Follow palashbiswaskl on Twitter

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity Number2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

What Mujib Said

Jyoti Basu is dead

Dr.BR Ambedkar

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti Devi were living

Sunday, June 21, 2015

An appeal to journalists to come forward for the protest being organised for Jagendra's justice on the eve of Emergency Day in Lucknow on 25 june, 4 pm Gandhi statue GPO Hazratganj, Lucknow U.P.

An appeal to journalists to come forward for the protest being organised for Jagendra's justice on the eve of Emergency Day in Lucknow on 25 june, 4 pm Gandhi statue GPO Hazratganj, Lucknow U.P.

जगेन्द्र तो मर गए, क्या आप जिंदा हैं ?

पत्रकार दोस्तों,
जगेन्द्र सिंह के जिंदा जलाकर मार दिए जाने के बाद उनका परिवार अब बिखर
चुका है। बीबी-बच्चे सड़क पर आ गए हैं और अचानक जिंदगी की छोटी-मोटी
जरूरतों तक के लिए भी वे दूसरों पर मोहताज हो गए हैं। आप सभी जानते हैं
कि इस स्थिति में आपका अपना परिवार भी कभी भी पहुंच सकता है, यदि आप
ईमानदारी से अपनी पेशेगत जिम्मेदारी निभा रहे हैं तो। हालांकि वो लोग
जरूर सुरक्षित हैं जिनमें पेशेवाराना ईमानदारी नहीं है और जो छोटी-छोटी
खबरों पर भी समझौते कर लेते हंै। खैर, हम उनकी बात भी नहीं कर रहे हैं।

हम आपकी बात कर रहे हैं जो खबरों को सिर्फ इसलिए नहीं दबा देते हैं उससे
कोई गुंडा-माफिया या सरकारी दबंग नाराज हो जाएगा। आप ही की बदौलत आज भी
लोग करोड़ो की तादात में खबरें पढ़ते या देखते हैं क्योंकि लोगों को
मालूम है कि तमाम बुराईयों, कमजोरियों और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद
आप सच्चाई को बयान करते हैं। इसीलिए आप सब लोगों ने महसूस किया होगा कि
जब आप के बीच के ही एक साथी को जलाकर मार दिया जाता है तो किस तरह पूरे
देश और दुनिया की संवेदनाएं दिवंगत पत्रकार के परिवार के साथ जुड़ जाती
हैं और लोग जगह-जगह विरोध-प्रर्दशनों में स्वतः स्फूर्त शामिल होते हैं।

ऐसे में क्या आपको नहीं लगता कि जनता की इन भावनाओं के साथ आपको भी मुखर
होकर एकाकार होना चाहिए। पत्रकारिता के वसूलों को जिंदा रखने, लोगों के
भरोसे को कायम रखने और खुद अपने मां-बाप, बीवी-बच्चों को किसी और के
सामने मोहताज होने से बचाने के लिए।

हमें उम्मीद है कि आप जगेन्द्र सिंह में अपनी और उसके बर्बाद हो चुके
परिवार में अपने परिवार का अक्स जरूर देखते होंगे। इसलिए जगेन्द्र के
इंसाफ की लड़ाई आप की अपनी लड़ाई है। अपने बीबी-बच्चों और परिजनों के साथ
आप आपातकाल की पूर्व संध्या पर 25 जून 2015, गुरूवार शाम 4 बजे गांधी
प्रतिमा, हजरतगंज लखनऊ में हम सभी के साथ संघर्ष में शामिल हों।

25 जून 2015, गुरुवार, शाम 4 बजे
गांधी प्रतिमा के सामने, जीपीओ हजरतगंज, लखनऊ

राजीव यादव, शाहनवाज आलम, आदियोग, हरेराम मिश्र, मो0 शुऐब, अनिल यादव,
रामकृष्ण, अखिलेश सक्सेना, आरिफ, तैयब बारी खान, राघवेंद्र सिंह, ज्योति
राय, लक्ष्मण प्रसाद, तारिक शफीक, मसीहुद्दीन संजरी
9415254919, 7379393876, 9415012666, 9454292339, 9452800752

https://www.change.org/p/journalists-and-media-persons-justice-for-jugendra

https://www.facebook.com/events/354018074807760/?acontext=%7B%22ref%22%3A3%2C%22ref_newsfeed_story_type%22%3A%22regular%22%2C%22feed_story_type%22%3A117%2C%22action_history%22%3A%22null%22%7D
____________________________________________________________
Office - 110/46, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon (E), Latouche
Road, Lucknow
 facebook.com/rihaimanch -  twitter.com/RihaiManch

No comments: