Follow palashbiswaskl on Twitter

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity Number2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti Basu is dead

Dr.BR Ambedkar

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti Devi were living

Monday, April 30, 2012

.अब सचिन, ऐश्वर्या के बाद ‘अखिलेश आम’ की बारी

.अब सचिन, ऐश्वर्या के बाद 'अखिलेश आम' की बारी

Monday, 30 April 2012 16:02

लखनऊ, 30 अप्रैल (एजेंसी) फलों के राजा आम के लिए विश्वप्रसिद्ध मलिहाबाद की 'दशहरी पट्टी' में वर्तमान मौसम में इस फल की एक और प्रजाति 'अखिलेश आम' सामने आने वाली है, जिसका नाम प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम पर रखा गया है।


'अखिलेश आम' की नवीनतम प्रजाति कलम लगाकर :ग्राफ्टिंग: आम की तरह तरह की किस्में विकसित करने के लिए मशहूर उद्यानी पद्मश्री कलीमउल्लाह खान ने ईजाद की है, जो इससे पहले प्रसिद्ध क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, सिने तारिका ऐश्वर्या राय और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम से आम की प्रजातियां विकसित कर चुके है। 
खान ने अपनी नयी ईजाद का नाम 'अखिलेश' रखने का कारण बताते हुए कहा, ''बगीचे में कलम लगाकर तैयार एक आम के पेड़ पर पांचवे वर्ष में ही फल लग गये है और चूंकि आम तौर पर इतने कम उम्र के पेड़ पर आम नहीं आते हैं। इसलिए इसका नाम प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम पर रखा गया है।'' 


 अखिलेश आम की खासियत के बारे में उन्होंने बताया कि सिंदूरी रंग लिए यह आम मिठास और स्वाद में तो लाजवाब होगा ही।....पकने पर इसका वजन लगभग एक किलो के बराबर होगा, जिसका छिलका पतला तो गुठली बहुत पतली और छोटी होगी।
खान ने बताया, ''अखिलेश आम के पककर तैयार होने में अभी वक्त है और जब यह तैयार हो जायेगा तो पहला आम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ही भेंट किया जायेगा।'' 
सातवीं कक्षा में ही विद्यालय से मुंह मोड़कर आम पैदा करने के पुश्तैनी व्यवसाय में लग गये 70 वर्षीय कलीमउल्लाह खान वर्ष 1957 से ही आम की नयी-नयी प्रजातियां विकसित करके इस क्षेत्र में अपना नाम कमा चुके है और उनकी इन्हीं उपलब्धियों के लिए भारत सरकार से 'पद्मश्री' प्राप्त कर चुके हैं।
खान की उपलब्धियों में सबसे खास है कि एक ही पेड़ पर आम की 300 प्रजातियों का विकास किया है और सौ साल पुराने इस पेड़ पर उन्होंने 1987 से लेकर अब तक अलग-अलग डालियों में कलम लगाकर 300 किस्म के आम पैदा किये है।

 

No comments: