब्याज पर मिलने वाली आयकर छूट की सीमा भी बढ़ेगी। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को लोकसभा में पेश बजट में देश में युवाओं की भारी तादाद का हवाला देते हुए शिक्षा के लिए 36000 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान का ऐलान किया। सरकार ने उच्च शिक्षा पर खास फोकस किया है, जिसके तहत उसने चालू वित्तीय वर्ष में उच्च शिक्षा के कुल खर्चे में 2000 करोड़ रुपये बढ़ाने की घोषणा की है। ... चादर देख कर पैर फैलाये प्रणबloktej - 5 घंटे पहले हालांकि आयकर सीमा छूट में अधिक वृद्धि नहीं की गई है लेकिन अर्थ व्यवस्था के समक्ष खड़ी चुनौतियों के मद्देनजर महिलाओं के लिए आयकर छूट सीमा में १५ हजार र्पिये और पुर्षिों के संदर्भ में १० हजार र्पिये की वृद्धि का लोग स्वागत करेंगे। वास्तव में प्रणब मुखर्जी ने रस्सी पर चलते हुए संतुलन बनाये रखने की इच्छाशक्ति दर्शायी है। वह जहां विकास और कल्याणकारी कार्यों पर व्यय को बढ़ा रहे हैं, वहीं वित्तीय घाटे को नियंत्रित रखने की ... बजट के भेद नवभारत टाइम्स |
टैक्स टिप्स: पेसाडेना कर अटॉर्नी और ...
वह अनुभव के ऊपर 25 साल निगमित आयकर के साथ काम किया है, व्यक्तिगत आयकर, कर नियोजन, सिविल आपराधिक मामलों और कर विवाद की मुकदमेबाजी. दोनों को एक कर वकील और सीपीए होने के नाते दोनों ...
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भारत का राष्ट्रीय पोर्टल : व्यापार ...
एक व्यक्ति वेतन से प्राप्त आय, आवास किराया, व्यवसाय, कार्य व्यापार, ब्याज आदि पर आयकर कर भुगतान करेगा। वह लाभांश आय पर आयकर का भुगतान नहीं करेगा। आयकर के उद्देश्य से मालिकाना ...
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भारत का राष्ट्रीय पोर्टल : व्यापार ...
क्षतियों के समायोजन के बाद आय "सकल कुल आय" कहलाती है। कुल सकल आय में से निर्धारित 'कटौतियां' आयकर अधिनियम के अंतर्गत की जाती है। शेष आय को "निवल आय" या कर योग्य आय कहते हैं। ...
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मकान से आय को कर मुक्त करने की मांग ...
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कर - नागरिक: भारत का राष्ट्रीय पोर्टल
आयकर, कर विवरणी भरना, सेवा कर, मूल्यवर्धन कर (वैट)! क्या ये शब्द आपकी समझ से बाहर हैं? चिन्ता न करे! इस खण्ड में आपको देश में लागू प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कराधान के सभी रूपों की ...
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विक्रय कर आयकर सम्पतिकर वैसे ही कौन ...
22 जून 2009 ... विक्रय कर आयकर सम्पतिकर वैसे ही कौन सा तीन खिलाड़ी है जिनके नाम के साथ कर शब्द लगता है ?
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अवैध आय भी कर के दायरे में :: Sahara Samay
15 फ़र 2009 ... Read how अवैध आय भी कर के दायरे में on Sahara Samay.
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Budget 09-10 | आयकर छूट सीमा में मामूली बढ़त
मुखर्जी ने वैयक्तिक आयकर की छूट महिलाओं और सामान्य आयकर दाताओं के मामले में 10 हजार रुपए तो वरिष्ठ नागरिकों के लिए 15 हजार रुपए बढ़ा दी है। उन्होंने एफबीटी समाप्त कर दिया है, ...
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आयकर रिटर्न के मोर्चे पर कुछ ...
16 फ़र 2009 ... यदि स्त्रोत पर कर कटौती की गई है और करदाता पर कोई अतिरिक्त कर बकाया नहीं है, तो भी कर्मचारी के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है। कर्मचारी को कंपनी के द्वारा दिया ...
hindi.economictimes.indiatimes.com/.../4138868.cms - संचित प्रति - समान -
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