प्रचार अभियान
गुवाहाटी | 28 सितंबर 2008
भाषण
"गुवाहाटी के मेरे प्यारे भाइयो और बहनो, असम के मेरे हमवतनो,
देशभर में मेरी पार्टी द्वारा आयोजित ''विजय संकल्प'' रैलियों के भाग के रूप में मुझे असम आकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।
असम पूर्वोत्तर में भारत का प्रवेश द्वार है। आमतौर पर किसी राष्ट्र की सीमाएं चार दिशाओं-उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम से दर्शायी जाती हैं। लेकिन भारत के मामले में यह परिभाषा और व्याख्या पांचवीं दिशा अर्थात पूर्वोत्तर का उल्लेख किए बिना अधूरी है।"
फोटो गैलरी
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असम में हालात विस्फोटक
गुवाहाटी. असम में बोडो विद्रोहियों और बांग्लादेशियों के बीच छिड़े संघर्ष में मरने वालों की संख्या 40 हो गई है। राज्य सरकार ने कहा है कि यह हिंसा गैर आदिवासियों के जातीय सफाये का अभियान है, जो नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट आफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) चला रहा है।
इस बीच केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों के करीब 1400 सुरक्षाकर्मियों को उपद्रवग्रस्त इलाकों की ओर रवाना कर दिया है। सोमवार को उपद्रवियों ने दो लोगों की हत्या कर दी। दोनों समुदायों के बीच असम के उदालगिरी और दारांग इलाकों में हिंसा भड़कने के बाद 25 साल पुराना जातीय संघर्ष एक बार फिर छिड़ गया है। हिंसा में मारे गए 40 लोगों में से 15 तो केवल पुलिस गोलीबारी में ही मारे गए हैं।
गृहमंत्रालय का कहना है कि पुलिस की सहायता के लिए असम में सेना की पहले ही तैनाती की जा चुकी है। गृहसचिव मधुकर गुप्ता का कहना है कि असम सरकार के अधिकारियों के साथ स्थिति की लगातार समीक्षा की जा रही है। असम में बीएसएफ की दस कंपनियां दंगाग्रस्त इलाकों में तैनात की जा रही है।
खुफिया एजेंसियों ने असम पर केंद्र को चेताया
नई दिल्ली . खुफिया एजेंसियों ने केंद्र सरकार को चेताया है कि असम में हालात विस्फोटक हो गए हैं। सरकार ने बोडो आदिवासियों और बांग्लादेशियों के संघर्ष के मामले में कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया तो स्थिति और बिगड़ सकती है। गृहमंत्रालय को मिली जानकारी के अनुसार एक वर्ग हालात का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है और स्थानीय भावनाएं भड़काई जा रही हैं।
http://www.bhaskar.com/2008/10/07/0810070915_asam.html
भारत के असम राज्य में बंदूकधारियों ने एक संपादक की हत्या की | |
25/03/2009 |
T |
पुलिस ने बताया है मंगलवार देर गये राज्य के प्रमुख शहर गोहाटी में अनिल मजुमदार पर उनके घर के बाहर अनेक बार फायर किये गये .
बन्दूक धारियों की पहचान के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है.
संपादक अनिल कुमार दैनिक समाचारपत्र "ऐजी" के लिए काम करते थे, उन्होंने सरकार की अलगाववादी विद्रोही दल सयुंक्त मुक्ति मोर्चे असोम के साथ शान्ति वार्ताओं का समर्थन किया था.
इस दल पर गोहाटी में नए वर्ष पर कई एक भयंकर बमविस्फोट करने के भी आरोप है. भारत के इस उत्तरपूर्वी राज्य में १९७९ से लेकर अबतक के दौरान हुई अलगाव वादी हिंसा में बीस हज़ार से भी अधिक लोगों की जाने जा चुकी हैं .
भारत के असम राज्य में बंदूकधारियों ने एक संपादक की हत्या की | |
25/03/2009 |
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पुलिस ने बताया है मंगलवार देर गये राज्य के प्रमुख शहर गोहाटी में अनिल मजुमदार पर उनके घर के बाहर अनेक बार फायर किये गये .
बन्दूक धारियों की पहचान के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है.
संपादक अनिल कुमार दैनिक समाचारपत्र "ऐजी" के लिए काम करते थे, उन्होंने सरकार की अलगाववादी विद्रोही दल सयुंक्त मुक्ति मोर्चे असोम के साथ शान्ति वार्ताओं का समर्थन किया था.
इस दल पर गोहाटी में नए वर्ष पर कई एक भयंकर बमविस्फोट करने के भी आरोप है. भारत के इस उत्तरपूर्वी राज्य में १९७९ से लेकर अबतक के दौरान हुई अलगाव वादी हिंसा में बीस हज़ार से भी अधिक लोगों की जाने जा चुकी हैं .
http://www.voanews.com/hindi/2009-03-25-voa2.cfm
| असमmaps |
पिछले दिनों जब असम में उग्रवादी संगठनों ने हिन्दी भाषी लोगों को निशाना बनाया तो एक बार फिर एक साथ अनेक सवाल उठकर खड़े हो गये. पहला, इस बर्बर नरसंहार के लिये दोषी किसे ठहराया जाना चाहिये. उग्रवादी संगठन उल्फा को पाकिस्तानी खुफिया संगठन आई.एस.आई को या फिर स्वयं असम सरकार की लापरवाही को.
पिछले वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर जब मेघालय में इस्कान मन्दिर में आतंकवादियों द्वारा बम विस्फोट किया गया तभी स्पष्ट हो गया था कि इस्लामी आतंकवादियों ने अपनी रणनीति बदल कर उत्तर पूर्व को अपना नया केन्द्र बनाकर स्थानीय उग्रवादी संगठनों के माध्यम से हमलों को अन्जाम देने का नया फार्मूला अपनाया है. यही नहीं तो जुलाई में मुम्बई में हुये बम विस्फोटों की जाँच कर रही आतंकवाद प्रतिरोध शाखा ने बांग्लादेश की सीमा से सटे पूर्वोत्तर क्षेत्र को इस्लामी आतंकवादियों का नया केन्द्र बताया था और त्रिपुरा से लेकर मेघालय तक अनेक मदरसों को संदेह के दायरे में रखा था. मुम्बई विस्फोटों के बाद अनेक आतंकवादियों को असम में कामाख्या मन्दिर पर आक्रमण के षड़यन्त्र में गिरफ्तार भी किया गया है. अभी कुछ महीनों पहले सिलीगुड़ी में हुये रेल विस्फोट की जाँच के दौरान पाया गया कि इस विस्फोट को बांग्लादेश स्थित जेहादी संगठन जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश ने स्थानीय उग्रवादी संगठन कामतपुर लिबरेशन आर्गनाइजेशन की सहायता से कराया है. जमातुल मुजाहिदीन कट्टर जेहादी संगठन है जिसके अल-कायदा से सम्बन्ध हैं और इस संगठन ने उत्तरी बंगाल में अपनी घुसपैठ कर ली है और अपने प्रशिक्षण शिविर चला रहा है.
बांग्लादेश घुसपैठ के मामले में कांग्रेस का रवैया कितना ढुलमुल रहा है यह बताने की आवश्यकता नहीं है, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आई.एम.डी.टी अधिनियम समाप्त करने के बाद केन्द्र सरकार ने एक और अध्यादेश जारी कर उसे फिर से लागू करने का प्रयास किया सर्वोच्च न्यायालय ने उस अध्यादेश को भी असंवैधानिक घोषित कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दो बार कहे जाने के बाद भी सरकार ने आज तक अवैध घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने का कोई प्रयास नहीं किया है. अभी इसी सप्ताह एक और जनहित याचिका की सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने फिर अवैध घुसपैठियों को देश से बाहर निकाले जाने के मामले में सरकार से प्रगति आख्या मंगाई है.
आखिर मुस्लिम वोटों की लालच में कब तक देश की सुरक्षा के साथ समझौता होता रहेगा, अच्छा होता राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय को सभी राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति से दूर रखकर इस सम्बन्ध में कड़े निर्णय सर्वानुमति से लेते.
असम में 53 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण
असम में भाकपा माले की सभा पर हमला
उत्तर बंगाल में है राजखोवा:असम पुलिस
उत्तर बंगाल में छिपा है राजखोवा ... |
राजखोवा चिकित्सकीय इलाज के लिए उत्तर बंगाल चला गया है। असम पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने अपना नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा कि उल्फा प्रमुख बीडीआर में बगावत के बाद बांग्लादेश से भाग निकला था और म... |
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हुजी से संबंध नहीं-उल्फा ... |
हुजी से संबंध नहीं-उल्फा हुजी से संबंध नहीं-उल्फा गुवाहाटी (भाषा), रविवार, 2 नवंबर 2008( 22:22 IST )... यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट (उल्फा) ने बांग्लादेशी आतंकी संगठन हुजी अथवा अन्य इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों के... |
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असम में विस्फोट, 13 लोग जख्मी ... |
इलाके में बुधवार शाम उल्फा उग्रवादियों द्वारा किए गए ग्रेनेड हमले में एक सीआरपीएफ जवान सहित कम से कम... कम 13 लोग घायल हो गए। उल्फा उग्रवादियों के एक समूह ने सोणितपुर जिले में इस कस्बे के व्यस्त इलाके में... |
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कामरूप एक्सप्रेस को उड़ाने की कोशिश ... |
स्थापना दिवस पर उल्फा ने झंडा फहराया गुवाहाटी (भाषा),सोमवार, 7 अप्रैल 2008( 17:58 IST ) असम में जबरदस्त... अवसर पर उग्रवादी संगठन उल्फा ने असम में सार्वजनिक स्थानों पर झंडा फहराकर अपनी मजबूत उपस्थिति का जोरदार... |
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उल्फा का स्वयंभू नायक ढेर ... |
लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) का स्वयंभू नायक मारा गया जबकि एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया। सरकारी सूत्रों... राइफल्स के जवानों और उल्फा के बीच हुई मुठभेड़ में उल्फा सदस्य गानोन चेतिया मारा गया जबकि एक अन्य घायल... |
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News and Views, As they Happen @ Webdunia News ... |
IST ) प्रतिबंधित संगठन यूनाईटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के विचारक भीमकांत बुरागोहेन को शस्त्र कानून के तहत विभिन्न आरोपों में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। भीमकांत को अतिरिक्त जि... |
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पूर्व उल्फा आतंकवादी की हत्या ... |
प्रादेशिक पूर्व उल्फा आतंकवादी की हत्या गुवाहाटी (वार्ता),शनिवार, 2 जून 2007( 23:04 IST ) असम के तिनसुकिया... ने आत्मसमर्पण कर चुके उल्फा के एक आतंकवादी की शुक्रवार रात गोली मारकर हत्या कर दी। आधिकारिक प्रवक्ता... |
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उल्फा का बम विशेषज्ञ गिरफ्तार ... |
सफलता हासिल करते हुए उल्फा के एक कट्टर आतंकवादी और बम विशेषज्ञ को गिरफ्तार किया, जो लोकसभा चुनाव से... में आया था। पुलिस ने उल्फा की 709 बटालियन से संबंध रखने वाले नवकांत राय उर्फ नबा दास को गोरचक इलाके... |
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उल्फा उग्रवादियों के परिजनों की अपील ... |
राष्ट्रीय उल्फा उग्रवादियों के परिजनों की अपील शिवसागर (भाषा),सोमवार, 15 अक्टूबर 2007( 18:56 IST ) उल्फा... घर लौट आएँ क्योंकि उल्फा द्वारा छेड़ा गया सशस्त्र संघर्ष जाया गया है और उद्देश्य हासिल करने में कामयाबी... |
hindi.webdunia.com/news/news/national/0710/15/1071015100_1.htm - 34.66kb |
असम धमाकों में दाऊद-उल्फा संबंधों का संदेह ... |
असम धमाकों में दाऊद-उल्फा संबंधों का संदेह असम धमाकों में दाऊद-उल्फा संबंधों का संदेह आतंक फैलाने के... हुए बम धमाके दाऊद और उल्फा संबंधों का इशारा कर रहे हैं। असम के धमाकों ने 90 के दशक में मुंबई में दाऊद... |
hindi.webdunia.com/news/news/national/0811/02/1081102042_1.htm - 21.98kb |
उग्रवादी उल्फा
उस पर प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा से जुड़े होने का . ... संघर्ष विराम करने वाले उग्रवादी संगठन एकजुट हों : उल्फा- संघर्ष विराम करने वाले उग्रवादी संगठन एकजुट हों : उल्फा ...
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स्थापना दिवस पर उल्फा ने झंडा फहराया गुवाहाटी (भाषा),सोमवार, 7 अप्रैल 2008( 17:58 IST ) असम में जबरदस्त... अवसर पर उग्रवादी संगठन उल्फा ने असम में सार्वजनिक स्थानों पर झंडा फहराकर अपनी ...
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25 मार्च 2009 ... पिछले तीन दशक से असम में संयुक्त मुक्ति वाहिनी (उल्फा) नामक उग्रवादी संगठन संप्रभुता की मांग के समर्थन में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देता रहा है। उल्फा के कथित ...
www.rajexpress.in/news/1691.aspx - 117k - संचित प्रति - समान पृष्ठउल्फा : Amitabh Tripathi
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23 मार्च 2009 ... पिछले कई सालों से बांग्लादेश में छिपा उल्फा प्रमुख अरबिंदो राजखोवा इलाज के लिए उत्तर ... अधिकारी ने बताया कि राजखोवा इस प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन के चीफ परेश बरुआ के ...
www.lokmanch.com/cms/index.php/defence/4345-ulfa-chairman-in-north-bengal- - 48k - संचित प्रति - समान पृष्ठउल्फा - विकिपीडिया
विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से. यहाँ जाएँ: नेविगेशन, ख़ोज. यह विश्व का एक प्रमुख आतंकवादी और उग्रवादी संगठन हैं |. अनुक्रम. १ स्थापना; २ विस्तार; ३ प्रमुख आतंकवादी गतिविधियाँ ...
hi.wikipedia.org/wiki/उल्फा - 37k - संचित प्रति - समान पृष्ठबांग्लादेशियों की भर्ती कर रहा है ...
प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा के बांग्लादेशी नागरिकों को भर्ती करने की बात प्रकाश में आई है। मेघालय में पड़ोसी देश के एक उग्रवादी के सीमा सुरक्षा बल के हाथों गिरफ्तार होने ...
www.global-report.com/india/?l=hi&a=26341 - 45k - संचित प्रति - समान पृष्ठउल्फा ने दिल्ली में रची प्लेन हाइजैक ...
गुवाहाटी : प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा ने इंडियन के एक विमान के अपहरण की साजिश दिल्ली में रची थी। शनिवार रात गुवाहाटी में उल्फा उग्रवादी मनोज तामुली की गिरफ्तारी के बाद ...
navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/2774451.cms - 50k - संचित प्रति - समान पृष्ठइसके लिए अनुवादित अंग्रेज़ी परिणाम देखें:
उग्रवादी संगठन उल्फा (ULFA militant organization)
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विस्फोटों में उग्रवादी संगठन उल्फा का हाथ होने का संदेह है। प्रधानमंत्री के असम दौरे के ऐन पहले हुए इन विस्फोटों ने गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इस संबंध में असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से फोन पर बातचीत कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने घटना की रिपोर्ट तुरंत दिल्ली तलब की है। जांच में मदद के लिए एनएसजी की टीम भी गुवाहाटी भेजी जा रही है।
पुलिस ने कहा है उन्हें, असम के प्रमुख अलगाववादी दल युनाईटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम पर संदेह है कि इस
बम विस्फोट में, उसका हाथ है. ये घटना दल की स्थापना की तीसवी वर्षगाठ के पहले हुई है.
असम में हिंसा की ये ताज़ी वारदात वहां सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था के बावजूद हुयी , जबकि कल मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह असम की यात्रा पर आने वाले हैं, वहां वह एक रैली को सम्बोधित करेंगे. भारत में इस महीने बाद में आमचुनाव आरम्भ होने वाले हैं
भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य में १९७९ से व्याप्त अलगाववादी हिंसा में अबतक कोई २० हज़ार लोगों की जाने जा चुकी हैं. इस क्षेत्र में जातिय संघर्ष भी व्याप्त है अधिकारीगण इसके लिए बांगलादेश स्थित मुस्लिम अलगाववादियों पर आरोप लगाते हैं.
असम में एक के बाद एक चार धमाके हो चुके हैं. धुबरी जिले के मानिकछर इलाके में हुए ग्रेनेड ब्लास्ट में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए. असम में हुए धमाकों की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कड़ी निंदा की है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कल असम में रैली होने वाली है. इससे पहले असम के ही सुनितपुर के धेखियाजुली में पास पुलिस थाने दो धमाके हुए. इस धमाके में तीन लोगों के घायल होने की सूचना है.
उच्च पदस्थ रक्षा सूत्रों ने यह सौदा होने की पुष्टि की है। सूत्रों के अनुसार बिहार में नालंदा में लगने वाली तोप गोला फैक्टरी स्थापित करने के लिए 25 मार्च को हस्ताक्षर किए गए। सौदे के बारे में कुछ सूचनाएँ इसराइली मीडिया में लीक होने के बाद रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को इसका खुलासा कर दिया गया।
इस फैक्टरी में बनने वाले गोले बोफोर्स और अन्य तोपों में इस्तेमाल किए जाएँगे। हैरत की बात यह है कि इस सौदे में रक्षा खरीद प्रक्रिया की एक महत्वपूर्ण शर्त लागू नहीं की गई है, जिसके तहत 300 करोड़ रुपए से अधिक के किसी भी रक्षा सौदे में विदेशी कंपनियों के लिए 30 प्रतिशत निवेश किसी भारतीय रक्षा उपक्रम में करने की व्यवस्था की गई है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी इसका स्पष्ट कारण फिलहाल नहीं बता सके।
सूत्रों ने कहा कि नालंदा की फैक्टरी के लिए रक्षा मंत्रालय के आयुध फैक्टरी बोर्ड और इसराइली मिलिट्री इंडस्ट्रीज (आईएमआई) के बीच हस्ताक्षर किए गए। सूत्रों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि सौदे में भी 'व्यावसायिक शुल्क' लगाया गया है या नहीं, जिसके लिए 100 अरब रुपए का मिसाइल सौदा विवाद में आ गया था। इस सौदे में छह प्रतिशत व्यावसायिक शुल्क दिए जाने की बात स्वीकार की जा चुकी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को बताया कि इन वैज्ञानिकों की सुरक्षा के लिए किए गए अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंधों में एक पायलट वाहन शामिल होगा।
इसमें सीआईएसएफ और राज्य पुलिस के अधिकारियों को तैनात किया जाएगा। वैज्ञानिकों की आवाजाही को भी नियंत्रित किया गया है।
अधिकारी ने बताया लश्करे तैयबा द्वारा वैज्ञानिकों को जान से मारने की धमकी के बाद किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए उपग्रह एवं राकेट प्रभाग से संबद्ध छह वैज्ञानिकों की आवाजाही सीमित कर दी गई है।
सूत्रों ने बताया इसके अलावा श्रीहरिकोटा के सतीश धवन केन्द्र सहित भारत भर में इसरो के सारे प्रतिष्ठानों को 24 घंटे अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है। उच्चाधिकारियों द्वारा अतिरिक्त सूचना मिलने पर सुरक्षा को और बढ़ाया जायेगा।
लश्कर के पकड़े गए आतंकवादी फरफर नवास उर्फ शाहबाज नवाज से प्राप्त जानकारी के बाद इसरो अध्यक्ष जी. माधवन नायर को जेड श्रेणी की सुरक्षा सहित वैज्ञानिकों को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
नवाज ने पूछताछ में कथित तौर पर बताया था कि लश्कर की डॉ. माधवन नायर सहित प्रमुख वैज्ञानिकों के अपहरण या हत्या करने की योजना है।
साइंस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन ऑफ कम्युनिकेटर्स एंड एजुकेटर्स (एसपीएसीई) के अध्यक्ष भूषण देवगन ने कहा कि हम बेहद गहरे सौर न्यूनतम का अनुभव कर रहे हैं।
गौरतलब है सौर न्यूनतम के दौरान सूर्य की गतिविधियाँ न्यूनतम होती हैं। इस दौरान सूर्य से धब्बे खत्म हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि धब्बारहित दिवस तब होता है, जब सूर्य पर कोई दाग नहीं होता।
धब्बारहित दिवस सौर अधिकतम के दौरान कभी नहीं होता। सौर अधिकतम के दौरान सूर्य की सक्रियता सर्वाधिक होती है, लेकिन सौर न्यूनतम के दौरान सूर्य का धब्बारहित दिखना आम बात होती है।
खगोलविज्ञानी धब्बारहित दिनों की गणना कर सौर न्यूनतम की लंबाई और उसकी गहराई पर नजर रखते हैं। वर्ष 2008 में 366 दिन में से 266 दिनों तक कोई सौर धब्बा नहीं दिखाई पड़ा था, जबकि इस साल अब तक 95 दिनों में से 83 दिन कोई सौर धब्बा नहीं दिखा है।
वर्ष 1913 में 311 दिन सूर्य में कोई धब्बा नहीं दिखा था। इसका मतलब है कि उस वर्ष 85 फीसदी दिनों में सूर्य पर कोई दाग नहीं रहा।
सौर धब्बे सूर्य की सतह पर ग्रहों के आकार के चुंबकों के द्वीप होते हैं। ये सूर्य की रोशनी और पराबैंगनी किरणों के स्रोत होते हैं।
सूर्य को एक सौर अधिकतम से दूसरे सौर अधिकतम तक का सफर तय करने में करीब 11 साल का वक्त लगता है, जबकि सौर न्यूनतम आम तौर पर छह महीने के बाद होता है।
जहाँ सभी केंद्रीय सुरक्षा बल और एजेंसियों के साथ सेना ने इस घटनाक्रम पर चुप्पी साध रखी है, वहीं गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि कुपवाड़ा जिले के त्रहगाम के चौकीबल इलाके में छिपे आतंकवादियों के एक समूह के वायरलेस संदेश पकड़े गए। इस तरह की अन्य बातचीत कुपवाड़ा के ही लोलाब इलाके में सुनी गई।
सूत्रों ने दावा किया कि पकड़े गए संदेश सुरक्षा एजेंसियों को स्तब्ध करने के लिए काफी थे, क्योंकि एक समूह ने अपनी पहचान तालिबान के एक हिस्से के तौर पर जाहिर की। यह समूह ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) युक्त मानचित्रों का इस्तेमाल कर नियंत्रण रेखाGet Fabulous Photos of Rekha को पार कर गया था।
सूत्रों ने बताया कि पिछले पाँच दिनों से इलाके में पहले ही मुठभेड़ चल रही है। यहाँ तक कि सेना को समूह से जबर्दस्त प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा अनुमान है कि उनकी संख्या 10 से 15 के बीच है।
समझा जा रहा है कि अब तक समूह के दो आतंकवादी सेना के हाथों मारे जा चुके हैं, लेकिन उनका शव आतंकवादियों की तरफ से भारी गोलीबारी के कारण बरामद नहीं किया जा सका है।
सूत्रों ने बताया कि पकड़े गए संदेश में मुंबई हमले में शामिल संदिग्ध आतंकवादियों को तालिबान से यह कहते सुना गया कि वे वापस चले जाएँ, लेकिन आतंकवादियों ने वापस जाने से इनकार कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता, सेना और अर्द्धसैनिक बलों के साथ लगातार संपर्क में हैं और लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
रक्षा सचिव विजयसिंह के साथ उन्होंने राज्य में पुलिस अर्द्धसैनिक बल और सेना के साथ व्यापक चर्चा की है। बैठक के दौरान दोनों नौकरशाहों को इस घटनाक्रम और पकड़े गए संदेश के बारे में जानकारी दी गई।
नियंत्रण रेखा के उस पार गुरेज और माछिल सेक्टरों में संदिग्ध आतंकवादियों की गतिविधियाँ देखने के बाद सुरक्षा बल राज्य में हाई अलर्ट पर हैं।
सेना की ओर से विरोधाभासी खबरों के बावजूद सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि करीब 80 आतंकवादी घाटी में घुस गए हैं। इनमें से मुख्य तौर पर लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी हैं।
हालाँकि मंत्रालय ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है और आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।
उन्होंने बताया कि हमने कल रात तीन कर्मियों को गिरफ्तार किया जिन्होंने घोटाले की रूप रेखा तैयार की थी। ये लोग फर्जी मासिक बैंक स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेज तैयार करने में शामिल थे। गिरफ्तार व्यक्तियों में कंपनी के उपाध्यक्ष [वित्त] जी. रामाकृष्ण और वित्त विभाग में काम कर रहे अन्य दो कर्मचारी डी. वेंकटपति राजू एवं श्रीसैलम शामिल हैं। आईसीएआई के दो सदस्यों वाली उच्च स्तरीय टीम ने सत्यम के पूर्व सीएफओ वाडलामणि श्रीनिवास से कल पूछताछ के बाद ये गिरफ्तारियां की हैं।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष [आईएमएफ] के पास जमा सोने का भारी भंडार अब गरीब देशों को मंदी से बचाने के काम आएगा। इस विश्व संस्था के पास कुल 3 हजार 217 टन सोना जमा है। यह अमेरिका व जर्मनी के बाद तीसरा बड़ा स्वर्ण भंडार है। इसका बाजार मूल्य 20 फरवरी को 95 अरब डालर [करीब 48 खरब रुपये] था। स्वर्ण भंडार के लिहाज अमेरिका सबसे आगे है। इस देश का सरकारी सोना भंडार 8 हजार टन से ज्यादा है, वहीं जर्मनी की सरकार के पास इस पीली धातु का 3 हजार 400 टन स्टाक जमा है।
आईएमएफ अपने भंडार में से 403.3 टन सोना बाजार में बेचकर गरीब देशों को 6 अरब डालर का रियायती कर्ज अगले 2 से 3 वर्षो में मुहैया कराएगा। इसके लिए धनी देशों के संगठन जी-20 के नेताओं ने 2 अप्रैल को लंदन शिखर बैठक में आईएमएफ को निर्देश दिया था। इसे बेचने का फैसला मुद्राकोष के एक्जीक्यूटिव बोर्ड 85 फीसदी बहुमत के आधार पर ही कर सकता है। साथ ही इसके लिए अमेरिका समेत कई सदस्य देशों की संसद से भी मंजूरी लेनी होगी। अमेरिकी वित्त मंत्री टिमोथी गीथनर ने इसके लिए कांग्रेस से समर्थन दिलाने का संकेत दिया है।
आस्कर पुरस्कार से सम्मानित स्माइल पिंकी समेत दुनियाभर की 160 से अधिक शैक्षिक फिल्में यहां आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित की जाएंगी।
सीएमएस आडीटोरियम में सात से 13 अप्रैल तक आयोजित इस महोत्सव में स्माइल पिंकी की नायिका नौ वर्षीय पिंकी आकर्षण का विशेष केंद्र होगी। उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर जिले के छोटे से गांव रामपुर डबई की पिंकी हाल ही में अपने पिता राजेंद्र सोनकर और चिकित्सक के साथ अमेरिका में आस्कर समारोह में शामिल होने गई थी।
स्माइल पिंकी के आस्कर समारोह में नामित होते ही पिंकी रातों-रात सुर्खियों में आ गई थी। महोत्सव में 27 देशों की लगभग 160 बेहतरीन शैक्षिक फिल्में दिखायी जाएंगी जिनमें अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, इटली, फ्रांस, नीदरलैंड, कनाडा, आस्ट्रिया, साउथ कोरिया, आयरलैण्ड, लाटविया, सर्बिया, हालैण्ड, मारीशस, बुल्गारिया, लिथुआनिया, चीन, तैलिन, एस्टोनिया, ईरान तथा भारत आदि देशों की फिल्में प्रमुख हैं।
भारत के महानतम फिल्मकार सत्यजीत रे की फिल्में न्यूयार्क में 15 से 30 अप्रैल तक प्रतिष्ठित फिल्म सोसायटी ऑफ लिंकन सेंटर की ओर से दिखाई जाएंगी।
समारोह में 20 से अधिक फिल्में दिखाई जाएंगी, जिसमें से छह अकादमी फिल्म आर्काइव से मिली 35 एमएम के नए प्रिंट्स में होंगी। आगामी 15 अप्रैल से शुरू होने वाले फर्स्ट लाइट : सत्यजित रे फ्रॉम द अपु ट्रायोलॉजी टु द कोलकाता ट्रायोलॉजी नामक इस खंड में मुख्यत: रे के शुरुआती करियर की फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।
बैठक के अगले दिन शनिवार को शेयर बाजार बंद होने के कारण सेंसेक्स पर इसका असर सोमवार को दिखने की उम्मीद जताई गई थी। रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरें और कम किए जाने की संभावना व विदेशी बाजारों की तेजी के समाचारों से दलाल स्ट्रीट में माहौल सुबह से ही खुशगवार था। इसके चलते सेंसेक्स इस दिन लगातार चौथे कारोबारी सत्र में बढ़त की तरफ गतिमान रहा और 186.04 अंकों के उछाल के साथ पांच महीने के उच्चतम स्तर 10,534.87 पर बंद हुआ। इससे पहले यह 10 नवंबर 2008 को इस स्तर पर था। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 45.55 अंक या 1.42 फीसदी चढ़कर 3,256.60 के स्तर पर पहुंच गया।
सत्र की शुरुआत में बंबई स्टाक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 10521.78 अंक पर मजबूत खुला। कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 10654.89 और नीचे में 10410.44 अंकों तक लुढ़का। समाप्ति पर सूचकांक 1.80 फीसदी की बढ़त के साथ 10534.87 अंक पर बंद हुआ। लगातार चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स ने 967 अंक या 10.10 फीसदी की बढ़त दर्ज की है। विदेशी संस्थागत निवेशक [एफआईआई] और घरेलू फंडों की लिवाली के कारण भी बाजार को मदद मिली। अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक एफआईआई ने दो अप्रैल को 691.56 करोड़ रुपये बाजार में डाले जबकि घरेलू फंडों ने भी उसी दिन 254.71 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। केजी बेसिन से तेल का उत्पादन शुरू होने के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 1.8 फीसदी के उछाल आया।
इसके साथ ही रियलटी, बैंकिंग, धातु, स्टील व आईटी कंपनियों के शेयरों में हुई जोरदार लिवाली ने भी बाजार को आधार दिया। बंबई स्टाक एक्सचेंज में कारोबार का आकार शुक्रवार के 4926.47 करोड़ रुपये गिरकर 4690.16 करोड़ रुपये रहा।
उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र की रक्षा करना हमारा धर्म है। मैं कोई चुनाव नहीं लड़ रहा लेकिन उन साथियों का सहयोग कर रहा हूं जो प्रजातांत्रिक तरीके का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जाति-पाति पर आधारित राजनीति देश को खोखला कर रही है। यदि अपनी विरासत बचानी है तो नागरिक अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
उन्होंने किसी दल का नाम लिये बगैर कहा कि लोग जनमत लेकर जन के साथ धोखा करते हैं। आज यूपी मुल्क में अग्रणी होता लेकिन भटकाव की स्थिति में आ गया है। उन्होंने सवाल किया कि जिनकी देश व समाज के संबंध में कोई कल्पना ही नहीं है, वे टिकट क्यों मांगते हैं। ऐसे लोगों का कोई चरित्र नहीं होता, जो टिकट के लिये एक दिन में तीन पार्टियां बदलते हैं। कहा कि 78 के उपचुनाव में यहां के लोगों ने इतिहास रचा था और तब मोहसिना किदवई जीती थीं। अब फिर इतिहास दोहराने का समय है।
निजी निवेश के पसंदीदा ठिकानों में भारत अन्य उभरते बाजारों-चीन व ब्राजील से पिछड़कर तीसरे स्थान पर आ गया है। ऐसा निजी निवेशकों के लिए आकर्षक बाजार के रूप में भारत की साख में गिरावट आने के चलते हुआ है। पिछले साल भारत इस मामले में दूसरे स्थान पर था।
ब्रिटेन की फर्म कालर कैपिटल व इमर्जिग मार्केट प्राइवेट इक्विटी एसोसिएशन द्वारा निवेशकों के बीच रविवार को कराए गए एक सर्वेक्षण से यह खुलासा हुआ है। यह सर्वे आगामी 5 वर्षो में तेजी से उभरते बाजार में निवेश की संभावना के मद्देनजर किया गया था।
सर्वे में भाग लेने वाले लोगों ने अगले वर्ष तक निवेश के लिए चीन को सबसे आकर्षक बाजार बताया है। वहीं इस मामले में चौथे स्थान पर रहा ब्राजील अब दूसरे स्थान पर आ गया है। सर्वेक्षण में 156 संस्थागत निवेशकों ने हिस्सा लिया था। इनमें 78 फीसदी तेजी से उभरते बाजार में निवेश करने के लिए अतिरिक्त कोष बनाने पक्ष में हैं। वहीं 49 फीसदी अपनी निवेश योजना को अगले दो वर्षो में पूरा करना चाहते हैं। इस सर्वे से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक निवेशकों के मनोबल में आया यह उत्साह उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर उनके बढ़ते विश्वास को दिखाता है।
सिंह ने यहाँ कहा कि मैंने इसकी सूचना महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, राज्य के गृहमंत्री जयंत पाटिल और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को दे दी है। उन्होंने अपने, आजमी, जया बच्चन और हाल में ही पार्टी के महासचिव बनाए गए अभिनेता संजय दत्त के लिए सुरक्षा की माँग की।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि अमरसिंह ने चव्हाण को कॉल किया और अपनी जान को खतरा होने के बारे में सूचित किया।
अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पुलिस से शिकायत की प्रामाणिकता की जाँच करने और उसके अनुसार कार्रवाई करने को कहा है।
चुनाव आयोग ने राजद नेत्री के भाषण के दौरान की गई कथित टिप्पणी की जाँच के लिए जिला प्रशासन से सीडी भी तलब की है।
सारण के जिलाधिकारी बी. राजेन्द्र ने बताया कि राबड़ी के खिलाफ भादंवि की धारा 177 (जी) और जनप्रतिनिधित्व की धारा 125 के तहत भेल्दी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
अपने पति और राजद प्रमुख लालूप्रसाद के पक्ष में छपरा में चुनाव प्रचार के दौरान राबड़ी ने कथित तौर पर नीतीश और जद(यू) प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजनसिंह ललन के खिलाफ भद्दी टिप्पणी की।
इस बीच बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष की नेता राबड़ी टिप्पणी को निंदनीय बताते हुए जदयू ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिखकर उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त किए जाने और उन्हें राजद उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार किए जाने से रोके जाने की माँग की है।
इससे पहले राजेन्द्र ने बताया था कि चुनाव आयोग ने भाषण से संबंधित सीडी की माँग की है, जिसे जाँच के लिए पटना भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीडी की जाँच के बाद ही यह तय हो पाएगा कि राबड़ी के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला बनता है या नहीं। बाद में उन्होंने राजद नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की पुष्टि की।
राबड़ी को एक निजी टीवी समाचार चैनल पर छपरा में एक चुनावसभा के दौरान नीतीश और ललन के खिलाफ कथित टिप्पणी करते हुए आज दिखाया गया।
टीवी चैनल के फुटेज में राबड़ी को यह कहते हुए देखा गया कि ललनसिंह नीतीश का साला है और नीतीश ललनसिंह का साला है, इसलिए दोनों को हाथ में हाथ मिलाए हुए देखा जाता है।
उन्होंने कहा कि हमें हिंदू संसद चाहिए। धर्म रक्षा मंच के 11 सूत्रीय मांगपत्र को जो पार्टी अपने घोषणापत्र में शामिल करे, हम उनका समर्थन करें। भाजपा ने ऐसा किया है, अन्य दल भी शामिल करें। यदि नहीं करते हैं वृहद हिंदू समाज उन्हें पराजित करे।
विहिप नेता सिंहल सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत पांच वर्षो में जितना शोषण हिंदू समाज का हुआ, इससे पूर्व कभी नहीं हुआ। शंकराचार्य को बंदी बनाया गया।
साध्वी पर षड्यंत्र के तहत आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर हिंदू समाज को अपमानित किया गया। सरकारों को यह जानना चाहिए कि संत महात्मा आत्मसंयम सिखाते हैं, वे जेहाद नहीं सिखाते।
विहिप नेता ने कहा कि इस्लामीकरण का राजनीतिकरण ठीक नहीं। हिंदू समाज को तोड़ने और दुर्बल करने के यत्न किए जा रहे हैं। जो तोड़ रहे हैं, उन्हें महिमामंडित किया जा रहा है और जो जोड़ने वाले हैं, उन्हें अपराधी घोषित किया जा रहा है। भारत माता को डायन कहने वाले के पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन वरुण गांधी हिन्दू सम्मान की रक्षा की बात कर रहे थे, तो उनपर रासुका लगा दिया गया।
एक सवाल के जवाब में सिंघल ने कहा कि भाजपा संतों की उपेक्षा कर ही नहीं सकती।
माकपा पोलितब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी और भाकपा के राष्ट्रीय सह सचिव डी. राजा ने सोमवार को अलग-अलग प्रेस से मिलिए कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए कहा कि हमने धर्मनिरपेक्ष दलों से वैकल्पिक सरकार बनाने में मदद करने के लिए आगे आने का अनुरोध किया है। कुछ दलों ने खुद ही जवाब दिया है और अन्य का जबाव चुनाव के बाद मिल जाएगा।
चुनाव बाद वाम दलों का समर्थन लेने से किसी तरह का परहेज नहीं करने के कांग्रेस के बयान पर कटाक्ष करते हुए माकपा ने सोमवार को कहा कि ऐसा कह कर केन्द्र में सत्तारूढ़ मुख्य पार्टी मान चुकी है कि लोकसभा चुनाव बाद उसकी सरकार बनने की कोई संभावना नहीं है।
पार्टी की नेता वृंदा करात ने कहा कि कांग्रेस के बयान के ये मायने हैं कि कांग्रेस के नेता भी अप्रत्यक्ष तौर पर स्वीकार कर रहे हैं कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार कतई नहीं बनने वाली। मेरा भी यही मानना है कि कांग्रेसनीत सरकार नहीं बनने की संभावना ज्यादा है।
उनसे विदेश मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणव मुखर्जी के उस बयान के बारे में पूछा गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव बाद वाम दलों का समर्थन लेने से किसी तरह का हमें परहेज नहीं होना चाहिए।
वृंदा ने कहा संप्रग एक ऐसी फुटबॉल टीम है, जिसके सहयोगियों को ही यह नहीं पता कि वे किस पाले में हैं। वे अपने ही टीम पर गोल दाग रहे हैं।
उन्होंने कहा दोनों राष्ट्रीय दल कांग्रेस और भाजपा एक तरफ तीसरे मोर्चे को हवाई किला बताते हैं तो दूसरी ओर उसके बारे में बात भी करते हैं। यह उनके असमंजस को दर्शाता है।
16 मई को वे जान जाएँगे कि तीसरा मोर्चा क्या है और क्या अहमियत रखता है। यह पूछने पर कि चुनाव बाद तीसरा मोर्चा अगर सरकार बनने की स्थिति आया तो उसका प्रधानमंत्री पद का दावेदार कौन होगा, उन्होंने कहा इसका फैसला पार्टी की केंद्रीय कार्यकारिणी करेगी।
येचुरी ने कहा कि लेकिन देश में वर्तमान राजनीतिक नाटक का पटाक्षेप चुनाव के बाद ही होगा। उन्होंने कहा कि यह केवल उन लोगों की सत्ता की राजनीति का खेल नहीं है जिन्होंने खुद को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बताया है।
तीसरे मोर्चे को 'हास्यास्पद भ्रम' कहने के लिए कांग्रेस और भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए राजा ने कहा कि ये दोनों ही दल हताश हैं क्योंकि एक ठोस 'तीसरा मोर्चा' उभर रहा है और हकीकत में तब्दील हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में द्विधु्रवीय राजनीति का युग खत्म हो रहा है और केंद्र में केवल कांग्रेस या भाजपा के समर्थन से गठबंधन सरकार बनने का सिद्धांत पुराने जमाने की बात हो गई है।
राजनीतिक शक्तियों के पुन: एक होने की अपनी दलील के समर्थन में इन नेताओं ने कहा कि 1996 में संयुक्त गठबंधन उभरा, 1998 में राजग बना और 2004 में चुनाव के बाद संप्रग एक वास्तविकता बनकर सामने आया।
येचुरी ने संभावना की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसी तरह धर्म निरपेक्ष शक्तियों का नया गठबंधन 2009 में भी प्रभाव में आएगा। जब इन नेताओं से पूछा गया कि क्या तीसरा मोर्चा केंद्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का समर्थन स्वीकार करेगा तो उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं और चुनाव में इन दलों से लड़ने के बाद इनके समर्थन की उम्मीद कोई कैसे कर सकता है।
उन्होंने एक स्वर में कहा कि हमारा मुख्य काम अभी तीसरी ताकत को मजबूत करना और सरकार गठन के लिए सबसे बड़े गठबंधन के तौर पर उभरना है।
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर येचुरी ने कहा कि इस पद के लिए सक्षम लोगों की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि हालांकि हम चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए किसी का नाम लेकर अपने लोकतंत्र और जनता के प्रति कोई असम्मान की भावना नहीं दिखाना चाहते।
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा 'तीसरे मोर्चे' को मजाक कहने के संबंध में राजा ने कहा कि आडवाणी भ्रम में हैं क्योंकि वह कभी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।
अदालत ने नरेंद्र मोदी सरकार की पूर्व मंत्री और 2002 के गुजरात दंगों की आरोपी माया कोडनानी की पुलिस हिरासत अवधि नौ अप्रैल तक बढ़ा दी।
नरोदा ग्राम मामले में सात दिनों तक पुलिस हिरासत में रहीं कोडनानी को नरोदा पाटिया मामले में रिमांड के लिए रविवार को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जीसी गामित की अदालत में पेश किया गया। वह इस मामले में भी अभियुक्त हैं।
छुट्टी होने के कारण आज उन्हें महानगर के अपराध शाखा कार्यालय परिसर स्थित अदालत में पेश किया गया। लोक अभियोजक वीपी आत्रे ने अदालत के समक्ष कहा कि कोडनानी जिस मामले में अभियुक्त हैं, वह गंभीर किस्म का अपराध है इसलिए पूछताछ के लिए उनका अधिकतम रिमांड दिया जाना चाहिए।
कोडनानी के वकील राजकुमार चौमल ने कहा कि वह पहले ही सात दिनों से पुलिस हिरासत में हैं और उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जाँच दल ने उनसे पूछताछ की है। चौमल ने आग्रह किया कि वर्तमान मामले में उन्हें दो-तीन दिनों की पुलिस हिरासत दी जा सकती है।
बहस सुनने के बाद अदालत ने निर्णय दिया कि कोडनानी को नौ अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेजा जाए। कोडनानी और पूर्व विहिप नेता जयदीप पटेल पर 28 फरवरी 2002 को हुए दंगे में उस भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप है, जिसने नरोदा इलाके में 106 लोगों की हत्या कर दी और कई लोगों को घायल कर दिया।
हिरासत में कोडनानी से पूछताछ की आवश्यकता पर जोर देते हुए लोक अभियोजक वी पी आत्रे ने कहा कि घटना के दिन अभियुक्त एक कार में आईं और भीड़ के बीच हथियार बाँटे। उन्होंने अदालत के समक्ष कहा कि कोडनानी ने भीड़ को मिट्टी का तेल भी दिया।
आत्रे ने यह भी कहा कि कोडनानी दंगे में शामिल अन्य अभियुक्तों के बारे में भी जानती होंगी। उन्होंने कहा कि यह जानने के लिए कि क्या षड्यंत्र में दूसरे नेता भी शामिल थे, कोडनानी से पूछताछ आवश्यक है।
राजद सुप्रीमो और रेलमंत्री लालूप्रसाद ने पटना में पार्टी का घोषणा-पत्र जारी करते हुए कहा कि राजद आतंकवाद और सांप्रदायिकता को जुडवाँ बहनें मानता है और वह केंद्र में सत्ता में आने पर दोनों को समूल नष्ट करने की नीति पर काम करेगा।
लालू ने कहा कि राजद राष्ट्र की सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है तथा कारगिल एवं मुंबई आतंकी हमले के बाद देश में एक ऐसी रक्षा नीति का पक्षधर है जो स्पष्ट, विस्तृत और एकीकृत हो।
उन्होंने कहा कि राजद रक्षा, गृह और विदेश मामलों के मंत्रालयों के बीच सामंजस्य स्थापित करने, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का पुनर्गठन कर पूर्णकालिक सलाहकार रखने, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दीर्घकालिक चौकसी की व्यवस्था करने तथा इसके लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने के साथ-साथ उचित राजनयिक कार्रवाई का पक्षधर है ताकि देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रह सके।
लालू ने कहा कि राजद पंचायतों और नगर निकायों को अधिक से अधिक प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार देकर मजबूत बनाने का वादा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र में सत्ता में आने पर राजद राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को शत प्रतिशत लागू करने के लिए प्रभावकारी कदम उठाएगा तथा सभी वर्गों के गरीब लोगों को इंदिरा आवास मुहैया हो सके, इसके लिए प्रयास करेगा।
राजद का चुनाव घोषणा-पत्र जारी करते हुए लालू ने केन्द्र में राजग की पिछली सरकार को किसान और मजदूर विरोधी बताया और कहा कि राजद कृषि, ग्रामीण विकास तथा कल्याण के मामले में पिछड़े क्षेत्र के लिए विशेष व्यवस्था और सिंचाई पर योजना खर्च में वृद्धि किए जाने का वादा करता है।
उन्होंने कहा कि राजद अंतरराज्यीय नदियों के जल बँटवारे पर देश में एक राष्ट्रीय सहमति तैयार करेगा तथा नेपाल से होने वाली बाढ़ की स्थिति पर द्विपक्षीय वार्ता करने का प्रयास करेगा।
लालू ने कहा कि राजद गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को प्रतिमाह 30 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध कराने का वादा करता है, जिसमें चावल 2 रुपए किलो और गेहूँ डेढ़ रुपए किलो मिलेगा।
उन्होंने कहा कि राजद का मानना है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को और अधिक कारगर बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर स्वस्थ आहार नीति बनाई जाए तथा यह वादा करता है कि सत्ता में आने पर वह सकल घरेलू उत्पाद का एक प्रतिशत पौष्टिक खाद्य से संबंधित कार्यक्रमों पर खर्च करेगा।
लालू ने कहा कि राजद भूमि सुधार की दिशा में व्यक्तिगत भूमि की मिल्कियत की सीमा लागू किए जाने का पक्षधर है तथा यह सीमा सिंचित जमीन के मामले में 10 एकड़, असिंचित के लिए 15 एकड़ और उसर जमीन के लिए 25 एकड़ होगी।
उन्होंने कहा कि भूमिहीनों के हाथों में उत्पादन के साधन देने की अपनी नीति के अंतर्गत राजद का प्रयास होगा कि भूमिहीनों को न केवल बासगीत का पर्चा दिया जाए बल्कि सरकार उन्हें भूधारी बनाने के लिए सरकार जमीन खरीदकर उपलब्ध कराए।
लालू ने राजद का दृष्टिकोण स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी पार्टी देश में एक मजबूत और विकेन्द्रीकृत अर्थव्यवस्था की पक्षधर है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की सत्ता में आने पर राजद श्रम प्रधान उद्योग के विकास को बढ़ावा देगा जिसके अंतर्गत औद्योगिक श्रमिकों की 75 प्रतिशत संख्या को रोजगार देने वाले छोटे उद्योगों पर अधिक बल देगा।
उन्होंने कहा कि राजद ऐसी विकास योजनाओं का पक्षधर है, जिससे भूख और बेरोजगारी को दूर किया जा सके। लालू ने कहा कि राजद का मानना है कि आर्थिक योजना तैयार करने का उद्देश्य केवल उत्पादन को बढ़ावा देना ही नहीं बल्कि रोजगार पैदा करना भी है।
हाई कोर्ट में दायर याचिका में सईद, उसके सहयोगी आमिर हमजा, कर्नल [सेवानिवृत्ता] नजीर अहमद और मुफ्ती अब्दुर रहमान की ओर से कहा गया है कि उन्हें गैरकानूनी रूप से नजरबंद किया गया है। याचिका में अदालत से मांग की गई है कि वह अदालत में उन्हें में पेश करने के सरकार को निर्देश दे। उल्लेखनीय है कि गत 9 मार्च को हाई कोर्ट के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने सईद और उसके सहयोगियों की नजरबंदी की अवधि दो माह बढ़ा दी थी।
सईद मौजूदा समय में लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन जमात-उद-दावा का मुखिया है। मुंबई हमले के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जमात पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन, सईद के वकील ए.के. डोगर ने रविवार को कहा, 'हाई कोर्ट का मानना है कि जमात-उद-दावा कभी भी पाकिस्तान में आतंकी गतिविधि में संलिप्त नहीं रहा। इसके या इस संगठन से जुड़े नजरबंद लोगों के खिलाफ इससे पहले कहीं एफआईआर भी दर्ज नहीं हुई।'
बढ़ते आतंकवाद के कारण पाकिस्तान अगले छह महीने के भीतर बिखर सकता है। यह आशंका गुरिल्ला युद्ध के एक शीर्ष विशेषज्ञ ने जताई है।
यह भयावह भविष्यवाणी शीर्ष अमेरिकी कमांडर जनरल डेविड एच पेट्रास के पूर्व सलाहकार डेविड किलकुलेन ने की है। पिछले हफ्ते पेट्रास ने भी यही विचार व्यक्त किया था कि बढ़ते आतंकवाद के कारण पाकिस्तान 'विफल' देश बन सकता है जो अलकायदा और परमाणु हथियारों का गढ़ है।
किलकुलेन का वक्तव्य ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान में आतंकी हमले बढ़ गए हैं और पाकिस्तान एवं वाशिंगटन में कुछ विश्लेषक भविष्यवाणी कर समय सीमा तय करने लगे हैं। 'न्यूयार्क टाइम्स' ने राष्ट्रपति बराक ओबामा की नीति की सफलता पर संदेह जताया है जिसमें आतंकवाद को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान को भागीदार बनाया गया है। लेकिन पाकिस्तानी भारत को अब भी दुश्मन नंबर एक मानते हैं। अखबार ने लिखा है कि आधिकारिक रूप से पाकिस्तान की सरकार ने अमेरिकी धन के कारण ओबामा की नीति का स्वागत किया है और 'सकारात्मक बदलाव' बताकर इसकी प्रशंसा की है।
इसने कहा कि ओबामा प्रशासन भले ही पाकिस्तानी लोगों को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहा हो लेकिन जनता, राजनीतिक वर्ग और सेना के बड़े हिस्से ने योजना को नकार दिया है। वह अलकायदा और तालिबान को खतरा नहीं मानते जिसे वाशिंगटन साझा दुश्मन कहता है।
अखबार ने कहा है कि पाक के सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कियानी और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी सहित कुछ लोग भले ही अमेरिका से सहमत हों लेकिन कम-से-कम सेना के लिए भारत ही सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
टाइम्स ने कहा कि तेजी से बढ़ रहे इस्लामी चरमपंथ को हराने के लिए पाकिस्तान की प्राथमिकता में कैसे बदलाव लाया जाए इसके लिए ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ के अध्यक्ष माइक मुलेन और क्षेत्र के लिए विशेष दूत रिचर्ड हालब्रुक इसी हफ्ते पाकिस्तान जा रहे हैं। अखबार ने कहा है कि हिंसा में बढ़ोतरी के बावजूद पाकिस्तानी लोगों का मानना है कि आतंकियों से लड़ाई के बजाए उनसे समझौता किया जाए। सेना के कुछ जवानों सहित कुछ लोग आतंकियों को अपना दुश्मन नहीं मानते हैं और उनके प्रति सहानुभूति रखते हैं।
सिलसिलेवार आतंकी हमलों से निपटने में एक तरह से अपनी लाचारगी जाहिर करते हुए रहमान मलिक ने कहा कि आत्मघाती हमलों को किराए के लोग अंजाम दे रहे हैं और वह भी कुछ पैसों के लिए। वह उन मीडिया खबरों पर हामी भर रहे थे, जिनमें कहा गया है कि उत्तार पश्चिम सीमांत प्रांत [एनडब्लूएफपी] में कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां आत्मघाती हमलों को अंजाम देने के लिए लोग आसानी से किराए पर मिल जाते हैं। इन जगहों पर आत्मघाती हमलावरों के लिए साजो-सामान भी भी बड़ी आसानी से मिल जाते हैं।
उन्होंने एक तरह से मान लिया कि एनडब्लूएफपी को संभालना पाकिस्तान सरकार के बूते की बात नहीं रह गई है।
लिट्टे का आखिरी किला पुदुकूदियरिप्पू भी ढह गया। श्रीलंकाई सेना ने रविवार को दावा किया कि उसने एक वर्ग किमी के दायरे में फैले विद्रोहियों के आखिरी गढ़ पर कब्जा कर लिया है। इस घमासान में 420 विद्रोहियों के मारे जाने की खबर है। इनमें लिट्टे के कई शीर्ष कमांडर शामिल हैं।
पुदुकूदियरिप्पूपर सेना का कब्जा हो जाने के बाद अब लिट्टे के कब्जे में सिर्फ 20 वर्ग किमी का नो वार जोन ही रह गया है। लिट्टे प्रमुख के यहीं छिपे होने की संभावना जताई जा रही है।
नो वार जोन में विद्रोहियों ने करीब दो लाख नागरिकों को बंधक बना रखा है। वे सेना से बचाव के लिए उनका इस्तेमाल बतौर ढाल कर रहे हैं। सेना के प्रवक्ता उदया नानायक्कारा के अनुसार, लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण और उसके डिप्टी पोट्टू अम्मन के नो वार जोन में छिपे होने की पूरी संभावना है। अपनी हार तय जान कर लिट्टे ने रविवार को भारत से मदद की गुहार लगाई। उसने कहा कि भारत उसे अपना सहयोगी समझे।
पुदुकूदियरिप्पू के पतन के बाद कभी उत्तर-पूर्व श्रीलंका के ज्यादातर हिस्सों पर काबिज रहने वाले लिट्टे का पराभव तय माना जा रहा है। नानायक्कारा का कहना है कि पुदुकूदियरिप्पू पर कब्जे के लिए तीन दिन से जारी जंग में सेना की तीन टुकड़ियों ने विद्रोहियों पर त्रिभुजाकार घेरा डाल कर हमला बोला।
लड़ाई में प्रभाकरण का मुख्य सुरक्षा अधिकारी गदाफी सहित महिला दस्ते मालती की प्रमुख विदुशा, सुथिया शाखा की इंचार्ज दुर्गा, कमलनी, थीपन, रुबेन और नागेश सरीखे शीर्ष लिट्टे कमांडर मारे गए। सेना प्रवक्ता के अनुसार, विद्रोहियों को पुदुकूदियरिप्पू से खदेड़ कर नो वार जोन में जाने पर मजबूर कर दिया गया है। पुदुकूदियरिप्पू पर सेना ने पूरी तरह से कब्जा कर लिया है।
नानायक्कारा ने बताया कि सेना ने अब नो वार जोन की घेराबंदी कर रखी है। प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि लिट्टे निर्दोष नागरिकों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। नो वार जोन में सैन्य कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर रक्षा सचिव गोताबाब्या राजपाकसे ने बताया कि हम जल्दबाजी में नहीं है।
सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि प्रभाकरण जिंदा या मुर्दा पकड़ा जाएगा। राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने दावा किया है कि लड़ाई जल्द ही खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लिट्टे जल्द हथियार डाल दे अन्यथा हम उसका नामोनिशान मिटा देंगे।
कहां से कहां पहुंच गया लिट्टे
उत्तर-पूर्व श्रीलंका को मिला कर अलग तमिल ईलम बनाने के मकसद से प्रभाकरण ने 1976 में लिट्टे की स्थापना की थी। इसके लिए उसने 1983 में श्रीलंका के खिलाफ बाकायदा युद्ध छेड़ा। इस क्षेत्र में सेना को परास्त करते हुए लिट्टे ने उत्तर-पूर्व श्रीलंका के करीब 15 हजार वर्ग किमी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और वहां अपनी समानांतर सरकार स्थापित कर दी। जाफना को लिट्टे मुख्यालय घोषित कर दिया गया।
करीब 32 देशों ने लिट्टे को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। आतंक के क्षेत्र में आत्मघाती हमलों और छापामार लड़ाई की शुरुआत एक तरह से लिट्टे ने ही की। पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में लिट्टे का ही हाथ था।
लिट्टे दुनिया का एक मात्र ऐसा आतंकी संगठन है, जिसके पास अपनी थल सेना, वायु सेना और नौसेना है। जमीनी सैनिकों को टाइगर्स कहा जाता है तो नौसैनिक सी टाइगर्स कहलाते हैं। लिट्टे के वायु सैनिक एयर टाइगर्स के नाम से जाने जाते हैं। इसके आत्मघाती दस्ते का नाम ब्लैक टाइगर्स है। महिला को युद्ध मोर्चे पर लड़ाने वाला भी यह दुनिया का अकेला विद्रोही संगठन है। लड़ाकू विमान रखने के मामले में भी यह दुनिया का एक मात्र विघटनकारी संगठन है। लिट्टे ने हल्के लड़ाकू विमानों से कोलंबो पर हमला बोल कर पूरी दुनिया को चकित कर दिया था। अब वही लिट्टे 20 वर्ग किमी के नो वार जोन में अपने अस्तित्व की आखिरी लड़ाई लड़ रहा है।
चकवाल आत्मघाती हमले में घायल हुए लोगों को देखने रावलपिंडी स्थित बेनजीर भुट्टो अस्पताल पहुंचे रहमान ने पत्रकारों से कहा कि पैसों के लालच में आत्मघाती हमलों को अंजाम देने वाले दरअसल पाकिस्तान के दुश्मन हैं। सियालकोट में पाकिस्तानी रेंजर्स को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि आतंकवाद से पाकिस्तान बुरी तरह पीड़ित है। हालात से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हमारी मदद करनी चाहिए।
बेहद दहशतजदा हैं लोग
पाकिस्तान में आत्मघाती हमलों की बाढ़ से लोग किस कदर दहशत में हैं, इसका अंदाजा सोमवार को इस्लामाबाद स्थित एक स्टेडियम में आयोजित श्रद्धांजलि सभा के नजारे को देख कर लगाया जा सकता था। लोगों को एक-दूसरे पर भरोसा नहीं रह गया है। अपने बीच में ही किसी आत्मघाती हमलावर के छिपे होने की आशंका में आयोजकों ने प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगा रखा था। वहां चेकिंग के बाद जब लोग सभा स्थल पर आए तब भी हैंड मेटल डिटेक्टर से उनकी तलाशी ली गई। दो चरण की सुरक्षा प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही लोग श्रद्धांजलि सभा तक पहुंच सके।
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रमुख रहमान मलिक ने कहा कि हमला भाड़े के लोग पैसे के लिए करते हैं। वह उन मीडिया रिपोर्टो का हवाला दे रहे थे जिसमें कहा गया था कि उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत में कुछ जगहों पर आत्मघाती हमले के लिए लोगों को भाड़े पर लिया जा रहा है और वहां आत्मघाती जैकेटों की बिक्री हो रही है। रावलपिंडी के बेनजीर भुट्टो अस्पताल में भर्ती चकवाल आत्मघाती हमले के घायलों का कल हालचाल पूछने गए मलिक ने मीडिया से कहा, 'आत्मघाती हमलावरों की कीमत पांच लाख रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक है जबकि हमलावर के परिजनों को पांच लाख रुपये मिलते हैं।' ऐसे लोगों को 'पाकिस्तान का दुश्मन' बताते हुए उन्होंने कहा कि वह देश को अस्थिर करना चाहते हैं और लोगों से उनकी घृणित मंशा से सावधान रहने की चेतावनी दी।
इस बीच, सियालकोट में रेंजर्स मुख्यालय पर एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद से बुरी तरह पीड़ित है। उन्होंने कहा कि आतंकियों को परास्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के साथ सहयोग करना चाहिए।
मलिक ने कहा कि देश में हो रहे आतंकी और आत्मघाती हमले से निपटने के लिए सरकार सभी संसाधनों का उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि लोगों की जिंदगी और संपत्ति की रक्षा करना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
बहरहाल, सैकड़ों लोग कल के आत्मघाती हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज यहां के एक खेल के मैदान में इकट्ठा हुए। भीड़ के भी आत्मघाती हमले का शिकार होने की आशंका से सुरक्षाकर्मियों ने लोगों की जांच करने के बाद उन्हें श्रद्धांजलि सभा में जाने दिया। इससे पहले आतंकी श्रद्धांजलि सभा को निशाना बनाते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संघ राष्ट्र निर्माण की बात कहता है। देश हित में सोचता है, उसकी रक्षा को कार्य करता है। अनुशासन में रहना सिखाता है लेकिन वर्तमान में हमारी संस्कृति खतरे में पड़ गई है। इसको बचाना हम सभी का फर्ज है। हिन्दू संस्कृति को कायम रखने के लिए हिन्दुओं को जागरूक होकर कार्य करना होगा। युवाओं को इसमें शामिल होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि आरएसएस के संस्थापक ने हमेशा देशवासियों व युवाओं से राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करने को कहा है। उनके सपने को साकार करने के लिए हमको आगे आना चाहिए। श्री सिंह ने बीच-बीच में स्वयंसेवकों को अनुशासन का पाठ भी पढ़ाया।
भीषण आर्थिक संकट से जूझ रही रूस की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयासों का बचाव करते हुए प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन ने आज सांसदों से कहा कि 90 अरब डालर के पैकेज से देश में समृद्धि आएगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
एक दशक तक विकास की पटरी पर सरपट दौड़ रही रूस की 1.7 खरब डालर की अर्थव्यवस्था गंभीर आर्थिक मंदी की चपेट में है।
गत दिसंबर में मंदी की शुरूआत होने से अब तक 10 लाख लोगों की नौकरी जा चुकी है और देश में बेरोजगारी की दर पिछले पांच वर्षो के रिकार्ड स्तर पर है। पुतिन ने पार्लियामेंट में दिए अपने वार्षिक भाषण में कहा कि यह समस्या पहले रूस के साथ शुरू नहीं हुई लेकिन रूसी अर्थव्यवस्था की स्थिति वैश्विक परिदृश्य से अलग नहीं है। उन्होंने 2009 को बहुत ही कठिन वर्ष करार दिया और सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई। उन्होंने कहा कि पब्लिक हाउसिंग जन्मदर में वृद्धि, सशस्त्र बलों को आवास की सुविधा और स्कूलों में कंप्यूटर एवं इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने में सफलता मिली है।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में इस वर्ष आठ प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ सकती है जो सरकारी अनुमान से चार गुना अधिक है। वर्ष 1990 के बाद वर्ष 2009 रूसी अर्थव्यवस्था के लिए सबसे खराब साल हो सकता है।
देश के वित्त मंत्री काओरू योसानो ने आज यहां बताया कि अर्थव्यवस्था को ये राहतें देने से देश के कुल घरेलू उत्पाद में दो प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। सरकार ने यह खुलासा बैंक आफ जापान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद किया है।
अधिकारियों का मानना है कि अर्थव्यवस्था को राहत पैकेज देने की जरूरत है। इस राहत पैकेज की विधिवत घोषणा शुक्रवार को की जाएगी।
योसानो ने बताया कि इस योजना के तहत अस्थायी कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा, कंपनियों को वित्तीय मदद और सौर उर्जा के उपकरणों पर खर्च बढ़ाया जाएगा। वैश्विक मंदी के कारण निर्यात घटने और घरेलू मांग गिरने से जापान की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में फंस गई है। निर्यात आधारित जापान की अर्थव्यवस्था में बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 3.2 प्रतिशत कम हो गई। जानकारों का कहना है कि जापान की अर्थव्यवस्था का कम होना अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में भी जारी रहेगा। यदि ऐसा होता है कि जापान की अर्थव्यवस्था लगातार पांचवीं तिमाही में गिरावट में रहेगी।
जापान में उद्योगों और कंपनियों का अर्थव्यवस्था पर से भरोसा रिकार्ड स्तर तक गिरा है और छोटे उद्योग गंभीर पूंजी संकट से जूझ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इस क्षेत्र को राहत देने के लिए बैंक आफ जापान ऐसी कंपनियों से सरकारी बौंड खरीद सकता है।
विश्लेषकों के अनुसार बैंक के इस कदम से पूंजी संकट में फंसे क्षेत्रीय बैंकों और दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुकी छोटी कंपनियों को लाभ मिलेगा। सूत्रों के अनुसार बैंक आफ जापान सरकारी बौंड के अलावा निजी तौर पर जारी किए गए बौंड खरीदने पर भी विचार कर रहा है। इस बीच बैंक के ब्याज दर 0.1 प्रतिशत पर बनाए रखने की संभावना है लेकिन इससे भी कोई विशेष राहत मिलती नहीं दिख रही है। बैंक के अधिकारी ब्याज दरों के कम करने के अलावा अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं जिससे अर्थव्यवस्था की गिरावट को थामा जा सके।
असम
विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से
भारत के प्रान्त | |
राजधानी | दिसपुर |
सबसे बड़ा शहर | गुवाहाटी |
जनसंख्या | 26,655,528 |
- घनत्व | 340 /किमी² |
क्षेत्रफल | 78,438 किमी² |
- जिले | 23 |
राजभाषा(एँ) | असमिया, बांग्ला, बोडो, कार्बी |
प्रतिष्ठा | अगस्त 15 1947 |
- राज्यपाल | शिवचरण माथुर |
- मुख्यमंत्री | तरुण गोगोई |
- विधानसभा | एक सभा |
आइएसओ संक्षेप | IN-AS |
www.assamgovt.nic.in |
असम या आसाम उत्तर पूर्वी भारत में एक राज्य है । आसाम अन्य उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है । आसाम भारत का एक सरहदी राज्य है । भारत - भूटान तथा भारत - बांग्लादेश सरहद कुछ हिस्सों में आसाम से जुडी है ।
[संपादित करें] नाम की उत्पत्ति
कुछ लोगों की मान्यता है कि "आसाम"संस्कृत के शब्द "अस्म " अथवा "असमा", जिसका अर्थ असमान है का अपभ्रंश है। यह शब्द पहाडी क्षेत्र को भली प्रकार वर्णित करता है , क्योंकि भारत तथा बर्मा का परिक्षेत्र
[संपादित करें] भूगोल
यह भारी मानसूनी बारिश के लिये काफी विख्यात है ।
[संपादित करें] इतिहास
[संपादित करें] प्राचीन असम
प्राचीन भारतीय ग्रंथों में इस स्थान को प्रागज्योतिषपुर के नाम से जाना जाता था । पुराणों के अनुसार यह कामरूप की राजधानी था । महाभारत के अनुसार कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध ने यहां के उषा नाम की युवती पर मोहित होकर उसका अपहरण कर लिया था । हंलांकि यहां की दन्तकथाओं में ऐसा कहा जाता है कि अनिरुद्ध पर मोहित होकर उषा ने ही उसका अपहरण कर लिया था । इस घटना को यहां कुमार हरण के नाम से जाना जाता है ।
[संपादित करें] मध्यकालीन असम
मध्यकाल में सन् १२२८ में बर्मा के एक चीनी विजेता चाउ लुंग सिउ का फा ने इसपर अधिकार कर लिया । वह अहोम वंश का था जिसने अहोम वंश की सत्ता यहां कायम की । अहोम वंश का शासन १८२९ पर्यन्त तबतक बना रहा जब अंग्रेजों ने उन्हे हरा दिया । कहा जाता है कि अहोम राजाओं के कारण ही इसका नाम असम पड़ा ।
[संपादित करें] अर्थव्यवस्था
असम से भारत का सर्वाधिक खनिज तेल प्राप्त होता है। यहाँ लगभग 1000 किलोमीटर लम्बी पेटी में खनिज तेल पाया जाता है। यह पेटी इस राज्य की उत्तरी-पूर्वी सीमा से आरम्भ होकर खासी तथा जयन्तिया पहाड़ियों से होती हुई कछार जिले तक फैली है। यहां के मुख्य तेल क्षेत्र ळखीमपुर तथा शिवसागर जिलों में पाया जाते हैं।
[संपादित करें] जिले
असम में 27 जिले हैं -
- उत्तर कछर जिला
- करीमगंज जिला
- कामरूप जिला
- कार्बी ऑन्गलॉन्ग जिला
- कोकराझाड़ जिला
- गोलाघाट जिला
- कछर जिला
- ग्वालपाड़ा जिला
- जोरहट जिला
- डिब्रूगढ जिला
- तिनसुखिया जिला
- दारांग जिला
- धुबरी जिला
- धेमाजी जिला
- नलबाड़ी जिला
- नागांव जिला
- बारपेटा जिला
- बोंगाइगांव जिला
- मारिगांव जिला
- लखिमपुर जिला
- शिवसागर जिला (सिबसागर)
- शोणितपुर जिला
- हैलाकांडी जिला
- Kamrup Metropolitan जिला
- Baksa जिला
- Udalguri जिला
- Chirang जिला
[संपादित करें] असम की समस्याएँ
वर्तमान असम गरीबी, पिछङेपन तथा विदेशी घुसपैठ (मुख्यतः बांग्लादेशी ) का शिकारग्रस्त है । अलगाववादी सशश्त्र गुटों के अभियान ने सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया है ।
[संपादित करें] प्रसिद्ध व्यक्ति
[संपादित करें] यह भी देखें
[संपादित करें] बाहरी कड़ियाँ
- List of political parties in the state
- Assam from assam.org
- Assam Profile from the Assam Government website
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