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Friday, November 22, 2013

अराजक राजनीतिक हिंसा से फिर लहूलुहान बंगाल,सत्ता वैमनस्य का चरमोत्कर्ष माकपा के आखिरी गढ़ हावड़ा जीतने खातिर ममता का दांव राइटर्स টুকরো হিংসায় সাঙ্গ ভোট, হাওড়ায় আক্রান্ত মেয়র মমতা

अराजक राजनीतिक हिंसा से फिर लहूलुहान बंगाल,सत्ता वैमनस्य का चरमोत्कर्ष

माकपा के आखिरी गढ़ हावड़ा जीतने खातिर ममता का दांव राइटर्स

টুকরো হিংসায় সাঙ্গ ভোট, হাওড়ায় আক্রান্ত মেয়র মমতা




एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

पश्चिम बंगाल की संसदीय राजनीति में लंबे समय के लिए क्षेत्र के एक हिंसक नियंत्रण और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बहिष्कार के आधार पर किया गया है. कांग्रेस ने पहले ऐसा किया था और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यह सिद्ध. अब तृणमूल कांग्रेस भी इसी तरह की रणनीति का उपयोग करते हुए सत्तारूढ़ पार्टी को चुनौती दे रहा है. इस हिंसा और रक्तपात के एक सर्पिल करने के लिए प्रेरित किया है. यह केवल सच्चे लोकतंत्र के लिए अंतरिक्ष खोल सकते हैं कि हिंसक क्षेत्र वर्चस्व की इस राजनीति की हार है.

सौजन्य इकानामिक एंड पालिटिकल वीकली


बंगाल और बंगाल की अभागी जनता की अराजक राजनीतिक हिंसा से कोई मुक्ति असंभव है। पालिका चुनावों के बहाने बंगाल में सत्ता वैमनस्य का चरमोत्कर्ष देखने को मिला शुक्रवार को,जब बम धमाके से एक महिला जो संयोगवश हावड़ा की माकपाई मेयर हैं, बाल बाल बच गयी।बंगाल की खाड़ी में बना हुआ चक्रवाती तूफान हेलेन शुक्रवार को दिन में आंध्र प्रदेश तट पर दस्तक देने जा रहा है। इसके प्रभाव के चलते क्षेत्र के कुछ हिस्सों में अभी से मूसलाधार बारिश शुरू हो गई है। हो सकता है कि सुंदरवन की महिमा से एकबार फिर बाल बाल बच निकले बंगाल चक्रवाती तूपान से।लेकिन राजनीतिक चक्रवात से निजात पाने का कोई उपाय नजर नहीं आता।


इससे पहले मतदानकेंद्र बनने के अपराध में हावड़ा के सलकिया में एक स्कूल को ही फूंक दिया हिंसा की राजनीति ने। जैसे सत्तर के दशक में नक्सली आंदोलन के दौरान रवींद्र नाथ टैगोर और महात्मा गांधी की मूर्तियों को बमों से उड़ाया जाता रहा है,वे दिन भी शायद दुबारा दस्तक देने लगे।


रिकार्ड समयतक बंगाल का नेतृत्व करने वाले कामरेड दिवंगत ज्योतिबसु को माकपा पोलित ब्यूरो ने भारतीय चेहरा मानने से इंकार कर दिया तो हावड़ा में मतदान केंद्र के पाल उनकी मूर्ति को कोलतार से पोत दिया राजनीतिक अपराधकर्मियों ने।


मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रतिमा क्षतिग्रस्त किए जाने का आरोप सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर मढ़ा है और कहा है कि यह शुक्रवार को हावड़ा नगरनिगम के होने जा रहे चुनाव में लोगों को डराने के लिए किया गया है। तृणमूल ने आरोपों को खारिज किया है।


सलकिया फुलतला घाट में एक प्राथमिक विद्यालय में लगी फाइबर ग्लास की प्रतिमा क्षतिग्रस्त पाए जाने के बाद हंगामा हो गया। तुरंत ही सीपीएम के नेता और कार्यकर्ता जमा हो गए और तृणमूल पर आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया।


विधानसभा में विपक्ष के नेता और सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य सुरजय कांत मिश्र ने कहा कि प्रतिमा को मंगलवार क्षति पहुंचाई गई ऐसा लगता है। हम इसकी निंदा करते हैं। सरकार अताताई को पकड़ने के लिए अविलंब कदम उठाए।



हावड़ा जिले के गोलाबाड़ी थाना क्षेत्र के सलकिया के जीटी रोड (उत्तर) स्थित स्कूल भवन  में बम विस्फोट होने से दो युवकों की मौत हो गयी. इलाके में गुरुवार रात करीब नौ बजे एक बंद मिठाई दुकान की छत पर कुछ लोग बम बना रहे थे. उसी दौरान हुए विस्फोट में अमल मंडल व दीपक की मौत हो गयी। दोनों की उम्र 20 से 21 वर्ष के बीच बतायी जाती है।


बताया जाता है कि दोनों लिलुआ के रहनेवाले थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दीपक की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि अमल ने रास्ते में दम तोड़ दिया। इस बीच, डीसी सदर निशात परवेज ने बताया कि गोलाबाड़ी क्षेत्र में हुए विस्फोट मामले में सिर्फ एक व्यक्ति की ही मौत हुई है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।


हावड़ा नगर निगम चुनाव के मतदान से सिर्फ दो दिन पूर्व हुई गोलाबाड़ी क्षेत्र में बम विस्फोट की घटना से फिर यह आशंका प्रबल हो गयी थी कि इस बार यहां जमकर हंगामा व चुनावी हिंसा होगी। हालांकि पुलिस बम बनानेवालों की धर-पकड़ करती रही, लेकिन ऐसी कई जगहें हैं जहां चोरी-छिपे बम तैयार होते रहे।


राजनीतिक अपराध के चंगुल में राजार हाट गोपाल पुर नगरपालिका के एकमात्र वार्ड में हो रहे चुनाव के लिए नये कोलकाता ने जो राजनीतिक हिंसा का तांडव देखा,वह अब बंगाल के रोजमर्रे का चेहरा है,जिसमें सिरे से स्ताई भाव आर्थिक बदहाली है,चौपट उद्योग धंधे हैं,बेइंतहा बेरोजगारी है और विभाजित नागरिक समाज है। न सहमति का विवेक है कहीं और न असहमति का साहस।परिवर्तन हुआ है,लेकिन हिंसा की राजनीतिक संस्कृति अटूट है।एकाधिकारवादी वर्चस्ववाद अखंड है।कानून के राज की अनुपस्थिति मुखर है।


मां माटी मानुष की सरकार है लेकिन मां नहीं,माटी नहीं और मानुष  भी नहीं है।राजनीतिक पहचान ही मनुष्यता है। सामने लोकसभा चुनाव है। मुद्रास्पीति,मंहगाई और सुरसामुखी अर्थसंकट में फंसे बंगाल के लिए लेकिन दिशाहीनता प्रबल है।


कभी कामरेड ज्योति बसु को देश चाह रहा था भारत के प्रधानमंत्री पद पर। बंगाल ने कामरेड बसु की टांग खींच ली।अब की त्रिशंकु राजनीति का एक कारगर विकल्प ममता बनर्जी का प्रधानमंत्रित्व भी हो सकता है।लेकिन आत्मघाती हिंसा के शिकार बंगाल से आगामी लोकसभा चुनाव में किसी विकल्प के उभरने की हम उम्मीद मौजूदा हालात में कतई नहीं कर सकते।


हावड़ा के मंदिरतला में नवान्न भवन नहीं, नया राइटर्स होगा डुमुरजला में पचास एकड़ जमीन पर प्रस्तावित 25 मंजिला भवन और डलहौसी में खड़ा जीर्णप्राय पुराना राइटर्स जीर्मोद्धार के बाद अजायबघर का हिस्सा होगा।


हावड़ा फतह करने के लिए बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो का यह रहा मास्टरप्लान, मास्टर स्ट्रोक।


हावड़ा की माकपाई मेयर हावड़ा नगर निगम की बुनियादी नागरिक सेवाओं को बहाल करने में कामयाबी का दावा नहीं कर सकतीं।पेयजल,निकासी,सफाई और स्वास्थ्य चारों महकमे में माकपाई बोर्ड को नगर निगम चुनाव में जनता के सामने जवाब देने होंगे। लेकिन हावड़ा के मंदिरतला के नवान्न में राइटर्स स्थानातंरण के मौके पर पेयजल देने से जो इंकार मेयर ने किया है,माकपा के लिए वहीं सबसे बड़ा सिरदर्द न बन जाये कहीं।


क्योंकि अब साफ जाहिर है कि दीदी हर कीमत पर माकपा को उसके आखिरी किले से बेदखल करके तभी चैन से बैठेंगी।राज्यभर में अल्पसंख्यक वोट बैंक के साथ अनुसूचितों और पिछड़ों,आदजिवासियों के मध्य जनाधार खोने वाली माकपा के लिए हावड़ा का गढ़ बचाना वैसे भी असंभव है।


इस पर तुर्रा यह कि दीदी ने पांच सौ सालों से लगातार उपेक्षा के शिकार हुगलीपार के लोगों के लिए नवान्न के अस्थाई बंदोबस्त के साथ ही अब हावड़ा के डुमुरजला में नया राइटर्स बनाकर हावड़ा को अस्थाई नहीं, बाकायदा स्थाई राजधानी बनाने की पहल कर दी है।


राइटर्स अब हावड़ा नगर निगम चुनाव में सबसे बड़ा दांव है और माकपा के पास इसकी कोई काट नहीं है।


माकपाई तो हावड़ा के वाशिंदो की आकांक्षाओं को सिरे से नजरअंदाज करते हुए नवान्न का विरोध कर चुके हैं और गौतम देव ने तो नवान्न के घेराव तक की घोषणा कर डाली है,जिसका नेतृत्व बुद्धदेव भट्टाचार्य को करना है।अब देखना है कि हावड़ा नगर निगम चुनाव से पहले माकपाई नेतृत्व मेयरममता जायसवाल की तरह कोई दुस्साहसिक अभियान नवान्न के विरुद्ध चला पाता है या नहीं। वैसे नवान्न अब कोई मुद्दा है नहीं।


मुद्दा है डुमुरजला,जहां की पचास एकड़ जमीन पर नवान्न में शिफ्ट होने से पहले दीदी की नजर है।एकदम पास है अब भी निर्मामाधीन कोलकाता वेस्ट सिटी,डुमुरजला में राजधानी बनने पर इस प्रेतपुरी में भी प्राण प्रतिष्ठा होने की उम्मीद है।


बिना स्पेस के कोलकाता से राइटर्स के हावड़ा में राजधानी शिपफ्ट करने के बाबत हावड़ा वासियों के दिलोदिमाग में इफरात जगह है और हावड़ा नगरनिगम क्षेत्र में और आसपास जगह की कोई कमी भी नहीं है।


दीदी के इस दांव को तुगलकी सनक मानने की भारी राजनीतिक भूल माकपा ने कर दी है।माकपाई अगर शुरु से हावड़ा में राजधानी का स्थानांतरण मान लेते और इसका स्वागत करते हुए दीदी का राजनीतिक मुकाबला करते तो शायद नगर निगम चुनाव इतना एकतरफा नहीं हो जाता।


35 साल के वाम शासन में हावड़ा में उद्योग धंधे कारोबार जिस तेजी से चौपट हुए,दुनियाभर में उसकी कोई दूसरी नजीर नहीं है।


हावड़ा नगर निगम में कुंडली मारकर जैसे नागरिकों को लगातार बुनियादी नागरिक सेवाओं से वंचित करके नरकयंत्रणा का अहसास कराया जाता रहा है,उसकी भी दूसरी नजीर नहीं है।


माकपाई शासन में लाल ही लाल हावड़ा की जो दुर्गति होती रही है, राइटर्स स्थानातंरण के बहाने हो रही हरित क्रांति उसकी तार्किक परिणति है।माकपाइयों को जनता के दरबार में 35 साल का हिसाब देना सचमुच बारी पड़ जायेगा।


वैसे नगर निगम चुनाव में सभी पक्ष कोई कसर नहीं छोड़ रहा है मतदाताओं का मन जीतने के लिए।चुनाव प्रचार तेज है।लेकिन यह प्रचार अभियान सिरे से अप्रासंगिक हो गया है हावड़ावासियों के भोगे हुए यथार्थ के मद्देनजर।


जनादेश वोट पड़ने से पहले तैयार है हावड़ा में।वोट पड़ने की ही देरी है।


कोलकाता के बाद सबसे बड़े निकाय हावड़ा निकाय में सारे दलों ने पूरी राजनीति ताकत सिनेमाई ग्लेमर के साथ बाजार के व्याकरण के मुताबिक झोंक दी है।


पचास वार्ड के लिए हो रहे चुनाव लेकिन पचास कुरुक्षेत्र समान हैं हावड़ा में।सर्वत्र चक्रव्यूह है। रथी महारथी सबकी औकात बता देंगे हावड़ा के वोटर।


बंगाल सरकार डुमुरजला में नया राइटर्स के लिए 25 मंजिली इमारत का नक्शा तैयार करवा रही है।


डुमुरजला में प्रस्तावित राइटर्स के लिए चुनी हुई पचास एकड़ जमीन पर जलाशय भी है,जिसका इस नक्शे में खास ध्यान रखा जा रहा है।


कोलकाता, साल्टलेक और नवान्न में छितरा गये सारे मंत्रालयों और विभागों के कार्यालय अब एक ही छत के नीचे होंगे।


माकपाइयोंन ध्यान नहीं दिया है कि डुमुरजला को ध्यान में रखते हुए सांतरागाछी, कोना,सलप,डोमजुर, धूलागढ़ से लेकर मंदिरतला को पूरे राज्य से जोड़ने की कवायद बतौर कितनी नयी बस रुटें हाल में चालू कर दी गयी है।


दीदी की बिसात बिछ चुकी है।बस बाकी है,शह और मात।


बहरहाल माकपा ने राज्य चुनाव आयोग में शिकायत की है कि एक बम विस्फोट में हावड़ा की महापौर ममता जायसवाल घायल हो गईं जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।


हावड़ा नगर निगम पर माकपा का कब्जा है।


राज्य चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें माकपा से एक शिकायत मिली है और हम इसका सत्यापन कर रहे हैं।


पुलिस ने कहा कि सेंट एग्नेस स्कूल के पास वार्ड संख्या 13 में महापौर की कार के सामने एक बम विस्फोट हुआ।


तृणमूल कांग्रेस हावड़ा जिला समिति प्रमुख एवं राज्य के मंत्री अरूप राय ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया।


तृणमूल कांग्रेस के नेता और सिंचाई मंत्री राजीब बनर्जी ने कहा कि अगर ऐसा है तो माकपा प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करा रही है?


उन्होंने कहा कि यह आरोप तृणमूल कांग्रेस की छवि खराब करने और सात्वंना बटोरने के लिए है.


साल्ट लेक नगर निगम में तृणमूल और माकपा के समर्थकों के बीच झड़प की खबर है। पुलिस ने स्थिति पर काबू पाया।


मुर्शिदाबाद जिले में बरहमपुर नगर निकाय पर कांग्रेस नेता और रेल राज्यमंत्री अधीर चौधरी ने कहा कि मतदान शांतिपूर्ण चल रहा है.।


इस चुनाव को तृणमूल कांग्रेस नीत सरकार की लोकप्रियता की एक और परीक्षा माना जा रहा है।


नगर निकाय चुनावों में मुख्य दावेदार तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, माकपा नीत वामदल और भाजपा हैं।




টুকরো হিংসায় সাঙ্গ ভোট, হাওড়ায় আক্রান্ত মমতা


এই সময় ডিজিটাল ডেস্ক: শুক্রবার সকাল থেকেই ভোট চলছে রাজ্যের পাঁচটি পুরসভায়। সেই সঙ্গে ২২টি পুরসভার ২৯টি ওয়ার্ডের উপনির্বাচনও আজই৷ ভোট চলছে, হাওড়া, বহরমপুর, কৃষ্ণনগর, ঝাড়গ্রাম ও মেদিনীপুর পুরসভায়৷ যে ২৯টি ওয়ার্ডে উপনির্বাচন হচ্ছে, তার মধ্যে কলকাতার ১ ও ২৪ নম্বর এবং সল্টলেকের ১৩ নম্বর ওয়ার্ড রয়েছে৷


এদিকে হাওড়ায় ভোট চলাকালীন হিংসা ছড়ায়। ঘটনায় দু'বার আক্রান্ত হয়েছেন হাওড়া পুরসভার মেয়র মমতা জয়সওয়াল। অভিযোগ, তাঁর গাড়ি লক্ষ্য করে বোমা ছোড়া হয়েছে। মেয়রের দাবি, এদিন সকালে ১৩ নম্বর ওয়ার্ডের গোলাবাড়ির একটি ভোটগ্রহণ কেন্দ্র পরিদর্শনে যান তিনি৷ সেই সময় তাঁর গাড়ি লক্ষ্য করে বোমাবাজি করে একদল দুষ্কৃতী৷ মেয়রের অভিযোগ, তৃণমূল আশ্রিত দুষ্কৃতীরাই এই বোমাবাজি করেছে। বাসিন্দাদের অভিযোগ, তাঁকে মারধরও করা হয়েছে৷ অসুস্থ বোধ করায় হাসপাতালে ভর্তি করা হয়েছে মমতা জয়সওয়ালকে৷


অভিযোগ অস্বীকার করেছে তৃণমূল। সেচমন্ত্রী রাজীব বন্দ্যোপাধ্যায়ের দাবি, পায়ের তলায় জমি হারিয়ে উদ্দেশ্যপ্রণোদিতভাবে মিথ্যে প্রচার করছে সিপিএম৷


এছাড়া হামলার অভিযোগ উঠেছে, হাওড়ার ৫০ নম্বর ওয়ার্ডে কোনা হাইস্কুলে সিপিএমের ক্যাম্প অফিসে। সিপিএমের অভিযোগ, তৃণমূলের দুষ্কৃতীরা বাইকে এসে ক্যাম্প অফিসে ভাঙচুর চালায়৷ দলীয় সমর্থকদেরও মারধর করা হয় বলে অভিযোগ৷ যদিও এই অভিযোগ মিথ্যে বলে দাবি করেন সেচমন্ত্রী রাজীব বন্দ্যোপাধ্যায়৷ বিক্ষিপ্ত ঘটনার খবর পেয়ে হাওড়ায় যান রাজ্য নির্বাচন কমিশনের সচিব তাপস রায়৷


হাওড়া এবং ঝাড়গ্রাম পুরসভা রয়েছে সিপিএমের দখলে৷ মেদিনীপুরে খাতায়-কলমে কংগ্রেস-তৃণমূলের জোট থাকলেও, তা চালাচ্ছে মূলত শাসকদলই৷ মাস খানেক আগে কৃষ্ণনগর পুরসভার ১৩ জন কংগ্রেস কাউন্সিলর তৃণমূলে যোগ দেন৷ ফলে বিদায়ী বোর্ড তৃণমূলের দখলে চলে যায়৷ অন্য দিকে বহরমপুরে নিরঙ্কুশ ক্ষমতায় কংগ্রেস৷ আজকের ভোটে সেখানে ফলাফলে হেরফের হয় কি না, সেটাই দেখার৷ তৃণমূল এখানে খাতা খুলতে মরিয়া৷ কৃষ্ণনগরেও কংগ্রেস লড়াইয়ে আছে৷ তবে তৃণমূলের পয়লা নম্বর টার্গেট অবশ্যই হাওড়া৷


আক্রান্ত হাওড়ার মেয়র


সুনীত হালদার ও প্রকাশ সিংহ, এবিপি আনন্দ

Friday, 22 November 2013 10:12


সুনীত হালদার ও প্রকাশ সিংহ, এবিপি আনন্দ

Friday, 22 November 2013 10:12

হাওড়া: ভোট যুদ্ধে সকাল থেকেই উত্তেজনা কলকাতার যমজ শহর হাওড়ায়৷ ভোট চলাকালে হাওড়ার মেয়র মমতা জয়সওয়ালের গাড়ি লক্ষ্য করে বোমা৷ অল্পের জন্য রক্ষা পেয়েছেন তিনি৷ মেয়রের দাবি, আজ সকালে ১৩ নম্বর ওয়ার্ডের গোলাবাড়ির একটি ভোটগ্রহণ কেন্দ্র পরিদর্শনে যান তিনি৷ সেই সময় তাঁর গাড়ি লক্ষ্য করে বোমাবাজি করে একদল দুষ্কৃতী৷ মমতার অভিযোগ, বোমাবাজি করেছে তৃণমূল আশ্রিত দুষ্কৃতীরা৷ বাসিন্দাদের অভিযোগ, তাঁকে মারধরও করা হয়েছে৷ অসুস্থ বোধ করায় হাসপাতালে ভর্তি করা হয়েছে তাঁকে৷ যদিও অভিযোগ অস্বীকার করে সেচমন্ত্রী রাজীব বন্দ্যোপাধ্যায়ের দাবি, পায়ের তলায় জমি হারিয়ে উদ্দেশ্যপ্রণোদিতভাবে মিথ্যে প্রচার করছে সিপিএম৷ মেয়র মমতা জয়সওয়ালের গাড়ি লক্ষ্য করে বোমা৷ অসুস্থ বোধ করায় হাসপাতালে ভর্তি৷ তৃণমূলের বিরুদ্ধে সিপিএমের অভিযোগ৷ যদিও অভিযোগ অস্বীকার করেছে তৃণমূল৷


এই ঘটনায় মুহূর্তের মধ্যে আতঙ্ক ছড়িয়ে পড়ে গোটা এলাকায়৷ মেয়রের অনুগামীদের বলতে শোনা যায়, দিদি-কে মারধর করা হয়েছে, আমরা আতঙ্কিত৷ সিপিএমের অভিযোগ, বোমাবাজি করেছে তৃণমূল আশ্রিত দুষ্কৃতীরা৷ যদিও অভিযোগ অস্বীকার করেন কৃষি বিপণন মন্ত্রী অরূপ রায়৷ তাঁর দাবি, পায়ের তলায় জমি হারিয়ে, উদ্দেশ্যপ্রণোদিতভাবে মিথ্যে প্রচার করছে সিপিএম৷

এছাড়া হাওড়ার ৫০ নম্বর ওয়ার্ডে কোনা হাইস্কুলে সিপিএমের ক্যাম্প অফিসে হামলার অভিযোগ উঠেছে৷ সিপিএমের অভিযোগ, তৃণমূলের দুষ্কৃতীরা বাইকে এসে ক্যাম্প অফিসে ভাঙচুর চালায়৷ দলীয় সমর্থকদেরও মারধর করা হয় বলে অভিযোগ৷ যদিও এই অভিযোগ মিথ্যে বলে দাবি করেন সেচমন্ত্রী রাজীব বন্দ্যোপাধ্যায়৷

সকাল থেকেই বিক্ষিপ্ত ঘটনার খবর পেয়ে হাওড়ায় যান রাজ্য নির্বাচন কমিশনের সচিব তাপস রায়৷


দু'বার আক্রান্ত হাওড়ার মেয়র, ভর্তি হাসপাতালে



৩. ভোটারদের ওপর নজরদারি চালাতে বুথের বাইরে সিসিটিভি বসালেন তৃণমূল প্রার্থী। হাওড়ার বাজে শিবপুরের শিবতলা প্রাথমিক স্কুলে ঘটনাটি ঘটেছে। বুথের বাইরে দুটি ল্যাম্পপোস্টে দুটি ক্লোজ সার্কিট ক্যামেরা বসানো হয়েছে। সেই ছবির মনিটরিংও হচ্ছে স্থানীয় তৃণমূল কংগ্রেস কার্যালয় থেকে। সিসিটিভি বসানোর কথা স্বীকার করে নিয়েছেন তৃণমূল প্রার্থী পার্থজিত ঘোষ। যদিও তাঁর যুক্তি, ভোটের জন্য নয়, এলাকায় চুরি ছিনতাই ঠেকাতেই বসানো হয়েছে সিসিটিভি।


ভিডিও দেখতে ক্লিক করুন


৪. সিপিআইএমের পোস্টার ছেঁড়াকে কেন্দ্র করে উত্তেজনা ছড়াল ঝাড়গ্রামের তেরো নম্বর ওয়ার্ডে। অভিযোগ, গতকাল রাত থেকে বিভিন্ন এলাকায় ছিঁড়ে ফেলা হয় সিপিআইএমের পোস্টার। অভিযোগ, তৃণমূলের বিরুদ্ধে।   

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জ্যোতি বসুর মূর্তি ভাঙল দুষ্কৃতীরা


http://zeenews.india.com/bengali/zila/howrah-big-news_18022.html


পুর-যুদ্ধ শুরু

কড়া নিরাপত্তার মধ্যে শুক্রবার শান্তিপূর্ণ ভাবেই শুরু হয় রাজ্যের ৫টি পুরসভার ১৪৪টি ওয়ার্ডে ভোটগ্রহণ। কিন্তু বেলা গড়ানোর সঙ্গে সঙ্গে বিভিন্ন জায়গা থেকে বিক্ষিপ্ত গণ্ডগোলের খবর আসতে শুরু করেছে। এর মধ্যে হাওড়ার মেয়রকে লক্ষ্য করে বোমা ছোড়া ও তাঁকে নিগৃহীত করার অভিযোগ উঠেছে। হাওড়ার অন্যান্য জায়গা থেকেও বুথ দখল ও মারধরের খবর পাওয়া যায়। পাশাপাশি, বিধাননগরের ১৩ নম্বর ওয়ার্ডে বাইক বাহিনীর তাণ্ডব ঘিরে অশান্তি ছড়িয়েছে। এ ছাড়া কৃষ্ণনগরে বিক্ষিপ্ত গণ্ডগোলের খবর পাওয়া গিয়েছে।

রাজ্যের যে পাঁচটি পুরসভায় শুক্রবার ভোটগ্রহণ চলছে সেগুলি হল হাওড়া, বহরমপুর, মেদিনীপুর, ঝাড়গ্রাম ও কৃষ্ণনগর। এ ছাড়া কলকাতা পুরসভা-সহ ২৩টি পুরসভার ২৯টি ওয়ার্ডেও উপনির্বাচন এ দিন।


হাওড়া

• ১৩ নম্বর ওয়ার্ডে মেয়র মমতা জয়সওয়ালের গাড়ি লক্ষ্য করে বোমা ছোড়ার অভিযোগ তৃণমূলের বিরুদ্ধে। পাশাপাশি অভিযোগ উঠেছে পাশের একটি বুথে তাঁকে মারধরও করা হয়। জখম অবস্থায় তাঁকে হাওড়া জেলা হাসপাতালে ভর্তি করা হয়েছে। ঘটনাস্থলে পৌঁছেছে র‌্যাফ ও বিশাল পুলিশবাহিনী।

• কমিশন সূত্রে জানা গিয়েছে, হাওড়ার ২৬ নম্বর ওয়ার্ডের তিন নম্বর বুথে বৈদ্যুতিন ভোটযন্ত্র (ইভিএম) বিভ্রাটে ভোটগ্রহণ স্থগিত রাখা হয়েছে।

• ইভিএম বিভ্রাটে ভোটগ্রহণ ব্যাহত হয়েছে হাওড়ার আরও ৪টি বুথে। কমিশন সূত্রে জানা গিয়েছে হাওড়ার বিভিন্ন জায়গায় ইভিএম বিভ্রাটের কারণে সকাল থেকে অধিকাংশ বুথই ফাঁকা রয়েছে।

• উত্তর হাওড়ায় তৃণমূলের বিরুদ্ধে রিগিং-এর অভিযোগ এনেছে সিপিএম। হাওড়ার ৫০ নম্বর ওয়ার্ডে সিপিএমের একটি ক্যাম্প অফিস পুড়িয়ে দেওয়ার অভিযোগ উঠেছে তৃণমূলের বিরুদ্ধে।

• ৪৬ নম্বর ওয়ার্ডে ১৮টি বোমা-সহ ধৃত ১।

• ৪৭ নম্বর ওয়ার্ডে বোমাবাজির অভিযোগ।


বিধাননগর

এফ ডি ব্লকের কাছে রিগিংয়ের অভিযোগ তৃণমূলের বিরুদ্ধে। পুলিশের সঙ্গে খণ্ডযুদ্ধ তৃণমূলের। ঘটনাস্থলে পৌঁছেছে বিশাল পুলিশ বাহিনী।

• ১৩ নম্বর ওয়ার্ডে ১৫টি বাইক বাজেয়াপ্ত করেছে পুলিশ, বিধিভঙ্গের অভিযোগে অন্তত ১০ জনকে গ্রেফতার করা হয়েছে। বাজেয়াপ্ত বাইকগুলির মধ্যে একটি বাইক তৃণমূলের এক শ্রমিক নেতার বলে অভিযোগ সিপিএমের। অভিযোগ খতিয়ে দেখছে পুলিশ। ভোটার কার্ড না থাকায় কেএমডিএ-র প্রাক্তন সিইও বিবেক সহায় ভোট দিতে পারেননি।

• একটি বুথ দখলের অভিযোগ উঠেছে তৃণমূলের বিরুদ্ধে।


বহরমপুর

বিকেল ৪টে পর্যন্ত বহরমপুরে ভোট গ্রহণকে ঘিরে কোনও অশান্তির খবর পাওয়া যায়নি।


কৃষ্ণনগর

নির্বাচন কমিশন সূত্রে জানা গিয়েছে, কৃষ্ণনগরের ২০ নম্বর ওয়ার্ডে আরএসপি ও সিপিএম প্রার্থীদের ব্যানার ছেঁড়া নিয়ে গতকাল রাত থেকেই অশান্তি শুরু হয়েছে।

• ২১ নম্বর ওয়ার্ডে ১২১ ও ১২৪ নম্বর বুথে সিপিএম প্রার্থীকে মারধরের অভিযোগ।

• ৩ নম্বর ওয়ার্ডের ১৭ নম্বর বুথে ছাপ্পা ভোটের অভিযোগ। এ ছাড়া সিপিএম ও কংগ্রেসের বেশ কিছু প্রার্থীকে মারধর করা হয়েছে বলে অভিযোগ।


ঝাড়গ্রাম

ঝাড়গ্রামে সকাল থেকে শান্তিপূর্ণ ভাবেই ভোটগ্রহণ শুরু হয়েছে। পুলিশ জানিয়েছে, ঝাড়গ্রামের ১৭ নম্বর ওয়ার্ডে একটি বুথে ইভিএম খারাপ হয়ে যাওয়ায় ভোটগ্রহণ দেরিতে শুরু হয়।


মেদিনীপুর

দুপুর ১২টা পর্যন্ত ভোটগ্রহণ শান্তিপূর্ণ।

অন্য দিকে, ১৪ নম্বর ওয়ার্ডের একটি বুথে ইভিএম বিভ্রাটে নাকাল হন ভোটাররা।


কোচবিহার

কোচবিহার পুরসভার ১৭ নম্বর ওয়ার্ডে ভোটগ্রহণ শান্তিপূর্ণ। তবে একটি ভোটগ্রহণ কেন্দ্রে ইভিএম বিভ্রাটের খবর পাওয়া গিয়েছে।


দিনহাটা

পুরসভার ৫ নম্বর ওয়ার্ডে ভোটগ্রহণ শান্তিপূর্ণ।


*

ভোটের হার

সকাল ৯টা পর্যন্তদুপুর ১২টা পর্যন্তদুপুর ৩টে পর্যন্তকেন্দ্রগড় ভোট (শতাংশ)গড় ভোট (শতাংশ)গড় ভোট (শতাংশ)হাওড়া১৮.৪৭৪৫৭০বহরমপুর২১.২৪৬০৭৯.৪৮কৃষ্ণনগর২১.৫৪৪৪৯৭.৮৬ঝাড়গ্রাম২১.০৮৪৫.০৩৮০মেদিনীপুর২০.০৬৪৫৮০

কোচবিহার২০৪০৭৩.৫০বিধাননগর১৭.১৩৪০৪৯.০৫

http://www.anandabazar.com/22sironam.html


তৃণমূল ক্যাম্প অফিসে বোমার ব্যাগ, উদ্ধার ১৮টি তাজা বোমা, হাওড়ার উনসানির ঘটনা

ভোট চলছে রাজ্যের ৫টি পুরসভায়। ভোট হচ্ছে হাওড়া, বহরমপুর, কৃষ্ণনগর, ঝাড়গ্রাম ও মেদিনীপুর পুরসভায়। এছাড়াও রাজ্যের ২৩ টি পুরসভার ২৯ টি ওয়ার্ডে উপনির্বাচন। ১৭৮১টি বুথে মোট ১৭৪টি ওয়ার্ডে প্রার্থী নির্বাচনে ভোট দেবেন ১৩ লক্ষ ৬৫ হাজার ২৮০ জন ভোটার। এবারের ভোটে নজরে রয়েছে বামেদের দখলে থাকা হাওড়া পুরসভা ও কংগ্রেসের শক্ত ঘাঁটি বহরমপুর পুরসভা। সোমবার ভোটগণনা।


পুরভোটের LIVE UPDATE:


# তৃণমূল ক্যাম্প অফিসে বোমার ব্যাগ। ব্যাগে উদ্ধার ১৮টি তাজা বোমা। হাওড়ার উনসানি এলাকার ঘটনা। বাইকে করে আসে দুই যুবক। তৃণমূল অফিসে ব্যাগ দিয়ে যায় তাঁরা। একজনকে ধরে ফেলে গণপ্রহার। গণপ্রহার দিলেন এলাকাবাসীরা। তুলে দেওয়া হল পুলিসের হাতে। হাওড়ার পুরভোটে সন্ত্রাসের অভিযোগ। ৪৫ নং ওয়ার্ডের ঘটনা।


# হাওড়ায় পুরভোট সন্ত্রাসের অভিযোগ। ৪৫ নং ওয়ার্ডের গোয়াবেড়িয়া হাইস্কুল। ভোটরদের মারধরের অভিযোগ। লাইনে দাঁড়িয়ে আক্রান্ত হন ভোটাররা। অভিযোগ তির তৃণমূলের দিকে। 'লাইন নিয়ন্ত্রণ করছে ক্যাডাররাই। পুলিস বুথ থেকে দূরে মাঠে বসে।' অভিযোগ সিপিআইএম সমর্থকদের। বুথছাড়া হলেন সিপিআইএম এজেন্টরা।


# ফের আক্রান্ত হাওড়ার মেয়র, ধাক্কা মেরে ফেলা হয় তাঁকে। হামলার জেরে সংজ্ঞা হারান তিনি। ভর্তি করা হয়েছে হাসপাতালে।


# হাওড়ার মেয়রকে লক্ষ্য করে বোমা। মমতা জয়সওয়ালকে লক্ষ্য করে বোমা। অভিযোগ তৃণমূলের বিরুদ্ধে। নিজের ওয়ার্ডেই আক্রান্ত মেয়র। অল্পের জন্য রক্ষা পান তিনি। বাইক চড়ে আসে দুষ্কৃতীরা।


# সকাল ১১টা পর্যন্ত ভোটের হার

হাওড়া ভোট পড়েছে ৩৮.২২%

বহরমপুরে ভোট পড়েছে ৪৩.৩৪%

ঝাড়গ্রামে ভোট পড়েছে ৪০.৭৯%

কৃষ্ণনগরে ভোট পড়েছে ৩৯.১২%

কলকাতার দুটি ওয়ার্ডে ২৮.৯৯%

বিধাননগরে ভোট পড়েছে ৩২.৩২%


# সিপিআইএম ক্যাম্প অফিস বাঙচুর। রাজারহাট-গোপালপুর উপনির্বাচনে ২৩ নম্বর ওয়ার্ডের সিপিআইএম ক্যাম্প অফিসে হামলা চালানো হয়। অফিস ভাঙচুর করে কর্মীদের মারধর। অভিযোগ তৃণমূলের বিরুদ্ধে। অভিযোগ অস্বীকার তৃণমূলের।


# হাওড়ার ৫০ নং ওয়ার্ডে উত্তেজনা। কোনা হাইস্কুলে উত্তেজনা। সিপিআইএমের ক্যাম্প অফিস ভাঙচুর। ভাঙচুর চালায় বাইকবাহিনী। নামলো কমব্যাট ফোর্স।


# হাওড়ার বহু বুথ দখলের অভিযোগ। বুথের বাইরে প্রায় সর্বত্র বাইকবাহিনী। কার্যত নজরদারি চালাচ্ছে বাইকবাহিনী। ভোটারদের সন্ত্রস্ত করার অভিযোগ। অভিযোগ তৃণমূলের বিরুদ্ধে।


# প্রথম ২ ঘণ্টায় ভোটের হার


হাওড়া ভোট পড়েছে ১৮.৪৫%

বহরমপুরে ভোট পড়েছে ২১.১০%

ঝাড়গ্রামে ভোট পড়েছে ২০.৮৬%

কৃষ্ণনগরে ভোট পড়েছে ২১.৪৪%

কলকাতার দুটি ওয়ার্ডে ১৫.১৪%


# হাওড়ার ভোট দিতে পাড়লেন না মন্ত্রী অরূপ রায়। তিনি ২৬ নং ওয়ার্ডে ৩ নং ভোটার। ইভিএম খারাপ থাকায় ভোট দিতে পারেননি তিনি।


# রাজারহাটের ১২ নং ওয়ার্ডে উত্তেজনা। পোস্টার হোর্ডিং ছেড়ার অভিযোগ। অভিযোগ সিপিআইএমের। কাঠগড়ায় তৃণমূল। রাতে চলে বাইকবাহিনীর তাণ্ডব।


# বিধাননগরে আটক ২৫টি মটোর বাইক। এফডি ব্লকে বাইক আটক পুলিসের। বাইক বাহিনীর তণ্ডবের অভিযোগ। অভিযোগ তুলেছে বিরোধীরা।


# ভোটারদের প্রহবাবিক করার অভিযোগ তৃণমূল বিধায়কের বিরুদ্ধে। তৃণমূল বিধায়ক সব্যসাচী দত্ত। সল্টলেকের বিভিন্ন বুথে ঘুরছেন তিনি। ভোটারদের প্রভাবিত করার অভিযোগ।


# হাওড়ায় ব্যাপক বুথ জ্যামের অভিযোগ। ৬নং ওয়ার্ডের ৮টি বুথ দখল। ১ নম্বর ওয়ার্ডের বুথ জ্যামের অভিযোগ। অভিযোগ তৃণমূলের বিরুদ্ধে। ভোটিং মেশিনের পাশে দাঁড়িয়ে রয়েছে তৃণমূলকর্মীরা। অভিযোগ তারাই বোতাম টিপে দিচ্ছেন।


# ইভিএম খারাপ থাকায় বন্ধ ভোটগ্রহণ। ঝাড়গ্রাম কুমুদ কুমারি স্কুলে বন্ধ। বন্ধ ১১ নং ওয়ার্ডের ভোটগ্রহণ। ১ নং শিরিচক এলাকায় রাতভর হামলা। অভিযোগ তৃণমূলের বিরুদ্ধে। সিপিআইএমের পোস্টার ছেড়া হল। ঝাড়গ্রামের ১৩ নং ওয়ার্ডের ঘটনা। অভিযোগ তৃণমূলের বিরুদ্ধে।


# উত্তর হাওড়ায় বুথ জ্যামের অভিযোগ। সিপিআইএম এজেন্টদের বসতে বাধা। অভিযোগ তৃণমূলের বিরুদ্ধে।


# ইভিএম খারাপ থাকায় বন্ধ ভোটগ্রহণ হাওড়া পুরসভায় ২৪ নং ওয়ার্ড। ৭ নং বুথে ভোটগ্রহণ বন্ধ। পার্থক্য ইভিএমও খারাপ।

http://zeenews.india.com/bengali/zila/live-poll_18021.html

সল্টলেকে শাটার ফেলে বুথ 'দখল'


ধ্রুবজ্যোতি প্রামাণিক, এবিপি আনন্দ

Friday, 22 November 2013 16:44

একটি মাত্র ওয়ার্ডে উপনির্বাচন৷ আর তাকে কেন্দ্র করেই দফায় দফায় উত্তেজনা সল্টলেকে৷ তবে, সবকিছুকে ছাপিয়ে গেল বিধাননগর পুরসভার ১৩ নম্বর ওয়ার্ডের এফসি ব্লকের ঘটনা৷ সল্টলেকের এফসি  কমিউনিটি হলে রীতিমতো শাটার ফেলে বুথ দখলের চেষ্টার অভিযোগ তৃণমূলের বিরুদ্ধে৷

অভিযোগ, এদিন দুপুর ২টে নাগাদ তৃণমূল কর্মী-সমর্থকেরা জোর করে বুথে ঢুকে পড়েন৷ তারপর শাটার নামিয়ে ছাপ্পাভোট দেওয়ার চেষ্টা করেন বলে অভিযোগ৷ এমনকী, বাধা দিলে তৃণমূল কর্মী-সমর্থকেরা বুথে উপস্থিত ডেপুটি ম্যাজিস্ট্রেট এবং ডেপুটি কালেক্টর সুব্রত পালকে হুমকি দেন বলেও অভিযোগ৷ ঘটনার সময় কমিউনিটি হলের বাইরেই দাঁড়িয়ে ছিলেন রাজারহাট-গোপালপুরের তৃণমূল বিধায়ক এবং এই ওয়ার্ডে নির্বাচনের দায়িত্বে থাকা সব্যসাচী দত্ত৷

এরপর পুলিশকর্মীদের নিয়ে ঘটনাস্থলে যান বিধাননগর পুলিশের এডিসিপি অজয় প্রসাদ৷ জমায়েত হওয়া তৃণমূল কর্মী-সমর্থকদের সেখান থেকে হঠিয়ে দেয় পুলিশ৷ ঘটনাস্থল থেকে আটক করা হয় ১ মহিলা-সহ চার তৃণমূল কর্মীকে৷

ঘটনাস্থলে যান বিধাননগরের এসডিও  সঞ্জয় দাসও৷ যদিও, বুথ দখলের অভিযোগ অস্বীকার করেছে তৃণমূল৷


বাইক-দাপট বিধাননগরে

ধ্রুবজ্যোতি প্রামাণিক, এবিপি আনন্দ

Friday, 22 November 2013 13:20

কলকাতা: কমিশনের নিষেধাজ্ঞাকে থোড়াই কেয়ার! পুরভোটের সকালেও বিধাননগরে অব্যাহত বাইক বাহিনীর দাপট৷ ১৫টি বাইক আটক করল পুলিশ৷ গ্রেফতার ১০ জন৷ আটক করা হয়েছে স্থানীয় তৃণমূলী আইএনটিইউসি নেতা দিলীপ ঘোষের বাইকও৷ তিনি বাইক বাহিনীর নেতৃত্বে ছিলেন বলে অভিযোগ উঠেছে৷ যদিও তা মানতে নারাজ দিলীপ ঘোষ৷

ঘড়ির কাঁটায় তখন সকাল সাড়ে আটটা৷ হঠাত্ই সল্টলেক করুণাময়ীর দিক থেকে ধুলো উড়িয়ে আগমন বাইকবাহিনীর৷ দলে ১৫ থেকে ২০টি বাইক৷ প্রতিটি বাইকে আরোহী সংখ্যা দুই থেকে তিন৷ কারও মাথায় হেলমেটের কোনও বালাই নেই৷ ভোট দিতে আসা সল্টলেকের বাসিন্দারা এদের কাউকেই চিনতে পারলেন না৷

সকাল থেকেই সিপিএম অভিযোগ করেছে, তৃণমূল বহিরাগতদের এনে ভোটারদের ভয় দেখাচ্ছে৷ তারপরই বাইকবাইনী দেখে ভোটারদের একাংশে আতঙ্ক ছড়ায়৷ বিধাননগর কমিশনারেটের পুলিশ অবশ্য তত্ক্ষণাত্ তত্পর হয়৷ ধাওয়া করে ১৫টি বাইক আটক করেন তাঁরা৷ গ্রেফতার করা হয় ১০ জনকে৷ আটক করা বাইকগুলির মধ্যে WB 01-S 8391 নম্বরের এই বাইকটি সহজেই চিনতে পেরেছেন স্থানীয় বাসিন্দারা৷ এই বাইকটি ব্যবহার করেন স্থানীয় তৃণমূলী আইএনটিইউসি নেতা দিলীপ ঘোষ৷ পাঁচ নম্বর ওয়ার্ডের বাসিন্দা দিলীপ ঘোষ সল্টলেকে অটো ইউনিয়নের দেখভাল করেন৷ বাইক আটক পর্বের পর তিনি পুলিশকর্মীদের সঙ্গে বচসাতেও জড়িয়ে পড়েন৷ সেই ছবি ধরা পড়েছে এবিপি আনন্দর ক্যামেরাতেও৷ যদিও তাঁর দাবি, আমার সঙ্গে কোনও তর্ক হয়নি৷ বাইক বাহিনীর নেতৃত্ব দেওয়ার অভিযোগ অস্বীকার করে তিনি বলেছেন, কাউকে ভয় দেখাইনি৷ বাইক বাহিনীকে নেতৃত্ব দিইনি৷ বাইক পার্ক করে ভোট কেন হচ্ছে দেখতে গিয়েছিলাম৷ সেখানেই পরে কেউ এসে বাইক রাখে৷ পুলিশ সেখান থেকে আমার বাইকটিও আটক করে৷

মোটর ভেহিক্যালস বিভাগ সূত্রে খবর, বাইকটির মালিক সুব্রত ভৌমিক৷ দিলীপ ঘোষ নিজেও স্বীকার করে নিয়েছেন, সুব্রত ভৌমিক তাঁর ভাগ্নে৷ কিন্তু সেই বাইক নিয়ে তিনি কেন ভোটকেন্দ্রে গেলেন, কেনই বা তাঁর বাইক বাজেয়াপ্ত করা হল, কেন তিনি পুলিশের সঙ্গে বচসায় জড়ালেন, সেই প্রসঙ্গে ছবির সঙ্গে তাঁর বক্তব্যের ফারাক ঘিরে তৈরি হয়েছে বিতর্ক৷

http://www.abpananda.newsbullet.in/kolkata/59-more/43834-2013-11-22-07-52-25

তৃণমূলের ৩ পুরসভা দখল

আশাবুল হোসেন ও হিন্দোল দে, এবিপি আনন্দ

Thursday, 21 November 2013 18:26

কলকাতা: শুক্রবার পাঁচটি পুরসভার ভোট৷ পঞ্চায়েতের পর ফের একবার পরীক্ষায় বসতে চলেছে শাসক-বিরোধী দু'পক্ষ৷ তার ২৪ ঘণ্টা আগে বিরোধী শিবিরে জোর ধাক্কা৷ একইদিনে ২টি পুরসভা এবং একটি কর্পোরেশনের ক্ষমতার ভারসাম্যে অদল বদল ঘটে গেল কংগ্রেসের ভাঙনে৷

এর মধ্যে পুজালী পুরসভা কংগ্রেসের হাত থেকে ছিনিয়ে নিল তৃণমূল৷ আসানসোল পুরসভায় কংগ্রেস-তৃণমূল যৌথ বোর্ড ছিল৷ এবার তা পুরোপুরি তৃণমূলের দখলে চলে এল৷ আর হাওড়ার উলুবেড়িয়া পুরসভা ছিল ত্রিশঙ্কু৷ সেখানেও তৃণমূল এককভাবে বোর্ড দখল করল৷

পুজালি পুরসভায় মোট কাউন্সিলর ১৫৷ এর মধ্যে কংগ্রেসের ৯, তৃণমূলের ৫ এবং সিপিএমের ১ কাউন্সিলর ছিলেন৷ এদিন কংগ্রেসের ৯জন এবং সিপিএমের ১ জন তৃণমূলে যোগ দেন৷ তার ফলে, বিরোধী শূন্য পুজালি পুরসভার দখল নিল তৃণমূল৷

আসানসোলেও কংগ্রেসে ভাঙন৷ প্রদেশ নেতৃত্বের সিদ্ধান্তে দিন কয়েক আগে আসানসোল পুরসভা থেকে কংগ্রেস তাদের সমর্থন প্রত্যাহার করে নেয়৷ এরপরই বৃহস্পতিবার ডেপুটি মেয়র সহ কংগ্রেসের ৭জন কাউন্সিলর তৃণমূলে যোগ দেন৷

আসানসোল পুরসভায় মোট আসন ৫০৷ ১৯টি তৃণমূল, ১২টি কংগ্রেসের দখলে ছিল৷ ৭ কংগ্রেস কাউন্সিলর যোগ দেওয়ায় তৃণমূলের সংখ্যা বেড়ে হল ২৬৷ এককভাবে আসানসোল পুরবোর্ড দখল করল তৃণমূল৷ হাওড়ায় উলুবেড়িয়া পুরসভাও তৃণমূলের দখলে এল৷

২৯ আসন বিশিষ্ট উলুবেড়িয়া পুরসভায় তৃণমূলের ১১জন এবং কংগ্রেসের ৪জন কাউন্সিলর ছিল৷ ৪জনই কংগ্রেস ছেড়ে দেওয়ায় তৃণমূলের সংখ্যা বেড়ে হল ১৫৷ একক সংখ্যাগরিষ্ঠ দল হিসাবে পুরবোর্ড এখন তাদের৷

এদিন তৃণমূলের সর্বভারতীয় সাধারণ সম্পাদক মুকুল রায় বলেন, মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় রাজ্যজুড়ে নিরন্তর উন্নয়নের কাজ করে চলেছেন৷ তাতে যাঁরা সহযোগিতা করতে চাইছেন, তাঁরাই তৃণমূলে যোগ দিচ্ছেন৷

এই নিয়ে গত কয়েক মাসের মধ্যে একাধিক পুরসভার দখল নিল তৃণমূল৷ এগুলি হল, কৃষ্ণনগর, কুপার্স ক্যাম্প, কোচবিহার, সাঁইথিয়া ও শিলিগুড়ি মহকুমা পরিষদ৷

পুরসভার পাশাপাশি, দক্ষিণবঙ্গ ও উত্তরবঙ্গে বিভিন্ন দলের একাধিক নেতা-কর্মী সম্প্রতি তৃণমূলে যোগ দেওয়ায়, তাদের মনোবল এখন তুঙ্গে৷


শুক্রবার পাঁচ পুরসভার ভোট৷ তার ঠিক আগে ১টি পুরসভার ক্ষমতা দখল এবং দু'টির ক্ষমতার পূর্ণ নিয়ন্ত্রণ তৃণমূল নিজের হাতে নিয়ে নেওয়ায় তাদের মনোবল যেমন অনেকটা বেড়ে গেল, তেমনই উল্টোদিকে বিরোধীদের মনোবলে চিড় ধরল বলেই মনে করছে রাজনৈতিক মহল৷

http://www.abpananda.newsbullet.in/state/34-more/43825-2013-11-21-12-58-50


বসুর মূর্তি ভেঙে আলকাতরা, চাঞ্চল্য

সুনীত হালদার ও বিতনু চট্টোপাধ্যায়, এবিপি আনন্দ

Wednesday, 20 November 2013 20:17হাওড়া: জ্যোতি বসুর মূর্তি ভেঙে আলকাতরা মাখিয়ে দেওয়ার ঘটনায় উত্তেজনা হাওড়ার সালকিয়ায়৷ গীতিকার পুলক বন্দ্যোপাধ্যায়ের মূর্তিতেও আলকাতরা মাখিয়ে দেওয়া হয়৷ তৃণমূলের দিকে অভিযোগের আঙুল তুলেছে বামেরা৷ পুরভোটের আগে এ ঘটনায় উত্তপ্ত হাওড়ার সালকিয়া৷

২০০৯ সালে সালকিয়ার ফুলতলা ঘাটে জ্যোতি বসুর ফাইবারের তৈরি ৬ ফুটের মূর্তিটি বসায় একটি স্বেচ্ছাসেবী সংস্থা৷ বুধবার সকালে দেখা যায় মূর্তিটি ভেঙে পড়ে রয়েছে এবং মূর্তিতে আলকাতরা মাখানো৷ কিছু দূরেই বসানো রয়েছে গীতিকার পুলক বন্দ্যোপাধ্যায়ের একটি আবক্ষ মূর্তি৷ সেখানেও আলকাতরা মাখানো৷

ঘটনা ঘিরে পুরভোটের আগে শুরু হয়েছে রাজনৈতিক চাপানউতোর৷ বামেদের অভিযোগ, তৃণমূল আশ্রিত দুষ্কৃতীরাই এই ঘটনা ঘটিয়েছে৷ ঘটনার কড়া নিন্দা করেছেন বিরোধী দলনেতা সূর্যকান্ত মিশ্র, সিপিআই কাউন্সিলর কাবেরী মৈত্র৷ সাতের দশকের সন্ত্রাসের অধ্যায় ফিরে আসছে বলে মন্তব্য করেছেন সূর্যকান্ত৷

যদিও ঘটনায় জড়িত থাকার অভিযোগ উড়িয়ে দিয়েছেন স্থানীয় তৃণমূল নেতা গৌতম চৌধুরী৷

ঘটনার পর থানায় অভিযোগ দায়ের করেছে স্বেচ্ছাসেবী সংস্থাটি৷ ঘটনার প্রতিবাদে সালকিয়ার জে এন রোড অবরোধ করেন স্থানীয় বাসিন্দারা৷ ঘটনাস্থলে বিশাল পুলিশ বাহিনী গিয়ে পরিস্থিতি নিয়ন্ত্রণে আনে৷ (ফাইল চিত্র)

http://www.abpananda.newsbullet.in/state/34-more/43789-2013-11-20-14-50-50


আজ পুরভোটে অধীর-তালুক বাদে বাকি চারে চোখ তৃণমূলের

নিজস্ব সংবাদদাতা • কলকাতা

দু'মাসের মাথায় দ্বিতীয় বার। লোকসভা ভোটের আগে আজ, শুক্রবার আরও এক বার শাসক ও বিরোধীদের সামনে শহর ও মফস্সলের জনমত যাচাইয়ের সুযোগ।

পাঁচটি পুরসভায় ভোট আজ। এই তালিকায় যেমন রয়েছে কলকাতার উল্টো পারের (এবং সদ্য নবান্ন-এর জন্য রাজ্য প্রশাসনের কেন্দ্র হয়ে ওঠা) হাওড়া, তেমনই রয়েছে অধীর চৌধুরীর খাসতালুক মুর্শিদাবাদের বহরমপুর। আছে নদিয়ার কৃষ্ণনগর, যেখানে সম্প্রতি কংগ্রেসকে উজাড় করে কাউন্সিলররা তৃণমূলে যোগ দিয়েছেন, ফলে ক্ষমতায় এসেছে তৃণমূল। আছে দীর্ঘদিন বামেদের হাতে থাকা পশ্চিম মেদিনীপুরের ঝাড়গ্রাম এবং ওই জেলারই কংগ্রেস-তৃণমূল জোটের মেদিনীপুর পুরসভা। এর সঙ্গে বিভিন্ন জেলায় আরও নানা পুরসভা মিলিয়ে মোট ২৯টি ওয়ার্ডে উপনির্বাচনও হবে আজ। যার মধ্যে আছে কলকাতা পুরসভার দু'টি ওয়ার্ডও (১ এবং ২৪ নম্বর)।

শাসকদল তৃণমূলের লক্ষ্য, গত পঞ্চায়েত ভোট এবং তার পরে সেপ্টেম্বরের পুরভোটে তারা যে জয় পেয়েছিল, সেই ধারা অব্যাহত রাখা। যাতে লোকসভা ভোটের প্রস্তুতিতে কোনও রকম আঁচড় না পড়ে। পক্ষান্তরে, বিরোধীরা তাকিয়ে রয়েছেন শাসক-বিরোধী হাওয়ার দিকে। রাজনৈতিক বিশ্লেষকদের বক্তব্য, কংগ্রেস শুধু বহরমপুর পুরসভা রক্ষা করার ব্যাপারে আত্মবিশ্বাসী। বামফ্রন্টের অবস্থা আরও শোচনীয়! এই পাঁচ পুরসভার মধ্যে কোনও একটিতে তাঁরা বোর্ড জিতবেন জোর গলায় এমন দাবি করার জায়গায় নেই বাম নেতারা! ভোটের ময়দান থেকে সরে না গিয়ে কর্মী-সমর্থকেরা লড়াই দিতে পারলেই লোকসভা ভোটের আগে আশ্বস্ত হবেন তাঁরা।

পাঁচটির মধ্যে রাজনৈতিক গুরুত্বের বিচারে এক নম্বরে অবশ্যই হাওড়া। একে পুর নিগম, তায় কলকাতার গায়ে গায়ে। গত জুনে হাওড়া লোকসভা কেন্দ্রের উপনির্বাচনে জিতেছে তৃণমূল। তখন থেকেই হাওড়া পুরসভা তাদের পাখির চোখ। লোকসভা উপনির্বাচনের প্রচারে গিয়েই সে কথা বারবার বলেছিলেন তৃণমূল নেত্রী তথা মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। তার পরে রাজ্য প্রশাসনের সদর দফতরই নিয়ে চলে গিয়েছেন হাওড়ার নবান্ন ভবনে। কলকাতার কাছে প্রাচীন শহর হয়েও গুরুত্বে তারা অনেক পিছিয়ে হাওড়াবাসীর এমন অভিমান দীর্ঘদিনের। প্রশাসনের সদর দফতর হাওড়ায় নিয়ে গিয়ে ওই শহরকেই প্রায় রাজধানীর মর্যাদা দিতে চেয়েছেন মুখ্যমন্ত্রী। বোঝাতে চেয়েছেন, পুরসভার ক্ষমতা পেলে পরিষেবা সংক্রান্ত ক্ষোভেরও সুরাহা হবে। আর এই পরিষেবার (নিকাশি, পানীয় জল) জায়গাতেই অভিযোগের তির হাওড়ার ক্ষমতাসীন বাম বোর্ডের দিকে।

এর পরেই আকর্ষণের কেন্দ্র অধীরের বহরমপুর। কয়েক বছর ধরেই সেখানে বিরোধীশূন্য পুরসভা চালাচ্ছে কংগ্রেস। কংগ্রেসের জমি ভাঙিয়ে এ বার কিছুটা মাথাচাড়া দিয়েছে তৃণমূল।


পাঁচ পরীক্ষা

হাওড়া

আসন: ৫০

বামফ্রন্ট ৩৩, তৃণমূল ১২, কংগ্রেস ৪, বিজেপি ১

ক্ষমতায় বামফ্রন্ট

কৃষ্ণনগর

আসন: ২৪

কংগ্রেস ১৪, তৃণমূল ৮, সপা ২। সম্প্রতি কংগ্রেস ও

সপা সদস্যরা তৃণমূলে। ফলে একক ভাবে ক্ষমতায় তৃণমূল।

ঝাড়গ্রাম

আসন: ১৮

ক্ষমতায় বামফ্রন্ট | বাম ১৩, বিরোধীরা ৪

বহরমপুর

আসন: ২৮

ক্ষমতায় কংগ্রেস। বোর্ড বিরোধী শূন্য

মেদিনীপুর

আসন: ২৫ | ক্ষমতায় কংগ্রেস-তৃণমূল জোট

তৃণমূল ১০, কংগ্রেস ৪, বামফ্রন্ট ৮, নির্দল ২


আবার তৃণমূল কর্মী খুন, জেলাশাসকের বাংলো ভাঙচুরের ঘটনায় অভিযুক্ত হয়েছেন অধীর। কংগ্রেসের অভিযোগ, পুরভোটের আগে মামলায় ফাঁসিয়ে কেন্দ্রীয় প্রতিমন্ত্রীকে হয়রান করতে চেয়েছে রাজ্যের শাসকদল। প্রচারের ফাঁকেও জামিনের জন্য আদালতে দৌড়তে হয়েছে অধীরবাবুকে। তিনি যেমন চাইবেন তৃণমূলের চেষ্টা ব্যর্থ করে বহরমপুরকে বিরোধীশূন্যই রাখতে, তেমনই তৃণমূলের লক্ষ্য থাকবে একটা-দু'টো ওয়ার্ড জিতেও অধীরের গর্বে আঘাত হানা! অধীর-ঘনিষ্ঠ এক কংগ্রেস বিধায়ক অবশ্য বলছেন, "তৃণমূলের স্বপ্ন স্বপ্নই থাকবে! বহরমপুরে ও সব হবে না!"

দলের অন্দরে তৃণমূল নেতৃত্বও বহরমপুরকে বাদেই হিসেব কষছেন। শাসকদলের এক প্রথম সারির নেতার কথায়, "বহরমপুর বলা যাচ্ছে না। বাকি কোথাও আমাদের জয় নিয়ে কোনও সংশয় নেই। সব মিলিয়ে ৬৫ থেকে ৭০% আসন আমরাই জিতব!"

বাম নেতৃত্বের নজর অবশ্য সুষ্ঠু ভোটের দিকেই। তাঁদের আশঙ্কা, সরকার-বিরোধী ক্ষোভের সুযোগে যেখানে যতটা ভোট পাওয়ার সম্ভাবনা, শাসকদলের সন্ত্রাসের ঠেলায় সেটাও ইভিএম পর্যন্ত পৌঁছলে হয়! ভোটের প্রাক্কালে বামফ্রন্টের চেয়ারম্যান বিমান বসু তাই আবেদন করেছেন, 'পুর এলাকার নাগরিকদের কাছে সচেতন ভাবে গণতন্ত্র ও গণতান্ত্রিক অধিকার রক্ষার আন্দোলনকে জোরদার করতে অকুতোভয়ে সর্বত্র বামফ্রন্ট প্রার্থীদের সমর্থনে ভোটদানের আহ্বান জানাচ্ছি'। তাঁর অভিযোগ, "রাজ্যে নতুন সরকার গড়ে উঠেছিল 'বদলা নয় বদল চাই' এ কথা বলে। এখন সরকার বদল হওয়ার পরে গণতন্ত্র ধ্বংস করে নৈরাজ্য সৃষ্টির লক্ষ্যে বদলার রাজনীতি চলছে!"

সচেতন ভাবেই এ বার পুরভোটে কোথাও প্রচারে যাননি রাজ্য সিপিএমের প্রথম সারির নেতারা। এমনকী, হাওড়াতেও নয়। এবং সেখানেই বামেরা সন্ত্রাসের ভয় পাচ্ছে বেশি। হাওড়ার মতোই বছরের পর বছর ক্ষমতাসীন থাকা ঝাড়গ্রামেও বাম প্রচারের ছবি টিমটিমে! পঞ্চায়েত ভোটে জঙ্গলমহলে তৃণমূলের তুঙ্গ সাফল্যের ধাক্কায় বামেরা এখনও এলোমেলো। বরং শুভেন্দু অধিকারীরা দাপিয়ে বেড়াচ্ছেন। তৃণমূল বলছে, এ বার ঝাড়গ্রামে 'পরিবর্তন' হলে বৃত্ত সম্পূর্ণ হয়! ওই জেলারই মেদিনীপুর শহর আগে ছিল বাম-বিরোধীদের হাতে। এ বার ভোটের বাজারেও সেখানে বিরাট চাঞ্চল্য নেই।

কৃষ্ণনগর পুরসভায় কিছু দিন আগেই কংগ্রেসের হাত থেকে চেয়ারম্যান-সহ বোর্ড নিজেদের দখলে এনেছে তৃণমূল! পুরভোটেও সেই দাপট বজায় রাখা যাবে বলে প্রবল আত্মবিশ্বাসী তারা। আর ভাঙা দল নিয়েও কংগ্রেসের আশা, মানুষ যদি এই দল-ভাঙানোর রাজনীতির জবাব দেন! কলকাতা-সহ নানা জায়গায় ছড়িয়ে-ছিটিয়ে থাকা ওয়ার্ডগুলিতে উপনির্বাচন নিয়ে বামেদেরও আশা, তৃণমূলের প্রতি শহুরে মানুষের মোহভঙ্গ যদি তাদের বাক্সে কিছু প্রাপ্তির ব্যবস্থা করে! আর ভোট কাটাকাটির চেনা অঙ্ক তো আছেই!

তৃণমূলের আত্মবিশ্বাস অবশ্য দাবি করছে, আশা ছলনাই করবে!

http://www.anandabazar.com/22raj1.html


কংগ্রেসে ভাঙন ধরিয়ে তিন পুরবোর্ড তৃণমূলের

নিজস্ব সংবাদদাতা • কলকাতা

রাজ্যের পাঁচটি পুরসভায় ভোটের ঠিক আগের দিন অন্য তিনটি পুরবোর্ড দখলে নিল তৃণমূল। মূলত কংগ্রেস কাউন্সিলররা দলবদল করাতেই বৃহস্পতিবার উলুবেড়িয়া, আসানসোল এবং বজবজের পূজালি—তিন পুরসভায় সংখ্যাগরিষ্ঠতা পেল তৃণমূল।

এ দিন আসানসোল পুরসভার ডেপুটি মেয়র অমরনাথ চট্টোপাধ্যায়-সহ সাত কংগ্রেস কাউন্সিলর তৃণমূলে যোগ দিলেন। কলকাতায় তৃণমূল ভবনে দলের সর্বভারতীয় সাধারণ সম্পাদক মুকুল রায়ের উপস্থিতিতে তাঁরা দলবদল করেন। ৫০টি আসনের এই পুরসভায় বোর্ড ছিল কংগ্রেস-তৃণমূল জোটের। সেখানে তিনটি আসনে আজ, শুক্রবার উপ-নির্বাচন রয়েছে। বাকি ৪৭ আসনের মধ্যে ১৯টি তৃণমূলের, ১২টি কংগ্রেসের ও ১৬টি বামেদের দখলে ছিল। এ দিনের দলবদলে তৃণমূলের আসন বেড়ে হল ২৬। ফলে, উপ-নির্বাচনের আগেই সংখ্যাগরিষ্ঠতা পেয়ে গেল তারা।

মাস দু'য়েক আগে এক কংগ্রেস মেয়র পারিষদকে পদ থেকে সরানোর ঘটনা নিয়ে কংগ্রেসের সঙ্গে তৃণমূলের বিবাদ বাধে আসানসোলে। দিন কয়েক আগে ক্ষমতাসীন জোট থেকে সমর্থন প্রত্যাহারের কথা জানিয়ে দেয় কংগ্রেস। এর পরেই কংগ্রেস কাউন্সিলরদের দলে এনে বোর্ড দখলে রাখল তৃণমূল।

একই ভাবে বজবজের পূজালি পুরসভাও এ দিন দখল করল তৃণমূল। ১৫ আসনের এই পুরসভায় কংগ্রেসের ন'জন, সিপিএমের এক ও তৃণমূলের পাঁচ জন কাউন্সিলর ছিলেন। এ দিন কংগ্রেসের ন'জনের মধ্যে পুরপ্রধান, উপ-পুরপ্রধান-সহ আট জন এবং একমাত্র সিপিএম কাউন্সিলর তৃণমূলে যোগ দিলেন।

কংগ্রেসে ভাঙন ধরিয়ে উলুবেড়িয়াতেও নিরঙ্কুশ ভাবে বোর্ড পেল তৃণমূল। এত দিন কংগ্রেস-তৃণমূল পরিচালিত এই পুরসভার ২৯টি আসনে দু'দলের মোট ১১জন করে কাউন্সিলর ছিলেন। বাম কাউন্সিলর রয়েছেন সাত জন। এ দিন চার কংগ্রেস কাউন্সিলর তৃণমূলে যোগ দেওয়ায় ১৫টি আসন তৃণমূলের দখলে এল বলে মুকুলবাবু জানান।

তাঁদের কাউন্সিলরদের দলত্যাগ প্রসঙ্গে প্রদেশ কংগ্রেস সভাপতি প্রদীপ ভট্টাচার্যের দাবি, "লোভ ও ভয় দেখিয়ে বা পুলিশকে ব্যবহার করে কংগ্রেসের নির্বাচিত প্রতিনিধিদের ভাঙিয়ে নিতে চাইছে তৃণমূল।

তাতে কিন্তু কংগ্রেসের কর্মীরা দমছেন না। তাঁরা লড়াই চালিয়ে যাবেন।"

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লোকসভার আগে রাজ্যে শেষ ভোট


এই সময়: পাঁচটি পুরসভার পাশাপাশি রাজ্যের ২২টি পুরসভার ২৯টি ওয়ার্ডের উপনির্বাচনও শুক্রবার৷আর মাস পাঁচেকের মধ্যেই লোকসভার ভোট৷ তার আগে এ রাজ্যে আর কোনও বড় নির্বাচন নেই৷ তাই লোকসভা ভোটের আগে এই পাঁচটি পুরসভার ভোটের ফল রাজ্য রাজনীতিতে গুরুত্বপূর্ণ হয়ে উঠতে পারে। ভোট চলছে. হাওড়া, বহরমপুর, কৃষ্ণনগর, ঝাড়গ্রাম ও মেদিনীপুর পুরসভায়৷ যে ২৯টি ওয়ার্ডে উপনির্বাচন হচ্ছে, তার মধ্যে কলকাতার ১ ও ২৪ নম্বর এবং সল্টলেকের ১৩ নম্বর ওয়ার্ড রয়েছে৷

পুজোর আগেই রাজ্যের ১৩টি পুরসভার ভোট হয়েছে৷ তার কয়েক মাস আগে হয়েছে পঞ্চায়েত ভোট৷ এই দুই ভোটের ফলাফলের প্রবণতা বজায় থাকলে আজকের ভোটে তৃণমূল কয়েক কদম এগিয়ে৷ ব্যতিক্রম শুধু বহরমপুর৷ সেখানে রেল প্রতিমন্ত্রী তথা কংগ্রেস সাংসদ অধীর চৌধুরীর কর্তৃত্ব পুরোমাত্রায় বজায় রয়েছে৷ তবে পঞ্চায়েত ভোটের মতো কেন্দ্রীয় বাহিনী থাকছে না এই নির্বাচনে৷ রাজ্য পুলিশ দিয়ে পুরভোট হচ্ছে৷ এই মুহূর্তে রাজ্যের ১১৬টি পুরসভা তৃণমূলের দখলে৷ তা সত্ত্বেও লোকসভার নির্বাচনের কথা মাথায় রেখে পাঁচ পুরসভার ভোটে তারা কোনওরকম ঢিলেমি দেয়নি৷ মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় প্রচারে না-গেলেও দলের সর্বভারতীয় সাধারণ সম্পাদক মুকুল রায় থেকে শুরু করে হেভিওয়েট মন্ত্রী ফিরহাদ হাকিম-- সকলেই গত কয়েকদিন প্রচারে ছুটে বেরিয়েছেন৷ প্রশাসনিক সূত্রের খবর, মাত্র পাঁচটি পুরসভার ভোট হলেও গোলমালের সম্ভাবনা উড়িয়ে দেওয়া যাচ্ছে না৷

হাওড়া এবং ঝাড়গ্রাম পুরসভা রয়েছে সিপিএমের দখলে৷ মেদিনীপুরে খাতায়-কলমে কংগ্রেস-তৃণমূলের জোট থাকলেও, তা চালাচ্ছে মূলত শাসকদলই৷ মাস খানেক আগে কৃষ্ণনগর পুরসভার ১৩ জন কংগ্রেস কাউন্সিলর তৃণমূলে যোগ দেন৷ ফলে বিদায়ী বোর্ড তৃণমূলের দখলে চলে যায়৷ অন্য দিকে বহরমপুরে নিরঙ্কুশ ক্ষমতায় কংগ্রেস৷ আজকের ভোটে সেখানে ফলাফলে হেরফের হয় কি না, সেটাই দেখার৷ তৃণমূল এখানে খাতা খুলতে মরিয়া৷ ভোটের মুখে অধীরবাবুর বিরুদ্ধে খুনের মামলায় চার্জশিট প্রদান এবং তাঁকে জেলে পুরতে সরকার ও শাসক দলের সব চেষ্টাই আপাতত ব্যর্থ হয়েছে৷ ফলে বাকি চার পুরসভায় তৃণমূল এগিয়ে থাকলেও বহরমপুরে অ্যাডভান্টেজ কংগ্রেস৷ কৃষ্ণনগরেও কংগ্রেস লড়াইয়ে আছে৷ প্রথমে মনে হয়েছিল, তৃণমূল ওয়াকওভার পেয়ে যাবে৷ কিন্তু ভোটের আগের পরিস্থিতি তেমন নয়৷ তবে তৃণমূলের পয়লা নম্বর টার্গেট অবশ্যই হাওড়া৷ তৃণমূল বিধানসভা ভোটের আগেই কলকাতার পাশাপাশি হাওড়াকেও ঢেলে সাজার কথা বলেছিল৷ কিন্তু কলকাতার পুরসভা তাদের দখলে থাকায় সে কাজ যতটা সহজ হয়েছে, হাওড়ায় তা হয়নি৷ সেই কারণে হাওড়ায় ক্ষমতায় এলে রাজ্য সরকার এই শহরের উন্নয়নে ঝাঁপিয়ে পড়বে বলে প্রচারে প্রতিশ্রুতি দিয়েছে৷


মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় নিজে প্রচারে না গেলেও ভোট ঘোষণার আগে পাঁচলায় গিয়ে ঘোষণা করে আসেন, তৃণমূল হাওড়ায় ক্ষমতায় এসে শহরে নবরূপ দেবে৷ পুরসভা দখলেও হাওড়ায় লোকসভা উপনির্বাচনের কৌশল নিয়েছেন৷ কয়েক মাস আগেই হাওড়া লোকসভার উপনির্বাচনে ফুটবলার প্রসূন বন্দ্যোপাধ্যায়কে প্রার্থী করে রাজনৈতির প্রতিপক্ষকে বোকা বানিয়েছেন৷ ২০০৯-এর লোকসভা নির্বাচন এবং বিগত বিধানসভা ভোটের তুলনায় উপনির্বাচনে তৃণমূলের ভোট প্রায় ১০ হাজার কমে গিয়েছে৷ তৃণমূলের কোনও নেতাকে প্রার্থী করলে দল হেরেও যেতে পারত বলে দলের একাংশের মত৷ হাওড়ার পুরবোর্ড দখলেও মমতা অরাজনৈতিক মুখকেই সামনে রেখেছেন৷ হাওড়ার কৃতি সন্তান বিশিষ্ট চিকিত্সক ভোলানাথ চক্রবর্তীর ছেলে রথীন চক্রবর্তীকে প্রার্থী করেছে তৃণমূল৷ দল ক্ষমতায় এলে তাঁকেই মেয়র করা হতে পারে৷ সিপিএম তাদের বর্তমান মেয়র মমতা জয়সওয়ালকেই ফের প্রার্থী করেছে৷

কলকাতার ১ নম্বর ওয়ার্ডে সিপিএম প্রার্থী আগে রেকর্ড ব্যবধানে জয়ী হতেন৷ সেই ওয়ার্ডে এখন বামেদের দেওয়াল লিখন, পোস্টার, ফ্লেক্স প্রায় দূরবিন দিয়ে খুঁজতে হয়৷ বড় রাস্তা থেকে তস্য গলি সর্বত্র শুধু তৃণমূল নেতা-নেত্রীদের ফ্লেক্স-কাটআউট৷ মঙ্গলবার ভোটের আগের দিন পর্যন্ত বহু বাম সমর্থকের কাছে ভোটার স্লিপ পৌঁছে দিতে পারেনি সিপিএম৷ উত্তর শহরতলির এই ওয়ার্ড ছাড়া আজ উপনির্বাচন হচ্ছে কলকাতা পুরসভার ২৪ নম্বর ওয়ার্ডে৷ এক নম্বর ওয়ার্ডে তৃণমূলের মূল লড়াই সিপিএমের সঙ্গে, ২৪ নম্বর ওয়ার্ডে তৃণমূল লড়ছে বাম শরিক ফরওয়ার্ড ব্লক এবং কংগ্রেসের সঙ্গে৷ তবে নির্বাচনী উত্তাপ এবং গুরুত্বের দিক থেকে এক নম্বর ওয়ার্ডের ভোট-যুদ্ধের দিকে তাকিয়ে রয়েছে রাজনৈতিক মহল৷ ভোটারের নিরিখে এক নম্বর ওয়ার্ড শহরের অন্যতম বড় ওয়ার্ড৷ ভোটার রয়েছেন প্রায় ৪৫ হাজার৷ পূর্বে বিটি রোড থেকে পশ্চিম গঙ্গা, উত্তরে কাশীনাথ দত্ত রোড থেকে দক্ষিণে খগেন চ্যাটার্জি রোড পর্যন্ত বিস্তৃত এই ওয়ার্ড৷ ২০১১ সালে কাউন্সিলর ইলা দামের প্রয়াণে এই আসনটি শূন্য হয়৷ কিন্তু দীর্ঘদিন উপনির্বাচন না হওয়ায় হাইকোর্টে জনস্বার্থ মামলা হয়৷ যার জেরে অবশেষে আজ ভোট হচ্ছে এই ওয়ার্ডে৷ তৃণমূলের দাপটে সিপিএম প্রার্থী অঞ্জলী চৌধুরী সে ভাবে প্রচারই করতে পারেননি বলে অভিযোগ করছেন কলকাতা জেলা সিপিএমের নেতা তথা রাজ্য কমিটির সদস্য মানব মুখোপাধ্যায়৷ অথচ একদা এই ওয়ার্ডে কানাইলাল গঙ্গোপাধ্যায় রেকর্ড ভোটে জিততেন৷ ২৪ নম্বর ওয়ার্ডে ব্যাকফুটে বামফ্রন্টের ফরওয়ার্ড প্রার্থী দিলীপ পাণ্ডে৷ মেছুয়া ফলপ‌ির একাংশ, নতুনবাজার, বিডন স্ট্রিট, চিত্‍‌পুর রোডের একাংশ নিয়ে এই ওয়ার্ড আয়তনে ও ভোটারের নিরিখে ১ নম্বরের থেকে অনেক ছোট৷ এই ওয়ার্ড বাম-বিরোধী ওয়ার্ড হিসেবে পরিচিত৷ গত পুরভোটে এই ওয়ার্ডে ফরওয়ার্ড ব্লক প্রার্থী তৃতীয় হয়েছিল৷ এই ওয়ার্ডে বহু বছর কাউন্সিলর ছিলেন একদা কংগ্রেস পরে তৃণমূল নেতা মিহির সাহা৷ এ বার প্রার্থী হয়েছেন তাঁর পুত্র মৃণাল সাহা৷

http://eisamay.indiatimes.com/state/municipality-election/articleshow/26190883.cms?


पश्चिम बंगाल और 'हिंसा की संस्कृति'

सुबीर भौमिक

कोलकाता से, बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए

मंगलवार, 23 जुलाई, 2013 को 08:02 IST तक के समाचार

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के चौथे चरण में भी हिंसा जारी रही.

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की लगातार आ रही ख़बरों से राज्य में हिंसा की संस्कृति के नए आयाम सामने आ रहे हैं.

क्लिक करेंपश्चिम बंगाल के पूर्वोत्तर इलाकों में पंचायत चुनाव के चौथे चरण में सोमवार को भी हिंसा जारी रही. चौथे चरण में हिंसा की अलग अलग घटनाओं में सात लोगों की मौत हुई है और कई घायल हुए हैं.

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टॉपिक

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग के बीच महीनों लंबी चली कानूनी लड़ाई के बाद 11 जुलाई को पांच चरणों में चुनाव की शुरुआत हुई.

चुनावी विश्लेषक और राजनीतिक समालोचक बिश्वनाथ चक्रवर्ती के शब्दों में, "हिंसा का चलन पिछले चार दशकों से बंगाल की राजनीति का प्रमुख हिस्सा रही है. राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव जीतने के लिए बल और आंतक का इस्तेमाल नियमित रुप से किया जाता रहा है."

राजनीतिक हिंसा

"हिंसा का चलन पिछले चार दशकों से पश्चिम बंगाल की राजनीति का प्रमुख हिस्सा रही है. राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव जीतने के लिए बल और आंतक का इस्तेमाल नियमित रुप से किया जाता रहा है."

बिश्वनाथ चक्रवर्तीः चुनावी विश्लेषक और राजनीतिक समालोचक

आज तृणूमल कांग्रेस भी चुनाव में राजनीतिक हिंसा इस्तेमाल करने के आरोपों से घिरी हुई है.

विपक्षी सीपीएम ने ममता बनर्जी के तृणूमल पर 'चुनाव जीतने' के लिए हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है.

सीपीआई(एम) नेता बिमान बोस ने कहा, "तृणमूल समर्थकों ने जबरन बूथ पर कब्जा किया और बड़े पैमाने पर मतदाताओं को वोट डालने नहीं दिया. उनकी जगह अपनी मर्जी के वोट डाले गए."

पंचायत की 6000 (कुल 58000) से ज्यादा की सीटों पर तृणमूल ने बिना लड़े ही जीत हासिल कर ली है. इसका कारण है कि साल 2011 तक बंगाल पर शासन करने वाली विपक्षी सीपीएम ने यहां अपने एक उम्मीदवार भी खड़े नहीं किए.

तत्कालीन सत्तारूढ़ वाम मोर्चे के अध्यक्ष बिमान बोस ने यहां स्वतंत्र उम्मीदवार खड़ा करने की बात कही थी क्योंकि उनके अनुसार कम्युनिस्ट टिकट पर चुनाव लड़ना काफी जोखिम भरा साबित हुआ है.

सीपीएम की सत्ता

जब सीपीएम सत्ता में थी तब उस पर भी राजनीतिक हिंसा के आरोप लगे थे.

चुनाव जीतने के लिए आतंक और हिंसा का इस्तेमाल करने के मिलते जुलते आरोप कभी विपक्षी दलों ने सीपीएम के खिलाफ भी लगाए थे. तब पश्चिम बंगाल में सीपीएम की तीन दशक (1977-2011) पुरानी सरकार थी.

स्थानीय बंगाली टेलीविजन चैनलों पर चुनाव केंद्रों के आस पास या गांव के भीतर की जो रिपोर्ट दिखाई जा रही है उसमें सशस्त्र बंदूकधारी मौजूद हैं.

तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला इकाई के प्रमुख अनुब्रत मोंडल का बंगाली समाचार पत्र में बयान छपा है जिसमे वे अपने समर्थकों से सभी विपक्षी प्रतिद्वन्द्वी को कुचल देने की बात कह रहे है.

सत्तारूढ़ दल के परिवहन मंत्री और उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी जैसे वरिष्ठ नेताओं ने मोंडल का बचाव करते हुए कहा है कि वे तृणमूल कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं.

गला काटने की धमकी

ममता बनर्जी ने राज्य चुनाव आयोग पर हिंसा को रोकने में नाकाम होने का आरोप लगाया है.

पश्चिम बंगाल के लाभपुर इलाके में एक तृणमूल विधायक ने कांग्रेसी नेता को जान से मारने की धमकी दे डाली. धमकी देने वाले विधायक का नाम मनिरूल इस्लाम है. इन्होंने बीरभूम जिला कांग्रेस के अध्यक्ष का खुलेआम सिर काट देने की धमकी दी है.

इस तरह की हिंसा की आशंका के मद्देनजर राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए पंचायत चुनाव के दौरान केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों की ज़रूरत जताई थी. आयोग का मानना था कि बलों की पर्याप्त उपस्थिति के बगैर चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं रह पाएगा.

मुख्यमंत्री क्लिक करेंममता बनर्जी ने चुनाव आयोग की इस आशंका को निराधार बताया था. यही नहीं, ममता बनर्जी के समर्थकों ने चुनाव आयोग आयुक्त मीरा पांडे को "कॉमरेड" (कम्यूनिस्ट समर्थक) बताते हुए चुनाव प्रक्रिया में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया था.

पंचायत चुनाव के चौथे चरण का मतदान चार जिलों- मुर्शिदाबाद, बीरभूम, मालदा और नाडिया में हो रहा है. इन जिलों को हिंसा के इतिहास के कारण 'संवेदनशील' इलाका घोषित किया गया था.

विवादास्पद बयान

"पर्याप्त संख्या में बलों की मौजूदगी के बावजूद, वे हिंसा पर नियंत्रण रखने में नाकाम क्यों रहे?"

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

पुलिस के अनुसार मुर्शीदाबाद में तीन और मालदा में एक व्यक्ति की मौत हुई है और बीरभूम जिले से विपक्षी कम्युनिस्ट पार्टी के तीन समर्थकों के शव मिले हैं.

अधिकारियों के अनुसार मालदा में 55 साल के एक मतदाता की मौत तब हुई जब सीआरपीएफ की ओर से तनाव बढ़ने के दौरान बूथ में फायरिंग की गई. इस फायरिंग के दौरान सीआरपीएफ के चार जवान भी घायल हुए हैं.

पुलिस के अनुसार मुर्शीदाबाद जिले में बम तैयार करते समय दो लोगों की मौत हुई जबकि एक महिला की मौत उसपर बम फेंके जाने के कारण हुई.

हिंसा की इन वारदातों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नया विवादास्पद बयान आया है. उन्होंने राज्य चुनाव आयोग पर हिंसा को रोकने में नाकाम होने का आरोप लगाया है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कलकत्ता में पत्रकारों से कहा, "पर्याप्त मात्रा में बलों की मौजूदगी के बावजूद, वे हिंसा पर नियंत्रण रखने में नाकाम क्यों रहे?"

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http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/07/130723_west_bengal_election_sk.shtml


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