Follow palashbiswaskl on Twitter

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity Number2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti Basu is dead

Dr.BR Ambedkar

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti Devi were living

Tuesday, June 25, 2013

बंगाल में रुक गया है आधार कार्ड बनाने का काम!

बंगाल में रुक गया है आधार कार्ड बनाने का काम!


राज्य में  आठ करोड़ से ज्यादा लोगों का कार्ड बनना है और अभी एक करोड़ कार्ड भी नहीं बन पाया है।


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​



पश्चिम बंगाल सरकार शुरु से कैश सब्सिडी का विरोध करती रही है और आधार कार्ड की बायोमैट्रिक पहचान को लेकर लोग अभी जागरुक भी नहीं है। निजी कंपनियों की ओर से कोलकाता और कुछ शहरी इलाकों में लंबे समय से आधार कार्ड बनवाने की कवायद के बावजूद बंगाल इस परियोजना को लागू करने में पड़ोसी राज्यों की तुलना में बी पिछड़ गया है। जबकि बुनियादी तौर पर सीमावर्ती इलाकों में अवैध घुसपैठ रोकने की गरज से आंतरिक सुरक्षा के मद्देनजर इस योजना को अमल में लाया गया है और अवैध घुसपैठ और मानव तस्करी के लिहाज से बंगाल सबसे संवेदनशील राज्य है। अब मीडिया पर हुए प्रचार के मद्देनजर नागरिक सेवाओं के लिए आधार कार्ड के अनिवार्य होने की खबर बंगाल में भी कमोबेश सबको हो गयी है। लेकिन यहां आम जनता का भरोसा कारपोरेट कंपनियों पर कम है और वे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के मार्फत ही आधार कार्ड बनवाना चाहते हैं।दक्षिण 24 परगना और कोलकाता में इस सिलसिले में काम तेजी से शुरु हुआ तो उत्तर 24 परगना के ज्यादातर इलाकों में शुरुआत ही नहीं हुई है। इस बीच साफ्टवेयर संकट और स्थानीय निकायों के कर्मचारियों के पंचायत चुनाव में बिजी हो जाने से बंगाल में जनसंख्या रजिस्टर और आधार कार्ड का काम सिरे से ठप पड़ गया है।


हालत यह है कि जब आंध्र में 6 करोड़ 15 लाख,महाराष्ट्र में 5 करोड़ 84 लाख, केरल में दो करोड़ 60 लाख,मध्यप्रदेश में दो करोड़ 57 लाख,कर्नाटक में दो करोड़ 39 लाख, राजस्थान में दो करोड़ 39 लाख,तमिलनाडु में दो करोड़ 18 लाख, झारखंड में एक करोड़ 72 लाख,पंजाब में एक करोड़ 70 लाख,उत्तर प्रदेश में एकक करोड़11 लाख और उड़ीसा में 81 लाख आधार कार्डवितरित हो चुके हैं, तब बंगाल में अबतक महज 78 लाख आधार कार्ड ही वितरित हुए हैं।जिससे कैश सब्सिडी या किसी दूसरी नागरिक सेवा से आधार कार्ड को जोड़ने का कोई मतलब ही नहीं रह गया है।


आधार कार्ड बनवाने में बंगाल अभी पंद्रहवें स्थान पर है।राज्य मे आठ करोड़ से ज्यादा लोगों का कार्ड बनना है और अभी एक करोड़ कार्ड भी नहीं बन पाया है। इस कार्ड से मनरेगा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन वृद्धावस्था पेंशन जैसी केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत भुगतान आसानी से प्राप्त हो सकेगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने आधार नंबर से जुड़ा धन आधार कार्ड पेश किया है। इस कार्ड की खासियत यह है कि इस पर आधार संख्या के साथ संबंधित ग्राहक की तस्वीर भी होगी और इसके जरिये कई तरह का लेनदेन किया जा सकेगा।बैंक के अनुसार इस कार्ड के जरिये सरकार की नकदी लाभ अंतरण योजना के तहत कई तरह के भुगतान प्राप्त किये जा सकते हैं। इसका उपयोग एटीएम कार्ड की तरह भी किया जा सकता है। इसके अलावा सामान खरीदने, छोटी एटीएम मशीन, प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।


साफ्टवेयर प्रोग्रामिंग में त्रुटि की वजह से शहरी इलाकों में काम रुका हुआ है तो राज्य के 329 ब्लाकों के ग्रामीण इलाकों में पंचायत चुनाव की वजह से आधार कार्ड का काम रोक दिया गया है।साफ्टवेयर की वजह से करीब तीन हफ्ते से ज्यादा समय से शहरी इलाकों में आधार कार्ड बनना बंद है। जनसंख्या रजिस्टर व आधारकार्ड का कार्य महत्वपूर्ण कार्य है। इसमें सभी सामान्य निवासियों का राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में पंजीयन होगा। इसी रजिस्टर के आधार पर स्मार्ट कार्ड व आधार कार्ड बनेगा जिसे निर्धारित दिशा निर्देश से बिंदुवार किया जाना है।


आपने अपना आधार कार्ड बनवाया। अगर नहीं तो देर मत कीजिए, फौरन बनवा लीजिए। आधार कार्ड बड़े काम का है। देश के हर कोने में आपकी पहचान अब इसी कार्ड से होगी। यही नहीं यह आपकी नागरिकता का भी यह पक्का सबूत है।अंत्योदय व गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के राशन कार्ड आय प्रमाण पत्र के आधार पर बनेंगे।


केंद्र सरकार की योजना के तहत हाल ही में शिक्षा विभाग ने होनहार विद्यार्थियों को सीधे बैंक खातों में छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है लेकिन बैंक में खाता खोलने के साथ आधार कार्ड अनिवार्य होगा। अगर आधार कार्ड नहीं है तो विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी।


इस बार अधिकांश कॉलेजों ने व ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया में भी स्टूडेंट्स से बैंक अकाउंट से संबंधित जानकारी के अलावा आधार कार्ड व वोटर कार्ड की डिटेल मांगी है। हालांकि यह जरूरी नहीं है लेकिन जो स्टूडेंट्स इन डिटेल्स को नहीं भरेंगे उनके लिए अकाउंट भी कॉलेज खुलवाएगा। अगर स्टूडेंट्स के पास आधार कार्ड या वोटर कार्ड नहीं होंगे तो इसके फॉर्म भी कॉलेज में उपलब्ध रहेंगे। स्टूडेंट्स से यह फॉर्म भरवाकर संबंधित डिपार्टमेंट को भिजवाए जाएंगे और उनके यह सभी पहचान पत्र बनवाए जाएंगे। जब यह पहचान पत्र आ जाएंगे तो इनकी जानकारी स्टूडेंट्स की डिटेल में अपडेट की जाएगी।


झारखंड में तो राज्य सरकार ने संपत्ति की रजिस्ट्री और शादी के रजिस्ट्रेशन के संबंध में नया संकल्प जारी किया है। इसके तहत रजिस्ट्री विभाग को भी जरूरी निर्देश दिये गये हैं। उसके मुताबिक अब संपत्ति खरीदने-बेचने वाले तथा गवाह को पहचान बताना और संबंधित दस्तावेज देना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए आधार कार्ड को जरूरी बताया गया है।


No comments: