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Wednesday, January 25, 2012

वैश्विक मामलों में अमेरिका है एक अत्यावश्यक देश: ओबामा

Wednesday, 25 January 2012 13:36

वाशिंगटन, 25 जनवरी (एजेंसी) राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि अमेरिका वैश्विक मामलों के संदर्भ में एक अत्यावश्यक देश बना हुआ है और जो लोग इसकी शक्ति घटने की बात कहते हैं वह नहीं जानते कि वह क्या कह रहे हैं। कांग्रेस में अपने सालाना ''स्टेट आॅफ द यूनियन'' संबोधन में ओबामा ने कहा ''हां, दुनिया बदल रही है ... हम हर घटना को नियंत्रित नहीं कर सकते। लेकिन अमेरिका वैश्विक मामलों के संदर्भ में एक अत्यावश्यक देश बना हुआ है ... और जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, तब तक मेरा इरादा यह स्थिति बनाए रखने का है।''
कैपिटॅल हिल में दिए गए ओबामा के इस संबोधन का देश भर में टीवी पर प्रसारण हुआ। इसमें ओबामा ने कहा कि अमेरिका में नेतृत्व परिवर्तन को दुनिया भर में महसूस किया जा सकता है।
उन्होंने कहा ''यूरोप और एशिया में हमारे पुराने सहयोगी पहले की तुलना में कहीं ज्यादा मजबूत हुए हैं। उनके साथ हमारे रिश्ते गहरे हैं। इस्राइल की सुरक्षा के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता का मतलब है कि हमारे दोनों देशों के इतिहास में बेहद करीबी सैन्य सहयोग है।''
राष्ट्रपति ने कहा ''हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका प्रशांत क्षेत्र की ताकत है। बर्मा में नयी शुरूआत से नयी उम्मीद जगी है। गठजोड़ों से हमने परमाणु सामग्री सुरक्षित की, भूख और बीमारियों के खिलाफ मिशनों की हमने अगुवाई की, अपने शत्रुओं से मुकाबला किया और नैतिकता का उदाहरण दिया। ''
राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी का नामांकन हासिल करने के लिए प्रयासरत दावेदारों ने ओबामा की विदेश नीति की आलोचना की है। इसका संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा ''अमेरिका की ताकत घटने की बात कहने वाले लोग यह नहीं जानते कि वह क्या बोल रहे हैं।''
ओबामा ने कहा कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए नयी रक्षा रणनीति का प्रस्ताव रखा है कि ''अमेरिकी सेना हमारे बजट में करीब आधा खरब डॉलर की बचत के साथ ही विश्व में सर्वोत्तम बनी रहे।''
उन्होंने कहा ''अपने विरोधियों से एक कदम आगे रहने के लिए, मैंने यह प्रस्ताव कांग्रेस के पास पहले ही भेज दिया है। यह प्रस्ताव बढ़ते साइबर खतरे से हमारे देश की रक्षा करेगा।''
राष्ट्रपति ने कहा कि उनके लिए सर्वाधिक गौरवान्वित करने वाला सामान वह ध्वज है जिसे सील दस्ता ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के लिए चलाए गए मिशन में अपने साथ ले गया था।

ओबामा ने कहा ''नाम चाहे कुछ भी हो ... चाहे कोई डेमोक्रेट हों या कोई रिपब्लिकन हों ... यह बात मायने नहीं रखती। यह उसी तरह है जिस तरह उस दिन सिचुएशन रूम में मैं जॉर्ज बुश के समय रक्षा मंत्री रहे बॉब गेट्स और राष्ट्रपति पद के चुनाव में मेरे खिलाफ खड़ीं हिलेरी क्लिंटन के साथ बैठा था। उस दिन जो बात सर्वाधिक महत्वपूर्ण थी, वह मिशन था। राजनीति के बारे में किसी ने नहीं सोचा न ही अपने बारे में सोचा। इस मिशन में शामिल एक युवा ने बात में मुझसे कहा कि वह इस मिशन के श्रेय का हकदार नहीं है।''
उन्होंने कहा कि यह मिशन इसलिए सफल हुआ क्योंकि यूनिट के हर आदमी ने अपना काम किया और अच्छे से किया। ''चाहे वह हेलीकॉप्टर उड़ाने वाला पायलट हो, या परिसर में दूसरों को घुसने से रोकने वाला ट्रांसलेटर हो या संघर्ष से महिलाओं और बच्चों को अलग करने वाले जवान हों, सब कुछ सील यूनिट ने ही अंजाम दिया।''
राष्ट्रपति ने कहा ''इससे भी बड़ी बात यह है कि मिशन सिर्फ इसलिए सफल हुआ क्योंकि यूनिट के हर व्यक्ति ने एक दूसरे पर विश्वास किया ... क्योंकि अंधेरे और खतरे में तब तक आप सीढ़ियों पर नहीं चढ़ सकते जब तक कि आपको यह पता न हो कि कोई आपके साथ है।''
अमेरिकी मामलों की विशेषज्ञ विशाखा देसाई ने कहा कि ओबामा के संबोधन में ज्यादा मजबूत एशियाई नीति की झलक मिलती है।
उन्होंने कहा ''राष्ट्रपति ओबामा ने प्रशांत क्षेत्र की शक्ति के तौर पर अमेरिका की स्थिति को और मजबूत करने का इरादा दोहराया। साथ ही वह दो महंगे युद्ध क्षेत्रों से अपने सैनिकों की वापसी पर भी कायम हैं।''
एशिया सोसायटी की अध्यक्ष देसाई ने कहा ''ओबामा ने कहा कि उनके प्रशासन ने विश्व व्यापार संगठन में चीन के खिलाफ और शिकायतें की हैं। साथ ही उन्होंने मजबूत एशियाई नीति की झलक बताई। यह दोनों बातें पहले हमने नहीं देखी थीं।''
ओबामा के इस सालाना संबोधन के बाद देसाई ने एक बयान में कहा कि यह पूर्वी एशिया सम्मेलन में स्पष्ट हुई नीति की निरंतरता है।

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