Sunday, August 4, 2013
Afroz Alam Sahil कुर्सी की रेस में सभी एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं. इन सबकी एक ही कोशिश है कि भारत की आवाम अपने हक और हुकूक के मूल सवालों से हमेशा भटकी रहे. आज देश और प्रदेश के आम आदमी को एक जुट होकर सारे जनवादी सवालों के लिए वर्ग, वर्ण, लिंग और धर्म के मकड़जाल से बाहर आकर इसे एक आम जनता की व्यापक आजादी की लड़ाई में बदलन होगा. इन गिरगिट नुमा दोगले राजनीतिक दलों के मकड़जालों को ध्वस्त कर आम आदमी को सत्ता के केन्द्र में पहुंचाना होगा... http://beyondheadlines.in/2013/08/indefinite-dharna-to-bring-khalid-mujahid-killers-to-justice-completes-2-and-half-months
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