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Thursday, August 1, 2013

आइपीएल के दागी निकले बेदाग

आइपीएल के दागी निकले बेदाग

Monday, 29 July 2013 09:15

कोलकाता। भारतीय क्रिकेट को झकझोरने वाले आइपीएल-6 में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिए दो सदस्यीय आयोग को भारतीय क्रिकेट को झकझोरने वाले इस मामले में श्रीनिवासन की टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। एन श्रीनिवासन का फिर से बीसीसीआइ अध्यक्ष का कामकाज संभालने के लिए रास्ता साफ हो गया। श्रीनिवासन दो अगस्त को ही बीसीसीआइ अध्यक्ष पद का कामकाज संभाल सकते हैं। उस दिन नई दिल्ली में बोर्ड की कार्यकारिणी और आइपीएल संचालन परिषद की बैठक होगी जिसमें इस पर अंतिम फैसला किया जाएगा। 
पूर्व न्यायाधीश टी जयराम चौटा और आर बालासुब्रहमण्यम के दो सदस्यीय पैनल ने बीसीसीआइ कार्यकारिणी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी जिसकी रविवार को यहां बैठक हुई। इससे तमिलनाडु के श्रीनिवासन की वापसी तय हो गई है। इस पैनल का गठन श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मेयप्पन, राजस्थान रायल्स और उसके सह मालिक राज कुंद्रा की भूमिका की जांच के लिए किया गया था। 
बीसीसीआइ उपाध्यक्ष निरंजन शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जजों को राज कुंद्रा, इंडिया सीमेंट और राजस्थान रायल्स के खिलाफ किसी तरह की  गड़बड़ी करने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। यह रिपोर्ट अब आइपीएल संचालन परिषद के पास भेजी जाएगी और वह दो अगस्त को नई दिल्ली में होने वाली अपनी बैठक में अंतिम फैसला करेगी। बीसीसीआइ चूंकि पैनल का आदेश मानने के लिए बाध्य है, इसलिए यह साफ है कि श्रीनिवासन बोर्ड अध्यक्ष पद पर वापसी करेंगे। 
बोर्ड के अंतरिम अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने संक्षिप्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीसीसीआइ के संचालन नियमों के अनुसार जांच रिपोर्ट आइपीएल संचालन परिषद के पास भेजी जाएगी।    इस मुद्दे पर फैसले के लिए आइपीएल संचालन परिषद की इस दो अगस्त को नई दिल्ली में बैठक होगी।
रिपोर्ट में इंडिया सीमेंट को क्लीन चिट देने के बारे में पूछे जाने डालमिया ने कहा कि आखिरी फैसला आइपीएल संचालन परिषद की बैठक में किया जाएगा। इस पर उचित मंच पर चर्चा की जाएगी जो आइपीएल संचालन परिषद है। संचालन परिषद रिपोर्ट का आकलन करेगी और उस हिसाब से फैसला लेगी। रिपोर्ट की प्रति फिर सही समय पर सार्वजनिक की जाएगी। श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन की इस मामले में भूमिका को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया। पता चला है कि जांच आयोग ने उन्हें क्लीन चिट नहीं दी है। शाह से जब पूछा गया कि क्या मेयप्पन को क्लीन चिट दे दी गई है तो उन्होंने भी कोई जवाब नहीं दिया। सूत्रों के अनुसार जांच रिपोर्ट में मेयप्पन को स्पॉट फिक्सिंग में पाक साफ करार दिया गया है लेकिन वे सट्टेबाजी में लिप्त हो सकते हैं इसके कोई स्पष्ट सबूत नहीं हैं। 
डालमिया ने कहा कि जांच आयोग की रिपोर्ट रविवार सुबह ही मिली है और यह अफवाह सही नहीं है कि वह बीसीसीआइ को पहले मिल गई थी। उन्होंने कहा कि बीसीसीआइ सचिव संजय पटेल को रिपोर्ट मिली और उसे दोपहर बाद कार्यकारिणी में रखा गया। डालमिया से पूछा गया कि दो अगस्त को होने वाली बैठक की अध्यक्षता कौन करेगा, उन्होंने कहा कि श्रीनिवासन इस पर फैसला करेंगे। उन्हें अपना फैसला करने दीजिए। उन्होंने कहा कि बीसीसीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के प्रमुख रवि सवानी की रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई लेकिन एक खिलाड़ी अजित चंदीला पुलिस हिरासत में है इसलिए जांच पूरी नहीं हो पाई। 

डालमिया ने कहा कि हम कुछ समय इंतजार करेंगे और फिर उस हिसाब से आगे बढ़ेंगे। सवानी अभी अपने बेटे की शादी के कारण अवकाश पर हैं। उन्हें वापस आने दीजिए। राजीव शुक्ला ने आइपीएल संचालन परिषद के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और ऐसे में बैठक की अध्यक्षता कौन करेगा, इस सवाल पर डालमिया ने कहा कि मैंने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया है। मैंने शुक्ला का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। डालमिया ने कहा कि बीसीसीआइ दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के दौरों के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया में है। दो अन्य दौरे भी हैं। हम सही समय पर आपको सूचित कर देंगे।
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के कथित हितों के टकराव के विवाद पर डालमिया ने कहा कि कुछ भी दबाकर नहीं रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने काम करने का अपना तरीका बदल दिया है। खिलाड़ियों को खेल प्रबंधन कंपनियों में अपने हितों की घोषणा करनी होगी। आइपीएल छह के दौरान डोप परीक्षण में नाकाम रहे दिल्ली के तेज गेंदबाज प्रदीप सांगवान के बारे में डालमिया ने कहा कि बीसीसीआइ डोपिंग रोधी संहिता के अनुसार काम करेगा। 
आइपीएल स्पाट फिक्सिंग मामला तब सामने आया था जब भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत और राजस्थान रायल्स के उनके दो साथियों अजित चंदीला और अंकित चव्हाण तथा 11 सट्टेबाजों के आइपीएल में कथित स्पाट फिक्सिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया। संकट तब और बढ़ गया जब 26 मई को चेन्नई टीम के टीम प्रिसिंपल और श्रीनिवासन के दामाद मेयप्पन को सट्टेबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 
इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल गठित किया गया था जिसमें दो जजों के अलावा बीसीसीआइ के तत्कालीन सचिव संजय जगदाले शामिल थे। श्रीनिवासन ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया लेकिन दो जून को वह जांच लंबित होने तक अपने कार्यों का निर्वहन नहीं करने के लिए तैयार हो गए थे। उन्होंने यह कदम जगदाले और तत्कालीन कोषाध्यक्ष अजय शिर्के के इस्तीफे के बाद उठाया था जिन्होंने श्रीनिवासन से नैतिक आधार पर इस्तीफा मांगा था। 

जांच आयोग व रिपोर्ट

आइपीएल-6 में सट्टेबाजी व फिक्सिंग के खुलासे के बाद पूर्व न्यायाधीश टी जयराम चौटा व आर बालासुब्रहमण्यम को श्रीनिवासन के दामाद व चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मेयप्पन, इंडिया सीमेंट, राजस्थान रायल्स और राज कुंड्रा के खिलाफ जांच का जिम्मा सौंपा गया था। बीसीसीआइ उपाध्यक्ष निरंजन शाह के मुताबिक आयोग को इनमें से किसी के भी खिलाफ सबूत नहीं मिले हैं। 

क्या होगा आगे
रिपोर्ट पर आइपीएल की संचालन परिषद दो अगस्त को नई दिल्ली में होने वाली बैठक में फैसला करेगी। इसके बाद बोर्ड उचित समय पर रिपोर्ट सार्वजनिक करेगा। बीसीसीआइ चूंकि पैनल का आदेश मानने के लिए बाध्य है, इसलिए यह साफ है कि श्रीनिवासन की बोर्ड प्रमुख के रूप में वापसी तय है।

अब भी भ्रम
इंडिया सीमेंट को क्लीन चिट देने के बारे में पूछने पर डालमिया ने कहा कि इस पर आखिरी फैसला संचालन परिषद में होगा। सूत्रों के मुताबिक मेयप्पन को स्पॉट फिक्सिंग में पाक साफ करार दिया गया पर सट्टेबाजी के आरोपों पर स्थिति साफ नहीं है। इस बारे में पूछे गए सवाल पर शाह ने भी चुप्पी साधे रखी।



http://www.jansatta.com/index.php/component/content/article/4-2009-08-27-03-36-35/49552-2013-07-29-03-52-11

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