वाशिंगटन (भाषा)। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने विश्वबैंक को बताया है कि भारत में अगले 5 साल में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 1,000 अरब डालर की जरूरत होगी। विश्वबैंक चाहता है कि इस कमी को निजी क्षेत्र की भागीदारी के जरिये पूरा किया जाए। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष :आईएमएफ: तथा विश्वबैंक की सालाना बैठक के मौके पर वित्त मंत्री ने कल विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम से मुलाकात की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के साथ एक सार्वजनिक कार्यक्रम में किम ने इस तरह के भारी वित्तपोषण के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी की जरूरत बताई। किम ने कहा, ''मेरी आज सुबह भारत के वित्त मंत्री के साथ मुलाकात हुई , जिसमें उन्होंने बताया कि अगले 5 साल में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 1,000 अरब डालर की कमी होगी।'' >किम ने कहा, ''सभी प्रकार की आधिकारिक सहायता के बावजूद हम भारत की बुनियादी ढांचा क्षेत्र की आधी जरूरत को भी पूरा नहीं कर सकते हैं। ऐसे में इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी की जरूरत है।'' चिदंबरम आईएमएफ और विश्वबैंक की सालाना स्प्रिंग बैठक में शामिल होने के लिए वाशिंगटन आए हैं। किम के साथ चिदंबरम की बैठक का और ब्यौरा नहीं मिल पाया। किम ने कहा, ''विश्व बैंक में हमारे पास अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम :आईएफसी: है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि बंदरगाह, सड़क और दूरसंचार आदि क्षेत्रों मेंं निजी निवेश आए। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता। इस मामले में उन्होंने बांग्लादेश का उदाहरण दिया जहां विश्वबैंक ने एक पुल का निर्माण रोक दिया है और साथ ही एक कंपनी पर प्रतिबंध लगाया है। |
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